‘मैं 2013 के महाकुंभ में भी आया था। उस व्यवस्था और आज की व्यवस्था में बहुत अंतर है। सुविधाएं बढ़ गई हैं। पहले हमारे कैंप में 3 शौचालय थे, अबकी बार 11 मिले हैं। पहले हमें 2 नल मिलते थे, अब 6 नल मिले हैं।’ ऐसा मध्य प्रदेश के विदिशा में रहने वाले नवल रघुवंशी का कहना है। नवल हर साल परिवार के साथ मेला क्षेत्र में कल्पवास करने आते हैं। कैंप में 20 परिवार कल्पवास करते हैं। नवल की बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि महाकुंभ 2025 ‘दिव्य’ के साथ बेहद ‘भव्य’ होने जा रहा है। इस बार सरकार 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है। पिछले कुंभ के मुकाबले इस बार 3 गुना से ज्यादा श्रद्धालु आएंगे। इसके लिहाज से मेले का आकार भी बढ़ाया गया है। 40 वर्ग किलोमीटर को सजाया और चमकाया जा रहा। कुंभ नगर की सुरक्षा को अभेद किले की तरह पुख्ता किया गया है। कुंभ नगर के मास्टर प्लान पर तेजी से काम चल रहा है। प्रचार इस तरह किया जा रहा कि कुंभ मेला शुरू होने के 20 दिन पहले ही भीड़ के चलते डेढ़ किलोमीटर पहले ही बैरिकेड लगा कर गाड़ियों को रोका जा रहा है। पिछला महाकुंभ 2013 में आयोजित हुआ था। वह भी काफी भव्य था। दैनिक भास्कर की टीम इस समय कुंभ मेले में मौजूद है। यहां हमने 2013 और आज के कुंभ की विभिन्न पहलुओं- बजट, व्यवस्था, सुरक्षा और भीड़ की तुलना की। जानते हैं महाकुंभ को भव्य, दिव्य और नव्य बनाने के लिए क्या-क्या किया गया है… ग्राफिक्स: राजकुमार गुप्ता ‘मैं 2013 के महाकुंभ में भी आया था। उस व्यवस्था और आज की व्यवस्था में बहुत अंतर है। सुविधाएं बढ़ गई हैं। पहले हमारे कैंप में 3 शौचालय थे, अबकी बार 11 मिले हैं। पहले हमें 2 नल मिलते थे, अब 6 नल मिले हैं।’ ऐसा मध्य प्रदेश के विदिशा में रहने वाले नवल रघुवंशी का कहना है। नवल हर साल परिवार के साथ मेला क्षेत्र में कल्पवास करने आते हैं। कैंप में 20 परिवार कल्पवास करते हैं। नवल की बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि महाकुंभ 2025 ‘दिव्य’ के साथ बेहद ‘भव्य’ होने जा रहा है। इस बार सरकार 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है। पिछले कुंभ के मुकाबले इस बार 3 गुना से ज्यादा श्रद्धालु आएंगे। इसके लिहाज से मेले का आकार भी बढ़ाया गया है। 40 वर्ग किलोमीटर को सजाया और चमकाया जा रहा। कुंभ नगर की सुरक्षा को अभेद किले की तरह पुख्ता किया गया है। कुंभ नगर के मास्टर प्लान पर तेजी से काम चल रहा है। प्रचार इस तरह किया जा रहा कि कुंभ मेला शुरू होने के 20 दिन पहले ही भीड़ के चलते डेढ़ किलोमीटर पहले ही बैरिकेड लगा कर गाड़ियों को रोका जा रहा है। पिछला महाकुंभ 2013 में आयोजित हुआ था। वह भी काफी भव्य था। दैनिक भास्कर की टीम इस समय कुंभ मेले में मौजूद है। यहां हमने 2013 और आज के कुंभ की विभिन्न पहलुओं- बजट, व्यवस्था, सुरक्षा और भीड़ की तुलना की। जानते हैं महाकुंभ को भव्य, दिव्य और नव्य बनाने के लिए क्या-क्या किया गया है… ग्राफिक्स: राजकुमार गुप्ता उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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कांग्रेस ने 12 दिन में सैलजा को कैसे मनाया:राहुल गांधी का मैसेज, खड़गे से मिलने गईं; रैली-CM फेस समेत 2 वजहें
कांग्रेस ने 12 दिन में सैलजा को कैसे मनाया:राहुल गांधी का मैसेज, खड़गे से मिलने गईं; रैली-CM फेस समेत 2 वजहें हरियाणा कांग्रेस का बड़ा दलित चेहरा सिरसा सांसद कुमारी सैलजा चुनाव प्रचार के लिए मान गई हैं। इसका खुलासा खुद उन्होंने एक इंटरव्यू में किया। सैलजा टिकट बंटवारे में अनदेखी, विधानसभा चुनाव लड़ने की इजाजत न देने और आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर नाराज हो गई थी। सैलजा चुनाव प्रचार छोड़ घर बैठ गईं थी। यहां तक कि दिल्ली में मेनिफेस्टो रिलीज में भी हिस्सा नहीं लिया था। हालांकि सैलजा कैसे प्रचार के लिए राजी हुईं, इसको लेकर पूरी कहानी सामने नहीं आई। हालांकि दैनिक भास्कर को सूत्रों से इसकी पूरी जानकारी मिली है। जिसमें पता चला कि सैलजा को राहुल गांधी ने मैसेज भेजा। राहुल ने सैलजा को राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने को कहा। जहां खड़गे ने सैलजा को CM चेहरे और राहुल गांधी की रैली को लेकर भरोसा दिया। जिसके बाद वह मीडिया के सामने आईं। हालांकि उन्होंने खुद बातचीत को लेकर कोई ब्यौरा नहीं दिया। सैलजा प्रचार में हिस्सा ले रही हैं, इसकी पुष्टि कांग्रेस में उनके साथ जुड़े सांसद रणदीप सुरजेवाला ने भी की। उन्होंने कहा कि 26 सितंबर से सैलजा प्रचार शुरू कर देंगी। इन 2 शर्तों से दूर हुई सैलजा की नाराजगी
पहली: हरियाणा कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी-प्रियंका गांधी के कांग्रेस उम्मीदवारों का जो शेड्यूल तैयार किया गया था, उसमें सैलजा-सुरजेवाला समर्थकों के नाम नहीं थे। इस पर सैलजा ने आपत्ति जताई, जिसके बाद प्रचार के लिए रि-शेड्यूल बनाया गया। जिसमें सबसे पहले 26 सितंबर को सैलजा समर्थक असंध से विधायक रह चुके शमशेर गोगी के यहां राहुल गांधी वोट मांगने के लिए जाएंगे। ऐसा माना जा रहा है कि राहुल गांधी कुमारी सैलजा का मान रखने के लिए उनके करीबी कैंडिडेट से अपने अभियान की शुरुआत कर रहे हैं. ताकि उनकी नाराजगी कुछ कम हो सके। दूसरा: हरियाणा कांग्रेस में CM फेस को लेकर जबरदस्त कॉन्ट्रोवर्सी चल रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा हैं। ये दोनों पार्टी के बड़े नेता अपने आप को सीएम फेस का दावेदार मान रहे हैं। सैलजा के सीएम फेस में सबसे बड़ा रोड़ा यह है कि इस बार के टिकट वितरण में पूर्व सीएम बाजी मार ले गए हैं। इनमें 72 के करीब उम्मीदवार हुड्डा समर्थक हैं, ऐसे में सैलजा के लिए मुश्किलें खड़ी हो रही हैं। ऐसे में अपना दावा और मजबूत करने के लिए सैलजा लगातार केंद्रीय नेतृत्व के यहां सीएम फेस को लेकर अपना दावा ठोंक रही हैं। इसके बाद पार्टी नेतृत्व की ओर से उन्होंने आश्वासन दिया गया है कि सीएम फेस को लेकर जो भी फैसला होगा, वह संसदीय बोर्ड ही करेगा। सैलजा के नाराज होने की ये रहीं 3 वजहें… 1. टिकट वितरण में अनदेखी: कुमारी सैलजा के नाराज होने की वजह टिकट वितरण को माना जा रहा है। सैलजा ने हरियाणा में 30 से 35 सीटें अपने समर्थकों के लिए मांगी थीं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा समर्थकों को तवज्जो देते हुए 90 में से 72 सीटों पर उनके समर्थकों को टिकट दी। वहीं, सैलजा खेमे के हाथ केवल 5 सीटें लगीं। कांग्रेस महासचिव एवं सांसद कुमारी सैलजा अपने बेहद करीबी डॉ. अजय चौधरी को नारनौंद विधानसभा सीट से टिकट दिलाने में भी कामयाब नहीं हो पाईं। 2. जातिगत टिप्पणी: टिकट वितरण के अंतिम दिन नारनौंद में कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ के नामांकन कार्यक्रम में एक समर्थक ने कुमारी सैलजा पर जातिगत टिप्पणी की थी। इस मामले ने तूल पकड़ा और जगह-जगह विरोध भी हुआ। दलित समाज सैलजा पर की गई टिप्पणी से आहत है। नारनौंद थाने में जस्सी पेटवाड़ समर्थक कांग्रेस कार्यकर्ता पर केस भी दर्ज हुआ है। 