शिमला में शांति का संदेश देने उतरेंगे वामपंथी संगठन:संजौली मस्जिद विवाद पर बोले- भाजपा-RSS ने प्रदर्शनों को किया हाईजैक

शिमला में शांति का संदेश देने उतरेंगे वामपंथी संगठन:संजौली मस्जिद विवाद पर बोले- भाजपा-RSS ने प्रदर्शनों को किया हाईजैक

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली से अवैध मस्जिद निर्माण को लेकर शुरू हुआ प्रदर्शन अब पूरे प्रदेश भर में फेल गया है। प्रदेश भर में हिन्दू संगठन जगह-जगह पर समुदाय विशेष पर अवैध मस्जिद निर्माण के आरोप लगा रहे है। प्रदेश में हो रहे प्रदर्शनों को लेकर वामपंथी संगठनों ने भाजपा व आरएसएस पर प्रदेश में सांप्रदायिकता का जहर फैलाने के आरोप गलाया है। इसी कड़ी में वामपंथी संगठनों ने सोमवार को राजधानी शिमला में एक राज्यस्तरीय अधिवेशन आयोजित किया। जिसमें सीटू , महिला समिति , नौजवान सभा , एस एफ आई , हिमाचल किसान सभा और लॉयर यूनियन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने संयुक्त अधिवेशन में हिस्सा लिया। भाजपा व आरएसएस ने प्रदर्शनों को किया हाईजैक इस दौरान प्रदेश में बढ़ रही सांप्रदायिकता के खिलाफ वामपंथी नेताओं ने भाजपा व आरएसएस जमकर हमला बोला है। वामपंथी संगठनों के नेताओं का कहना है कि शिमला में हुए लड़ाई झगड़े को एक सोची समझी साजिश के तहत सांप्रदायिकता का रंग दे दिया। प्रदेश में हो रहे प्रदर्शनों को भाजपा आरएसएस ने हाईजैक कर लिया है। प्रदेश का वातावरण दूषित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनवादी संगठन इसका पूर्ण रूप से विरोध करते है। इसके खिलाफ प्रदेश में 27 सितंबर को प्रदेश में शांति का संदेश देने के लिए रैली आयोजित की जाएगी। देश में सभी को समानता का अधिकार सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि प्रदेश में धर्म, जाति, क्षेत्र के नाम पर पहली बार ऐसी घटनाएं हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संविधान के अनुसार कोई देश में कहीं भी काम कर सकता है। सभी को समानता का अधिकार हैं। मेहरा ने कहा कि हिमाचल में हो रहे प्रदर्शनों के मामले में राजनीति हुई है। जिसको शुरुआत सरकार की तरफ में सरकार की तरफ से भी तूल मिला। लेकिन अब यह आंदोलन बीजेपी और आरएसएस ने हाईजैक कर दिया। प्रदेश के साम्प्रदायिकता का जहर फैला रही है। उन्होंने कहा कि यह देश सभी की कुर्बानियों से बना है । यहां हिंदू मुस्लिम के नाम पर राजनीति नहीं चलेगी। सरकार को इसके खिलाफ मुखर होकर आगे आना पड़ेगा । प्रदेश में फैल रही साम्प्रदायिकता को रोकना होगा । उन्होंने कहा कि प्रदेश में अमन और शांति के लिए आगामी 27 सितम्बर को शिमला में विभिन्न जनवादी संगठनों द्वारा विशाल रैली निकाली जाएगी । जिसके माध्यम से प्रदेश में अमन और शांति का संदेश दिया जाएगा। हिमाचल में हो रहे मस्जिदों के बाहर प्रदर्शन हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में दो गुटों में हुई लड़ाई के बाद शिमला के संजौली में बनी मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब पूरे प्रदेश में फेल गया है। प्रदेश भर में जगह जगह पर अवैध मस्जिदों के बाहर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे है।उन्हें गिराने की मांग की जा रही है। जिसके कारण प्रदेश में दो समुदायों के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है। ऐसे में अब वामपंथी संगठनो ने हिमाचल प्रदेश में हो रहे प्रदर्शनों के खिलाफ़ सड़को पर उतरने का एलान कर दिया है और प्रदेश भाजपा ,आरएसएस पर प्रदेश में सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप लगा दिए है और आगामी 27 सितंबर को शिमला में प्रदेश की अमन व शांति के लिए शिमला में रैली का आव्हान कर दिया है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली से अवैध मस्जिद निर्माण को लेकर शुरू हुआ प्रदर्शन अब पूरे प्रदेश भर में फेल गया है। प्रदेश भर में हिन्दू संगठन जगह-जगह पर समुदाय विशेष पर अवैध मस्जिद निर्माण के आरोप लगा रहे है। प्रदेश में हो रहे प्रदर्शनों को लेकर वामपंथी संगठनों ने भाजपा व आरएसएस पर प्रदेश में सांप्रदायिकता का जहर फैलाने के आरोप गलाया है। इसी कड़ी में वामपंथी संगठनों ने सोमवार को राजधानी शिमला में एक राज्यस्तरीय अधिवेशन आयोजित किया। जिसमें सीटू , महिला समिति , नौजवान सभा , एस एफ आई , हिमाचल किसान सभा और लॉयर यूनियन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने संयुक्त अधिवेशन में हिस्सा लिया। भाजपा व आरएसएस ने प्रदर्शनों को किया हाईजैक इस दौरान प्रदेश में बढ़ रही सांप्रदायिकता के खिलाफ वामपंथी नेताओं ने भाजपा व आरएसएस जमकर हमला बोला है। वामपंथी संगठनों के नेताओं का कहना है कि शिमला में हुए लड़ाई झगड़े को एक सोची समझी साजिश के तहत सांप्रदायिकता का रंग दे दिया। प्रदेश में हो रहे प्रदर्शनों को भाजपा आरएसएस ने हाईजैक कर लिया है। प्रदेश का वातावरण दूषित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनवादी संगठन इसका पूर्ण रूप से विरोध करते है। इसके खिलाफ प्रदेश में 27 सितंबर को प्रदेश में शांति का संदेश देने के लिए रैली आयोजित की जाएगी। देश में सभी को समानता का अधिकार सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि प्रदेश में धर्म, जाति, क्षेत्र के नाम पर पहली बार ऐसी घटनाएं हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संविधान के अनुसार कोई देश में कहीं भी काम कर सकता है। सभी को समानता का अधिकार हैं। मेहरा ने कहा कि हिमाचल में हो रहे प्रदर्शनों के मामले में राजनीति हुई है। जिसको शुरुआत सरकार की तरफ में सरकार की तरफ से भी तूल मिला। लेकिन अब यह आंदोलन बीजेपी और आरएसएस ने हाईजैक कर दिया। प्रदेश के साम्प्रदायिकता का जहर फैला रही है। उन्होंने कहा कि यह देश सभी की कुर्बानियों से बना है । यहां हिंदू मुस्लिम के नाम पर राजनीति नहीं चलेगी। सरकार को इसके खिलाफ मुखर होकर आगे आना पड़ेगा । प्रदेश में फैल रही साम्प्रदायिकता को रोकना होगा । उन्होंने कहा कि प्रदेश में अमन और शांति के लिए आगामी 27 सितम्बर को शिमला में विभिन्न जनवादी संगठनों द्वारा विशाल रैली निकाली जाएगी । जिसके माध्यम से प्रदेश में अमन और शांति का संदेश दिया जाएगा। हिमाचल में हो रहे मस्जिदों के बाहर प्रदर्शन हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में दो गुटों में हुई लड़ाई के बाद शिमला के संजौली में बनी मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब पूरे प्रदेश में फेल गया है। प्रदेश भर में जगह जगह पर अवैध मस्जिदों के बाहर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे है।उन्हें गिराने की मांग की जा रही है। जिसके कारण प्रदेश में दो समुदायों के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है। ऐसे में अब वामपंथी संगठनो ने हिमाचल प्रदेश में हो रहे प्रदर्शनों के खिलाफ़ सड़को पर उतरने का एलान कर दिया है और प्रदेश भाजपा ,आरएसएस पर प्रदेश में सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप लगा दिए है और आगामी 27 सितंबर को शिमला में प्रदेश की अमन व शांति के लिए शिमला में रैली का आव्हान कर दिया है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर