ऊना में रात को अंगीठी जलाकर सो रहे एक ही परिवार के 5 लोग बेहोशी की हालत में मिले हैं। इन सभी को इलाज के लिए जिला के सरकारी अस्पताल दाखिल करवाया गया है। इनमें से 2 लोगों की हालत नाजुक है। घटना धमांदरी गांव की है। परिवार बीती रात खाना खाने के बाद ठंड से बचने के लिए अपने कमरे में अंगीठी जलाकर सो गया था। सुबह काफी देर तक जब घर का दरवाजा नहीं खुला तो पड़ोसी को किसी अनहोनी का शक हुआ और उसने उनके घर जाकर देखा। उन्होंने पाया कि घर के 5 सदस्यों को बेहोश पड़े हुए हैं। वह इन सभी लोगों को तुरंत इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया। डॉक्टर ने इनमें से 2 लोगों की हालत नाजुक होने की जानकारी दी है। ये उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। इससे पहले भी जिला में घर में आग की अंगीठी जलाकर सोने और दम घुटने से 2 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रशासन ने इसको लेकर एडवाइजरी भी जारी की गई थी की कोई भी व्यक्ति अपने घर में अंगीठी जलाकर न सोए। ऊना में रात को अंगीठी जलाकर सो रहे एक ही परिवार के 5 लोग बेहोशी की हालत में मिले हैं। इन सभी को इलाज के लिए जिला के सरकारी अस्पताल दाखिल करवाया गया है। इनमें से 2 लोगों की हालत नाजुक है। घटना धमांदरी गांव की है। परिवार बीती रात खाना खाने के बाद ठंड से बचने के लिए अपने कमरे में अंगीठी जलाकर सो गया था। सुबह काफी देर तक जब घर का दरवाजा नहीं खुला तो पड़ोसी को किसी अनहोनी का शक हुआ और उसने उनके घर जाकर देखा। उन्होंने पाया कि घर के 5 सदस्यों को बेहोश पड़े हुए हैं। वह इन सभी लोगों को तुरंत इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया। डॉक्टर ने इनमें से 2 लोगों की हालत नाजुक होने की जानकारी दी है। ये उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। इससे पहले भी जिला में घर में आग की अंगीठी जलाकर सोने और दम घुटने से 2 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रशासन ने इसको लेकर एडवाइजरी भी जारी की गई थी की कोई भी व्यक्ति अपने घर में अंगीठी जलाकर न सोए। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल: राधा स्वामी सत्संग ब्यास को जमीन ट्रांसफर की इजाजत:धार्मिक संस्था के आगे झुकी सरकार; बदला लैंड सीलिंग एक्ट, राष्ट्रपति को भेजा जाएगा
हिमाचल: राधा स्वामी सत्संग ब्यास को जमीन ट्रांसफर की इजाजत:धार्मिक संस्था के आगे झुकी सरकार; बदला लैंड सीलिंग एक्ट, राष्ट्रपति को भेजा जाएगा हिमाचल प्रदेश में राधा स्वामी सत्संग ब्यास को 30 एकड़ जमीन सहयोगी संस्था के नाम ट्रांसफर करने की इजाजत मिल गई है। धार्मिक संस्था के दबाव में हिमाचल सरकार ने लैंड सीलिंग एक्ट को बदल डाला है। दूसरी धार्मिक संस्थाएं भी 30 एकड़ तक जमीन ट्रांसफर कर पाएगी। कांग्रेस सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में हिमाचल प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक 2024 को पारित कर दिया है। इसमें सरकार ने एक्ट की 5(आई) में छूट देने का फैसला लिया है। विधानसभा में पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी को भेजा जाएगा। इसके बाद छूट मिल पाएगी। 1972 में बने लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन के बाद चैरिटी के लिए 30 एकड़ जमीन पर बने ढांचे को हस्तांतरित किया जा सकेगा। पूर्व में लोगों द्वारा धार्मिक संस्थाओं को दान की गई जमीन को ट्रांसफर करने की इजाजत नहीं थी। ऐसा करने से जमीन सरकार में वेस्ट (निहित) हो जाती थी। कांग्रेस सरकार ने संशोधन के उद्देश्यों में स्पष्ट किया कि सत्संग ब्यास संस्था धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य करने वाला संगठन है। इसने राज्य में नैतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षा के कई केंद्र स्थापित किए हैं। हिमाचल के हमीरपुर जिला के भोटा में इस संस्था ने एक अस्पताल भी बना रखा है, यहां स्थानीय लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही है। सत्संग ब्यास के पास सीलिंग से ज्यादा जमीन इस संस्था के पास लैंड सीलिंग एक्ट में तय सीमा से अधिक जमीन है, जिसे लैंड सीलिंग एक्ट के तहत छूट दी गई है। सत्संग ब्यास कई बार सरकार से अनुरोध कर चुका है कि उसे भोटा चैरिटेबल अस्पताल की भूमि और भवन को चिकित्सा सेवाओं के बेहतर प्रबंधन के लिए सहयोगी संस्था जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाइटी को हस्तांतरित करने की अनुमति दी जाए। मगर 1972 के एक्ट 5 की उप धारा 5(आई) इसके आड़े आ रही थी। राज्य सरकार ने इसमें संशोधन करके हस्तांतरण की इजाजत दे दी है। जाने क्या है पूरा मामलां हिमाचल में राधा स्वामी सत्संग ब्यास सहित दूसरी धार्मिक संस्थाओं को लोगों ने सैकड़ों बीघा जमीन दान कर रखी है। कायदे से यह जमीन 1972 के लैंड सीलिंग एक्ट के तहत सरकार में वेस्ट होनी थी। 1972 में सैकड़ों बीघा जमीन सरकार में वेस्ट हुई 1972 में जब लैंड सीलिंग एक्ट बना तो उसके बाद जिस व्यक्ति या परिवार के पास पानी वाली 50 बीघा से ज्यादा जमीन, एक फसल देने वाली 75 बीघा से अधिक, बगीचा वाली 150 बीघा जमीन तथा ट्राइबल एरिया में जिसके पास 350 बीघा से ज्यादा जमीन थी, उनकी वजह से जमीन सरकार में वेस्ट हो गई। इससे राजा-रजवाड़ाओं, देवी देवताओं, बड़े बड़े साहुकारों की सैकड़ों बीघा जमीन सरकार में वेस्ट हो गई। धार्मिक संस्थाओं, पावर प्रोजेक्ट, उद्योगों, चाय के बागानों के अलावा राज्य और केंद्र सरकार, सहकारी समितियों, सहकारी बैंकों, स्थानीय निकायों, की जमीन को सीलिंग से छूट दी गई है। हिमाचल की पूर्व वीरभद्र सरकार ने प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट 1972 में साल 2014 में संशोधन कर इसमें इसकी धारा 5 में उप धारा 5(आई) को जोड़ा। इस शर्त से धार्मिक संस्थाएं तिलमिला गई, क्योंकि 5(आई) की वजह से धार्मिक संस्थाएं न तो दान की जमीन बेच सकती है, न गिफ्ट कर सकती है और न ही सोयाइटी के नाम जमीन ट्रांसफर कर सकती है। यदि धार्मिक संस्था द्वारा ऐसा किया जाता है तो वह जमीन सरकार में निहित (वेस्ट) हो जाएगी। कुछ संस्थाएं अब दान की जमीन बेचकर मोटा मुनाफा कमाना चाह रही है। इसलिए समय समय पर एक्ट को बदलने का दबाव बनता रहा। पूर्व की जयराम सरकार ने भी इस एक्ट को बदलने की कोशिश की। मगर तब विपक्ष में कांग्रेस ने इसका विरोध किया और इसे हिमाचल बेचने जैसा प्रयास बताया। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार पर भी राधा स्वामी सत्संग ब्यास ने इसका दबाव डाला। यही नहीं सत्संग ब्यास ने भोटा अस्पताल को बंद करने की चेतावनी दी। इसके बाद हमीरपुर में लोग सड़कों पर उतरे। तब मुख्यमंत्री सुक्खू में एक्ट बदलने का भरोसा दिया। सीलिंग से ज्यादा जमीन को किया गया सील प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डा. वाइएस परमार ने 1972 में हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट इसलिए बनाया था, ताकि भूमि के व्यक्तिगत उपयोग की सीमा तय की जा सके। यह भू-सुधारों में सबसे बड़ा कदम था। इसमें बोनाफाइड हिमाचलियों के लिए भी लैंड होल्डिंग की सीमा निर्धारित की गई। इस कानून को बेक डेट यानी 1971 से लागू किया गया, क्योंकि जब लोगों को पता चला कि सरकार सीलिंग एक्ट बनाने जा रही है तो कुछ लोगों ने जमीन को एक दूसरे के नाम ट्रांसफर कर सीलिंग से बचने की कोशिश की।
हिमाचल: धर्मशाला-ताबो का टेंपरेचर 24 घंटे में 5-6 डिग्री बढ़ा:कल्पा में नॉर्मल से 10 डिग्री ज्यादा तापमान; 3 जिलों में शीतलहर का ऑरेंज अलर्ट
हिमाचल: धर्मशाला-ताबो का टेंपरेचर 24 घंटे में 5-6 डिग्री बढ़ा:कल्पा में नॉर्मल से 10 डिग्री ज्यादा तापमान; 3 जिलों में शीतलहर का ऑरेंज अलर्ट हिमाचल प्रदेश में सर्दी के मौसम में गर्मी रिकार्ड तोड़ने लगी है। ऊंचाई वाले इलाकों में जहां ज्यादा ठंड पड़ती है, वहां तापमान में असामान्य उछाल आया है। शिमला और कल्पा में दिसंबर महीने का सोमवार को दूसरा रिकार्ड मैक्सिमम टैम्परेचर दर्ज किया गया है। शिमला का अधिकतम तापमान नॉर्मल की तुलना में 7 डिग्री ज्यादा के साथ 21 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। इससे पहले 8 दिसंबर 2017 में रिकार्ड टेंपरेचर 21.3 डिग्री था। कल्पा में 16 दिसंबर 1991 को रिकार्ड टैम्परेचर 19 डिग्री था, जबकि बीते सोमवार को कल्पा का अधिकतम तापमान नार्मल की तुलना में 9.9 डिग्री के उछाल के बाद 18.9 डिग्री पहुंच गया। धर्मशाला के तापमान में भी नॉर्मल की तुलना में 6.6 का उछाल आया और 24.6 डिग्री सेल्सियस तापमान हो गया। प्रदेश का औसत मैक्सिमम टेंपरेचर भी नॉर्मल से 3.5 डिग्री ज्यादा हो गया है। बीते 24 घंटे के दौरान कल्पा और धर्मशाला के तापमान में नॉर्मल की तुलना में 5 डिग्री और ताबो के तापमान में 6 डिग्री का उछाल आया है। 3 जिलों में शीतलहर का ऑरेंज अलर्ट वहीं मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने तीन जिले ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर में कोल्ड-वेव का ऑरेंज अलर्ट और कांगड़ा जिला में येलो अलर्ट जारी किया है। जाहिर है कि इससे मैदानी इलाकों में सुबह की शाम लोगों को खूब परेशान करेगी। यह अलर्ट अगले 72 घंटे यानी तीन दिन के लिए जारी की गई है। शिमला, नारकंडा और कुफरी के तापमान में उछाल प्रदेश के मैदानी इलाकों में तीन दिन से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है, वहीं मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में निरंतर मौसम गर्म हो रहा है। आलम यह है कि शिमला का न्यूनतम तापमान भी नॉर्मल से 5.3 डिग्री ज्यादा के साथ 11.2 डिग्री पहुंच गया है। इसी तरह नारकंडा का न्यूनतम तापमान भी 8.5 डिग्री और कुफरी का तापमान 10.8 डिग्री सेल्सियस हो गया है। आमतौर पर शिमला, नारकंडा और कुफरी में 15 दिसंबर के बाद न्यूनतम तापमान जमाव बिंदू के आसपास तक गिर जाता है। मगर इस बार तापमान में उछाल आ रहा है। ऊंचे पहाड़ों से मैदानी इलाकों को चल रही कोल्ड वेव: कुलदीप मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में अगले 5 दिन तक बारिश-बर्फबारी के आसार नहीं है। इससे मैदानी इलाकों में ठंड और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तापमान नॉर्मल से ज्यादा रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि ऊंचे क्षेत्रों से मैदानी इलाकों की तरफ कोल्ड वेव चल रही है। इससे पहाड़ों से ज्यादा ठंड मैदानी इलाकों में पड़ रही है।
शिमला में 3 नशा तस्कर गिरफ्तार:पुलिस ने हेरोइन की बरामद, एक दिल्ली का रहने वाला, महिला भी शामिल
शिमला में 3 नशा तस्कर गिरफ्तार:पुलिस ने हेरोइन की बरामद, एक दिल्ली का रहने वाला, महिला भी शामिल हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में पुलिस को अवैध नशे के खिलाफ बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने एक अंतरराज्यीय ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए 3 अंतरराज्यीय नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने तस्करों के पास से 30.640 ग्राम हेरोइन भी बरामद की है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक शिमला जिले के कोटखाई में शुक्रवार को एएसआई करण नेगी की अगुवाई में पुलिस टीम कोकुनाला में गश्त पर थे। इस दौरान उन्हें सूचना मिली कि राजिन्दर नेगी की बिल्डिंग में रहने वाली सुमन शाही हीरोइन बेचती है, और आज यहां बड़ी डील होने जा रही है। सूचना पर ASI करण नेगी और टीम ने आवश्यक दस्तावेज व स्वतंत्र गवाहों को साथ लेकर मौके पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान पुलिस ने सुमन शाही के कमरे पहुंची उस दौरान कमरे में 3 लोग मौजूद थे। जिनसे पुलिस ने 30.640 ग्राम हेरोइन बरामद की है। एक दिल्ली का रहने वाला आरोपियों की पहचान सुमन शाही उम्र 35 साल पत्नी विष्णु वार्ड नंबर 3 एनसी कोटखाई , रंजन शर्मा उम्र 35 साल कोटखाई जिला शिमला हिमाचल प्रदेश और कमल आचार्य उम्र 46 साल पुत्र गोविंद आचार्य निवासी HN 34 पी – एक्सटेंशन ब्लॉक डी मोहन गार्डन उत्तम नगर दिल्ली जे रूप में हुई है। तस्करों पर पहले से दर्ज है मामले पुलिस ने बताया कि रंजन शर्मा के खिलाफ पहले भी एनडीपीएस एक्ट के तहत 2 मामले दर्ज है। जिसमें उससे 353 ग्राम चिट्टा बरामद किया था। वहीं कमल आचार्य चिट्टा के कारोबार में एक बड़ा सप्लायर है, जो देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से अलग अलग राज्यों के लिए सप्लाई करता है और उसे पहले भी 55 ग्राम चिट्टे में गिरफ्तार किया गया था। मामले की जांच में जुटी पुलिस वहीं एएसआई करण नेगी ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है । मामले में छानबीन शुरू कर दी है।