हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के 41 पद सृजित है। इनमें से 37 पद लंबे समय से खाली चल रहे है। शिक्षा ने काम चलाने के लिए इन पदों पर प्रिंसिपल को ऑफिशिएटिंग डिप्टी डायरेक्टर जरूर लगा रखा है। मगर इन्हें लगाने में सीनियोरिटी का ध्यान नहीं रखा गया। इससे शिक्षा विभाग के सीनियर प्रिंसिपल की ACR (ऐनुअल करेक्टर रिपोर्ट) जूनियर अधिकारी लिख रहे है। शिक्षा विभाग द्वारा डिप्टी डायरेक्टर प्रमोट नहीं करने से कई पात्र प्रिंसिपल बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो रहे है। इससे स्कूल कैडर के प्रिंसिपल में सरकार के प्रति रोष पनप रहा है। सीएम और शिक्षा मंत्री से जल्द प्रमोशन का आग्रह स्कूल लेक्चरर कैडर से पदोन्नत प्रिंसिपल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से मांग की है कि डिप्टी डायरेक्टरों के खाली पड़े पदों को जल्द भरा जाए। शिक्षा विभाग में दो सालों से डिप्टी डायरेक्टर प्रमोट नहीं किए गए। मीडिया को जारी संयुक्त ब्यान में विकास महाजन, सुनील, राजेन्द्र, गोपाल, हेमेंद्र, अश्विनी ठाकुर, सुशील शर्मा, निशा, पूनम, रेणू, शांता, कुलदीप, अरुण, ओंकार, नीरज, बलविंदर कहा कि हाईकोर्ट का फैसला आए भी छह महीने बीत चुके हैं। मगर अब तक उन्हें प्रमोशन नहीं दी जा रही। उन्होंने जल्द पदोन्नति देकर डिप्टी डायरेक्टर के खाली पद भरने का आग्रह किया है। साथ ही उन्होंने जिला में जूनियर प्रधानाचार्य को वरिष्ठता की अनदेखी कर डिप्टी डायरेक्टर का अतिरिक्त कार्यभार देने पर आपत्ति जताई है। सरकार के आदेशों की भी अवहेलना हो रही बता दें कि शिक्षा सचिव ने भी बीते दिनों एक आदेश जारी किए थे, जिसमे कहा गया कि जब तक प्रमोशन नहीं होती, तब तक सीनियर प्रिंसिपल को ऑफिशिएटिंग डिप्टी डायरेक्टर लगाया जाए। मगर इन आदेशों की भी अनुपालना नहीं की। जिससे वरिष्ठ प्रिंसिपल में रोष है। कैसे कोई जूनियर कैसे अपने सीनियर की एसीआर लिख सकता है। सूत्र बताते हैं कि इनमें ज्यादातर ऑफिशिएटिंग डिप्टी डायरेक्टर बड़े नेताओं के करीबी जूनियर प्रिंसिपल को लगा रखा है। मंत्री बोले; आज-कल में जल्द जारी होंगे प्रमोशन ऑर्डर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि पूर्व में कोर्ट केस की वजह से प्रमोशन का मामला लटा हुआ था। मगर आज या कल में जल्द इन्हें प्रमोशन दे दी जाएगी। हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के 41 पद सृजित है। इनमें से 37 पद लंबे समय से खाली चल रहे है। शिक्षा ने काम चलाने के लिए इन पदों पर प्रिंसिपल को ऑफिशिएटिंग डिप्टी डायरेक्टर जरूर लगा रखा है। मगर इन्हें लगाने में सीनियोरिटी का ध्यान नहीं रखा गया। इससे शिक्षा विभाग के सीनियर प्रिंसिपल की ACR (ऐनुअल करेक्टर रिपोर्ट) जूनियर अधिकारी लिख रहे है। शिक्षा विभाग द्वारा डिप्टी डायरेक्टर प्रमोट नहीं करने से कई पात्र प्रिंसिपल बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो रहे है। इससे स्कूल कैडर के प्रिंसिपल में सरकार के प्रति रोष पनप रहा है। सीएम और शिक्षा मंत्री से जल्द प्रमोशन का आग्रह स्कूल लेक्चरर कैडर से पदोन्नत प्रिंसिपल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से मांग की है कि डिप्टी डायरेक्टरों के खाली पड़े पदों को जल्द भरा जाए। शिक्षा विभाग में दो सालों से डिप्टी डायरेक्टर प्रमोट नहीं किए गए। मीडिया को जारी संयुक्त ब्यान में विकास महाजन, सुनील, राजेन्द्र, गोपाल, हेमेंद्र, अश्विनी ठाकुर, सुशील शर्मा, निशा, पूनम, रेणू, शांता, कुलदीप, अरुण, ओंकार, नीरज, बलविंदर कहा कि हाईकोर्ट