नया साल आ ही गया और इस साल भी सबके अपने-अपने संकल्प और मनोकामनाएं होंगी। नए साल के लिए सभी परमेश्वर से तरह-तरह की मन्नते मांग रहे होंगे। लेकिन मेरी प्लानिंग इस बार थोड़ी डिफरेंट है। मैंने इस बार सीधे यमराज से बात की। जो किसी ने नहीं किया होगा वो मैंने किया! मैंने इस नए साल पर यमराज से बस इतना ही कहा कि जैसे अब तक यमराज आपने मुझे नहीं चाहा, ऐसे ही 2025 में भी आप मुझे न चाहें। जैसे अभी तक उन्हें मेरी याद नहीं आई ऐसे ही इस नए वर्ष में भी वह मुझे याद न करें। और मुझे ही क्या, मेरे परिवार, मेरे अपनों और मेरे परिचितों को भी हरगिज याद न करें। यमराज को चाहिए कि वे उन्हें याद करें जो दुनिया में आतंकवाद फैलाने निकले हैं। जिनके कारण भले और भोले लोग दुखी हो रहे हैं। बहरहाल, मैंने यमराज से पूछ लिया कि हे यम देवता, क्या आपके एरिया में भारत से बाहर के भी कुछ देश आते हैं? क्या आपकी पाकिस्तान, तालिबान, कोरिया जैसे देशों में कोई ब्रांच नहीं है! क्या उन्होंने चीन में किसी को फ्रेंचाइजी नहीं दे रखी? दुनिया बदल रही है यम जी। नर्क में जाने के योग्य दावेदार भारत से बाहर बसे हुए हैं। मुझे तो जब भी याद करें तो अपने मोबाइल के GPS में देखकर पहले यह बता दें कि उनके ऑफिस से स्वर्ग के लिए कौन सा रूट लेना होगा और उसमें कितना समय लगेगा? वैसे भी स्वर्ग में वहां के बड़े और छोटे कर्मचारी और अधिकारी भी आजकल खाली बैठे होंगे, क्योंकि स्वर्ग जाने योग्य लोगों की संख्या में भारी गिरावट आई है। लोगों को स्वर्ग में जाकर जो सुख-सुविधाएं और ऐशो-आराम की चीजें मिलनी थीं, उन चीजों की लोग धरती पर ही जुगाड़ कर लेते हैं। सुरों के लोक में जो सुरा पीनी थी, उसका कोटा धरती पर ही मिल जाता है। इसलिए स्वर्ग जाने में लोगों का इंट्रेस्ट कम होने लगा है। हमारे यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरा है, लेकिन उनके मैनेजमेंट में गड़बड़ी है। धन-धान्य की कृपाएं उनके घर जा रही हैं, जिनके पास पहले से ही अपार संपदा है। उनके पास इतनी फुर्सत ही नहीं है कि वे अपनी सम्पत्ति को देख भी सकें। मेरे लिहाज से तो धन-संपदा को उनके घर जाना चाहिए जो उसकी प्रतीक्षा में भूखे-प्यासे बैठे हैं। जिनकी आंखें धन-संपदा की आस में भीगी रहती हैं। मेरे लिए तो स्वर्ग और नर्क की परिभाषा बिल्कुल अलग है। मैंने यमराज से पूछ लिया कि यमलोक में कवि-सम्मेलन होता है या नहीं? क्योंकि मैंने उन्हें स्पष्ट शब्दों में बता दिया है कि देखिए यमराज जी, जहां कवि-सम्मेलन, वहीं मेरा स्वर्गधाम। स्वर्ग में कवि-सम्मेलन हो और उसमें पेमेंट न दी जाए तो काहे का स्वर्ग। मैंने ऐसे कई भव्य आयोजन देखे हैं, जिनमें आलीशान मंच होता है, भव्य सजावट होती है। बेहतरीन सुंदरियां, वहां आने वाले अतिथियों और प्रस्तुति देने वालों का स्वागत करती हैं। सब कुछ स्वर्ग सरीखा लगता है लेकिन अगर उसमें पेमेंट मिलने में देर हो जाए, तो वहां का आयोजक मुझे यमराज से कम नहीं लगता। जो सुंदरियां स्वागत करती मिली थीं, वे अचानक भयानक लगने लगती हैं। जो गंधर्व मेरे स्वागत का गान गा रहे थे, उनके सुर मेरे कान फोड़ने लगे। इसलिए हे यमराज, हे स्वर्ग के अधिकारियों और छोटे-बड़े सभी कर्मचारियों। हमने अपने पर्सनल स्वर्ग और नर्क तैयार कर लिए हैं, इसलिए मुझे याद करने की कोई जरूरत नहीं है।’ नया साल आ ही गया और इस साल भी सबके अपने-अपने संकल्प और मनोकामनाएं होंगी। नए साल के लिए सभी परमेश्वर से तरह-तरह की मन्नते मांग रहे होंगे। लेकिन मेरी प्लानिंग इस बार थोड़ी डिफरेंट है। मैंने इस बार सीधे यमराज से बात की। जो किसी ने नहीं किया होगा वो मैंने किया! मैंने इस नए साल पर यमराज से बस इतना ही कहा कि जैसे अब तक यमराज आपने मुझे नहीं चाहा, ऐसे ही 2025 में भी आप मुझे न चाहें। जैसे अभी तक उन्हें मेरी याद नहीं आई ऐसे ही इस नए वर्ष में भी वह मुझे याद न करें। और मुझे ही क्या, मेरे परिवार, मेरे अपनों और मेरे परिचितों को भी हरगिज याद न करें। यमराज को चाहिए कि वे उन्हें याद करें जो दुनिया में आतंकवाद फैलाने निकले हैं। जिनके कारण भले और भोले लोग दुखी हो रहे हैं। बहरहाल, मैंने यमराज से पूछ लिया कि हे यम देवता, क्या आपके एरिया में भारत से बाहर के भी कुछ देश आते हैं? क्या आपकी पाकिस्तान, तालिबान, कोरिया जैसे देशों में कोई ब्रांच नहीं है! क्या उन्होंने चीन में किसी को फ्रेंचाइजी नहीं दे रखी? दुनिया बदल रही है यम जी। नर्क में जाने के योग्य दावेदार भारत से बाहर बसे हुए हैं। मुझे तो जब भी याद करें तो अपने मोबाइल के GPS में देखकर पहले यह बता दें कि उनके ऑफिस से स्वर्ग के लिए कौन सा रूट लेना होगा और उसमें कितना समय लगेगा? वैसे भी स्वर्ग में वहां के बड़े और छोटे कर्मचारी और अधिकारी भी आजकल खाली बैठे होंगे, क्योंकि स्वर्ग जाने योग्य लोगों की संख्या में भारी गिरावट आई है। लोगों को स्वर्ग में जाकर जो सुख-सुविधाएं और ऐशो-आराम की चीजें मिलनी थीं, उन चीजों की लोग धरती पर ही जुगाड़ कर लेते हैं। सुरों के लोक में जो सुरा पीनी थी, उसका कोटा धरती पर ही मिल जाता है। इसलिए स्वर्ग जाने में लोगों का इंट्रेस्ट कम होने लगा है। हमारे यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरा है, लेकिन उनके मैनेजमेंट में गड़बड़ी है। धन-धान्य की कृपाएं उनके घर जा रही हैं, जिनके पास पहले से ही अपार संपदा है। उनके पास इतनी फुर्सत ही नहीं है कि वे अपनी सम्पत्ति को देख भी सकें। मेरे लिहाज से तो धन-संपदा को उनके घर जाना चाहिए जो उसकी प्रतीक्षा में भूखे-प्यासे बैठे हैं। जिनकी आंखें धन-संपदा की आस में भीगी रहती हैं। मेरे लिए तो स्वर्ग और नर्क की परिभाषा बिल्कुल अलग है। मैंने यमराज से पूछ लिया कि यमलोक में कवि-सम्मेलन होता है या नहीं? क्योंकि मैंने उन्हें स्पष्ट शब्दों में बता दिया है कि देखिए यमराज जी, जहां कवि-सम्मेलन, वहीं मेरा स्वर्गधाम। स्वर्ग में कवि-सम्मेलन हो और उसमें पेमेंट न दी जाए तो काहे का स्वर्ग। मैंने ऐसे कई भव्य आयोजन देखे हैं, जिनमें आलीशान मंच होता है, भव्य सजावट होती है। बेहतरीन सुंदरियां, वहां आने वाले अतिथियों और