चंबा के पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में स्टूडेंट्स के खाने में कीटे निकले। जिसके बाद प्राचार्य डॉ. पंकज गुप्ता ने रात में हॉस्टल में दबिश देकर भोजन व्यवस्था जांची। निरीक्षण के दौरान प्राचार्य डॉ. पंकज गुप्ता के साथ डॉ. मानिक सहगल और अन्य डॉक्टर भी मौजूद थे। स्टूडेंट्स ने बताया कि उन्हें मेन्यू के अनुरूप खाना नहीं दिया जा रहा। इस पर प्राचार्य ने कैंटीन संचालक को कड़ी फटकार लगाई और आदेश दिए कि मेन्यू के मुताबिक ही खाना परोसा जाए अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। स्टूडेंट्स ने प्राचार्य को बताया कि कई बार उनके भोजन में कीट-पतंगे निकले हैं। इसके बारे में भजन सप्लाई करने वाले से शिकायत की। लेकिन उसने उसे पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जिस वजह से उन्हें मजबूर होकर यह मामला प्रबंधन के ध्यान में लाना पड़ा। मेडिकल कॉलेज चंबा के प्रवक्ता डॉ. मानिक सहगल ने बताया कि हॉस्टल में खाने को लेकर शिकायतें मिली थीं। इसीलिए निरीक्षण किया गया। जांच के बाद खाना सही पाया गया, लेकिन मेन्यू से संबंधित शिकायत के समाधान के लिए आदेश जारी किए गए हैं। चंबा के पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में स्टूडेंट्स के खाने में कीटे निकले। जिसके बाद प्राचार्य डॉ. पंकज गुप्ता ने रात में हॉस्टल में दबिश देकर भोजन व्यवस्था जांची। निरीक्षण के दौरान प्राचार्य डॉ. पंकज गुप्ता के साथ डॉ. मानिक सहगल और अन्य डॉक्टर भी मौजूद थे। स्टूडेंट्स ने बताया कि उन्हें मेन्यू के अनुरूप खाना नहीं दिया जा रहा। इस पर प्राचार्य ने कैंटीन संचालक को कड़ी फटकार लगाई और आदेश दिए कि मेन्यू के मुताबिक ही खाना परोसा जाए अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। स्टूडेंट्स ने प्राचार्य को बताया कि कई बार उनके भोजन में कीट-पतंगे निकले हैं। इसके बारे में भजन सप्लाई करने वाले से शिकायत की। लेकिन उसने उसे पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जिस वजह से उन्हें मजबूर होकर यह मामला प्रबंधन के ध्यान में लाना पड़ा। मेडिकल कॉलेज चंबा के प्रवक्ता डॉ. मानिक सहगल ने बताया कि हॉस्टल में खाने को लेकर शिकायतें मिली थीं। इसीलिए निरीक्षण किया गया। जांच के बाद खाना सही पाया गया, लेकिन मेन्यू से संबंधित शिकायत के समाधान के लिए आदेश जारी किए गए हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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कंगना रनोट पर राजस्व मंत्री का हमला:बोले- जब आपदा आईं, तब नहीं पहुंची, 6 दिन बाद घड़ियाली आंसू बहाकर चली गई हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र में सोमवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने मंडी से सांसद कंगना रनोट पर तीखा हमला बोला। जगत नेगी ने कहा कि, प्रदेश में जब आपदा आई तब कंगना रनोट ने कहा कि उन्हें अधिकारियों ने सलाह दी है कि अभी येलो अलर्ट है। इसलिए प्रदेश मत आना। यदि वो आती तो मेकअप धुल जाता। जगत नेगी ने कहा, कंगना हिमाचल तब पहुंची, जब यहां सब कुछ ठीक हो गया था और घड़ियाली आंसू बहाकर वापस चली गई। उन्होंने कहा कि 31 जुलाई की रात आपदा में मंडी संसदीय क्षेत्र के 54 लोग लापता हो गए थे। राज्य सरकार दिन रात रेस्क्यू में जुटी रही। यह सब कंगना रनोट के संसदीय क्षेत्र में हुआ। बीजेपी