3. हुड्डा खेमे से तनातनी: हरियाणा कांग्रेस में दो गुट बने हुए हैं। एक गुट भूपेंद्र हुड्डा का है, तो दूसरा गुट सैलजा-सुरजेवाला और बीरेंद्र सिंह (SRB) हो गया है। किरण चौधरी भी हुड्डा से नाराजगी बता भाजपा में चली गई हैं। इसके बाद बीरेंद्र सिंह सैलजा गुट के साथ नजर आने लगे हैं। चुनाव कैंपेन में पोस्टर से लेकर बयानबाजी तक में दोनों खेमे में साफ तौर पर तनातनी देखने मिली है। BJP चुनाव में सैलजा को मुद्दा बना रही
हरियाणा में कांग्रेस का सैलजा बड़ा दलित चेहरा हैं। सूबे में चूंकि 21% दलित वोट बैंक में सैलजा का अच्छा प्रभाव है। सैलजा की नाराजगी से पार्टी को इस वोट बैंक की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। इसलिए बीजेपी भी कुमारी सैलजा की नाराजगी को चुनाव में खूब भुनाने में लगी हुई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मनोहर लाल खट्टर के अलावा सूबे के कार्यकारी मुख्यमंत्री नायब सैनी भी सैलजा की नाराजगी को लेकर लगातार सार्वजनिक मंच पर बोलकर इसे चुनावी मुद्दा बनाने में लगे हुए हैं। बीजेपी के नेता जानते हैं कि हरियाणा में 17 रिजर्व सीटें हैं। इसके अलावा सिरसा और फतेहाबाद की विधानसभा सीटों पर भी सैलजा का प्रभाव है। ऐसे में करीब 21 विधानसभा सीटें हैं, जहां कुमारी सैलजा प्रभाव रखती हैं। हरियाणा में 12 सितंबर को नामांकन के अंतिम दिन कांग्रेस ने उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की थी। तब से ही कुमारी सैलजा चुप थीं। CM फेस और टिकट वितरण पर सैलजा-हुड्डा ने क्या कहा CM चेहरे पर: मेरे पास सीएम फेस बनने का मौका अभी है। सीएम बनना कोई बीता वक्त नहीं है, जो लौटकर नहीं आएगा। कांग्रेस पार्टी में ऐसा वक्त कभी नहीं आएगा। मैं ये बात बिल्कुल क्लियर कहती हूं, कि सीएम फेस का फैसला हमेशा कांग्रेस में हाईकमान ही करता है। टिकट बंटवारे पर: इसमें हिस्सेदारी भी क्यों करें, अंत में सभी पर कांग्रेस पार्टी का ही ठप्पा होता है। ठीक है, ये कहिए अपनी-अपनी सिफारिश हम दे सकते हैं। अंत में फैसला किस्मत का ही है, किसकी खुलती है, किसकी बंद होती है। CM चेहरे पर: कांग्रेस में मुख्यमंत्री चुने जाने की अपनी प्रक्रिया है। हम भी उसी के हिसाब से चलते हैं। पहले तो विधायक बनते हैं, बहुमत देखा जाता है। इसके बाद केंद्रीय पर्यवेक्षक विधायकों की राय को जानते हैं। इसके बाद पर्यवेक्षक केंद्रीय नेतृत्व को इसकी जानकारी देता है, फिर जो भी फैसला केंद्रीय नेतृत्व लेता है उसे पार्टी के नेता स्वीकार करते हैं। इस चुनाव में भी यदि कांग्रेस की सरकार बनती है तो सीएम फेस को लेकर जो भी फैसला होगा वह मुझे मंजूर होगा। टिकट बंटवारे पर: हरियाणा में मैंने टिकट नहीं बांटे हैं, पार्टी ने दिए हैं। पार्टी नेतृत्व ने ही उन्हें ही टिकट दिया है, जो टिकाऊ और जिताऊ उम्मीदवार हैं। टिकट बांटने से पहले स्क्रीनिंग कमेटी, सेंट्रल इलेक्शन कमेटी और सब कमेटी के मंथन के बाद टिकटों का वितरण किया गया है। ये खबर भी पढ़ें… सैलजा बोलीं- डिप्टी CM नहीं बनूंगी, कांग्रेस नहीं छोड़ूंगी हरियाणा चुनाव के बीच एक बार फिर सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने कांग्रेस सरकार बनने पर CM कुर्सी पर दावा ठोका है। उन्होंने कहा कि यह कोई बीता हुआ कल नहीं, जो लौटकर नहीं आएगा। सैलजा ने डिप्टी सीएम बनने से साफ इनकार कर दिया। सैलजा ने कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने की बात को भी सिरे से खारिज कर दिया। सैलजा ने कहा कि मेरे खून में कांग्रेस है। भाजपा इसको लेकर भ्रम फैला रही है (पूरी खबर पढ़ें)
