अमृतसर नगर निगम चुनाव में 40 सीटें जीतने के बावजूद अभी तक कांग्रेस मेयर का नाम फाइनल नहीं कर पाई है। आज कांग्रेस के प्रदेश प्रधान राजा वडिंग और नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा अमृतसर पहुंच रहे हैं, जो नगर निगम मेयर के लिए राजकंवल प्रीत सिंह लक्की या फिर विकास सोनी के नाम पर मुहर लगा सकते हैं। विधानसभा भी है टारगेट जो भी अमृतसर का मेयर होगा वह विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को मजबूती देगा। अगर ईमानदार छवि रहेगी और नगर निगम की आम समस्याएं बखूबी हल होंगी तो कांग्रेस को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। कांग्रेस 2027 के विधानसभा चुनावों की लड़ाई भी मेयर के कंधों पर लड़ सकती है। कल भी रहेगा बैठकों का दौर आज कांग्रेस के प्रधान राजा वडिंग और नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा पहुंच रहे हैं, तो कल आब्जर्वर हरीश चौधरी पहुंच रहे हैं। आज मेयर के नाम पर मुहर लगने के बावजूद कांग्रेस को अभी पांच कौंसलरों का सपोर्ट चाहिए। बता दें कि, चुनावी नतीजों में कांग्रेस को 85 में से 40 सीटें मिलीं थीं। जिसके बाद वार्ड नंबर 64 से विजेता रहे। आजाद कौंसलर नीतू टांगरी ने भी कांग्रेस को सपोर्ट किया है। वहीं आम आदमी पार्टी को 24, भाजपा को 9 और अकाली दल 4 पार्षद सीट मिली हैं, जबकि आजाद 8 जीते। ऐसे में कांग्रेस और AAP ही हाउस गठन के लिए आमने-सामने हैं। आम आदमी पार्टी जहां आजाद और अकाली दल को लुभाने में लगी है, वहीं कांग्रेसी खेमें में भी सेंधमारी की जुगत भिड़ा रही है। दूसरी तरफ पुराने कांग्रेसी रहे विजेताओं और आजाद पार्षदों से संपर्क कर रही है। मेयर के लिए पहली पसंद राजकंवल लक्की मेयर के नाम के लिए शहरवासियों की पहली पसंद राजकंवल प्रीत सिंह लक्की हैं। राजकंवल चौथी बार पार्षद बने हैं और पहली बार में ही उनकी बेटी भी 9 नंबर वार्ड से पार्षद बनी हैं। राजकंवल एक ईमानदार छवि है जिसका फायदा कांग्रेस को शहर में अपनी छवि मजबूत बनाने के लिए मिल सकता है। वहीं शहर में इस समय नगर निगम की कारगुजारी से लोग परेशान है लेकिन अगर राजकंवल लक्की मेयर बनते हैं तो बहुत हद तक यह समस्याएं हल हो सकती हैं, क्योंकि वार्ड नंबर 14 में तीन बार पार्षद रहे लक्की ने अपनी जेब से पैसे खर्च कर कई बार काम करवाए हैं। लक्की कांग्रेस के किसानों के समर्थन में दिल्ली में किए गए धरने में भी लगातार शामिल रहे हैं, वहीं लक्की पंजाब वाटर सीवर सप्लाई बोर्ड के सीनियर वाइस चेयरमैन रहे हैं और अमृतसर प्लानिंग कमेटी के भी चेयरमैन रहे हैं। 2012 से 2017 तक लक्की नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं। विकास सोनी भी है दौड़ में शामिल दूसरी तरफ पूर्व डिप्टी सीएम ओम प्रकाश सोनी के भतीजे विकास सोनी भी दौड़ में शामिल हैं। विकास सोनी दूसरी बार पार्षद हैं और कांग्रेस के कई पार्षदों का साथ उनके साथ है। विकास सोनी के लिए शहर के लोग भी चर्चा कर रहे हैं और वह कांग्रेस के जिला य़ूथ प्रधान भी रहे हैं। विकास सोनी ने भी वार्ड की कई समस्याओं को हल करवाया है और उनके इलाके के लोग उन्हें पसंद भी करते हैं। अमृतसर नगर निगम चुनाव में 40 सीटें जीतने के बावजूद अभी तक कांग्रेस मेयर का नाम फाइनल नहीं कर पाई है। आज कांग्रेस के प्रदेश प्रधान राजा वडिंग और नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा अमृतसर पहुंच रहे हैं, जो नगर निगम मेयर के लिए राजकंवल प्रीत सिंह लक्की या फिर विकास सोनी के नाम पर मुहर लगा सकते हैं। विधानसभा भी है टारगेट जो भी अमृतसर का मेयर होगा वह विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को मजबूती