अंतरराष्ट्रीय महा शिवरात्रि महोत्सव निकट है और इसी के चलते हिमाचल प्रदेश के मंडी में सर्व देवता सेवा समिति की साधारण सभा की बैठक संस्कृति सदन में आयोजित हुई। जिसकी अध्यक्षता अध्यक्ष शिवपाल शर्मा ने की। सभी सदस्यों ने मांग की कि पड्डल में देवताओं के बैठने की व्यवस्था ठीक की जाए। सीढ़ियों पर जो देवी देवता बैठते हैं, उस स्थान को पक्का किया जाए। गत वर्ष देवताओं को बैठाने के लिए लकड़ी के तख्ते जोड़े हुए थे। पीढ़ी दर पीढ़ी चलते रहेंगे धार्मिक उत्सव उसमें देवी देवताओं के गिरने का डर रहता है, इसलिए उस स्थान को पक्का किया जाए, ताकि देवी देवताओं को बैठने मैं सुविधा हो सके। इसके अतिरिक्त सभी कारदारों ने सरकार और प्रशासन से मांग रखी कि सदियों से चले आ रहे धार्मिक उत्सव पीढ़ी दर पीढ़ी चलते रहेंगे। इसलिए अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेला को देखने के लिए देश विदेश से लोग आते हैं और ऐसे उत्सवों को देखकर देव संस्कृति ही जीवित रहती है। देवताओं के लिए स्थायी स्थान करें चिह्नित पड्डल में देवी देवताओं को बैठने के लिए स्थायी स्थान चिह्नित किया जाए, जिससे आने वाली पीढ़ी को भी अपनी ऐतिहासिक धरोहर याद रहे और उसका निर्वहन कर सके। बैठक मैं सभी सदस्यों ने मांग रखी कि जो पिछली शिवरात्रि में पड्डल में जहां देवता बैठते हैं, वहां पर जो मैटिंग की गई थी, वैसी ही इस बार भी की जाए। इंडोर स्टेडियम से आपत्ति नहीं सभी सदस्यों ने पुरजोर मांग रखी कि मुख्यमंत्री ने 2022 को आधा बीघा भूमि देवताओं को सामुदायिक भवन बनाने हेतु भूमि प्रदान करने की घोषणा की। मगर अभी तक किसी भी देवी देवताओं को उपरोक्त विषय के लिए भूमि स्वीकृत नहीं की गई। कहा कि मुख्यमंत्री कहा था कि यह कार्रवाई 45 दिन के अंदर हो जाएगी, मगर आज तक नहीं मिल पाई है। उधर अध्यक्ष शिवपाल शर्मा ने पड्डल मैदान में बनने जा रहे इंडोर स्टेडियम पर अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर मैदान में देवी देवताओं का स्थान प्रभावित नहीं होता है, तो उनको स्टेडियम से कोई भी आपत्ति नहीं है। अंतरराष्ट्रीय महा शिवरात्रि महोत्सव निकट है और इसी के चलते हिमाचल प्रदेश के मंडी में सर्व देवता सेवा समिति की साधारण सभा की बैठक संस्कृति सदन में आयोजित हुई। जिसकी अध्यक्षता अध्यक्ष शिवपाल शर्मा ने की। सभी सदस्यों ने मांग की कि पड्डल में देवताओं के बैठने की व्यवस्था ठीक की जाए। सीढ़ियों पर जो देवी देवता बैठते हैं, उस स्थान को पक्का किया जाए। गत वर्ष देवताओं को बैठाने के लिए लकड़ी के तख्ते जोड़े हुए थे। पीढ़ी दर पीढ़ी चलते रहेंगे धार्मिक उत्सव उसमें देवी देवताओं के गिरने का डर रहता है, इसलिए उस स्थान को पक्का किया जाए, ताकि देवी देवताओं को बैठने मैं सुविधा हो सके। इसके अतिरिक्त सभी कारदारों ने सरकार और प्रशासन से मांग रखी कि सदियों से चले आ रहे धार्मिक उत्सव पीढ़ी दर पीढ़ी चलते रहेंगे। इसलिए अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेला को देखने के लिए देश विदेश से लोग आते हैं और ऐसे उत्सवों को देखकर देव संस्कृति ही जीवित रहती है। देवताओं के लिए स्थायी स्थान करें चिह्नित पड्डल में देवी देवताओं को बैठने के लिए स्थायी स्थान चिह्नित किया जाए, जिससे आने वाली पीढ़ी को भी अपनी ऐतिहासिक धरोहर याद रहे और उसका निर्वहन कर सके। बैठक मैं सभी सदस्यों ने मांग रखी कि जो पिछली शिवरात्रि में पड्डल में जहां देवता बैठते हैं, वहां पर जो मैटिंग की गई थी, वैसी ही इस बार भी की जाए। इंडोर स्टेडियम से आपत्ति नहीं सभी सदस्यों ने पुरजोर मांग रखी कि मुख्यमंत्री ने 2022 को आधा बीघा भूमि देवताओं को सामुदायिक भवन बनाने हेतु भूमि प्रदान करने की घोषणा की। मगर अभी तक किसी भी देवी देवताओं को उपरोक्त विषय के लिए भूमि स्वीकृत नहीं की गई। कहा कि मुख्यमंत्री कहा था कि यह कार्रवाई 45 दिन के अंदर हो जाएगी, मगर आज तक नहीं मिल पाई है। उधर अध्यक्ष शिवपाल शर्मा ने पड्डल मैदान में बनने जा रहे इंडोर स्टेडियम पर अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर मैदान में देवी देवताओं का स्थान प्रभावित नहीं होता है, तो उनको स्टेडियम से कोई भी आपत्ति नहीं है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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