पंजाब में उप-चुनावों की घोषणा से पहले ही सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। इनमें सबसे चर्चित सीट गिद्दड़बाहा है और सभी पार्टियों की निगाहें इस पर टिक चुकी हैं। अकाली दल के पूर्व अध्यक्ष सुखबीर बादल के तनखैया करार किए जाने के बाद अब इस सीट की जिम्मेदारी उनकी पत्नी सांसद हरसिमरत कौर बादल के हाथों में आ गई है। वहीं, वारिस पंजाब दे फाउंडर दीप सिद्धू के भाई मनदीप सिद्धू चुनावी मैदान में उतरेंगे। विधानसभा हलका गिद्दड़बाहा लंबे समय अकाली दल का गढ़ रहा। अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के सांसद बन जाने के बाद उप-चुनावों में अकाली दल दोबारा इस पर काबिज होने की कोशिशों में जुटा है। लेकिन सुखबीर बादल के तनखैया घोषित किए जाने के बाद पार्टी के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ ने उनकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल को कैंपेन की कमान सौंप दी है। हालांकि सुखबीर बादल पहले नुक्कड़ बैठकें कर रहे थे, लेकिन तनखैया घोषित किए जाने के बाद से वे राजनीतिक कार्यक्रमों में अब नहीं जा सकते। हरसिमरत बादल के साथ हीरा सिंह गाबड़िया व इकबाल सिंह झूंदा को बरनाला शहरी व रूरल की कमान भी सौंपी गई है। मनदीप सिद्धू ने नुक्कड़ बैठकें की शुरू वारिस पंजाब दे के फाउंडर मुखी दीप सिद्धू के भाई मनदीप सिंह सिद्धू भी राजनीति में एक्टिव हो गए हैं। उन्होंने भी गिद्दड़बाहा से चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है। बीते कुछ दिनों से मनदीप सिंह सिद्धू गिद्दड़बाहा में नुक्कड़ बैठकें कर रहे थे। लेकिन, वे यहां से चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस पर वे चुप थे। अब बीते दिन ही एक इंटरव्यू में आजाद गर्मख्याली सांसद सर्बजीत सिंह खालसा ने घोषणा की है कि मनदीप सिद्धू गिद्दड़बाहा से चुनाव लड़ेंगे। बलहबल कलां गोलीकांड के पीड़ित का बेटा भी मैदान में बहबल कलां में 14 अक्टूबर 2015 को फरीदकोट जिले के बरगाड़ी में बेअदबी की घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में दो सिख प्रदर्शनकारियों, सरवन गांव के गुरजीत सिंह और फरीदकोट जिले के नियामीवाला गांव के कृष्ण भगवान सिंह की मौत हो गई थी। अब कृष्ण भगवान सिंह के बेटे सुखराज सिंह ने भी गिद्दड़बाहा से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। सुखराज सिंह ने बीते दिनों ये घोषणा करते हुए कहा कि हम पिछले नौ सालों से न्याय का इंतजार कर रहे हैं। मेरे पिता की हत्या शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान की गई थी, लेकिन तीन सरकारों ने न्याय नहीं दिलाया। हम प्रदर्शन के जरिए नेताओं से सवाल पूछते रहे हैं, लेकिन जो भी सरकार में आता है, वह भागने की कोशिश करता है। अब मैं दूसरे नेताओं पर निर्भर रहने के बजाय सीधे विधानसभा में उनसे सवाल पूछना चाहता हूं। हम विधानसभा में उनके बीच आकर उनका मुकाबला करेंगे। पंजाब में उप-चुनावों की घोषणा से पहले ही सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। इनमें सबसे चर्चित सीट गिद्दड़बाहा है और सभी पार्टियों की निगाहें इस पर टिक चुकी हैं। अकाली दल के पूर्व अध्यक्ष सुखबीर बादल के तनखैया करार किए जाने के बाद अब इस सीट की जिम्मेदारी उनकी पत्नी सांसद हरसिमरत कौर बादल के हाथों में आ गई है। वहीं, वारिस पंजाब दे फाउंडर दीप सिद्धू के भाई मनदीप सिद्धू चुनावी मैदान में उतरेंगे। विधानसभा हलका गिद्दड़बाहा लंबे समय अकाली दल का गढ़ रहा। अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के सांसद बन जाने के बाद उप-चुनावों में अकाली दल दोबारा इस पर काबिज होने की कोशिशों में जुटा है। लेकिन सुखबीर बादल के तनखैया घोषित किए जाने के बाद पार्टी के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ ने उनकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल को कैंपेन की कमान सौंप