प्रस्तुति देने वालों का स्वागत करती हैं। सब कुछ स्वर्ग सरीखा लगता है लेकिन अगर उसमें पेमेंट मिलने में देर हो जाए, तो वहां का आयोजक मुझे यमराज से कम नहीं लगता। जो सुंदरियां स्वागत करती मिली थीं, वे अचानक भयानक लगने लगती हैं। जो गंधर्व मेरे स्वागत का गान गा रहे थे, उनके सुर मेरे कान फोड़ने लगे। इसलिए हे यमराज, हे स्वर्ग के अधिकारियों और छोटे-बड़े सभी कर्मचारियों। हमने अपने पर्सनल स्वर्ग और नर्क तैयार कर लिए हैं, इसलिए मुझे याद करने की कोई जरूरत नहीं है।’ उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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यूपी में पूरी तैयारी के बाद भी पेपर लीक क्यों?:पड़ोसी राज्य छोड़कर प्रिंटिंग का है नियम, लखनऊ से 600 KM दूर छापने का दिया ठेका उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की RO/ARO परीक्षा के पेपर फरवरी में हुए थे। परीक्षा के चार दिन बाद पेपर लीक का खुलासा होने से आयोग की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। दरअसल, पेपर उस प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ था, जहां इसे छ्पने के लिए भेजा गया था। परीक्षा की घोषणा से लेकर पेपर की सेटिंग, छपाई और आयोजित होने तक लोक सेवा आयोग का प्लान फुलप्रूफ होता है। इसके बावजूद पेपर लीक कैसे हो जाता है? दैनिक भास्कर ने इस मामले की पड़ताल की।
आइए सब कुछ सिलसिलेवार ढंग से जानते हैं… 12 समितियों के साथ बैठक में तय होती है रूपरेखा
यूपी सरकार लोकसेवा आयोग से खाली पदों पर भर्ती की मांग करती है। आयोग के चेयरमैन की तरफ से भर्ती के लिए परीक्षा नियंत्रक को निर्देश दिया जाता है। परीक्षा नियंत्रक आयोग की तकरीबन 12 समितियों के साथ बैठक कर पूरी रूपरेखा तैयार करते हैं। आयोग की 7 परीक्षा समितियों के साथ अलग से बैठक होती है, जिसमें परीक्षा की तारीख, पेपर की सेटिंग, छ्पाई और दूसरे कार्यों के लिए अलग-अलग समितियों को जिम्मेदारी दी जाती है। फिर इसी तय रूपरेखा के आधार पर परीक्षा कराई जाती है। परीक्षा की 6 समितियों की जिम्मेदारी सबसे अहम
लोक सेवा आयोग के विभागीय लोगों के मुताबिक सबसे अहम जिम्मेदारी परीक्षा समितियों की होती है। PCS ऑफिसर रैंक तक तकरीबन सभी पदों को भरने की जिम्मेदारी आयोग की होती है। इन्हीं समितियों में गोपनीय अनुभाग होता है। इस अनुभाग का काम पेपर की सेटिंग, छापने के लिए प्रिंटिंग प्रेस का चयन, परीक्षा कराना, कॉपियों की जांच और रिजल्ट बनाने से लेकर उसे प्रकाशित करने तक होता है। इन सब में गोपनीय अनुभाग को परीक्षा नियंत्रक की अनुमति लेनी होती है। प्रदेश से दूर प्रिंटिंग, विश्वसनीय प्रेस, फिर भी पेपर लीक क्यों