करनाल में नैपकिन फैक्ट्री में अचानक लगी आग:फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने पाया काबू, पहले भी दो बार लग चुकी
करनाल में नैपकिन फैक्ट्री में अचानक लगी आग:फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने पाया काबू, पहले भी दो बार लग चुकी हरियाणा में करनाल जिले के नमस्ते चौक से ब्रह्मानंद चौक की तरफ जाने वाली सड़क पर नैपकिन बनाने वाली फैक्ट्री में अचानक आग लग गई। आग लगने से आसपास के एरिया में अफरा तफरी मच गई। आग की लपटों ने पूरी फैक्ट्री को अपनी चपेट में ले लिया। आगजनी की सूचना के बाद पुलिस व फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के सायरन बज उठे और गाड़ियां मौके पर पहुंच गई। फायर ब्रिगेड की गाडियों ने आग बुझाने की प्रोसेस शुरू की। आग इतनी भयंकर थी कि आग बुझाने में फायर कर्मचारियों के भी पसीने छूट गए। पहले भी घटित हो चुकी घटना नैपकिन की फैक्ट्री में आगजनी की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी दो बार आग लग चुकी है। जिसमें पहले भी काफी नुकसान हुआ था। बताया जा रहा है कि जिस वक्त आग लगी उस टाइम कोई भी व्यक्ति या कर्मचारी फैक्ट्री में मौजूद नहीं था। राहगीर प्रवीन कुमार, राममेहर, कृष्ण लाल व अन्य ने बताया कि हमने फैक्ट्री में आग लगी हुई देखी। आग बहुत ही ज्यादा भयानक लगी हुई थी। गनीमत रही कि फैक्ट्री में कोई कर्मचारी नहीं था। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर आई और चार से पांच गाड़ियां आग पर काबू पाने के लिए पहुंची है। फायर ब्रिगेड टीम ने पाया काबू ईआरवी इंचार्ज बलविंद्र ने बताया कि नैपकिन फैक्ट्री में आग लगने की जानकारी मिली थी। बताया जा रहा है कि पहले भी इस फैक्ट्री में आग लग चुकी है। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर बुला ली और कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। बताया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी है। संबंधित थाने को जानकारी दे दी गई है। पुलिस मामले की जांच की जा रही है।
मेरठ में युवक की गला काटकर हत्या:धारदार हथियारों से किए कई वार, डेड बॉडी को नाले में फेंका
मेरठ में युवक की गला काटकर हत्या:धारदार हथियारों से किए कई वार, डेड बॉडी को नाले में फेंका मेरठ के भवानी नगर एक युवक की गला काटकर हत्या कर दी गई। युवक का शव नौचंदी थाना क्षेत्र के एक नाले में पड़ा मिला है। शव मिलते ही क्षेत्र में सनसनी फैल गई। आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची सिविल लाइन और नौचंदी थाना पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लिया। शव की पहचान करने का प्रयास किया। लेकिन शव की पहचान नहीं हुई । नौचंदी थाने में मुकदमा लिखा गया। बताया गया कि भवानी नगर नाले में एक युवक का शव पड़ा हुआ था। युवक का गला धारदार हथियारों से काट रखा था। शव मिलने से आसपास के लोगों ने पुलिस को फोन किया और नोचंदी थाना पुलिस ने आकर शव की पहचान करने का प्रयास किया लेकिन पुलिस शव की पहचान नहीं कर पाई। नौचंदी थाने के इंस्पेक्टर महेश राठौर का कहना है कि नाले में मिले युवक की उम्र करीब 28 साल है। शव की पहचान नहीं हुई है युवक के गले में चोट के निशान है युवक के शव की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है।