सांसद कंगना सब कुछ सामान्य होने के बाद घटनास्थल पर पहुंचती हैं। आपदा पर चर्चा का जवाब दे रहे थे जगत नेगी राजस्व मंत्री जगत नेगी विधानसभा के मानसून सत्र में सोमवार को आपदा पर 4 दिन चली चर्चा का जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कंगना को भी निशाने पर लिया। जगत नेगी ने कहा, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आपदा को लेकर सदन में चर्चा की शुरुआत की। इस पर 30 विधायकों ने अपनी-अपनी बात रखी है। मगर, आज नेता प्रतिपक्ष सदन से गायब हैं और सबको साथ लेकर चले गए। 31 जुलाई की रात आपदा, 6 अगस्त को पहुंची थी कंगना बता दें कि, प्रदेश में बीते 31 जुलाई की आधी रात मंडी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत रामपुर के समेज, कुल्लू के बाघीपुल, मंडी की चौहारघाटी, श्रीकंड के रास्ते में सिंघगाड़ में बादल फटने के बाद भारी तबाही हुई थी। 3 जगह 54 लोग बाढ़ में बह गए और लैंडस्लाइड में दब गए थे। तब कंगना रनोट ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत में कहा कि अधिकारियों ने उन्हें अभी हिमाचल नहीं आने की सलाह दी गई है। इसके बाद कंगना का सोशल मीडिया में जबरदस्त विरोध भी हुआ। PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी तंज कसा था। आपदा के छठें दिन प्रदेश आई कंगना कंगना रनोट प्रदेश में आपदा के छठें दिन आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंची। सबसे पहले वह रामपुर के समेज गई, जहां 36 लोग बाढ़ में बह गए थे। इसके बाद वह बाघीपुल और चौहारघाटी भी पहुंची। इस पर राज्य के राजस्व मंत्री ने तंज कसा है।
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हिमाचल में बेक-टू-बेक दूसरी भीषण तबाही:समेच में 50 मीटर ऊपर चढ़ जल स्तर; 20 साल पहले भी आई ऐसी फ्लड हिमाचल प्रदेश में लगातार दूसरे साल मानसून की बारिश में भीषण तबाही मचाई है। 4 जगह बादल फटने से 49 लोग लापता और 4 की मौत हो चुकी है। इसके बाद पहाड़ों पर चौतरफा रोने-चिल्लाने की आवाजें सुनाई दे रही है। हर कोई अपनो के जिंदा होने की दुआ कर रहा है। प्रदेश में बीते साल भी 14 अगस्त को एक ही दिन में 52 लोगों की जान गई थी। अगस्त 2017 में भी मंडी के कोटरोपी में दो बस पर रात में पहाड़ी दरकने से 48 यात्रियों की मौत हुई थी। इस बार फिर से 53 से ज्यादा लोग एक ही रात में आपदा का शिकार बने हैं। खासकर रामपुर के समेच गांव की तबाही देवभूमि के लिए कभी भी न भूल पाने वाला हादसा है। बादल फटने के बाद मूसलाधार बारिश से यहां पूरा समेच गांव ही उजड़ गया। कल तक जहां आलीशान घर और 11 से 12 परिवार का बड़ा गांव था। वहां आज गांव का नामो निशान मिट गया है। गांव में चौतरफा पत्थर और मलबा नजर आ रहा है। खड्ड का 50 मीटर ऊपर चढ़ा जल स्तर समेच गांव खड्ड से करीब 50 मीटर ऊंचाई पर था। मगर श्रीखंड में बादल फटने के बाद बीती रात में हुई भारी बारिश से खड्ड में पानी का लेवल 50 मीटर ऊपर चढ़ गया, जिसकी वजह से यह तबाही हुई है और रात का अंधेरा होने की वजह से लोग कहीं जा भी नहीं सके। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि तबाही का मंजर कितना भीषण रहा होगा। 20 साल पहले भी ऐसी तबाही हुई: आत्मा राम स्थानीय निवासी आत्मा राम ने बताया कि क्षेत्र में 20 साल पहले भी ऐसी ही फ्लड आई थी। उस दौरान भी घरों के बरामदे तक कट गए थे। तब लोगों को कहा कि यहां मत ठहरों, लेकिन कुछ लोगों ने इसे नजरअंदाज किया और अब पूरा गांव की उजड़ गया है। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों के साथ साथ बाहर के 6 लोग भी खड्ड में बह गए हैं। समेच में गांव के साथ साथ कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, पावर प्रोजेक्ट और स्कूल भी बह गया है। रेस्क्यू में जुटा प्रशासन राज्य सरकार एनडीआरएफ और एसडीआरएफ जवानों के साथ रेस्क्यू में जुटी हुई है। सर्च ऑपरेशन चल रहा है। इस बीच घटनास्थल पर अपनो की तलाश में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। 3 महीने की नन्हीं बच्ची सहित 7 लोग लापता मंडी की चौहारघाटी और कुल्लू के बागीपुल में भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। चौहारघाटी में 3 महीने की नन्ही बच्ची सहित 3 परिवार के 11 लोग मलबे की चपेट में आ गए। इनमें से 4 के शव बरामद कर दिए गए है, जबकि 1 मलबे से निकालने के बाद उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कर दिया गया है। चौहारघाटी में 7 व्यक्ति अभी भी लापता है। बागीपुल में भी आधा दर्जन घरों को नुकसान और छह से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। मलाणा डेम ने दूसरी साल भी डराए लोग कुल्लू जिला के मलाणा-2 में पावर प्रोजेक्ट का डेम ओवर-फ्लो होने से निचले इलाकों में खूब तबाही हुई है। बीते साल भी डेम का एक कोना क्षतिग्रस्त होने से इसके टूटने का खतरा बना हुआ था। बीती रात को मलाणा घाटी में बादल फटने के बाद भारी मात्रा में पानी आने से डेम ओवरफ्लो हुआ। इससे लोग दहशत में आ गए। खासकर सोशल मीडिया की डेम फटने की खबरों से लोग घबरा गए थे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि डेम सुरक्षित है और ओवरफ्लो जरूर हुआ।
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मंडी के 35 खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर चयनित:विभिन्न राज्यों में आयोजित खेलों में होंगे शामिल; प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक ने किया सम्मानित मंडी से इस बार अंडर-14 आयु वर्ग में 35 खिलाडी राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित किए गए हैं। यह सभी खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता में दमखम दिखाएंगे। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन व इनके सम्मान के लिए एक समारोह प्रारंभिक शिक्षा उप निदेशक कार्यालय मंडी में आयोजित किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक विजय गुप्ता ने की और सभी चयनित खिलाडियों को हार पहनाकर और उनको स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर सभी खिलाडियों को उन्होंने बधाई दी और संबोधित किया। मंडी को एक नई पहचान दिलाएंगे खिलाड़ी- गुप्ता उन्होंने खिलाड़ियों में एक नया जोश पैदा किया कि वह राष्ट्रीय स्तर पर भी मंडी को एक नई पहचान दिलाएंगे। इस मौके पर खिलाड़ियों को तैयार करने वाले शिक्षकों को भी उन्होंने बधाई दी और कहा कि यह शिक्षकों की मेहनत का ही फल है कि जो इस तरह से हीरों की परख करके उनको तराश रहे है। कार्यक्रम ये रहे मौजूद इस मौके पर विभिन्न स्कूलों से आए हुए शिक्षक, जिला खेल प्रभारी प्राथमिक शिक्षा प्रवीण, प्रधानाचार्य कन्या स्कूल जोगिंद्रनगर डॉ सुनील ठाकुर के अलावा उपनिदेशक कार्यालय का पूरा स्टाफ व पेरेंट्स मौजूद रहे।