विभागीय सूत्रों की मानें तो लोक सेवा आयोग नियमावली के मुताबिक भर्ती का पेपर गोपनीय तरीके से तैयार किया जाता है। इसकी तैयारी इतनी फुलप्रूफ होती है कि पेपर लीक होने की संभावना न के बराबर रहती है। इसे तैयार करने वाले लोग भी परीक्षा समिति के गोपनीय अनुभाग की निगरानी में होते हैं। प्रिंटिंग के लिए भी आयोग की अलग नियमावली है। सूत्रों की मानें तो इसमें साफ तौर पर लिखा है कि पेपर छापने के लिए जिस प्रिंटिंग प्रेस को दिया जाए, पहले उसके इतिहास के बारे में पता कर लिया जाए। उसके पूरे करियर की जांच की जाए। सबसे अहम बात यह कि पेपर जहां भी छपे वो प्रिंटिंग प्रेस यूपी के बाहर हो। पड़ोसी प्रदेश में भी प्रिंट न कराया जाए। प्रिंटिंग प्रेस की जानकारी परीक्षा नियंत्रक, परीक्षा समिति के चेयरमैन और कमेटी में शामिल 2 मेंबरों के अलावा किसी को नहीं होती है। इसके अलावा प्रिंटिंग प्रेस और ट्रांसपोर्ट दोनों की विश्वसनीयता परखी जाती है। सूत्रों की मानें तो आयोग से पेपर लीक होने का कोई चांस नहीं है, क्योंकि आयोग ये कभी नहीं चाहेगा कि कोई पेपर लीक हो और उस पर सवाल उठे। हां आयोग में कुछ सख्त अफसरों की तैनाती जरूर होनी चाहिए। भर्ती पेपर छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस पर नकल माफियाओं की होती है नजर
सूत्रों की मानें तो नकल माफियाओं का नेटवर्क काफी मजबूत होता है। वो ये पता लगाने में कामयाब हो जाते हैं कि यूपी से बाहर अलग-अलग प्रदेशों के वो कौन से प्रिंटिंग प्रेस हैं, जो सरकारी भर्ती के पेपर छापने का काम करते हैं। इन सभी पर उनकी नजर होती है। पैसे का लालच देकर वो इनके कर्मचारियों को अपने साथ मिलाने की ताक में लगे रहते हैं। बिना इनके कर्मचारियों को मिलाए पेपर लीक कर पाना संभव नहीं है। यूपी RO/ARO भर्ती का पेपर ऐसे ही लीक हुआ था। इसमें आयोग की गलती रही कि पड़ोसी राज्य वाले नियम को दरकिनार कर लखनऊ से सिर्फ 600 किलोमीटर दूर भोपाल में पेपर प्रिंटिंग का ठेका दे दिया। ये तीन लूप होल्स, जिससे लीक होता है पेपर नाम न छापने की शर्त पर दैनिक भास्कर से बात करते हुए आयोग के एक पूर्व ऑफिसर ने उन तीन लूप होल्स की बात की, जिस वजह से पेपर लीक की संभावनाएं सबसे ज्यादा होती हैं। 1- पेपर छापने के लिए प्रिंटिंग प्रेस के चयन का मजबूत पैरामीटर, प्रेस व ट्रांसपोर्ट में काम करने वालों की कुंडली आयोग और पुलिस ने पहले से न खंगाली हो। 2- छपाई से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक का काम पूरा होने तक गोपनीय विभाग के जिम्मेदार और सख्त ऑफिसरों की स्पेशल ड्यूटी न लगाया जाना। 3- उन एग्जाम सेंटर का चयन करना, जिनका इतिहास अच्छा न रहा हो। ये तीन काम होने पर पेपर लीक की संभावनाएं बेहद कम आयोग के पूर्व ऑफिसर के मुताबिक ये तीन काम करके पेपर लीक के मामलों को काफी हद तक रोका जा सकता है। 1- आयोग के पास पेपर छापने के लिए अपने खुद के एसेट्स होना। 2- हर परीक्षा केंद्र पर आयोग से चयनित किसी अधिकारी की ड्यूटी पेपर पहुंचाने से लेकर एग्जाम खत्म होने तक लगाना। 3- ऑनलाइन परीक्षाओं के हर सेगमेंट में फिंगर प्रिंट और फेस स्कैनर के बाद ही परीक्षा में बैठने के लिए एलिजबल होना। यहां से खुला था RO/ARO पेपर लीक प्रदेशभर में 11 फरवरी को परीक्षा हुई। RO और ARO की परीक्षा के लिए 10 लाख 69 हजार 725 कैंडिडेट्स ने पेपर दिया था। परीक्षा से आधे घंटे पहले ही पेपर वॉट्सऐप और टेलीग्राम पर वायरल हो गया। स्क्रीनशॉट्स और वीडियो वायरल हुए तो पुलिस और एसटीएफ एक्टिव हो गई। 15 फरवरी को परीक्षा से जुड़ा पहला मामला कौशांबी के मंझनपुर थाने में दर्ज हुआ। कौशांबी क्राइम ब्रांच ने यहां आयुष पांडेय, नवीन सिंह और पुनीत को गिरफ्तार किया। ये सभी RO/ARO परीक्षा में धांधली करने के आरोपी थे। इनके पास से 8.84 लाख रुपए और कई फर्जी दस्तावेज बरामद किए। इन तीनों ने पूछताछ में बताया कि वो एक ऐसे गिरोह का हिस्सा हैं, जो परीक्षाओं में गड़बड़ी करता है। मामले की जांच आगे बढ़ी तो पेपर लीक माफिया राजीव नयन मिश्रा तक कड़ियां जुड़ीं। राजीव नयन मिश्रा को गिरफ्तार किया गया। एसटीएफ ने भोपाल में छापेमारी कर 6 लोगों की गिरफ्तारी की है। ये खबरें भी पढ़ें… यूपी में पेपर लीक किया तो उम्रकैद तक होगी:एक करोड़ का जुर्माना भी लगेगा; योगी कैबिनेट ने अध्यादेश को दी मंजूरी; 43 प्रस्ताव पास किए यूपी में पेपर लीक को लेकर योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। कैबिनेट ने मंगलवार को पेपर लीक अध्यादेश को मंजूरी दे दी। इसमें एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना और उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।पूरी खबर पढ़ें… राजीव ने एक-दिन पहले गर्लफ्रेंड को भेजा RO/ARO का पेपर:दूसरी गर्लफ्रेंड पैसे का हिसाब देखती थी, ज्यादा कमाने के चक्कर में फंसा यूपी RO/ARO पेपर लीक मामले की 2 कड़ियां है। पहली- भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस से पेपर पानी की बोतल में छिपाकर बाहर लाया गया और लीक हुआ। दूसरी- प्रयागराज के बिशप जॉनसन स्कूल से आउट हुआ। दोनों कड़ियां एक व्यक्ति मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा से जुड़ती हैं। उसने ही भोपाल और प्रयागराज से पेपर लीक कराया।पूरी खबर पढ़ें…
हीट वेव से निपटने के लिए मेरठ जिला अस्पताल कितना तैयार? स्वास्थ्य निदेशक ने लिया जायजा
हीट वेव से निपटने के लिए मेरठ जिला अस्पताल कितना तैयार? स्वास्थ्य निदेशक ने लिया जायजा <p style=”text-align: justify;”><strong>Meerut Medical College News:</strong> हीट वेव को लेकर सरकार बेहद गंभीर है. तमाम सरकारी अस्पतालों में हीट वेव को लेकर कोल्ड रूम बनाने और हीट वेव के मरीजों को बेहतर इलाज देने के निर्देश दिए गए हैं. मेरठ का जिला अस्पताल हीट वेव को लेकर कितना तैयार है और कितनी दुरुस्त है इसी का जायजा लेने लखनऊ से स्वास्थ्य निदेशक डॉ बी.पी. एस कल्याणी मेरठ पहुंचे और जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हीट वेव के मरीजों के लिए जिला अस्पताल में 10 बैड का कोल्ड रूम बनाया गया. आइसोलेशन वार्ड में बने इस कोल्ड रूम का स्वास्थ्य निदेशक डॉ बी.पी.एस कल्याणी ने औचक निरीक्षण किया. बैड, मशीनें, दवाइयां, स्टाफ, कूलर और पंखों की व्यवस्थाएं देखी. जिला अस्पताल के एमएस डॉ कौशलेंद्र और डॉ अशोक कटारिया ने तमाम जानकारियां दी. पांच पांच बैंड के दो वार्ड बनाए गए हैं और वहां स्टाफ भी तैनात कर दिया गया है. उन्होंने दोनों का वार्ड का निरीक्षण किया और जरा भी कोताही न बरतने के निर्देश दिए. <br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/30/4e84a154043cf3fe335bd7bac638f43e1717090092235664_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हीट वेव से बीमार दो मरीज आस्पताल पहुंचे </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>लखनऊ से आए स्वास्थ्य निदेशक डॉ बी.पी. एस कल्याणी जिस वक्त कोल्ड रूम के बारे में जानकारी ले रहे थे तभी जिला अस्पताल के डॉ अशोक कटारिया ने उन्हें बताया कि हीट वेव के दो मरीज अब तक जिला अस्पताल में आए थे. दोनों को बेहतर इलाज दिया गया और उसके बाद स्वास्थ्य ठीक होने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई. स्वास्थ्य निदेशक डॉ बी.पी. एस कल्याणी ने निर्देश दिए कि व्यवस्थाएं दुरुस्त रखें और मरीजों के इलाज में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ओपीडी और ब्लड बैंक का भी निरीक्षण किया</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भीषण गर्मी में जिला अस्पताल में और क्या क्या व्यवस्थाएं हैं और कहीं कोई कमी तो नहीं है, इसका भी स्वास्थ्य निदेशक डॉ बी.पी. एस कल्याणी ने जायजा लिया. वो ओपीडी में गए और वहां मरीजों से हालचाल जाना और ये भी पूछा कि डॉक्टर्स बाहर से तो दवाई नहीं लिख रहे हैं. इसी के साथ ही पूरी ओपीडी का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखी. इसके बाद उन्होंने जिला अस्पताल के ब्लड बैंक का भी निरीक्षण किया और इमरजेंसी में भी मरीजों का हाल चाल जाना. उनके औचक निरीक्षण से जिला अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल रहा कि कहीं कोई कमी हाथ न लग जाए और बात लखनऊ तक पहुंच जाए. उनके जाने के बाद डॉक्टर और स्टाफ में राहत की सांस ली.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हीट वेव पर सरकार गंभीर </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>स्वास्थ्य निदेशक डॉ बी.पी. एस कल्याणी ने बताया कि हीट वेव को लेकर सरकार बेहद गंभीर है. स्वास्थ्य विभाग पूरी तरीके से अलर्ट है. आज कोर्ट एविडेंस में आया था और जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण भी किया. कोई खास कमी नहीं मिली, लेकिन निर्देश दिए गए हैं कि ओआरएस प्वाइंट बनाया जाए और मरीजों को इसका वितरण किया जाए. उन्होंने लोगों से अपील की है कि गर्मी ज्यादा है बेवजह धूप में निकलने से बचे और पानी ज्यादा पिएं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”भीषण गर्मी में वाहन चालकों को मिलेगी राहत, शहर के सभी ट्रैफिक सिग्नल पर की ये खास व्यवस्था” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-weather-news-lucknow-traffic-signals-will-remain-yellow-from-1-pm-to-4-pm-due-to-extreme-heat-ann-2702662″ target=”_self”>भीषण गर्मी में वाहन चालकों को मिलेगी राहत, शहर के सभी ट्रैफिक सिग्नल पर की ये खास व्यवस्था</a></strong></p>