डॉगी से खेलते-खेलते गड्ढे में गिरकर बच्ची की मौत:वाराणसी में मां बोली- पति के बाद तुम्हारे सहारे जिंदा थी, अब कैसे वापस लाऊं

डॉगी से खेलते-खेलते गड्ढे में गिरकर बच्ची की मौत:वाराणसी में मां बोली- पति के बाद तुम्हारे सहारे जिंदा थी, अब कैसे वापस लाऊं

वाराणसी में गड्ढे में गिरने से दो साल की मासूम की मौत हो गई। बच्ची आश्रम पद्धति स्कूल के आवासीय परिसर में पालतू डॉगी के साथ खेल रही थी। चलना सीख रही मासूम बच्ची डॉगी के पीछे-पीछे चल रही थी। डॉगी सेफ्टी टैंक के पास पहुंच गया। बच्ची भी अपने छोटे-छोटे कदमों से डॉगी के पास पहुंचने की कोशिश करने लगी। वह जैसे ही सेफ्टी टैंक के पास पहुंची अचानक उसका पैर फिसल गया और वो टैंक में गिर गई। घटना बड़ागांव थाना क्षेत्र के सातों महुआ की है। 15-20 मिनट तक टैंक में पड़ी रही बच्ची
कुछ देर बाद जब परिजनों को बच्ची नहीं दिखी तो सबने तलाश शुरू की। तभी चपरासी सेफ्टी टैंक के पास पहुंचा, तो उसे बच्ची का शव पानी में उतराता हुआ दिखा। उसने चिल्लाते हुए सबको आवाज दी। शोर सुनकर पहुंचा दूसरा कर्मी तुरंत गड्‌ढे में उतरा। बच्ची को बाहर निकाला और अस्पताल लेकर भागे। लेकिन तब तक बच्ची दम तोड़ चुकी थी। आनन-फानन में परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। मासूम का शव देखकर परिजन बिलखने लगे। करीब 15-20 बच्ची गड्‌ढे में पड़ी रही। बबुरी के पाण्डेयपुर पचोखर निवासी संतोष पांडेय सातों महुआ के आश्रम पद्धति स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। वे परिवार के साथ स्कूल कैंपस में रहते हैं। उनके साथ पत्नी के अलावा मृतक बेटे विकास पांडे की पत्नी, 3 साल का बेटा अनय और दो साल की बेटी श्रीनिधि रहती थीं। अब 3 तस्वीरें कैसे क्या हुआ, पूरा घटनाक्रम समझिए
शनिवार की सुबह संतोष पांडेय अपनी दो साल की पौत्री श्रीनिधि को गोद में लेकर खिला रहे थे। वह रोने लगी तो उसे नीचे उतार दिया। संतोष किसी काम में व्यस्त हो गए। इधर बच्ची पालतू डॉगी के साथ खेलने लगी। इतने में डॉगी मैदान की ओर चल दिया, तो श्रीनिधि भी खेलते-खेलते पीछे चल पड़ी। कुछ देर बाद डॉगी सेफ्टी टैंक के पास पहुंच गया, श्रीनिधि की उस पर नजर पड़ी तो वह भी उसके पास जाने की कोशिश करने लगी। सेफ्टी टैंक के पास पहुंचते ही बच्ची का पैर फिसल गया और वह टैंक में गिर गई। सेफ्टी टैंक को ढकने के लिए सीमेंटेड पट्टी डाली गई थी। दो पट्टी के बीच में गैप था। इसी खुली जगह से बच्ची सेफ्टी टैंक के अंदर गिर गई। आज बेटी को नए खिलौने का वादा किया था
आसपास के लोगों का कहना है कि सेफ्टी टैंक लगभग 6 महीने से खुला हुआ था। कई बार कहने के बावजूद इसे बंद नहीं कराया गया। बच्ची के शव को गोद में लिए मां डिंपल बोलीं- दो साल से बेटी को एक पल के लिए अकेला नहीं छोड़ा। आज चंद मिनट के लिए छोड़ दिया तो छोड़कर चली गई। पति की मौत के बाद बेटे-बेटी के सहारे तो जिंदा थी, गुड़िया को आज नया खिलौने दिलाने का वादा किया था। अब मैं क्या करूं। कैसे अपनी बच्ची को वापस लाऊं। दो साल पहले हुई थी बच्ची के पिता की मौत
चंदौली जिले के बबुरी थाना अंतर्गत पांडेयपुर पचोखर गांव निवासी संतोष पांडेय के बेटे विकास पांडेय की दो साल पहले एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। विकास का एक बेटा अनय और बेटी श्रीनिधि थे। विकास के पिता संतोष पांडेय राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में चपरासी के पद पर काम करते हैं। बेटे की मौत के बाद संतोष पांडेय ने उसके परिवार को अपने पास बुला लिया और पोता-पोती की परवरिश करने लगे। विकास की बेटी श्रीनिधि और परिवार के अन्य सदस्य उसी आवास में रहते थे। शादी के बाद विकास की पत्नी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही थी, कंप्टीशन एग्जाम भी दिया था। हालांकि, पति की मौत के बाद पूरा समय बच्चों की परिवरिश में लगी रहती थी। पति का बेटी से सबसे ज्यादा लगाव था और मां भी दिन भर उसके बिना नहीं रहते थे। स्कूल प्रबंधन ने अंतिम संस्कार के लिए दबाव बनाया
बच्ची का शव मिलने के बाद स्कूल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। बच्ची की मौत में फंसने और अपनी लापरवाही छिपाने की कोशिश की। ग्रामीणों ने बताया कि घटना के बाद स्कूल प्रबंधन मृतक बच्ची के परिजनों को समझाकर बच्ची का अंतिम संस्कार कराने के लिए दबाव बना रहा है। परिवार भी बिना सूचना दिए रामेश्वर स्थित वरुणा नदी में अंतिम संस्कार करने जा रहा था। तभी आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दे दी। जिसके बाद बड़गांव थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। लोगों का कहना है कि स्कूल में बड़ी संख्या में बाहरी बच्चे पढ़ते हैं। इसमें छोटे-बड़े बच्चे भी शामिल हैं। ऐसे में सेफ्टी टैंक को खुला छोड़ना स्कूल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही को उजागर करता है। प्रिंसिपल बबिता सिंह ने बताया- पूरा विद्यालय परिवार उनके दुख में शामिल है। ये दुर्घटना जान-बूझकर नहीं की गई है। आगे की कार्रवाई पुलिस प्रशासन कर ही रहा है। परिजनों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही बरतने और संसाधनों को अव्यवस्थित रखने के कारण बच्ची की मौत होने का आरोप लगाया है। पुलिस ने स्कूल में लगे कैमरों की फुटेज भी खंगाली है। ——————————- ये खबर भी पढ़ें… महाकुंभ का सरकारी X हैंडल सस्पेंड:हैक या रुल्स वाइलेशन की आशंका, महाकुंभ-2025 के नाम से कई फेक अकाउंट भी एक्टिव प्रयागराज महाकुंभ का आधिकारिक X हैंडल (https://x.com/MahaKumbh_2025) सस्पेंड कर दिया गया है। आशंका जताई जा रही है कि इसे हैक करने की कोशिश की गई होगी या अकाउंट से X के नियमों का उल्लंघन किया गया है। हालांकि, कई घंटों से सस्पेंड होने के बावजूद इस मामले में कोई भी आधिकारिक बयान अभी तक सामने नहीं आया है। इस X हैंडल से 14000 लोग जुड़े हैं। इसे सर्च करने वालों की संख्या भी बहुत अधिक है। अब महाकुंभ की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। इस X हैंडल पर मेला से जुड़ी सभी जानकारियां शेयर हो रही थीं। वहीं, इन दिनों महाकुंभ-2025 के नाम से कई फेक अकाउंट भी एक्टिव हैं। पढ़ें पूरी खबर… वाराणसी में गड्ढे में गिरने से दो साल की मासूम की मौत हो गई। बच्ची आश्रम पद्धति स्कूल के आवासीय परिसर में पालतू डॉगी के साथ खेल रही थी। चलना सीख रही मासूम बच्ची डॉगी के पीछे-पीछे चल रही थी। डॉगी सेफ्टी टैंक के पास पहुंच गया। बच्ची भी अपने छोटे-छोटे कदमों से डॉगी के पास पहुंचने की कोशिश करने लगी। वह जैसे ही सेफ्टी टैंक के पास पहुंची अचानक उसका पैर फिसल गया और वो टैंक में गिर गई। घटना बड़ागांव थाना क्षेत्र के सातों महुआ की है। 15-20 मिनट तक टैंक में पड़ी रही बच्ची
कुछ देर बाद जब परिजनों को बच्ची नहीं दिखी तो सबने तलाश शुरू की। तभी चपरासी सेफ्टी टैंक के पास पहुंचा, तो उसे बच्ची का शव पानी में उतराता हुआ दिखा। उसने चिल्लाते हुए सबको आवाज दी। शोर सुनकर पहुंचा दूसरा कर्मी तुरंत गड्‌ढे में उतरा। बच्ची को बाहर निकाला और अस्पताल लेकर भागे। लेकिन तब तक बच्ची दम तोड़ चुकी थी। आनन-फानन में परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। मासूम का शव देखकर परिजन बिलखने लगे। करीब 15-20 बच्ची गड्‌ढे में पड़ी रही। बबुरी के पाण्डेयपुर पचोखर निवासी संतोष पांडेय सातों महुआ के आश्रम पद्धति स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। वे परिवार के साथ स्कूल कैंपस में रहते हैं। उनके साथ पत्नी के अलावा मृतक बेटे विकास पांडे की पत्नी, 3 साल का बेटा अनय और दो साल की बेटी श्रीनिधि रहती थीं। अब 3 तस्वीरें कैसे क्या हुआ, पूरा घटनाक्रम समझिए
शनिवार की सुबह संतोष पांडेय अपनी दो साल की पौत्री श्रीनिधि को गोद में लेकर खिला रहे थे। वह रोने लगी तो उसे नीचे उतार दिया। संतोष किसी काम में व्यस्त हो गए। इधर बच्ची पालतू डॉगी के साथ खेलने लगी। इतने में डॉगी मैदान की ओर चल दिया, तो श्रीनिधि भी खेलते-खेलते पीछे चल पड़ी। कुछ देर बाद डॉगी सेफ्टी टैंक के पास पहुंच गया, श्रीनिधि की उस पर नजर पड़ी तो वह भी उसके पास जाने की कोशिश करने लगी। सेफ्टी टैंक के पास पहुंचते ही बच्ची का पैर फिसल गया और वह टैंक में गिर गई। सेफ्टी टैंक को ढकने के लिए सीमेंटेड पट्टी डाली गई थी। दो पट्टी के बीच में गैप था। इसी खुली जगह से बच्ची सेफ्टी टैंक के अंदर गिर गई। आज बेटी को नए खिलौने का वादा किया था
आसपास के लोगों का कहना है कि सेफ्टी टैंक लगभग 6 महीने से खुला हुआ था। कई बार कहने के बावजूद इसे बंद नहीं कराया गया। बच्ची के शव को गोद में लिए मां डिंपल बोलीं- दो साल से बेटी को एक पल के लिए अकेला नहीं छोड़ा। आज चंद मिनट के लिए छोड़ दिया तो छोड़कर चली गई। पति की मौत के बाद बेटे-बेटी के सहारे तो जिंदा थी, गुड़िया को आज नया खिलौने दिलाने का वादा किया था। अब मैं क्या करूं। कैसे अपनी बच्ची को वापस लाऊं। दो साल पहले हुई थी बच्ची के पिता की मौत
चंदौली जिले के बबुरी थाना अंतर्गत पांडेयपुर पचोखर गांव निवासी संतोष पांडेय के बेटे विकास पांडेय की दो साल पहले एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। विकास का एक बेटा अनय और बेटी श्रीनिधि थे। विकास के पिता संतोष पांडेय राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में चपरासी के पद पर काम करते हैं। बेटे की मौत के बाद संतोष पांडेय ने उसके परिवार को अपने पास बुला लिया और पोता-पोती की परवरिश करने लगे। विकास की बेटी श्रीनिधि और परिवार के अन्य सदस्य उसी आवास में रहते थे। शादी के बाद विकास की पत्नी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही थी, कंप्टीशन एग्जाम भी दिया था। हालांकि, पति की मौत के बाद पूरा समय बच्चों की परिवरिश में लगी रहती थी। पति का बेटी से सबसे ज्यादा लगाव था और मां भी दिन भर उसके बिना नहीं रहते थे। स्कूल प्रबंधन ने अंतिम संस्कार के लिए दबाव बनाया
बच्ची का शव मिलने के बाद स्कूल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। बच्ची की मौत में फंसने और अपनी लापरवाही छिपाने की कोशिश की। ग्रामीणों ने बताया कि घटना के बाद स्कूल प्रबंधन मृतक बच्ची के परिजनों को समझाकर बच्ची का अंतिम संस्कार कराने के लिए दबाव बना रहा है। परिवार भी बिना सूचना दिए रामेश्वर स्थित वरुणा नदी में अंतिम संस्कार करने जा रहा था। तभी आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दे दी। जिसके बाद बड़गांव थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। लोगों का कहना है कि स्कूल में बड़ी संख्या में बाहरी बच्चे पढ़ते हैं। इसमें छोटे-बड़े बच्चे भी शामिल हैं। ऐसे में सेफ्टी टैंक को खुला छोड़ना स्कूल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही को उजागर करता है। प्रिंसिपल बबिता सिंह ने बताया- पूरा विद्यालय परिवार उनके दुख में शामिल है। ये दुर्घटना जान-बूझकर नहीं की गई है। आगे की कार्रवाई पुलिस प्रशासन कर ही रहा है। परिजनों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही बरतने और संसाधनों को अव्यवस्थित रखने के कारण बच्ची की मौत होने का आरोप लगाया है। पुलिस ने स्कूल में लगे कैमरों की फुटेज भी खंगाली है। ——————————- ये खबर भी पढ़ें… महाकुंभ का सरकारी X हैंडल सस्पेंड:हैक या रुल्स वाइलेशन की आशंका, महाकुंभ-2025 के नाम से कई फेक अकाउंट भी एक्टिव प्रयागराज महाकुंभ का आधिकारिक X हैंडल (https://x.com/MahaKumbh_2025) सस्पेंड कर दिया गया है। आशंका जताई जा रही है कि इसे हैक करने की कोशिश की गई होगी या अकाउंट से X के नियमों का उल्लंघन किया गया है। हालांकि, कई घंटों से सस्पेंड होने के बावजूद इस मामले में कोई भी आधिकारिक बयान अभी तक सामने नहीं आया है। इस X हैंडल से 14000 लोग जुड़े हैं। इसे सर्च करने वालों की संख्या भी बहुत अधिक है। अब महाकुंभ की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। इस X हैंडल पर मेला से जुड़ी सभी जानकारियां शेयर हो रही थीं। वहीं, इन दिनों महाकुंभ-2025 के नाम से कई फेक अकाउंट भी एक्टिव हैं। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर