करनाल जिले की असंध विधानसभा के पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता शमशेर सिंह गोगी ने केंद्र सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को नमन करते हुए कहा कि एक ईमानदार और काबिल प्रधानमंत्री होने के बावजूद डॉ. मनमोहन सिंह को वह मान-सम्मान नहीं दिया गया, जो दूसरे प्रधान मंत्रियों को मिलता रहा है। गोगी ने कहा कि निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार करना मौजूदा सरकार, पार्टी और प्रधानमंत्री की सोच को दर्शाता है। यह निर्णय उनकी असुरक्षा की भावना और अपने फैसलों को दूसरों पर थोपने की प्रवृत्ति को दर्शाता है। गोगी ने इस मुद्दे पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का व्यवहार न केवल सरकार की मानसिकता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि मौजूदा नेतृत्व अपने निर्णयों में व्यक्तिगत दृष्टिकोण को प्राथमिकता देता है। कांग्रेस के बड़े नेताओं पर गोगी का तंज प्रदेश अध्यक्ष उदयभान की प्रभारियों वाली लिस्ट पर प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया द्वारा अंकुश लगाने के सवाल पर गोगी ने इसे दोनों नेताओं की ईगो प्रॉब्लम बताया। उन्होंने कहा कि इलेक्शन से पहले भी ये ही दोनों नेता थे और आज भी वे ही दोनों नेता है, इसलिए दोनों बैठकर आपस में प्यार से बात कर लें। कांग्रेस के कार्यकर्ता पहले ही परेशान है, उन्हें और परेशान करने की जरूरत ही नहीं है। ऐसे ऐसे कंफ्यूजन पैदा करने की क्या जरूरत है। लिस्ट में शैलजा गुट का कोई नेता नहीं था, हो सकता है इसलिए लिस्ट को रोक दिया गया है? गोगी ने कहा कि इससे क्या फर्क पड़ता है। पहले भी जो प्रभारी थे, उनमें भी कोई नेता नहीं था। पहले भी कांग्रेस को उस तरफ ले जा रहे थे, आज भी कांग्रेस उस तरफ जा रही है। हाईकमान को इस पर थोड़ा सख्त सा एक्शन लेकर सब कुछ नए सिरे से करना चाहिए और संगठन को बनाकर संगठन को मजबूत करने की कवायद शुरू करनी चाहिए। सिंबल पर चुनाव लड़ना चाहिए गोगी ने कहा कि मेरी पर्सनल सलाह है कि आने वाले निगम चुनावों में कांग्रेस को सिंबल पर चुनाव लड़ना चाहिए। एक मजबूत टीम तैयार हो और उसे कार्य करना चाहिए। अब तो यह भी पता चल चुका है कि कहां पर जरनल है और कहां पर रिजर्व सीट है। जब बीजेपी के खिलाफ लड़ेंगे तभी तो बीजेपी हारेगी। सिंबल पर लड़ेंगे तो पार्टी का वर्कर भी मिलेगा और कार्यकर्ता का हौसला भी बढ़ेगा, जीत हार तो एक अलग चीज है। क्या अब भी लगता है कि ईवीएम एक धोखा है, क्योंकि करण दलाल यह बात कह रहे है? करण दलाल के बयान को लेकर गोगी ने कहा कि मैं बात का विरोध नहीं करता। क्योंकि बीजेपी जब पेगासस चला सकती है तो EVM क्या चीज है। EVM हैक हो सकती है यह भी एक फैक्टर है। अब EVM को छोड़कर जनता के बीच जाना चाहिए। हम तो छाज है, छलनी ढूंढनी पड़ेगी इंदूराज के छाज बोले छालनी भी बोले वाले कटाक्ष पर गोगी ने कहा कि वो अपना बच्चा है और छोटा भाई है। वह ऐसा क्यों बोल रहा है, यह पता नहीं। हम तो छाज है, छलनी ढूंढनी पड़ेगी। गोगी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा हिटलर के रास्ते पर चल रही है और देश का नाश करने में लगी हुई है। बाबा साहेब पर भी ये लाेग टिप्पणियां कर रहे है। इन लोगों ने जनता को गुमराह करना है और सत्ता में बने रहने के लिए ये कुछ भी कर सकते है। करनाल जिले की असंध विधानसभा के पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता शमशेर सिंह गोगी ने केंद्र सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को नमन करते हुए कहा कि एक ईमानदार और काबिल प्रधानमंत्री होने के बावजूद डॉ. मनमोहन सिंह को वह मान-सम्मान नहीं दिया गया, जो दूसरे प्रधान मंत्रियों को मिलता रहा है। गोगी ने कहा कि निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार करना मौजूदा सरकार, पार्टी और प्रधानमंत्री की सोच को दर्शाता है। यह निर्णय उनकी असुरक्षा की भावना और अपने फैसलों को दूसरों पर थोपने की प्रवृत्ति को दर्शाता है। गोगी ने इस मुद्दे पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का व्यवहार न केवल सरकार की मानसिकता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि मौजूदा नेतृत्व अपने निर्णयों में व्यक्तिगत दृष्टिकोण को प्राथमिकता देता है। कांग्रेस के बड़े नेताओं पर गोगी का तंज प्रदेश अध्यक्ष उदयभान की प्रभारियों वाली लिस्ट पर प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया द्वारा अंकुश लगाने के सवाल पर गोगी ने इसे दोनों नेताओं की ईगो प्रॉब्लम बताया। उन्होंने कहा कि इलेक्शन से पहले भी ये ही दोनों नेता थे और आज भी वे ही दोनों नेता है, इसलिए दोनों बैठकर आपस में प्यार से बात कर लें। कांग्रेस के कार्यकर्ता पहले ही परेशान है, उन्हें और परेशान करने की जरूरत ही नहीं है। ऐसे ऐसे कंफ्यूजन पैदा करने की क्या जरूरत है। लिस्ट में शैलजा गुट का कोई नेता नहीं था, हो सकता है इसलिए लिस्ट को रोक दिया गया है? गोगी ने कहा कि इससे क्या फर्क पड़ता है। पहले भी जो प्रभारी थे, उनमें भी कोई नेता नहीं था। पहले भी कांग्रेस को उस तरफ ले जा रहे थे, आज भी कांग्रेस उस तरफ जा रही है। हाईकमान को इस पर थोड़ा सख्त सा एक्शन लेकर सब कुछ नए सिरे से करना चाहिए और संगठन को बनाकर संगठन को मजबूत करने की कवायद शुरू करनी चाहिए। सिंबल पर चुनाव लड़ना चाहिए गोगी ने कहा कि मेरी पर्सनल सलाह है कि आने वाले निगम चुनावों में कांग्रेस को सिंबल पर चुनाव लड़ना चाहिए। एक मजबूत टीम तैयार हो और उसे कार्य करना चाहिए। अब तो यह भी पता चल चुका है कि कहां पर जरनल है और कहां पर रिजर्व सीट है। जब बीजेपी के खिलाफ लड़ेंगे तभी तो बीजेपी हारेगी। सिंबल पर लड़ेंगे तो पार्टी का वर्कर भी मिलेगा और कार्यकर्ता का हौसला भी बढ़ेगा, जीत हार तो एक अलग चीज है। क्या अब भी लगता है कि ईवीएम एक धोखा है, क्योंकि करण दलाल यह बात कह रहे है? करण दलाल के बयान को लेकर गोगी ने कहा कि मैं बात का विरोध नहीं करता। क्योंकि बीजेपी जब पेगासस चला सकती है तो EVM क्या चीज है। EVM हैक हो सकती है यह भी एक फैक्टर है। अब EVM को छोड़कर जनता के बीच जाना चाहिए। हम तो छाज है, छलनी ढूंढनी पड़ेगी इंदूराज के छाज बोले छालनी भी बोले वाले कटाक्ष पर गोगी ने कहा कि वो अपना बच्चा है और छोटा भाई है। वह ऐसा क्यों बोल रहा है, यह पता नहीं। हम तो छाज है, छलनी ढूंढनी पड़ेगी। गोगी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा हिटलर के रास्ते पर चल रही है और देश का नाश करने में लगी हुई है। बाबा साहेब पर भी ये लाेग टिप्पणियां कर रहे है। इन लोगों ने जनता को गुमराह करना है और सत्ता में बने रहने के लिए ये कुछ भी कर सकते है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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डेयरी से करोड़पति बना हरियाणा का युवक:एक गाय 67 लीटर दूध दे रही, अमूल-नेस्ले में भी बिक्री, हर महीने 20 लाख की कमाई
डेयरी से करोड़पति बना हरियाणा का युवक:एक गाय 67 लीटर दूध दे रही, अमूल-नेस्ले में भी बिक्री, हर महीने 20 लाख की कमाई जीवन में लक्ष्य बनाकर चलें तो मुकाम हासिल हो ही जाता है, इस कहावत को करनाल के गुढा गांव का रहने वाला गुरमेश उर्फ डिम्पल दहिया (35) ने सच साबित किया है। आठवीं क्लास पास करने के बाद जब गुरमेश ने पढ़ाई छोड़ी तो कई लोगों ने उसका मजाक उड़ाया, कई लोगों ने उससे ये तक कहा कि वो जीवन में कुछ नहीं कर पाएगा, लेकिन आज गुरमेश डेयरी फार्मिंग के जरिए करोड़पति बन गए हैं। 2004 में 10 गाय से एक डेयरी की शुरूआत करने वाले गुरमेश ने आज डेयरी फार्मिंग में महारत हासिल कर ली है। उनके पास इस समय 60 गाय हैं। कभी उनकी डेयरी में महज 100 लीटर दूध का उत्पादन होता था, लेकिन आज मिल्क प्रोडक्शन 1400 से 1500 लीटर प्रतिदिन है। इस दूध को वह नेस्ले और अमूल जैसी कंपनियों को सप्लाई करते हैं। जिससे वह हर महीने 15 से 20 लाख रुपए आराम से कमा लेते हैं। गुरमेश बताते हैं कि उन्होंने पशुपालन अपने पिता से सीखा है बचपन से ही वो अपने पिता के साथ काम में लगे रहते थे और उन्हें पशुपालन में हमेशा से ही रुचि रही है। वहीं, गुरमेश के पास ऐसी गाय भी है जो रोजाना 67 लीटर दूध देती है। डेयरी का आइडिया कहां से आया?
गुरमेश बताते हैं कि उनके पिता रणधीर सिंह पशुपालन का काम करते थे। 2004 से पहले हमारे पास 10-12 पशु होते थे। जिनमें भैंसे भी ओर गाय भी होती थीं। 2004 में हमने अपने डेयरी के काम को बढ़ाया। पास के गांव शेखपुरा खालसा से 11 हजार 400 रुपए की एचएफ नस्ल की गाय ली थी। जिसके नीचे 20 लीटर दूध था, उस समय 20 लीटर दूध देने वाली गाय को टॉप गाय की कैटेगरी में माना जाता था। 2006 में फिर हमने 29 हजार की एक और गाय ली, जो 30 लीटर दूध देती थी। हम बाहर से गाय खरीदते थे, इसलिए आइडिया यह आया कि क्यों न हम अपनी ही ब्रीड तैयार करें। जिसके बाद से डेयरी फार्मिंग की तरफ ओर भी ज्यादा रुझान हो गया। शुरुआत में क्या दिक्कतें आईं?
दूध का प्रोडक्शन और ब्रीड सुधार में इतना इंटरेस्ट बना की, घर पर पशु बांधने के लिए जगह ही कम पड़ गई थी। कोई बछिया चक्की से बांधनी पड़ती थी तो किसी को चारपाई के पावे से ही बांध दिया जाता। घर पर हमारे पास 25 से ज्यादा गाय हो चुकीं थी। भैंस में खर्च ज्यादा आता है आमदनी कम
गुरमेश बताते है कि वह शुरुआत से ही गाय पालते आ रहे हैं, उनके पास 55 एचएफ नस्ल की गाय हैं और 5 जर्सी नस्ल की गाय हैं। लोग कहते भी हैं कि भैंस भी पाल लिया करो, लेकिन भैंस पालने में खर्च ज्यादा आता है और दूध का प्रोडक्शन भी गाय के मुकाबले कम होता है। इसलिए शुरू से ही गाय की तरफ रुझान है। हमारे पास 36 दूधारू, 10 हिप्पर (पहली बार गर्भवती), 15 काफ गाय हैं जो 0 से एक साल के बीच की उम्र की होती हैं। सबसे महंगी गाय कितने की और किस नस्ल की?
गुरमेश ने के पास ऐसी गाय है जो 40 लीटर से ज्यादा दूध देती है। कुछ गाय ऐसी भी हैं जो 60 लीटर से ज्यादा दूध देती हैं। इसके अलावा एक गाय वो भी है, जो 67 लीटर दूध एक ही दिन में देती है। एचएफ नस्ल की इस गाय का दिन में तीन बार दूध निकालना पड़ता है। हालांकि इस गाय को खरीदने के लिए कई लोग 5 लाख रुपए तक देने को तैयार हैं लेकिन हमने ये गाय नहीं बेची। दरअसल वो अपनी इस गाय को पशु मेलों में होने वाली प्रतियोगिताओं के लिए तैयार कर रहे हैं। ब्रीड के लिए सांड किस नस्ल का? कहां से लाए?
गुरमेश बताते हैं ब्रीडिंग के लिए वह विदेशी कंपनियों के सीमन का इस्तेमाल करते हैं। जिसमें एचएफ (होलीस्टन फ्रिजियम सीमन), यूएसए की कंपनी डब्ल्युडब्ल्युएस (वर्ल्ड वाइड सीरीज) और यूएसए की एबीएस ग्लोबल नाम की कंपनी शामिल है। इसके अलावा वो नीदरलैंड की कंपनी सीआरवी, कनाडा की कंपनी सी- मेक्स से भी सीमन मंगाते है। गुजरात की एसईजी कंपनी के सीमन का यूज भी वो करते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि जिस तरह से डेयरी से आमदनी होती है उस हिसाब से खर्चे भी हैं। आमदनी का 60 फीसदी हिस्सा डेयरी में पशुओं पर ही खर्च हो जाता है। डेयरी फार्मिंग से कितनी कमाई होती है
गुरमेश के मुताबिक, वह अपनी डेयरी का दूध लॉकल में नहीं बेचते बल्कि अमूल और नेस्ले कंपनी को बेचते हैं। जहां पर उन्हें फैंट के हिसाब से दूध का रेट मिलता है। दूध उत्पादन भी सर्दियों और गर्मियों के अनुसार घटता बढ़ता रहता है। दूध घटने पर नुकसान होता है, लेकिन जब दूध सर्दियों में बढ़ता है तो थोड़ा फायदा होने लगता है। कंपनियों में दूध 38 रुपए से 40 रुपए के हिसाब से चला जाता है। पीक सीजन में उनकी डेयरी पर 1500 लीटर दूध का उत्पादन हो जाता है। दूध निकालने के लिए विदेशी मशीनें इस्तेमाल की जाती हैं। उनके पास 4 मशीने हैं लेकिन वह सिर्फ 2 मशीनों का इस्तेमाल करते हैं और दो घंटे में सारी गायों का दूध निकाल लेते हैं।
पानीपत जेल में बंदी की मौत:सीने में दर्द होने पर ले जा रहे थे अस्पताल; रास्ते में तोड़ दम, कुकर्म का था आरोपी
पानीपत जेल में बंदी की मौत:सीने में दर्द होने पर ले जा रहे थे अस्पताल; रास्ते में तोड़ दम, कुकर्म का था आरोपी हरियाणा में पानीपत के गांव सिवाह स्थित जिला जेल में बंद एक बंदी की मौत हो गई। दरअसल, तीन दिन पहले ही उसे जेल में बंद किया गया था। शनिवार दोपहर को उसके सीने में दर्द हुआ। जेल में उसे प्राथमिक उपचार दिया गया। लेकिन ठीक नहीं होने पर उसे तुरंत सिविल अस्पताल के लिए लेकर जा रहे थे। रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। पुलिस उसे लेकर सिविल अस्पताल पहुंची, तो यहां चेकअप के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव का पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवा दिया गया है। पुलिस मामले की आगामी कार्रवाई में जुटी हुई है। भाई का आरोप- गांव वालों ने पीटा था मृतक के भाई विनोद ने बताया कि वह मतलौडा थाना क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला है। उसका भाई शेखर (33) था, जो पेशे से हलवाई था। 10 सितंबर को उसके साथ गांव के ही कुछ लोगों ने मारपीट की थी। इतना ही नहीं, उस पर 16 साल के एक लड़के के साथ कुकर्म करने के आरोप लगा कर पुलिस को शिकायत भी दी थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर तुरंत केस दर्ज कर लिया था। इसके बाद उसे कोर्ट के आदेशों पर सिवाह जेल में डाला गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में होगा खुलासा विनोद के आरोप है कि शेखर को उस वक्त भी सिर में गंभीर चोट मारी गई थी। तभी से वह ठीक नहीं था। मारपीट की शिकायत पुलिस को भी दी गई थी। वहीं, जेल पुलिस कर्मियों ने डॉक्टर को बताया है कि शेखर के शनिवार सुबह सीने में दर्द हुआ था। जिसे जेल में भी उपचार दिया गया था। आराम नहीं होने पर उसे अस्पताल ला रहे थे, तो रास्ते में मौत हो गई। जबकि परिजनों का आरोप है कि उसके भाई की मारपीट में लगी चोटों से ही मौत हुई है। अब पोस्टमॉर्टम में ही मौत के असल कारणों का खुलासा होगा।
हरियाणा के 4 जिलों में तेज बारिश की चेतावनी:पंचकूला के लिए 3 घंटे भारी; 24 घंटे में गुरुग्राम में सबसे ज्यादा बरसात हुई
हरियाणा के 4 जिलों में तेज बारिश की चेतावनी:पंचकूला के लिए 3 घंटे भारी; 24 घंटे में गुरुग्राम में सबसे ज्यादा बरसात हुई हरियाणा में इन दिनों मानसून पूरी तरह से एक्टिव है। यही वजह है कि मौसम विभाग ने लगातार चौथे दिन भी हैवी रेन का अलर्ट जारी किया है। महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, भिवानी और चरखी दादरी में आज तेज बारिश आ सकती है। वहीं पंचकूला में 3 घंटे के लिए हैवी रेन का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश गुरुग्राम में हुई। यहां बारिश 17 MM रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा, महेंद्रगढ़ में 5 MM, करनाल में 4 में MM बारिश रिकॉर्ड की गई। इनके अलावा 8 जिले ऐसे रहे जहां, हल्की बूंदाबांदी हुई। अन्य जिलों में बारिश नहीं हुई, हालांकि बादल छाए रहे। नदियों के बहाव में हुई बढ़ोतरी पहाड़ों और मैदानों में बारिश होने के कारण प्रदेश में नदियों के बहाव में बढ़ोतरी हुई है। मारकंडा नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुकी है। इस कारण से कुरुक्षेत्र के आसपास बसे कई गांवों में प्रशासन ने अलर्ट जारी किया हुआ है। दो दिन पहले यमुना का पानी यमुनानगर में 50 से अधिक गांवों में घुस गया था। वहीं सोम नदी में पानी का बहाव कम हुआ है, लेकिन खेतों में रेत आ गई है, जिससे फसल तबाह हो गई है। 16 अगस्त तक खराब रहेगा मौसम हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ मदन खीचड़ ने बताया कि मानसूनी हवाओं के चलते 16 अगस्त तक मानसून की सक्रियता अधिक रहेगी। 15 से 16 अगस्त तक राज्य में तेज वर्षा हो सकती है। अभी तक एक जून से लेकर अगस्त तक बेशक 24 प्रतिशत तक वर्षा कम हुई है, लेकिन आने वाले दिनों में यह आंकड़ा सामान्य से ऊपर जा सकता है। अगस्त में मेहरबान मानसून अगर आंकड़ों को देखें तो हरियाणा के 22 जिलों में अगस्त में अभी तक सामान्य से 42% अधिक बारिश हुई है। अभी तक सभी जगह 53.9 एमएम बारिश होनी थी, लेकिन इन 10 दिनों में 76.7 एमएम बारिश हो चुकी है। इनमें फतेहाबाद, हिसार, कैथल, करनाल, पलवल, पंचकूला, पानीपत में सामान्य से कम बारिश हुई है। जुलाई में कम हुई बरसात हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है।