हरियाणा के पलवल में सोमवार को देह शामलात की जमीन को लेकर 2 पक्षों में विवाद हो गया। आरोप है कि पातली गांव में बदमाश हथियारों के साथ कब्जा करने के लिए आए। जब लोगों ने उनका विरोध किया तो उन्होंने करीब 50 राउंड फायरिंग भी की। फायरिंग का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें कुछ लोग फायरिंग कर रहे हैं। लोग हाथ में बंदूक लेकर ग्रामीणों की तरफ दौड़ रहे हैं। घटना की सूचना मिलते ही शहर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया। दिल्ली के व्यक्ति पर कब्जा करने का आरोप पातली गांव के सरपंच विपिन कुमार ने बताया कि पातली गांव की देह शामलात की 14 एकड़ जमीन है। सरकार के आदेश हैं कि इस जमीन में किसी भी प्रकार की खरीद फरोख्त नहीं की जा सकती। इसके बावजूद भी लोग इस जमीन पर जबरदस्ती कब्जा करना चाहते हैं। सोमवार को कुछ लोगों ने जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। दिल्ली का आरसी अग्रवाल जमीन पर अपना हक जताते हुए किसी कुलबीर नामक व्यक्ति के साथ दर्जनों हथियारबंद युवकों को लेकर पहुंचा और जमीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया। पहले ग्रामीणों ने उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से समझाने का प्रयास किया। ग्रामीणों को मारने के लिए फायरिंग का आरोप विपिन कुमार ने आगे बताया कि समझाने के बाद भी जब वे नहीं माने तो ग्रामीणों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद दूसरे पक्ष के लोगों ने मारने की नीयत से उन पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। 50 से 60 राउंड फायर किए, लेकिन हमें कानून पर विश्वास है, इसलिए ग्रामीण पीछे हट गए। आरोपियों की गोली चलाते हुए ग्रामीणों ने वीडियो भी बनाई, जिसे पुलिस के समक्ष पेश कर दिया जाएगा। प्रशासन की तरफ से अभी तक दूसरे पक्ष के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई। SHO बोले- शिकायत मिलते ही कार्रवाई करेंगे शहर थाना प्रभारी राधेश्याम ने बताया कि पातली गांव में जमीनी विवाद में हुए झगड़े की सूचना मिली थी। तुरंत भवनकुंड चौकी पुलिस मौके पर पहुंची। अभी किसी भी पक्ष की तरफ से पुलिस को शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ************** पलवल की ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा में पुलिस मुठभेड़ में 2 बदमाशों को गोली लगी:CIA इंचार्ज बुलेट प्रूफ जैकेट से बचे; जमीनी विवाद में मर्डर करने आए थे हरियाणा के पलवल में पुलिस और बदमाशों में मुठभेड़ हुई है। इस दौरान दोनों ओर से गोलियां चलीं। 2 बदमाश गोली लगने से घायल हो गए। CIA इंचार्ज को भी गोली लगी, लेकिन बुलेट प्रूफ जैकेट के कारण उनकी जान बच गई। पुलिस ने घायल बदमाशों को नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में दाखिल कराया है। वहीं इनके 2 साथी अंधेरे का फायदा उठा कर भाग गए। पढ़ें पूरी खबर हरियाणा के पलवल में सोमवार को देह शामलात की जमीन को लेकर 2 पक्षों में विवाद हो गया। आरोप है कि पातली गांव में बदमाश हथियारों के साथ कब्जा करने के लिए आए। जब लोगों ने उनका विरोध किया तो उन्होंने करीब 50 राउंड फायरिंग भी की। फायरिंग का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें कुछ लोग फायरिंग कर रहे हैं। लोग हाथ में बंदूक लेकर ग्रामीणों की तरफ दौड़ रहे हैं। घटना की सूचना मिलते ही शहर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया। दिल्ली के व्यक्ति पर कब्जा करने का आरोप पातली गांव के सरपंच विपिन कुमार ने बताया कि पातली गांव की देह शामलात की 14 एकड़ जमीन है। सरकार के आदेश हैं कि इस जमीन में किसी भी प्रकार की खरीद फरोख्त नहीं की जा सकती। इसके बावजूद भी लोग इस जमीन पर जबरदस्ती कब्जा करना चाहते हैं। सोमवार को कुछ लोगों ने जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। दिल्ली का आरसी अग्रवाल जमीन पर अपना हक जताते हुए किसी कुलबीर नामक व्यक्ति के साथ दर्जनों हथियारबंद युवकों को लेकर पहुंचा और जमीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया। पहले ग्रामीणों ने उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से समझाने का प्रयास किया। ग्रामीणों को मारने के लिए फायरिंग का आरोप विपिन कुमार ने आगे बताया कि समझाने के बाद भी जब वे नहीं माने तो ग्रामीणों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद दूसरे पक्ष के लोगों ने मारने की नीयत से उन पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। 