देगा। अगर ईमानदार छवि रहेगी और नगर निगम की आम समस्याएं बखूबी हल होंगी तो कांग्रेस को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। कांग्रेस 2027 के विधानसभा चुनावों की लड़ाई भी मेयर के कंधों पर लड़ सकती है। कल भी रहेगा बैठकों का दौर आज कांग्रेस के प्रधान राजा वडिंग और नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा पहुंच रहे हैं, तो कल आब्जर्वर हरीश चौधरी पहुंच रहे हैं। आज मेयर के नाम पर मुहर लगने के बावजूद कांग्रेस को अभी पांच कौंसलरों का सपोर्ट चाहिए। बता दें कि, चुनावी नतीजों में कांग्रेस को 85 में से 40 सीटें मिलीं थीं। जिसके बाद वार्ड नंबर 64 से विजेता रहे। आजाद कौंसलर नीतू टांगरी ने भी कांग्रेस को सपोर्ट किया है। वहीं आम आदमी पार्टी को 24, भाजपा को 9 और अकाली दल 4 पार्षद सीट मिली हैं, जबकि आजाद 8 जीते। ऐसे में कांग्रेस और AAP ही हाउस गठन के लिए आमने-सामने हैं। आम आदमी पार्टी जहां आजाद और अकाली दल को लुभाने में लगी है, वहीं कांग्रेसी खेमें में भी सेंधमारी की जुगत भिड़ा रही है। दूसरी तरफ पुराने कांग्रेसी रहे विजेताओं और आजाद पार्षदों से संपर्क कर रही है। मेयर के लिए पहली पसंद राजकंवल लक्की मेयर के नाम के लिए शहरवासियों की पहली पसंद राजकंवल प्रीत सिंह लक्की हैं। राजकंवल चौथी बार पार्षद बने हैं और पहली बार में ही उनकी बेटी भी 9 नंबर वार्ड से पार्षद बनी हैं। राजकंवल एक ईमानदार छवि है जिसका फायदा कांग्रेस को शहर में अपनी छवि मजबूत बनाने के लिए मिल सकता है। वहीं शहर में इस समय नगर निगम की कारगुजारी से लोग परेशान है लेकिन अगर राजकंवल लक्की मेयर बनते हैं तो बहुत हद तक यह समस्याएं हल हो सकती हैं, क्योंकि वार्ड नंबर 14 में तीन बार पार्षद रहे लक्की ने अपनी जेब से पैसे खर्च कर कई बार काम करवाए हैं। लक्की कांग्रेस के किसानों के समर्थन में दिल्ली में किए गए धरने में भी लगातार शामिल रहे हैं, वहीं लक्की पंजाब वाटर सीवर सप्लाई बोर्ड के सीनियर वाइस चेयरमैन रहे हैं और अमृतसर प्लानिंग कमेटी के भी चेयरमैन रहे हैं। 2012 से 2017 तक लक्की नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं। विकास सोनी भी है दौड़ में शामिल दूसरी तरफ पूर्व डिप्टी सीएम ओम प्रकाश सोनी के भतीजे विकास सोनी भी दौड़ में शामिल हैं। विकास सोनी दूसरी बार पार्षद हैं और कांग्रेस के कई पार्षदों का साथ उनके साथ है। विकास सोनी के लिए शहर के लोग भी चर्चा कर रहे हैं और वह कांग्रेस के जिला य़ूथ प्रधान भी रहे हैं। विकास सोनी ने भी वार्ड की कई समस्याओं को हल करवाया है और उनके इलाके के लोग उन्हें पसंद भी करते हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में बर्फबारी देखने टूरिस्टों की भीड़ पहुंची:48 घंटे में 80 हजार गाड़ियों में 3 लाख टूरिस्ट आ चुके; शिमला और कुल्लू-मनाली फेवरेट जगह हिमाचल में बर्फबारी देखने के लिए टूरिस्टों की भीड़ पहुंचने लगी है। हालात यह हैं कि 24 से 26 दिसंबर यानी महज 48 घंटे में प्रदेश में 81 हजार गाड़ियों में 3 लाख टूरिस्ट हिमाचल पहुंच चुके हैं। ज्यादा टूरिस्ट शिमला पहुंचे हैं। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक यहां 65 हजार गाड़ियों में पौने 2 लाख टूरिस्ट आ चुके हैं। दूसरे नंबर पर कुल्लू जिला है। जहां पिछले 2 दिन में 16 हजार गाड़ियों में करीब सवा लाख टूरिस्ट पहुंच चुके हैं। जो कुल्लू और मनाली के अलावा आसपास के पर्यटन स्थलों पर भी पहुंच रहे हैं। एक तरफ नारकंडा, महासू पीक, कुफरी में टूरिस्ट पैरा ग्लाइडिंग, स्नो-बाइक राइडिंग, स्कीइंग, घुड़सवारी, यॉक की सवारी कर रहे हैं तो दूसरी तरफ शिमला के महासू पीक से दूरबीन के जरिए हिमाचल से लगते चीन बॉर्डर और सामने बर्फ से ढ़की हिमालय रेंज को देख रहे हैं। मौसम विभाग ने 28 दिसंबर तक हैवी-स्नोफॉल का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसे देखते हुए पुलिस ने टूरिस्टों को ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी है। बर्फबारी देखने हिमाचल आने वालों के लिए 3 जरूरी जानकारी… 1. NH-5 से पहुंचे शिमला-कुफरी और नारकंडा टूरिस्ट चंडीगढ़-शिमला-किन्नौर नेशनल हाइवे-5 से शिमला में बर्फबारी वाली जगहों पर पहुंच सकते हैं। कुफरी, नारकंडा, फागू में भी पर्यटकों के ठहरने व खाने पीने की उचित व्यवस्था है। पर्यटक चाहें तो रात में ठहरने के लिए वापस शिमला भी लौट सकते हैं। शिमला, नारकंडा और कुफरी में इन दिनों होटलो में 1200 रुपए से लेकर 8000 रुपए तक के कमरे उपलब्ध हैं। 2. कुल्लू-मनाली के लिए चंडीगढ़-मनाली एनएच से पहुंचे
कुल्लू में सबसे ज्यादा टूरिस्ट सोलंग नाला और अंजनी महादेव पहुंच रहे हैं। यहां चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे से पहुंच सकते हैं। सोलंग नाला में पैराग्लाइडिंग के साथ मोटर बाइकिंग और घुड़सवारी भी कर सकते हैं। सोलंग नाला मनाली से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सोलंग नाला से पाथरू तक रोपवे भी बना हुआ है। यहां होटलों में 1200 रुपए से लेकर 4500 रुपए तक कमरे उपलब्ध हैं। इससे आगे अटल टनल रोहतांग तक सिर्फ 4X4 व्हीकल ही जा सकते हैं। 3. लाहौल स्पीति पागल नाला समेत 5 जगहों पर बर्फ
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लुधियाना में 19 उम्मीदवार नहीं लड़ पाएंगे निकाय चुनाव:बीजेपी-शिअद और कांग्रेस के उम्मीदवार शामिल; नामांकन रद्द, फाइल वापस लेने की आखिरी तारीख आज पंजाब के लुधियाना में 21 दिसंबर को नगर निगम चुनाव हैं। सभी राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। सभी उम्मीदवारों ने 12 दिसंबर को नामांकन पत्र दाखिल कर दिए हैं। चुनाव आयोग द्वारा देर रात जिला प्रशासन को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार कुल 19 उम्मीदवारों के नामांकन रद्द किए गए हैं। इन उम्मीदवारों में भाजपा के 4, शिअद के 3 और कांग्रेस का 1 उम्मीदवार शामिल है। आज नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन है। फिलहाल चुनावी मैदान में कुल 663 उम्मीदवार बचे हैं। नामांकन दाखिल करने वालों के कागजात की जब जांच की गई तो कुछ कागजातों में कमियां बताते हुए नामांकन रद्द कर दिए गए। रद्द किए गए उम्मीदवारों में भाजपा के वार्ड नंबर 5, वार्ड नंबर 32, वार्ड नंबर 45, वार्ड नंबर 85 के उम्मीदवार शामिल हैं। शिअद के वार्ड नंबर 12, 17 और 24 के उम्मीदवारों के नामांकन भी रद्द किए गए हैं। इसी प्रकार, वार्ड नंबर 34 से कांग्रेस उम्मीदवार अनमोल दत्त का नामांकन भी कागजात में कमियां पाए जाने के बाद खारिज कर दिया गया, जबकि अनमोल दत्त के भाई ने कविंदर उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया था, जो सही पाया गया। चुनाव खर्च की सीमा तय, 1 महीने में देना होगा ब्यौरा इस बार आयोग ने निकाय चुनाव के दौरान किए जाने वाले खर्च की सीमा भी तय कर दी है। इसके तहत नगर निगम के लिए चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार 4 लाख रुपए तक खर्च कर सकेगा। इसी तरह नगर परिषद वर्ग 1 के लिए खर्च की सीमा 3 लाख 60 हजार रुपए तय की गई है। नगर परिषद में वर्ग 2 के लिए 2 लाख 30 हजार और वर्ग 3 के लिए 2 लाख की सीमा रहेगी। हर उम्मीदवार को चुनाव खत्म होने के 30 दिन के अंदर खर्च का ब्यौरा देना होगा। हर नगर निगम में एक सामान्य पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाएगा।