वाराणसी-गाजीपुर हाईवे पर बुधवार रात कार की चपेट में आकर साइकिल सवार की मौत हो गई। हादसे के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने हाईवे पर शव रख कर जाम लगा दिया। दोनों ओर वाहनों की 2KM लंबी कतार लग गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जाम खुलवाने का प्रयास किया तो ग्रामीण गुस्सा हो गए। पहले उनकी पुलिस से नोकझोंक हुई। फिर पुलिस टीम पर पथराव कर दिया। बचाव के लिए पुलिस ने अतिरिक्त फोर्स बुलाई तो ग्रामीण और उग्र हो गए। उन्होंने पथराव तेज कर दिया। हाईवे पर आने-जाने वाली गाड़ियों में भी तोड़फोड़ करने लगे। लाठी-डंडों और पत्थर से कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना में दरोगा समेत 6 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इनके अतिरिक्त, 4 आम लोगों को भी चोट आईं हैं। डीसीपी वरुणा जोन चंद्रकांत मीना और एडीसीपी वरुणा सरवणन टी भी मौके पर पहुंचे। घायल पुलिस कर्मियों को चौबेपुर अस्पताल ले जाया गया है। हादसे का स्पॉट वाराणसी मुख्यालय से करीब 22 Km दूर बताया जा रहा है। पहले देखिए हंगामे की 2 तस्वीरें… रौंदने के बाद भाग रही कार को लोगों ने घेरा
गांव के लोगों ने बताया कि वाराणसी के चौबेपुर कोदोपुर के नत्थू राजभर (40) साइकिल से घर जा रहा थे। इसी दौरान एक तेज रफ्तार कार ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी। कार के बोनट से टकराकर नत्थू सड़क पर जा गिरे। तभी कार उसे रौंदते हुए निकल गई। घटना के बाद वहां भीड़ लग गई। आस-पास के लोगों ने घेराबंदी कर कार को रोका तो ड्राइवर फरार हो गया। इसके बाद ग्रामीणों की भीड़ जुटी और सड़क पर हंगामा शुरू कर दिया। 13 वाहनों को तोड़ा, बाइक वालों को रोका
हादसे के बाद गाजीपुर हाईवे पर ग्रामीणों ने वाहनों को रोकना शुरू कर दिया। हंगामा करते हुए जबरन जाने की कोशिश करने वाले वाहनों को लाठी-डंडों से तोड़ने लगे। ग्रामीणों ने 7 वाहनों को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त किया, बाकी पथराव की चपेट में आने से छह गाड़ियों के शीशे टूटे हैं। बवाल के बाद हाईवे पर दोनों तरफ वाहनों की कतार लंबी होने लगी। करीब 2Km लंबा जाम लग गया। इसमें एंबुलेंस, शव वाहन, ट्रक और कारें फंसी नजर आईं। भीड़ ने बाइक पर जा रहे लोगों को भी खड़े रहने के लिए कहा। महिलाएं पहुंची, शव लेकर रोने लगीं
इस दौरान परिजनों समेत गांव की महिलाएं भी हाईवे पर आ गईं। शव देखकर रोने-बिलखने लगीं। चौबेपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई और लोगों को समझाने का प्रयास किया। भीड़ सड़क से हटने को तैयार नहीं थी। पुलिसकर्मियों ने जबरन हटाना चाहा तो ग्रामीण दरोगा-सिपाही से भिड़ गए। ग्रामीणों और पुलिस कर्मियों में बहस होने लगी। रिजर्व फोर्स बुलाने के बाद भड़के ग्रामीण
पुलिसकर्मियों ने खुद को घिरता देखकर थाने से अतिरिक्त पुलिस बल मंगाया और लोगों से हाईवे खाली करने के लिए कहा। पुलिस फोर्स ने वाहन और शव को किनारे रखवा कर भीड़ को हटाना शुरू किया। पुलिस की कार्रवाई पर ग्रामीण हमलावर हो गए। सड़क किनारे पड़े पत्थरों को पुलिस पर चलाना शुरू कर दिया। घटना में दरोगा सुनील सिंह और दरोगा टुन्नू सिंह घायल हो गए। 5 पुलिस वालों को भी चोट लगी है। पथराव के बाद सड़क पर भगदड़ मच गई। राहगीर गाड़ियों के पीछे और वाहनों के नीचे छिपने लगे। इसी दौरान 4 बाइक सवारों को भी पत्थर लगा, जिसमें दो गंभीर घायल होकर बेहोश हो गए। वहीं, भीड़ ने जाम के दौरान रुके हुए वाहनों पर भी पथराव शुरू कर दिया। देखते ही देखते कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। लाठी-डंडे लेकर गाड़ियों के बोनट पर चढ़ गए और उन पर हमला करने लगे। 7 कारों को तोड़ दिया, 2 कारों को पूरी तरह से चकनाचूर कर दिया। पुलिस ने भीड़ को सड़क से खदेड़ा