का फैसला आए भी छह महीने बीत चुके हैं। मगर अब तक उन्हें प्रमोशन नहीं दी जा रही। उन्होंने जल्द पदोन्नति देकर डिप्टी डायरेक्टर के खाली पद भरने का आग्रह किया है। साथ ही उन्होंने जिला में जूनियर प्रधानाचार्य को वरिष्ठता की अनदेखी कर डिप्टी डायरेक्टर का अतिरिक्त कार्यभार देने पर आपत्ति जताई है। सरकार के आदेशों की भी अवहेलना हो रही बता दें कि शिक्षा सचिव ने भी बीते दिनों एक आदेश जारी किए थे, जिसमे कहा गया कि जब तक प्रमोशन नहीं होती, तब तक सीनियर प्रिंसिपल को ऑफिशिएटिंग डिप्टी डायरेक्टर लगाया जाए। मगर इन आदेशों की भी अनुपालना नहीं की। जिससे वरिष्ठ प्रिंसिपल में रोष है। कैसे कोई जूनियर कैसे अपने सीनियर की एसीआर लिख सकता है। सूत्र बताते हैं कि इनमें ज्यादातर ऑफिशिएटिंग डिप्टी डायरेक्टर बड़े नेताओं के करीबी जूनियर प्रिंसिपल को लगा रखा है। मंत्री बोले; आज-कल में जल्द जारी होंगे प्रमोशन ऑर्डर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि पूर्व में कोर्ट केस की वजह से प्रमोशन का मामला लटा हुआ था। मगर आज या कल में जल्द इन्हें प्रमोशन दे दी जाएगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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चंबा में स्वस्थ्य विभाग का छापा:दवाइयों का रिकॉर्ड नहीं देने पर मेडिकल स्टोर सील; विभाग ने तीन दिन में मांगा जवाब चंबा जिले में स्वस्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सरोल में एक मेडिकल स्टोर को सील कर दिया है। इस कार्रवाई को असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर की अगुआई में अंजाम दिया गया। जानकारी के मुताबिक सरोल पंचायत में मौजूद एक दवा की दुकान का निरीक्षण करने के दौरान वहां मौजूद नारकोटिक्स पदार्थों का रिकॉर्ड मांगा गया तो दुकानदार उसे पेश नहीं कर पाया। विभाग ने तीन दिन में मांगा जबाब दुकानदार द्वारा स्वस्थ्य विभाग को न तो यह रिकॉर्ड पेश कर पाया कि उसके पास कुल कितने पदार्थ थे और बिके कितने। जबकि इस प्रकार का रिकॉर्ड रखना नियमानुसार जरूरी है। दवा विक्रेता की इस लापरवाही व गैर जिम्मेदारी का रवैया देखकर विभाग को यह कड़ा कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा। विभाग ने सम्बन्धित दुकानदार से इस बारे में अगले दो-तीन दिनों के भीतर लिखित में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि चंबा में प्रतिबंधित दवाइयों की अवैध तरीके से तस्करी करने के मामले सामने आते रहते हैं। ऐसे में लोगों द्वारा समय-समय पर स्वस्थ्य विभाग से ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की जाती है। इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए जिला स्वस्थ्य विभाग चंबा इस मामले के बीते कुछ समय से गम्भीरतापूर्वक सक्रिय है। जिसके प्रमाण बीते दिनों चुराह व भरमौर में ऐसी दुकानों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने के रूप में देखे जा चुके हैं।
हिमाचल में हाटी समुदाय से जुड़ा मुद्दा फिर गरमाया:कानून बनने के बाद भी लोगों को नहीं मिल रहा लाभ, हाईकोर्ट में लटका मामला
हिमाचल में हाटी समुदाय से जुड़ा मुद्दा फिर गरमाया:कानून बनने के बाद भी लोगों को नहीं मिल रहा लाभ, हाईकोर्ट में लटका मामला हिमाचल प्रदेश जिला सिरमौर के गिरी पार हाटी समुदाय के करीब तीन लाख लोगों से जुड़ा अनुसूचित जनजाति का मामला एक बार फिर गरमा गया है। यह मामला हिमाचल हाईकोर्ट में विचाराधीन है। हाटी समुदाय के लोग इसको जल्दी निपटाने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि एक साल से ज्यादा का समय केंद्र से कानून बनने के बाद भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसको लेकर हाटी समुदाय का एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार देर शाम कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान से मिला। जिसके बाद मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के साथ हिमाचल हाईकोर्ट में महाधिवक्ता के साथ एक संयुक्त बैठक की। इस बैठक में उन्होंने हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति से जुड़े मामले को हाईकोर्ट से जल्द निपटाने को लेकर चर्चा की। मामले का जल्द निपटारा करने की मांग
कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति दर्जा देने को लेकर सरकार का पक्ष साफ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के मामले में असमंजस की स्थिति केंद्र सरकार की अधिसूचना की वजह से हुई। उन्होंने कहा कि केंद्र का जैसे ही इस मामले में स्पष्टीकरण आया, हिमाचल सरकार ने 24 घंटे के भीतर उसको लागू किया। मगर मामला कोर्ट पहुंच गया जिसके कारण यह लंबित हो गया और इसके लिए उन्होंने लोगों के साथ मिलकर एडवोकेट जनरल से बैठक की है। उनसे आग्रह किया कि इस मामले को जल्द से जल्द निपटाया जाए। मंत्री ने कहा कि इसके लिए एक अच्छा वकील हायर करेंगे, जो मजबूती से हाटी समुदाय का पक्ष रखेंगे, सरकार पूरी मदद करेगी। मंत्री हर्षवर्धन ने भाजपा पर बोला हमला
इस दौरान मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने भाजपा पर भी जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस मामले को हाई जैक करने का प्रयास किया। लेकिन यह मामला राजनीतिक नहीं है, सभी लोगों ने इसके लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय हाटी संघर्ष समिति आज भाजपा का पिट्ठू बनी हुई है। समिति जनता से हाटी के नाम पर इसलिए पैसे इकट्ठे कर रही है कि सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि समिति के लोग सुप्रीम कोर्ट की बात सिर्फ इसलिए करते हैं क्योंकि उन्होंने अपनी राजनीति चमकानी है। परंतु हाटी कल्याण मंच इस लड़ाई को हाईकोर्ट में मजबूती से लड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई के लिए बहुत लोगों ने काम किया है जो आज इस दुनिया में नहीं हैं वह उन्हें नमन करता है। कैबिनेट मंत्री ने दिया मदद का आश्वासन
वहीं हाटी कल्याण मंच गिरी पार के अध्यक्ष प्रताप सिंह तोमर ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति दर्जा देने के मामले की वर्तमान स्थिति को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति दर्जा लागू करने को लेकर हाईकोर्ट के स्टे को हटाया जाए। इसको लेकर हाईकोर्ट में एडवोकेट जनरल के साथ विस्तृत रूप से चर्चा की। प्रताप सिंह तोमर ने कहा कि कैबिनेट मंत्री की ओर से उन्हें आश्वासन दिया गया है, कि इस मामले में सरकार हाटी समुदाय की पूरी तरह से मदद करने का प्रयास करेगी। 21 नवंबर को मामले की होगी सुनवाई
वहीं हिमाचल हाईकोर्ट में महाधिवक्ता अनूप रतन ने कहा कि हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदेश में लागू करने के मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है। अनूप ने बताया कि आज एक प्रतिनिधि मंडल ने उनसे मुलाकात की है। वह दलीलों के जरिए जल्द से जल्द इस मामले का निपटारा करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि 21 नवंबर को इस मामले में सुनवाई होनी है। मगर सरकार न्यायालय से दरख़्वास्त करेगी कि जल्द से जल्द मामले को सुना जाए। क्या है मामला.?
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के ट्रांसगिरी क्षेत्र में हाटी समुदाय के लोग 1967, यानी 55 सालों से उत्तराखंड के जौनसार बाबर को जनजाति दर्जा मिलने के बाद से उसी तर्ज पर जनजाति दर्जे की मांग को लेकर संघर्षरत हैं। केंद्रीय कैबिनेट ने हाटी समुदाय की मांग को 14 सितंबर 2022 को अपनी मंजूरी दी थी। उसके बाद 16 दिसंबर 2022 को यह बिल लोकसभा से पारित हुआ और जुलाई 2023 में राज्यसभा से भी पारित हो गया। बाद में इसे राष्ट्रपति के लिए भेजा गया था, जहां 9 दिनों में ही राष्ट्रपति ने भी विधेयक पर मुहर लगा दी। लेकिन फिर मामला हाईकोर्ट पहुंच गया और तब से लंबित पड़ा है। इसका लाभ लोगों को नही मिल रहा है। बता दें कि सिरमौर जिले के हाटी समुदाय में करीब तीन लाख लोग, शिलाई, श्रीरेणुकाजी, पच्छाद और पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्रों में रहते हैं। जिला सिरमौर की कुल 269 पंचायतों में से ट्रांसगिरी में 154 पंचायतें आती हैं। इन 154 पंचायतों की 14 जातियों तथा उप जातियों को एसटी संशोधित विधेयक में शामिल किया गया है।
हिमाचल में KBC के नाम पर 11 लाख की ठगी:फेसबुक के जरिए भेजा लिंक; नेक्सान गाड़ी का दिया लालच, UPI के जरिए हड़पी रकम
हिमाचल में KBC के नाम पर 11 लाख की ठगी:फेसबुक के जरिए भेजा लिंक; नेक्सान गाड़ी का दिया लालच, UPI के जरिए हड़पी रकम हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के एक व्यक्ति के साथ गेम शो कौन बनेगा करोड़पति (KBC) के नाम पर 11 लाख रुपए की ठगी हुई है। व्यक्ति की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के ध्यान में मामला आने के बाद उसके अकाउंट में दो लाख रुपए की राशि बैंक में होल्ड करवा दी गई। मगर बाकी की राशि फेसबुक के जरिए ठगों ने अकाउंट से ड्रॉ करवा ली है। पुलिस के अनुसार, हमीरपुर के साथ लगते ख्याह गांव के एक व्यक्ति से KBC के नाम पर यह ठगी हुई है। युवक से KBC में 8.50 लाख रुपए के कैश प्राइज के नाम पर शातिरों ने यह रकम ऐंठी है। पीड़ित व्यक्ति हमीरपुर में ज्वेलरी की दुकान में काम करता है। बताया जा रहा है कि व्यक्ति को शातिरों ने फेसबुक के जरिए लिंक भेजा। इस लिंक के जरिए उसने कुछ सवालों के जवाब दिए और शातिरों ने जाल में फंसाया। व्यक्ति जब तक इस गड़बड़झाले के बारे में समझ पाता, तब तक शातिर उसके अकाउंट से 11 लाख उड़ा चुके थे। ASP बोले कार्रवाई जारी एएसपी हमीरपुर राजेश कुमार ने बताया कि पुलिस ने साइबर थाना हमीरपुर में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। ऑनलाइन ठगी के शिकार युवक ने पुलिस को बताया है कि फेसबुक पर KBC का लिंक मिला और इस लिंक पर सवालों का जवाब देने पर बताया गया कि उसने नेक्सान गाड़ी इनाम में जीती है। शातिरों ने कार लेने के लिए 8.50 लाख नकद देने का माध्यम बताया। इसके लिए पंजीकरण के नाम पर 1200 रुपए लिए गए। इसके बाद कई किस्तों में UPI के जरिए करीब 11 लाख ठगे गए। 2 लाख रिलीज करवाए: एएसपी राजेश ने बताया कि कौन बनेगा करोड़पति में एंट्री को लेकर ज्वेलरी की दुकान में काम करने वाले युवक से 11 लाख ठगे गए हैं।