पंजाब में अच्छे खिलाड़ी तैयार करने के लिए सरकार ने 260 खेल नर्सरियां बनाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। नए साल की शुरुआत में खेल नर्सरियां लोगों को समर्पित कर दी जाएंगी। इसके बाद युवाओं को अपने घर के नजदीक ही खेलों के अच्छे अवसर मिल सकेंगे। इन नर्सरियों में खिलाड़ियों को कोचिंग, खेल उपकरण और रिफ्रेशमेंट आदि की सुविधाएं मिलेंगी। राज्य सरकार की ओर से शहरी और बाकी ग्रामीण क्षेत्रों में 200 से अधिक खेल नर्सरियां स्थापित की जा रही हैं। इसके लिए कोच और सुपरवाइजर की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस दौरान 28 से अधिक प्रकार के खेलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे पहले पंजाब सरकार की ओर से खेल नीति लागू की गई थी। इसके अलावा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। 22 खिलाड़ियों को 3.30 करोड़ रुपए दिए गए इस साल पेरिस ओलंपिक में भारत के कुल 100 खिलाड़ियों में से 19 अकेले पंजाब से थे। इनमें 10 हॉकी खिलाड़ी, छह शूटिंग, दो एथलेटिक्स और एक गोल्फ खिलाड़ी शामिल थे। इसके अलावा पेरिस पैरालिंपिक में तीन पंजाबी खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था, जिनमें एक पैरा एथलीट, एक पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी और एक पैरा पावर लिफ्टर शामिल है। नई खेल नीति के तहत 22 खिलाड़ियों को तैयारी के लिए 15 लाख रुपए प्रति खिलाड़ी के हिसाब से कुल 3.30 करोड़ रुपए दिए गए। पंजाब में अच्छे खिलाड़ी तैयार करने के लिए सरकार ने 260 खेल नर्सरियां बनाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। नए साल की शुरुआत में खेल नर्सरियां लोगों को समर्पित कर दी जाएंगी। इसके बाद युवाओं को अपने घर के नजदीक ही खेलों के अच्छे अवसर मिल सकेंगे। इन नर्सरियों में खिलाड़ियों को कोचिंग, खेल उपकरण और रिफ्रेशमेंट आदि की सुविधाएं मिलेंगी। राज्य सरकार की ओर से शहरी और बाकी ग्रामीण क्षेत्रों में 200 से अधिक खेल नर्सरियां स्थापित की जा रही हैं। इसके लिए कोच और सुपरवाइजर की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस दौरान 28 से अधिक प्रकार के खेलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे पहले पंजाब सरकार की ओर से खेल नीति लागू की गई थी। इसके अलावा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। 22 खिलाड़ियों को 3.30 करोड़ रुपए दिए गए इस साल पेरिस ओलंपिक में भारत के कुल 100 खिलाड़ियों में से 19 अकेले पंजाब से थे। इनमें 10 हॉकी खिलाड़ी, छह शूटिंग, दो एथलेटिक्स और एक गोल्फ खिलाड़ी शामिल थे। इसके अलावा पेरिस पैरालिंपिक में तीन पंजाबी खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था, जिनमें एक पैरा एथलीट, एक पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी और एक पैरा पावर लिफ्टर शामिल है। नई खेल नीति के तहत 22 खिलाड़ियों को तैयारी के लिए 15 लाख रुपए प्रति खिलाड़ी के हिसाब से कुल 3.30 करोड़ रुपए दिए गए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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फाजिल्का में 850 पुलिस कर्मचारियों का तबादला:कई एसएचओ बदले, जमे थे एक ही स्थान पर वर्षों से, शिकायत वाले कर्मी बदले फाजिल्का जिले में करीब 850 पुलिस कर्मचारियों को इधर से उधर किया गया है। कई थानों के एसएचओ बदले गए हैं, वहीं काफी समय से एक ही जगह पर तैनात पुलिस कर्मचारियों के भी ट्रांसफर कर दिए गए हैं। जिन कर्मचारियों की शिकायत थी, उनको भी बदल दिया गया है। यह जानकारी फाजिल्का के एसएसपी डाक्टर प्रज्ञा जैन ने दी है l उन्होंने बताया कि, 2020 में एक SOP आया था l जिसे अब लागू किया गया है l इसी के तहत प्रशासनिक प्रक्रिया के दौरान फेरबदल हुआ है l जिसमें फाजिल्का जिले में करीब 850 पुलिस कर्मचारियों का फेरबदल किया गया है l उन्होंने कहा कि जो पुराने पुलिस कर्मचारी एक पद पर डेढ़-दो साल से ज्यादा थे l उनको हटाकर दूसरे कर्मचारी को तैनात किया गया है। होमगार्ड के जवानों को भी बदला एसएसपी ने बताया कि होमगार्ड जवानों को लेकर भी उनके द्वारा लिखित में भेजा गया है l जिस दौरान डीआईजी होमगार्ड द्वारा भी उनका फेरबदल कर दिया गया है l हालांकि जिन होमगार्ड कर्मचारियों की शिकायते थी उनके तबादले जिले से बाहर दूसरे जिले में कर दिए गए हैं l एसएसपी का कहना है कि उनके पास 1200 की नफरी है l ऐसे में उन्हें अपने पुलिस टीम पर मान है l जो दिन रात कड़ी मेहनत से ड्यूटी कर रहे हैं l
पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा-पंजाब सरकार को चेतावनी:कहा- सख्त आदेश देने को मजबूर न करें; जुर्माना कम लगाया, जानकारी भी गलत दी
पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा-पंजाब सरकार को चेतावनी:कहा- सख्त आदेश देने को मजबूर न करें; जुर्माना कम लगाया, जानकारी भी गलत दी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी कोर्ट में पेश हुए। सुप्रीम कोर्ट ने गलत जानकारी देने पर पंजाब सरकार को फटकार लगाई। हरियाणा सरकार की कार्रवाई से भी सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नजर नहीं आया। कोर्ट ने कहा कि हमें सख्त आदेश देने के लिए मजबूर न करें। जस्टिस अभय एस ओका, जस्टिस ए अमानुल्लाह और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने पंजाब और हरियाणा सरकार की खेतों में पराली जलाने से रोकने की कोशिशों को महज दिखावा बताया। कोर्ट ने कहा कि अगर ये सरकारें वास्तव में कानून लागू करने में रुचि रखती हैं तो कम से कम एक मुकदमा तो चलना ही चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकारों को याद दिलाया जाए कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। प्रदूषण में रहना अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है। केंद्र सरकार को दो हफ्ते का समय दिया
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को लेकर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (EPA) के तहत नियम बनाने और जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति करने के लिए केंद्र सरकार को दो हफ्ते का समय दिया। दिल्ली-NCR में लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा- आयोग ने प्रदूषण रोकने के लिए लागू होने वाली सख्तियों को लागू करवाने के लिए कोई मैकेनिज्म तैयार नहीं किया। प्रदूषण को रोकने में नाकाम रहे अधिकारियों पर सीधे कार्रवाई क्यों नहीं की गई, इसके बजाय उन्हें सिर्फ नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया? जिस पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया है कि पराली जलाने वालों पर 10 दिन के अंदर CAQM एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। मामले में अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा सरकार को कही 2 अहम बातें… 1. आपके आंकड़े हर मिनट बदल रहे
हरियाणा के मुख्य सचिव ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि प्रदेश में फसल जलाने की 400 घटनाएं हुई हैं और राज्य ने 32 एफआईआर दर्ज की हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव से कहा कि उनके आंकड़े हर मिनट बदल रहे हैं। सरकार पिक एंड चूज कर रही है। कुछ ही लोगों से जुर्माना लिया जा रहा है और बहुत कम लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह कुछ लोगों पर एफआईआर दर्ज करने और कुछ पर मामूली जुर्माना लगाने को लेकर चिंतित हैं। 2. किसानों को क्या कुछ दिया
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव से पूछा- पराली को लेकर क्या किया जा रहा है और क्या किसानों को कुछ दिया गया? इस पर मुख्य सचिव ने कहा कि पराली निस्तारण के लिए करीब 1 लाख मशीनें दी गई हैं, जिससे पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट की पंजाब सरकार को कही 4 अहम बातें… 1. नाममात्र जुर्माना वसूला, 600 लोगों को बख्शा
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव को कहा कि प्रदेश में पराली जलाने के मामले में 1,080 FIR दर्ज की गईं, लेकिन आपने केवल 473 लोगों से नाममात्र का जुर्माना वसूला है। आप 600 या अधिक लोगों को बख्श रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे यह स्पष्ट है कि आप पराली जलाने वालों को संकेत दे रहे हैं कि उनके खिलाफ कुछ नहीं किया जाएगा। ऐसा पिछले तीन साल से हो रहा है। 2. एडवोकेट जनरल बताएं, झूठा बयान किसके कहने पर दिया
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के एडवोकेट जनरल और मुख्य सचिव को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा कि एडवोकेट जनरल बताएं कि किस अधिकारी के कहने पर उन्होंने केंद्र से मशीनें और फंड मांगने का झूठा बयान दिया था। मुख्य सचिव बताएं कि एडवोकेट जनरल को ऐसा किस अधिकारी ने करने के लिए कहा। हम उसे अवमानना का नोटिस जारी करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी पर भी नाराजगी दिखाई। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार गंभीर नहीं दिख रही। पहले एडवोकेट जनरल ने कहा कि किसी पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। अब आप बता रहे कि इस साल 5 केस दर्ज हुए। सुप्रीम कोर्ट ने कोई मुकदमा न होने के बारे में पंजाब सरकार का पिछला एफिडेविट भी दिखाया। 3. क्या 9 हजार लोगों ने सिर्फ 9 घटनाएं ढूंढी
सुप्रीम कोर्ट ने आगे पूछा कि एफिडेविट में गांव स्तर पर निगरानी कमेटी की बात कही गई है। सरकार ने कब आदेश दिया। कमेटी कब बनी। इसका नोडल अफसर कौन है? इस पर एडवोकेट सिंघवी ने कहा कि 9 हजार कमेटियां बनी हैं। हम पूरे ब्योरे के साथ एफिडेविट दाखिल करेंगे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 9 हजार लोगों ने सिर्फ 9 घटनाएं ढूंढीं? 4. आपने ISRO की रिपोर्ट तक झुठला दी, 400 लोग छोड़े
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि वह ISRO की सैटेलाइट रिपोर्ट तक झुठला देते हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के वकील ने कहा कि अमृतसर में 400 घटनाएं हुई हैं। कोर्ट ने पूछा कि हाल के दिनों में कितनी घटनाएं हुई हैं। इस पर एडवोकेट सिंघवी ने कहा कि 1510 घटनाएं हुईं और 1,080 केस दर्ज किए गए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें भी आपने 400 लोगों को छोड़ दिया। इस पर सिंघवी ने कुछ रिपोर्ट गलत निकलने की बात कही। हरियाणा और पंजाब में वायु प्रदूषण के हालात पढ़िए… पानीपत गैस चैंबर बना, 17 जिलों में AQI 300 पार
हरियाणा में जीटी रोड पर आने वाले 6 जिलों में प्रदूषण खतरनाक लेवल तक पहुंच गया है। पानीपत गैस चैंबर बन गया है। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 तक पहुंच गया है। वहीं, 17 जिलों में AQI 300 से ऊपर है, जो खतरनाक श्रेणी में आता है। मंगलवार को कुरुक्षेत्र का AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया है। सुबह और शाम सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन महसूस हो रही है। दिल्ली-NCR में ग्रैप टू की पाबंदियां लागू हो चुकी हैं। NCR में प्रदेश के 14 जिले आते हैं। जिनमें प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, उस हिसाब से ग्रैप 3 की पाबंदियां भी जल्द लागू हो जाएंगी। पंजाब के 2 जिलों में AQI 200 पार
पंजाब के 2 शहरों में AQI 200 पार हो चुका है। इनमें मंडी गोबिंदगढ़ का AQI 230 और अमृतसर का 203 हो चुका है। इसके अलावा लुधियाना का एयर क्वालिटी इंडेक्स भी 191 है। बाकी जिलों का AQI अभी 200 से कम है। वाइस चांसलर बिश्नोई बोले- 400 AQI में ऑक्सीजन की कमी होती है
पर्यावरण के जानकार गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी (GJU) के वाइस चांसलर प्रो. नरसीराम बिश्नोई का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण वरिष्ठ नागरिकों को सबसे ज्यादा दिक्कतें होती हैं। AQI का स्तर 400 के आसपास पहुंचने पर ऑक्सीजन की कमी होती है। धीरे-धीरे इन्फेक्शन, ब्रोंकाइटिस (श्वास नलियों में सूजन) की बीमारी बढ़ जाती है। आंखों में जलन होने लगती है। प्रदूषण के लिए पराली ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि इसके कई कारण हैं। पराली को इसलिए खतरनाक माना जाता है, क्योंकि इसे जलाने से जहरीली गैस वातावरण में फैलती है। पराली जलाने से रोकने को हरियाणा और पंजाब सरकार ने क्या कार्रवाई की… हरियाणा सरकार के 3 बड़े दावे 1. 150 किसानों पर FIR, 29 गिरफ्तार
हरियाणा सरकार का दावा है कि राज्य में करीब 150 किसानों के खिलाफ अब तक FIR दर्ज हो चुकी है। इसमें 29 लोगों को गिरफ्तार और 380 को रेड लिस्ट किया गया है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो कुरुक्षेत्र में 46, जींद में 10, सिरसा में 3, फतेहाबाद में 2 किसानों पर FIR दर्ज की गई है। वहीं सिरसा में 3 महिला किसानों पर केस दर्ज किया है। जांच में महिला किसानों की ओर से जमीन पट्टे पर दिए जाने की बात सामने आई। अब पुलिस काश्तकार किसानों को तलब करेगी। वहीं, पलवल में पराली जलाने पर एक महिला किसान के खिलाफ केस दर्ज किया गया। करनाल में 5, सोनीपत और कैथल में 2-2 किसानों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, कुछ समय बाद इन्हें जमानत दे दी गई। फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर अब तक 8.35 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है। 2. कृषि विभाग के 24 अधिकारी और कर्मचारी सस्पेंड किए
एक दिन पहले कृषि विभाग ने 24 अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड किया। इन अधिकारियों में एग्रीकल्चर डेवलपमेंट ऑफिसर (ADO) से लेकर एग्रीकल्चर सुपरवाइजर के अलावा कर्मचारी भी शामिल हैं। कृषि विभाग के डायरेक्टर राज नारायण कौशिक की तरफ से 9 जिलों के अधिकारियों पर एक्शन लिया गया है। इसमें पानीपत, जींद, हिसार, कैथल, करनाल, अंबाला, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र और सोनीपत के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। पराली जलाने के बढ़ रहे केसों पर कार्रवाई न होने पर अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक्शन लिया गया है। 3. तीन साल में मामले आधे से कम हुए
प्रदेश में 3 साल में आधे से भी कम मामले हो गए हैं। 2021 में प्रदेश में 15 सितंबर से अभी तक पराली जलाने के 1,508 के मामले दर्ज किए गए थे। उसके बाद 2022 में 893 और 2023 में 714 मामले दर्ज हुए थे। मगर अब 2024 में यह आंकड़ा 665 पर रुका है। सरकार की तरफ से इस आंकड़े को कम करने के लिए लगातार छापे भी मारे जा रहे हैं। पंजाब सरकार बोली- 10.55 लाख जुर्माना, 394 के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री की
पंजाब पुलिस के स्पेशल DGP (कानून एवं व्यवस्था) अर्पित शुक्ला का कहना है कि पराली जलाने के मामलों में पुलिस की तरफ से अब तक 874 केस दर्ज किए गए हैं। 10.55 लाख का जुर्माना लगाया गया है। 394 किसानों के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री की गई है। लोगों पर केवल कार्रवाई नहीं की जा रही, बल्कि उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है, ताकि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। पराली जलाने से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा में पराली जलाई तो मंडी में फसल बिक्री बंद: 2 सीजन रोक हरियाणा में करीब एक हफ्ते पहले पराली जलाने को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया। पराली जलाने वाले किसान अगले 2 सीजन मंडियों में फसल नहीं बेच पाएंगे। इसके लिए उनके ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ के रिकॉर्ड में रेड एंट्री की जाएगी। सरकार ने इसका मकसद पराली जलाने की घटनाओं को रोकना बताया है। पूरी खबर पढ़ें…
पंजाब पूर्व CM के पोते चुनाव हारकर भी मंत्री बने:दादा की एम्बेसडर कार को लकी मानते हैं, सचिवालय में ब्लास्ट के दौरान मौजूद थे
पंजाब पूर्व CM के पोते चुनाव हारकर भी मंत्री बने:दादा की एम्बेसडर कार को लकी मानते हैं, सचिवालय में ब्लास्ट के दौरान मौजूद थे वर्ष 1995 में आतंकवाद के दौर में सचिवालय बिल्डिंग ब्लास्ट में जान गंवाने वाले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते रवनीत बिट्टू को नरेंद्र मोदी 3.0 सरकार में मंत्री बनाया गया है। रवनीत बिट्टू ने 2024 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन की थी। भाजपा ने उन्हें लुधियाना से उम्मीदवार बनाया, लेकिन वह कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग से हार गए। ऐसे में अब भाजपा ने उन्हें मंत्री बनाकर सिख समाज को साधने की कोशिश की। रवनीत बिट्टू के राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 2008 में युवा कांग्रेस से शुरू किया था। 2008 में वे पंजाब यूथ कांग्रेस के पहले निर्वाचित अध्यक्ष बने। 2009 में पार्टी ने उन्हें श्री आनंदपुर साहिब से टिकट दी और दादा बेअंत सिंह व पिता स्वर्णजीत सिंह के किए कामों के कारण वे आसानी से चुनाव जीत गए। पार्टी ने भी पहली बार चुनाव जीतने के बाद उन्हें होम अफेयर्स कमेटी का सदस्य बना दिया। 2014 में कांग्रेस ने बिट्टू की सीट बदलते हुए लुधियाना शिफ्ट किया। इसके बाद 2014 और 2014 में वह इसी सीट से सांसद चुने गए। आतंकियों की धमकी को नजरअंदाज कर डाला वोट
90 के दशक में आतंकवाद का दौर था। आतंकियों ने वोट डालने वालों को जान से मारने की धमकी दे रखी थी। बिट्टू 18 साल के हुए थे और उनका पहला वोट डालने का मौका था। बिट्टू ने आतंकियों की धमकी करे नजरअंदाज कर वोट डाला। इतना ही नहीं, मुहिम चलाई और लोगों को आतंकियों की धमकी से उलट चल वोट डालने के लिए प्रोत्साहित किया। दादा की मौत के समय घटनास्थल पर मौजूद थे बिट्टू
पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के देहांत के समय रवनीत सिंह बिट्टू की उम्र महज 20 साल थी। वे सचिवालय की दूसरी मंजिल पर मौजूद थे, उनके चचेरे भाई गुरकिरत सिंह कोटली भी वहीं थे। जब धमाका हुआ तो वे तुरंत नीचे की तरफ भागे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने दोबारा ब्लास्ट के संदेह के डर से दोनों को बिल्डिंग से बाहर निकाल दिया। उन्हें सुरक्षा के चलते गाड़ी के पास नहीं जाने दिया गया। अंत में बेअंत सिंह हाथ में पहने कड़े के कारण पहचाने गए। गुरकिरत कोटली चचेरे भाई
पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के देहांत के बाद बेटे तेजप्रकाश सिंह ने परंपरा को आगे बढ़ाया था। वे पंजाब के पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं। उनकी छोटी बेटी गुरकंवल कौर भी राजनीति में रहीं। बेअंत सिंह के बेटे तेजप्रकाश के बेटे गुरकिरत सिंह कोटली खन्ना से 2 बार विधायक रह चुके हैं और आज भी कांग्रेस के साथ हैं। बेअंत सिंह के दूसरे बेटे स्वर्णजीत सिंह ने राजनीति से दूरी बनाकर रखी और उनके बेटे रवनीत बिट्टू राजनीति में आ गए। दादा की कार को मानते हैं लकी
रवनीत सिंह बिट्टू का अपने दादा के साथ भावनात्मक रिश्ता है। बेअंत सिंह की एम्बेसडर कार को बिट्टू लकी मानते हैं। अपना नामांकन वे हमेशा इसी कार में भरने जाते हैं। बिट्टू ने एक इंटरव्यू में कहा था उनके परिवार का उस कार से भावनात्मक रिश्ता है। जिसमें उनके दादा ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए आतंकवाद के दिनों में राज्यभर में लाखों किलोमीटर का सफर किया करते थे। उनके पास अपने समय के महान राजनीतिक व्यक्तित्व की विरासत है। बम से उड़ाने की मिल चुकी धमकी
इस साल की शुरुआत में रवनीत सिंह बिट्टू को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। बिट्टू को वॉट्सऐप पर अज्ञात विदेशी नंबर से कॉल आई। धमकी देने वाले ने बिट्टू से कहा कि जल्द ही उन्हें बम से उड़ा दिया जाएगा। इसके बाद बिट्टू ने इसकी शिकायत पुलिस को दी थी। किसानों ने बिट्टू पर किया था हमला
जनवरी 2021 में कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सिंघु बॉर्डर पर बैठे हुए थे। उस दौरान रवनीत सिंह बिट्टू किसानों के बीच पहुंचे। यहां उनकी किसानों के साथ कहासुनी हो गई। बात धक्कामुक्की से लेकर छीना झपटी तक जा पहुंची। इस दौरान बिट्टू की पगड़ी भी उतर गई थी। रवनीत सिंह बिट्टू से जुड़े 2 विवाद 1. कब्जे के आरोप में नोटिस मिला – मई महीने में नामांकन दाखिल करने से एक दिन पहले, नागरिक निकाय ने रवनीत बिट्टू को 8 साल तक लुधियाना में सरकारी घर पर अवैध रूप से कब्जा करने का आरोप लगाते हुए नोटिस दिया था। बिट्टू को नामांकन दाखिल करने से पहले घर खाली करने और जुर्माने के रूप में 1.82 करोड़ का भुगतान करने के लिए कहा गया। इसके बाद बिट्टू भाजपा कार्यालय चले गए और फर्श पर ही सोए। 2. किसानों के विरोध के कारण भागना पड़ा- लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान रवनीत बिट्टू को लुधियाना में किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। इस दौरान एक वीडियो भी वायरल हुई थी, जिसमें बिट्टू भागते हुए नजर आए। इसके बाद बिट्टू ने कहा था कि “वह उन्हें (किसानों को) 4 जून (परिणाम वाले दिन) के बाद देख लेंगे”। राज्यसभा में भेजने की तैयारी में पार्टी
चूंकि रवनीत सिंह बिट्टू लोकसभा चुनाव हार गए हैं तो पार्टी उन्हें राज्यसभा में भेजने की तैयारी कर रही है। चर्चा है कि उन्हें हरियाणा से राज्यसभा में भेजा जा सकता है। कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यहां एक सीट खाली हुई है। यह पहला मौका नहीं है कि पंजाब में चुनाव हारकर कोई केंद्र में मंत्री बना हो। इससे पहले डॉ. मनमोहन सिंह, अरुण जेटली और हरदीप पुरी भी केंद्र में मंत्री बन चुके हैं।