दी है। हालांकि सुखबीर बादल पहले नुक्कड़ बैठकें कर रहे थे, लेकिन तनखैया घोषित किए जाने के बाद से वे राजनीतिक कार्यक्रमों में अब नहीं जा सकते। हरसिमरत बादल के साथ हीरा सिंह गाबड़िया व इकबाल सिंह झूंदा को बरनाला शहरी व रूरल की कमान भी सौंपी गई है। मनदीप सिद्धू ने नुक्कड़ बैठकें की शुरू वारिस पंजाब दे के फाउंडर मुखी दीप सिद्धू के भाई मनदीप सिंह सिद्धू भी राजनीति में एक्टिव हो गए हैं। उन्होंने भी गिद्दड़बाहा से चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है। बीते कुछ दिनों से मनदीप सिंह सिद्धू गिद्दड़बाहा में नुक्कड़ बैठकें कर रहे थे। लेकिन, वे यहां से चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस पर वे चुप थे। अब बीते दिन ही एक इंटरव्यू में आजाद गर्मख्याली सांसद सर्बजीत सिंह खालसा ने घोषणा की है कि मनदीप सिद्धू गिद्दड़बाहा से चुनाव लड़ेंगे। बलहबल कलां गोलीकांड के पीड़ित का बेटा भी मैदान में बहबल कलां में 14 अक्टूबर 2015 को फरीदकोट जिले के बरगाड़ी में बेअदबी की घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में दो सिख प्रदर्शनकारियों, सरवन गांव के गुरजीत सिंह और फरीदकोट जिले के नियामीवाला गांव के कृष्ण भगवान सिंह की मौत हो गई थी। अब कृष्ण भगवान सिंह के बेटे सुखराज सिंह ने भी गिद्दड़बाहा से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। सुखराज सिंह ने बीते दिनों ये घोषणा करते हुए कहा कि हम पिछले नौ सालों से न्याय का इंतजार कर रहे हैं। मेरे पिता की हत्या शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान की गई थी, लेकिन तीन सरकारों ने न्याय नहीं दिलाया। हम प्रदर्शन के जरिए नेताओं से सवाल पूछते रहे हैं, लेकिन जो भी सरकार में आता है, वह भागने की कोशिश करता है। अब मैं दूसरे नेताओं पर निर्भर रहने के बजाय सीधे विधानसभा में उनसे सवाल पूछना चाहता हूं। हम विधानसभा में उनके बीच आकर उनका मुकाबला करेंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
भगवान वाल्मीकि का प्रकाशोत्सव मनाया
भगवान वाल्मीकि का प्रकाशोत्सव मनाया जालंधर| आबादपुरा में भगवान वाल्मीकि महाराज का प्रकाशोत्सव मनाया गया। इस दौरान शामिल भक्तों ने माथा टेका। पंजाब के रक्षा कल्याण, बागवानी तथा स्वतंत्रता सेनानी मंत्री मोहिंदर भगत भी आबादपुरा स्थित भगवान वाल्मीकि मंदिर में भक्तों के बीच शामिल हुए। इस मौके मोहिंदर भगत ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में समाज में पूर्ण समरसता के लिए यह भी अति आवश्यक है कि लोग भगवान वाल्मीकि जी के दिखाए मार्ग पर चलें। इस मौके पर मंदिर कमेटी के सदस्यों के अलावा बड़ी तादाद में श्रद्धालु उपस्थित रहे। उन्होंने शहर में विभिन्न संस्थाओं द्वारा आयोजित धार्मिक कार्यक्रमों में शिरकत कर हाजिरी लगाई।
पंजाब कांग्रेस सांसदों का संसद के बाहर प्रदर्शन:वित्तमंत्री चीमा- पंजाब से सौतेली मां जैसा व्यवाहर; हरसिमरत ने जताई निराशा
पंजाब कांग्रेस सांसदों का संसद के बाहर प्रदर्शन:वित्तमंत्री चीमा- पंजाब से सौतेली मां जैसा व्यवाहर; हरसिमरत ने जताई निराशा केंद्रीय बजट 2024 में पंजाब के लिए कोई विशेष पैकेज घोषित नहीं किए जाने के बाद कांग्रेस सांसदों ने संसद से बाहर आकर केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन किया। मुर्दाबाद के नारे लगाए। वहीं, हरसिमरत बादल ने इसे सरकार बचाओ बजट बताया है। इधर, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने ईडी-सीबीआई का इस्तेमाल कर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का विरोध किया। कांग्रेस सांसदों ने एनडीए सरकार को पंजाब के साथ विश्वासघात करने वाली सरकार बताया। लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर भाजपा को पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार करने वाली सरकार बताया है। वित्तमंत्री चीमा- पंजाब को निराश किया गया पंजाब के वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने इस बजट से निराशा जताई है। उन्होंने कहा कि पंजाब के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार किया है। छोटे उद्योग के लिए कुछ नहीं दिया। फर्टिलाइजर पर जो 36% सब्सिडी मिलती थी, वे घटा दी है। इनपुट कॉस्ट बढ़ गई है। भाजपा सरकार किसानों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर रही है। इससे पता चलता है भाजपा पंजाब विरोधी पार्टी है। इस बजट ने पंजाब को बुरी तरह निराश किया है। उन्होंने बताया कि बजट से पहले हर राज्य से इनपुट लिया जाता है। वे जब वित्तमंत्री सीतारमण से मिले थे तो पंजाब को दो फसलों को डायवर्सिफिकेशन के लिए आर्थिक पैकेज की जरूरत जताई थी। इससे पानी व किसान को बचाया जा सके। लेकिन केंद्र सरकार ने इसे इग्नोर किया। 500 किमी इंटरनेशल बॉर्डर है। ऐसे में पंजाब के युवाओं के लिए हिमाचल प्रदेश की तरह इंडस्ट्री लाने के लिए कोई पैकेज नहीं दिया। इस बजट ने पंजाब को निराश किया है। हरसिमरत बोलीं- किसानों और युवाओं की अनदेखी की गई अकाली दल की एकमात्र सांसद हरसिमरत कौर बादल ने सोशल मीडिया पर पंजाब की अनदेखी का विरोध किया है। उन्होंने पोस्ट कर लिखा- केंद्रीय बजट 2024 को “सरकार बचाओ” बजट के रूप में जाना जाएगा, जो बिहार और आंध्र प्रदेश में एनडीए के दो सहयोगियों के लिए बनाया गया, जबकि देश भर में किसानों, गरीबों और युवाओं की अनदेखी की गई। शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के एनडीए गठबंधन और सरकार से बाहर निकलने के बाद से लगातार छठे बजट में पंजाब के लिए कुछ भी नहीं है। “पंजाब के मुद्दों को सुलझाने” के नाम पर अपने हितों को साधने के लिए भाजपा में शामिल होने वालों को अब जवाब देना चाहिए कि राज्य को केंद्र के हाथों लगातार भेदभाव का सामना क्यों करना पड़ रहा है। सुखबीर बादल -बजट 2024-25 पंजाब के प्रति भेदभावपूर्ण अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बजट को भेदभावपूर्ण बताया है। उन्होंने 10 पॉइंट अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर डालकर विरोध जताया है। उन्होंने कहा- ▪️केंद्रीय बजट 2024-25 पंजाब के प्रति भेदभावपूर्ण है। ▪️राज्य की कोई भी मांग नहीं मानी गई। ▪️राज्य के किसानों के लिए अति आवश्यक विविधीकरण या ऋण माफी के लिए कोई आवंटन नहीं किया गया है। ▪️पड़ोसी पहाड़ी राज्यों को दिए गए प्रोत्साहनों के कारण ठप पड़े औद्योगिक क्षेत्र के लिए किसी कर रियायत की घोषणा नहीं की गई है। ▪️केंद्र सरकार एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी देने और एमएसपी पर सभी फसलों की खरीद के लिए धन आवंटित करने में भी विफल रही है। ▪️गरीबों और युवाओं की भी कमी हो गई है। मनरेगा में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. ▪️आय असमानता को दूर करने के लिए कुछ भी नहीं किया गया है। यहां तक कि 5,000 रुपये प्रति माह की अप्रेंटिसशिप योजना भी दिखावा है, क्योंकि इस टोकन राशि का लाभ उठाने के लिए युवा विस्थापित होकर बड़ी कंपनियों में शामिल नहीं हो पाएंगे। ▪️गठबंधन की मजबूरियां राष्ट्रीय हित से अधिक महत्वपूर्ण लगती हैं। ▪️सरकार का समर्थन करने वाले प्रमुख सहयोगियों को जिस असंतुलित तरीके से धन आवंटित किया गया है, उसने कई प्रमुख राज्यों को धन से वंचित कर दिया है। इसकी समीक्षा किये जाने की जरूरत है। ▪️सीमावर्ती राज्य होने के नाते पंजाब को इस तरह से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। AAP सांसदों ने केजरीवाल के समर्थन में उठाई मांग वहीं, आम आदमी पार्टी ने बजट सत्र के दौरान संसद के बाहर अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का विरोध किया है। आरोप लगाया है कि BJP की सरकार ने ED-CBI का गलत प्रयोग कर दिल्ली सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार किया है। राघव चड्ढा ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर तस्वीर को सांझा किया। जिसमें उनके साथ सांसद संजय सिंह, संदीप पाठक, मलविंदर सिंह कंग, गुरमीत सिंह मीत हेयर, डॉ. राज कुमार चब्बेवाल दिख रहे हैं। पूरी तरह निराश करने वाला बजट है-AAP AAP वक्ता और पंजाब सरकार में पंजाब मध्यम उद्योग विकास बोर्ड के अध्यक्ष नील गर्ग ने कहा- आज के बजट को सत्ता बचाओ बजट कहना सही होगा। बजट में पंजाब की अनदेखी की गई है, ये पूरी तरह निराश करने वाला बजट है। इस बजट में ना महिलाओं के लिए कुछ है ना ही गरीबों के लिए। किसानों की MSP गारंटी पर भी एक शब्द नहीं बोला गया। पांच राज्यों मे किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे लेकिन उसका क्या आधार होगा, इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा गया कि वो राज्य कौन से होंगे और क्या लिमिट रहेगी।
पंजाब में SGPC मेंबरों का भी सुखबीर को मिला साथ:106 सदस्यों ने प्रधान में जताया विश्वास, पार्टी को कमजोर करने वालों पर हुआ मंथन
पंजाब में SGPC मेंबरों का भी सुखबीर को मिला साथ:106 सदस्यों ने प्रधान में जताया विश्वास, पार्टी को कमजोर करने वालों पर हुआ मंथन शिरोमणि अकाली दल (SAD) में चल रही बगावत के बीच आज प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने SGPC मेंबर से मीटिंग की। मीटिंग में कुल 106 मेंबर हाजिर हुए। मीटिंग में सभी सदस्यों ने सुखबीर सिंह बादल की प्रधानगी में भरोसा जताया। साथ ही पार्टी के साथ खड़ा होने का भरोसा दिया। यह दावा पार्टी के सीनियर नेता व प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने किया। उन्होंने बताया कि शिरोमणि अकाली दल को दिल्ली की शह पर कमजोर करने में लगे लोगों के प्रति भी मेंबरों ने अपनी राय रखी। वहीं, इस दौरान राजस्थान में सिख छात्रा को पेपर में अपीयर न होने देने व हिमाचल में हुए घटनाओं संबंधी विचार विमर्श किया गया। एसजीपीसी चुनाव को लेकर भी रणनीति बनी। बागी ग्रुप की मंशा आ गई सामने चीमा ने कहा कि बागी ग्रुप की मंशा आज सामने आ गई है। वह जालंधर उप चुनाव में पार्टी की छवि खराब करना चाहते थे। उन्होंने अकाली दल के एक पुराने परिवार की स्थिति ऐसी कर दी, जिसकी वजह से परिवार आप में चला गया। उन्होंने कहा कि इस हलके में बीजेपी के साथ समझौता होने से हम कमजोर थे। ऐसे में यह हलका बसपा को देने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा किसी भी परिवार के साथ इस तरह का काम नहीं करना चाहिए था। चुनाव नतीजों के बाद शुरू हुई बगावत पार्टी के अंदर बगावत के सुर लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद उठे थे। क्योंकि चुनाव में शिअद नेता व पार्टी प्रधान की पत्नी हरसिमरत कौर बादल के अलावा कोई भी चुनाव में जीत नहीं पाया। इसके बाद पार्टी ने चंडीगढ़ में कोर कमेटी की मीटिंग बुलाई। उससे पहले ही सुखबीर बादल की प्रधानगी को लेकर सवाल उठाए गए। हालांकि मीटिंग में सुखबीर के पक्ष में सब कुछ रहा, लेकिन जालंधर चुनाव के लिए अकाली दल के उम्मीदवार को लेकर विरोध हुआ। उम्मीदवार के नामांकन के बाद बसपा को सीट छोड़ दी गई। इसके बाद पार्टी की अंदर चल रही जंग बाहर आ गई। बागी गुट ने चार गलतियों के लिए माफी मांगी अकाली दल का बागी गुट सोमवार को अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा था। यहां उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के आगे पेश होकर माफीनामा दिया। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों पर माफी मांगी गई है। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई है। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई है। उन्होंने बागी गुट ने तलवंडी साबो स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से भी मुलाकात की थी। इस दल में प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, जागीर कौर समेत कई अकाली नेता शामिल है।