डीसीपी वरुणा चंद्रकांत मीना ने बताया कि ग्रामीणों की भीड़ को सड़क से दूर कर दिया गया है। हाईवे पर फोर्स तैनात है। अब सड़क को खाली कराया जा रहा है। गांव के लोगों को समझाकर नाथू राजभर का शव कब्जे में लिया है। परिवार की शिकायत के आधार पर FIR लिखी जाएगी। वहीं, हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। घटनास्थल से सिर्फ 1 किमी दूर नाथू का गांव
नाथू के परिवार में पत्नी के अलावा 4 बच्चे हैं। जिसमें 2 बेटे और 2 बेटी हैं। उनका गांव घटनास्थल से महज एक किमी दूर था, इसलिए हादसे की सूचना के बाद ग्रामीणों की भीड़ हाईवे पर आ गई और पत्थर बाजी शुरू कर दी। ————————— ये भी पढ़ें : संभल में 5वें दिन मिली लालरंग की फर्श और झरोखे: बावड़ी का ASI टीम ने 4 घंटे किया सर्वे, सुरंग में घुसकर की कार्बन डेटिंग संभल में खुदाई के दौरान मिली प्राचीन बावड़ी का ASI ने बुधवार को सर्वे किया। बावड़ी और सुरंग की कार्बन डेटिंग की। इस दौरान टीम को मिट्टी के नीचे लाल रंग के पत्थर की एक फर्श और झरोखों जैसी कलाकृतियां दिखीं। दीवारों कीे दरख्तों दवार के फोटो और वीडियो बनाए। वहीं 5वें दिन भी बावड़ी की खुदाई जारी है। बावड़ी को नुकसान न हो इसलिए अब जेसीबी से खुदाई रुकवा दी गई है। मजदूर ही काम करेंगे। ASI की टीम सुबह 10:15 बजे चंदौसी के लक्ष्मणगंज पहुंची। दोपहर में 1:08 मिनट पर बावड़ी का सर्वे करके लौट गई। टीम ने मोबाइल और कैमरों की फ्लैश लाइट व टॉर्च जलाकर करीब 4 घंटे तक बावड़ी के अंदर बारीकी से जांच-पड़ताल की। इस दौरान बावड़ी के अंदर मिट्टी के नीचे एक पक्की फर्श सामने आई, जो लाल रंग के पत्थर से बनी हुई थी। सर्वे टीम के जाने के बाद फिर खुदाई का काम शुरू हुआ। पढ़िए पूरी खबर… वाराणसी-गाजीपुर हाईवे पर बुधवार रात कार की चपेट में आकर साइकिल सवार की मौत हो गई। हादसे के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने हाईवे पर शव रख कर जाम लगा दिया। दोनों ओर वाहनों की 2KM लंबी कतार लग गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जाम खुलवाने का प्रयास किया तो ग्रामीण गुस्सा हो गए। पहले उनकी पुलिस से नोकझोंक हुई। फिर पुलिस टीम पर पथराव कर दिया। बचाव के लिए पुलिस ने अतिरिक्त फोर्स बुलाई तो ग्रामीण और उग्र हो गए। उन्होंने पथराव तेज कर दिया। हाईवे पर आने-जाने वाली गाड़ियों में भी तोड़फोड़ करने लगे। लाठी-डंडों और पत्थर से कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना में दरोगा समेत 6 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इनके अतिरिक्त, 4 आम लोगों को भी चोट आईं हैं। डीसीपी वरुणा जोन चंद्रकांत मीना और एडीसीपी वरुणा सरवणन टी भी मौके पर पहुंचे। घायल पुलिस कर्मियों को चौबेपुर अस्पताल ले जाया गया है। हादसे का स्पॉट वाराणसी मुख्यालय से करीब 22 Km दूर बताया जा रहा है। पहले देखिए हंगामे की 2 तस्वीरें… रौंदने के बाद भाग रही कार को लोगों ने घेरा
गांव के लोगों ने बताया कि वाराणसी के चौबेपुर कोदोपुर के नत्थू राजभर (40) साइकिल से घर जा रहा थे। इसी दौरान एक तेज रफ्तार कार ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी। कार के बोनट से टकराकर नत्थू सड़क पर जा गिरे। तभी कार उसे रौंदते हुए निकल गई। घटना के बाद वहां भीड़ लग गई। आस-पास के लोगों ने घेराबंदी कर कार को रोका तो ड्राइवर फरार हो गया। इसके बाद ग्रामीणों की भीड़ जुटी और सड़क पर हंगामा शुरू कर दिया। 13 वाहनों को तोड़ा, बाइक वालों को रोका
हादसे के बाद गाजीपुर हाईवे पर ग्रामीणों ने वाहनों को रोकना शुरू कर दिया। हंगामा करते हुए जबरन जाने की कोशिश करने वाले वाहनों को लाठी-डंडों से तोड़ने लगे। ग्रामीणों ने 7 वाहनों को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त किया, बाकी पथराव की चपेट में आने से छह गाड़ियों के शीशे टूटे हैं। बवाल के बाद हाईवे पर दोनों तरफ वाहनों की कतार लंबी होने लगी। करीब 2Km लंबा जाम लग गया। इसमें एंबुलेंस, शव वाहन, ट्रक और कारें फंसी नजर आईं। भीड़ ने बाइक पर जा रहे लोगों को भी खड़े रहने के लिए कहा। महिलाएं पहुंची, शव लेकर रोने लगीं
इस दौरान परिजनों समेत गांव की महिलाएं भी हाईवे पर आ गईं। शव देखकर रोने-बिलखने लगीं। चौबेपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई और लोगों को समझाने का प्रयास किया। भीड़ सड़क से हटने को तैयार नहीं थी। पुलिसकर्मियों ने जबरन हटाना चाहा तो ग्रामीण दरोगा-सिपाही से भिड़ गए। ग्रामीणों और पुलिस कर्मियों में बहस होने लगी। रिजर्व फोर्स बुलाने के बाद भड़के ग्रामीण
पुलिसकर्मियों ने खुद को घिरता देखकर थाने से अतिरिक्त पुलिस बल मंगाया और लोगों से हाईवे खाली करने के लिए कहा। पुलिस फोर्स ने वाहन और शव को किनारे रखवा कर भीड़ को हटाना शुरू किया। पुलिस की कार्रवाई पर ग्रामीण हमलावर हो गए। सड़क किनारे पड़े पत्थरों को पुलिस पर चलाना शुरू कर दिया। घटना में दरोगा सुनील सिंह और दरोगा टुन्नू सिंह घायल हो गए। 5 पुलिस वालों को भी चोट लगी है। पथराव के बाद सड़क पर भगदड़ मच गई। राहगीर गाड़ियों के पीछे और वाहनों के नीचे छिपने लगे। इसी दौरान 4 बाइक सवारों को भी पत्थर लगा, जिसमें दो गंभीर घायल होकर बेहोश हो गए। वहीं, भीड़ ने जाम के दौरान रुके हुए वाहनों पर भी पथराव शुरू कर दिया। देखते ही देखते कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। लाठी-डंडे लेकर गाड़ियों के बोनट पर चढ़ गए और उन पर हमला करने लगे। 7 कारों को तोड़ दिया, 2 कारों को पूरी तरह से चकनाचूर कर दिया। पुलिस ने भीड़ को सड़क से खदेड़ा
डीसीपी वरुणा चंद्रकांत मीना ने बताया कि ग्रामीणों की भीड़ को सड़क से दूर कर दिया गया है। हाईवे पर फोर्स तैनात है। अब सड़क को खाली कराया जा रहा है। गांव के लोगों को समझाकर नाथू राजभर का शव कब्जे में लिया है। परिवार की शिकायत के आधार पर FIR लिखी जाएगी। वहीं, हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। घटनास्थल से सिर्फ 1 किमी दूर नाथू का गांव
नाथू के परिवार में पत्नी के अलावा 4 बच्चे हैं। जिसमें 2 बेटे और 2 बेटी हैं। उनका गांव घटनास्थल से महज एक किमी दूर था, इसलिए हादसे की सूचना के बाद ग्रामीणों की भीड़ हाईवे पर आ गई और पत्थर बाजी शुरू कर दी। ————————— ये भी पढ़ें : संभल में 5वें दिन मिली लालरंग की फर्श और झरोखे: बावड़ी का ASI टीम ने 4 घंटे किया सर्वे, सुरंग में घुसकर की कार्बन डेटिंग संभल में खुदाई के दौरान मिली प्राचीन बावड़ी का ASI ने बुधवार को सर्वे किया। बावड़ी और सुरंग की कार्बन डेटिंग की। इस दौरान टीम को मिट्टी के नीचे लाल रंग के पत्थर की एक फर्श और झरोखों जैसी कलाकृतियां दिखीं। दीवारों कीे दरख्तों दवार के फोटो और वीडियो बनाए। वहीं 5वें दिन भी बावड़ी की खुदाई जारी है। बावड़ी को नुकसान न हो इसलिए अब जेसीबी से खुदाई रुकवा दी गई है। मजदूर ही काम करेंगे। ASI की टीम सुबह 10:15 बजे चंदौसी के लक्ष्मणगंज पहुंची। दोपहर में 1:08 मिनट पर बावड़ी का सर्वे करके लौट गई। टीम ने मोबाइल और कैमरों की फ्लैश लाइट व टॉर्च जलाकर करीब 4 घंटे तक बावड़ी के अंदर बारीकी से जांच-पड़ताल की। इस दौरान बावड़ी के अंदर मिट्टी के नीचे एक पक्की फर्श सामने आई, जो लाल रंग के पत्थर से बनी हुई थी। सर्वे टीम के जाने के बाद फिर खुदाई का काम शुरू हुआ। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर