हम छोटी जाति के, इसलिए सुनवाई नहीं हुई:संसद के सामने आत्मदाह करने वाला 95% जला; बागपत के लॉ स्टूडेंट के घर से रिपोर्ट

हम छोटी जाति के, इसलिए सुनवाई नहीं हुई:संसद के सामने आत्मदाह करने वाला 95% जला; बागपत के लॉ स्टूडेंट के घर से रिपोर्ट

संसद के सामने बागपत के जितेंद्र ने बुधवार को खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। आग लगने की वजह से वह 95% जल गया। उसका इलाज दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में चल रहा है। हालत गंभीर बनी हुई है। उसके परिवार के लोगों का कहना है, गांव के दबंगों ने हम लोगों को परेशान कर दिया है। वो लोग बेटों पर गंदे कमेंट करते। इसी से परेशान होकर जितेंद्र ने ये कदम उठा लिया। भास्कर टीम पीड़ित के घर पहुंची, मामले की सच्चाई जानने की कोशिश की जितेंद्र का घर बागपत जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर छपरौली में है। ये बागपत का एक कस्बा है। जहां 50% ऊंची जाति के लोग रहते हैं। बाकी 50% में दलित-पिछड़ा और अन्य जाति के लोग रहते हैं। जितेंद्र (35) के घर में दो बड़े भाई (रवींद्र ओर शीलू), मां ओमी और पिता महिपाल हैं। तीन बहनों की शादी हो चुकी है। जितेंद्र अभी एलएलबी, फर्स्ट ईयर का छात्र है। जिस विवाद की वजह से जितेंद्र ने सुसाइड की कोशिश की। वो साल 2021 में शुरू हुआ था। परिवार वाले दिल्ली पहुंचे जितेंद्र के आत्मदाह करने की खबर मिलते ही उसकी मां, पिता और भाई रवींद्र दिल्ली चले गए। घर पर शीलू, तीनों बहनें और कुछ रिश्तेदार रुके हुए हैं। मोहल्ले के लोग भी घर के अंदर और बाहर बैठे हुए मिले। सभी लोग जितेंद्र के आत्मदाह करने की चर्चा ही कर रहे हैं। जिनसे लड़ाई, वो ऊंची जाति वाले जितेंद्र के भाई शीलू से हमने पूरे मामले की जानकारी ली। उसने हमें बताया, हम लोग दलित परिवार से हैं। हमारे विपक्षी ऊंची जाति वाले हैं। तभी हमारी सुनवाई नहीं हो रही। हमारे पड़ोसी विक्की ने साल 2020 में अवैध शराब बेचना शुरू कर दिया। वो घर से ये काम करता था। जिसकी वजह से मोहल्ले का माहौल खराब रहता था। हम लोग इसका विरोध करते थे, फिर भी वो नहीं मान रहा था। उसको अपने चचेरे भाई कविंदर का संरक्षण मिला हुआ था। जो कि होमगार्ड था। वे दोनों दबंगई के साथ शराब बेचने का काम कर रहे थे। पिता के साथ रोड पर मारपीट की इसी झगड़े को लेकर विक्की ने साल 2021 में मेरे पापा महिपाल के साथ सड़क पर मारपीट की थी। हमने इस मामले में पुलिस से शिकायत की। लेकिन हमारा केस दर्ज नहीं किया गया। पुलिस ने उल्टा जितेंद्र और पापा के ऊपर ही मारपीट का केस दर्ज कर दिया। वो लोग हमेशा हमारे परिवार पर दबाव बनाकर रखते। हम लोग घर से निकलते तो हम पर कमेंट करते। दबंगों ने पापा-जितेंद्र को जेल भिजवाया जितेंद्र को यह सब खराब लगता था। साल 2022 में दबंगों ने फिर से हमारे परिवार के साथ मारपीट की। लेकिन इस बार भी केस हम लोगों पर ही दर्ज हुआ। मतलब हम लोग मार भी खाते थे। दूसरा यह कि, पुलिस भी हमें ही गाली देती थी। हम लोग इस चीज से बहुत परेशान थे। धीरे-धीरे हमारा यहां रहना मुश्किल हो रहा था। जितेंद्र के भाई ने बताया- हम लोग गरीब परिवार से हैं। भट्टे पर काम करके घर चलाते हैं। लेकिन ये लोग हमें काम ही नहीं करने देते थे। एक बार तो इन लोगों ने जितेंद्र और पापा को जेल भी भिजवा दिया था। साल 2024 मई में जब हमने विक्की और उसके भाई पर मारपीट का केस दर्ज करवाया तो पुलिस ने दोनों को थाने से ही जमानत दे दी थी। हफ्ते भर से काफी परेशान था जितेंद्र जितेंद्र के भाई के मुताबिक, पुलिस हमारी सुनवाई नहीं कर रही थी। इससे विक्की और उसके होमगार्ड भाई को और बल मिल रहा था। वो लोग खुलेआम हम लोगों को धमकाते। कहते- तुम लोग हमारा कुछ नहीं कर पाओगे। जितेंद्र को ये सब ज्यादा परेशान करते थे। 1 हफ्ते से वो बहुत परेशान था। घर में वो किसी से बात नहीं कर रहा था। खाना भी कम खाता था। दिल्ली जाने की बात उसने घर पर बताई थी। लेकिन, ये नहीं पता था कि वो खुद को आग लगाने जा रहा है। हमको तो दिल्ली पुलिस ने फोन करके घटना की जानकारी दी। विपक्षी पक्ष ने बात करने से मना किया जिन लोगों से जितेंद्र के परिवार का विवाद चल रहा है, उनका घर जितेंद्र के घर से 200 मीटर की दूरी पर है। दैनिक भास्कर की टीम उनके घर भी पहुंची। लेकिन उन लोगों ने बात करने से साफ मना कर दिया। कोर्ट में चार्जशीट भेजी गई है- एसपी मामले में एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया- घटना की जानकारी के बाद हम लोगों ने जितेंद्र के परिवार से संपर्क किया है। जितेंद्र और उसके परिवार पर मारपीट के केस साल 2021 और 2022 में दर्ज किए गए थे। साल 2024 में जितेंद्र के परिवार ने भी मारपीट का केस दर्ज करवाया है। इन सभी मामलों में कोर्ट में चार्जशीट भेजी गई है। वहां कार्रवाई चल रही है। समाज कल्याण विभाग द्वारा जितेंद्र के परिजनों को आर्थिक धनराशि अनुदान के रूप में दी जा रही है। मामले की जांच के लिए एडिशनल एसपी को भी आदेश दिया गया है। ———————————- यह खबर भी पढ़ें- पीलीभीत के होटल हरजी में रुके थे तीनों खालिस्तानी आतंकी:खुद को बलिया का बताया, कमरा नंबर 105 में 25 घंटे ठहरे, तीन मददगारों की तलाश पीलीभीत में 3 खालिस्तानी आतंकियों के एनकाउंटर के बाद पुलिस टीम उस होटल तक पहुंच चुकी है, जहां तीनों रुके हुए थे। पूरनपुर कस्बे के होटल हर जी में तीनों आतंकी 25 घंटे रहे थे। होटल में एंट्री लेते वक्त का CCTV भी सामने आया है। तीनों आंतकवादियों के साथ और 2 युवक भी दिख रहे हैं। इन्हें होटल में ठहराने के लिए किसी व्यक्ति का मैनेजर को फोन भी आया था। उसी व्यक्ति ने तीनों की फेक आईडी होटल के नंबर पर वॉट्सऐप की थी। होटल का किराया भी कम कराया था। यहां पढ़ें पूरी खबर संसद के सामने बागपत के जितेंद्र ने बुधवार को खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। आग लगने की वजह से वह 95% जल गया। उसका इलाज दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में चल रहा है। हालत गंभीर बनी हुई है। उसके परिवार के लोगों का कहना है, गांव के दबंगों ने हम लोगों को परेशान कर दिया है। वो लोग बेटों पर गंदे कमेंट करते। इसी से परेशान होकर जितेंद्र ने ये कदम उठा लिया। भास्कर टीम पीड़ित के घर पहुंची, मामले की सच्चाई जानने की कोशिश की जितेंद्र का घर बागपत जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर छपरौली में है। ये बागपत का एक कस्बा है। जहां 50% ऊंची जाति के लोग रहते हैं। बाकी 50% में दलित-पिछड़ा और अन्य जाति के लोग रहते हैं। जितेंद्र (35) के घर में दो बड़े भाई (रवींद्र ओर शीलू), मां ओमी और पिता महिपाल हैं। तीन बहनों की शादी हो चुकी है। जितेंद्र अभी एलएलबी, फर्स्ट ईयर का छात्र है। जिस विवाद की वजह से जितेंद्र ने सुसाइड की कोशिश की। वो साल 2021 में शुरू हुआ था। परिवार वाले दिल्ली पहुंचे जितेंद्र के आत्मदाह करने की खबर मिलते ही उसकी मां, पिता और भाई रवींद्र दिल्ली चले गए। घर पर शीलू, तीनों बहनें और कुछ रिश्तेदार रुके हुए हैं। मोहल्ले के लोग भी घर के अंदर और बाहर बैठे हुए मिले। सभी लोग जितेंद्र के आत्मदाह करने की चर्चा ही कर रहे हैं। जिनसे लड़ाई, वो ऊंची जाति वाले जितेंद्र के भाई शीलू से हमने पूरे मामले की जानकारी ली। उसने हमें बताया, हम लोग दलित परिवार से हैं। हमारे विपक्षी ऊंची जाति वाले हैं। तभी हमारी सुनवाई नहीं हो रही। हमारे पड़ोसी विक्की ने साल 2020 में अवैध शराब बेचना शुरू कर दिया। वो घर से ये काम करता था। जिसकी वजह से मोहल्ले का माहौल खराब रहता था। हम लोग इसका विरोध करते थे, फिर भी वो नहीं मान रहा था। उसको अपने चचेरे भाई कविंदर का संरक्षण मिला हुआ था। जो कि होमगार्ड था। वे दोनों दबंगई के साथ शराब बेचने का काम कर रहे थे। पिता के साथ रोड पर मारपीट की इसी झगड़े को लेकर विक्की ने साल 2021 में मेरे पापा महिपाल के साथ सड़क पर मारपीट की थी। हमने इस मामले में पुलिस से शिकायत की। लेकिन हमारा केस दर्ज नहीं किया गया। पुलिस ने उल्टा जितेंद्र और पापा के ऊपर ही मारपीट का केस दर्ज कर दिया। वो लोग हमेशा हमारे परिवार पर दबाव बनाकर रखते। हम लोग घर से निकलते तो हम पर कमेंट करते। दबंगों ने पापा-जितेंद्र को जेल भिजवाया जितेंद्र को यह सब खराब लगता था। साल 2022 में दबंगों ने फिर से हमारे परिवार के साथ मारपीट की। लेकिन इस बार भी केस हम लोगों पर ही दर्ज हुआ। मतलब हम लोग मार भी खाते थे। दूसरा यह कि, पुलिस भी हमें ही गाली देती थी। हम लोग इस चीज से बहुत परेशान थे। धीरे-धीरे हमारा यहां रहना मुश्किल हो रहा था। जितेंद्र के भाई ने बताया- हम लोग गरीब परिवार से हैं। भट्टे पर काम करके घर चलाते हैं। लेकिन ये लोग हमें काम ही नहीं करने देते थे। एक बार तो इन लोगों ने जितेंद्र और पापा को जेल भी भिजवा दिया था। साल 2024 मई में जब हमने विक्की और उसके भाई पर मारपीट का केस दर्ज करवाया तो पुलिस ने दोनों को थाने से ही जमानत दे दी थी। हफ्ते भर से काफी परेशान था जितेंद्र जितेंद्र के भाई के मुताबिक, पुलिस हमारी सुनवाई नहीं कर रही थी। इससे विक्की और उसके होमगार्ड भाई को और बल मिल रहा था। वो लोग खुलेआम हम लोगों को धमकाते। कहते- तुम लोग हमारा कुछ नहीं कर पाओगे। जितेंद्र को ये सब ज्यादा परेशान करते थे। 1 हफ्ते से वो बहुत परेशान था। घर में वो किसी से बात नहीं कर रहा था। खाना भी कम खाता था। दिल्ली जाने की बात उसने घर पर बताई थी। लेकिन, ये नहीं पता था कि वो खुद को आग लगाने जा रहा है। हमको तो दिल्ली पुलिस ने फोन करके घटना की जानकारी दी। विपक्षी पक्ष ने बात करने से मना किया जिन लोगों से जितेंद्र के परिवार का विवाद चल रहा है, उनका घर जितेंद्र के घर से 200 मीटर की दूरी पर है। दैनिक भास्कर की टीम उनके घर भी पहुंची। लेकिन उन लोगों ने बात करने से साफ मना कर दिया। कोर्ट में चार्जशीट भेजी गई है- एसपी मामले में एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया- घटना की जानकारी के बाद हम लोगों ने जितेंद्र के परिवार से संपर्क किया है। जितेंद्र और उसके परिवार पर मारपीट के केस साल 2021 और 2022 में दर्ज किए गए थे। साल 2024 में जितेंद्र के परिवार ने भी मारपीट का केस दर्ज करवाया है। इन सभी मामलों में कोर्ट में चार्जशीट भेजी गई है। वहां कार्रवाई चल रही है। समाज कल्याण विभाग द्वारा जितेंद्र के परिजनों को आर्थिक धनराशि अनुदान के रूप में दी जा रही है। मामले की जांच के लिए एडिशनल एसपी को भी आदेश दिया गया है। ———————————- यह खबर भी पढ़ें- पीलीभीत के होटल हरजी में रुके थे तीनों खालिस्तानी आतंकी:खुद को बलिया का बताया, कमरा नंबर 105 में 25 घंटे ठहरे, तीन मददगारों की तलाश पीलीभीत में 3 खालिस्तानी आतंकियों के एनकाउंटर के बाद पुलिस टीम उस होटल तक पहुंच चुकी है, जहां तीनों रुके हुए थे। पूरनपुर कस्बे के होटल हर जी में तीनों आतंकी 25 घंटे रहे थे। होटल में एंट्री लेते वक्त का CCTV भी सामने आया है। तीनों आंतकवादियों के साथ और 2 युवक भी दिख रहे हैं। इन्हें होटल में ठहराने के लिए किसी व्यक्ति का मैनेजर को फोन भी आया था। उसी व्यक्ति ने तीनों की फेक आईडी होटल के नंबर पर वॉट्सऐप की थी। होटल का किराया भी कम कराया था। यहां पढ़ें 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