50 से 60 राउंड फायर किए, लेकिन हमें कानून पर विश्वास है, इसलिए ग्रामीण पीछे हट गए। आरोपियों की गोली चलाते हुए ग्रामीणों ने वीडियो भी बनाई, जिसे पुलिस के समक्ष पेश कर दिया जाएगा। प्रशासन की तरफ से अभी तक दूसरे पक्ष के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई। SHO बोले- शिकायत मिलते ही कार्रवाई करेंगे शहर थाना प्रभारी राधेश्याम ने बताया कि पातली गांव में जमीनी विवाद में हुए झगड़े की सूचना मिली थी। तुरंत भवनकुंड चौकी पुलिस मौके पर पहुंची। अभी किसी भी पक्ष की तरफ से पुलिस को शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ************** पलवल की ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा में पुलिस मुठभेड़ में 2 बदमाशों को गोली लगी:CIA इंचार्ज बुलेट प्रूफ जैकेट से बचे; जमीनी विवाद में मर्डर करने आए थे हरियाणा के पलवल में पुलिस और बदमाशों में मुठभेड़ हुई है। इस दौरान दोनों ओर से गोलियां चलीं। 2 बदमाश गोली लगने से घायल हो गए। CIA इंचार्ज को भी गोली लगी, लेकिन बुलेट प्रूफ जैकेट के कारण उनकी जान बच गई। पुलिस ने घायल बदमाशों को नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में दाखिल कराया है। वहीं इनके 2 साथी अंधेरे का फायदा उठा कर भाग गए। पढ़ें पूरी खबर हरियाणा | दैनिक भास्कर
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राम रहीम की पैरोल पर अब 8 अगस्त को सुनवाई:डेरा प्रमुख ने लगाई है अर्जी; हाई कोर्ट के फैसले पर सरकार की नजर
राम रहीम की पैरोल पर अब 8 अगस्त को सुनवाई:डेरा प्रमुख ने लगाई है अर्जी; हाई कोर्ट के फैसले पर सरकार की नजर राम रहीम की पैरोल पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में आज सुनवाई नहीं हो सकी है। हाई कोर्ट ने आगामी 8 अगस्त की अगली तारीख लगा दी है। याचिका पर अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी।
डेरा प्रमुख की याचिका पर हरियाणा सरकार की भी नजर है। क्योंकि हरियाणा में आगामी 2 महीने बाद ही विधानसभा चुनाव है। हरियाणा में BJP सरकार को सिरसा डेरा सच्चा सौदा का समर्थन मिलता रहा है। इस बार भी BJP हरियाणा में डेरा के समर्थन की उम्मीद लगाए बैठी है। राम रहीम के वकील जितेंद्र खुराना ने पुष्टि करते हुए बताया कि” पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट आज सुनवाई की जानी थी मगर किसी कारण वश सुनवाई नहीं हो सकी। हाई कोर्ट ने अगले सप्ताह की तारीख दी है। साध्वी यौन शोषण और मर्डर केस में काट रहा सजा
बता दें कि साध्वी यौन शोषण और मर्डर केस में सजा काट रहा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम जेल से बाहर आना चाहता है। राम रहीम ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के सामने किसी भी तरह की पैरोल या फरलो देने पर रोक के आदेश को हटाने की गुहार लगाई है। राम रहीम ने दावा किया है कि वह इस साल 20 दिन की पैरोल और 21 दिन की फरलो सहित कुल 41 दिनों की अवधि के लिए रिहाई के लिए पात्र है। वह इसका लाभ उठाना चाहता है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर राम रहीम को बार-बार जेल से बाहर लाने का विरोध जताया था। जिसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि कोर्ट की परमिशन के बिना डेरा प्रमुख की पैरोल के आवेदन पर विचार न किया जाए। राम रहीम ने यह दलील दी
राम रहीम ने हाईकोर्ट के आदेशों पर रोक हटाने मांग करते हुए दलील दी है कि पैरोल और फरलो देने का उद्देश्य सुधारात्मक प्रकृति का है और दोषी को परिवार और समाज के साथ अपने सामाजिक संबंधों को बनाए रखने में सक्षम बनाना है। हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स (टेम्पररी रिलीज) एक्ट 2022 के तहत पात्र दोषियों को हर कैलेंडर वर्ष में 70 दिन की पैरोल और 21 दिन की फरलो देने का अधिकार दिया गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि नियम ऐसे किसी भी दोषी को पैरोल और फरलो देने पर रोक नहीं लगाते हैं, जिसे आजीवन कारावास और निश्चित अवधि की सजा वाले तीन या अधिक मामलों में दोषी ठहराया गया हो और सजा सुनाई गई हो। पैरोल या फरलो देना पूरी तरह से कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद संबंधित वैधानिक प्राविधान के अनुसार है। उसे किसी भी स्तर पर कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं दिया गया है। चुनाव के वक्त जेल में राम रहीम
यह पहली बार है कि हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में हो रहे आम चुनाव बिना राम रहीम के हो रहे हैं। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सरकार की ओर से डेरा प्रमुख राम रहीम को इस बार चुनाव में पैरोल नहीं दी गई, जबकि अब तक वह 2022 से 6 बार फरलो और 3 पैरोल लेकर 192 दिन तक बाहर आ चुका है। लगभग 200 दिन डेरा प्रमुख 3 राज्यों के पंचायत चुनावों से लेकर विधानसभा चुनाव में एक्टिव रह चुका है। 2 साध्वियों से रेप, पत्रकार छत्रपति और डेरा मैनेजर रणजीत सिंह मर्डर केस में जेल में बंद गुरमीत राम रहीम की फरलो-पैरोल को राजनीति के जानकार लोग इसे सिर्फ संयोग मानने को तैयार नहीं हैं।
करनाल में धान खरीद में फर्जीवाड़ा:फिजिकल वैरिफिकेशन में कम मिला 4 हजार क्विंटल, राइस मिलर्स के खिलाफ जांच शुरू
करनाल में धान खरीद में फर्जीवाड़ा:फिजिकल वैरिफिकेशन में कम मिला 4 हजार क्विंटल, राइस मिलर्स के खिलाफ जांच शुरू हरियाणा के करनाल में फर्जी धान की खरीद का मामला एक फिर से उठा है। विभागीय जांच के दौरान 4 हजार क्विंटल धान गायब पाई गई है। मामला सुर्खियों में आने के बाद जिला उपायुक्त ने भी मामले पर संज्ञान लिया और गड़बड़ी वाली मिलों की भी पीवी करवाने के निर्देश जारी कर दिए। अब प्रशासन यह जानने का प्रयास कर रहा है कि आखिर गड़बड़ी कितनी हुई है। पहली ही पीवी में 4 हजार क्विंटल कम आईएएस अधिकारी योगेश सैनी के नेतृत्व में राइस मिल में फिजिकल वैरिफिकेशन की गई। प्रशासनिक जांच का यह पहला फेस था और पहले फेस ने ही बड़ा झटका दे दिया। करीब चार हजार क्विंटल धान कम मिली। जब पहले फेस में ही यह हालात है तो आगे फिजिकल वैरिफिकेशन होगी तो भ्रष्टाचार की ओर भी परते हटती नजर आएगी। इतनी स्पीड से काटे गए गेट पास जब भी गेट पास काटा जाता है तो उसे में औसतन दो से तीन मिनट लगता है। लेकिन जिले कई मंडियों में तो तेज रफ्तार से गेट पास काटकर रख दिए। शक ऐसे भी गहराता है कि जिस गेट पास को कटने में दो से तीन मिनट का टाइम लगता है, उन्हीं गेट पास को 41 सेकेंड दो बार और 2 मिनट 35 सेकेंड में तीन बार काट दिया जाता है। जिसके बाद निसिंग मंडी में 772 गेट पास कैंसिल किए गए। जिसका वजन 42 हजार 633 क्विंटल बनता था। निगदू, इंद्री, तरावड़ी, घरौंडा, करनाल और असंध की मंडियों गेट पास का यही तरीका है। वहीं डीएफएससी की माने तो पूरे मामले की जांच जारी है और गड़बड़ी करने वालों पर एक्शन लिया जाएगा। सवालों के घेरे में मंडी से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी और व्यापारी भ्रष्टाचार की जड़े कुरेदी गई और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की चूल्ले हिल गई। अब जिम्मेदार खुद को बचाने की जुगत में है और हड़बड़ी में उन राइस मिलर्स के खिलाफ जांच शुरू कर दी, जहां पर धान कम पाया गया है। ऐसे में अधिकारियों की हड़बड़ाहट ने कई सवाल खड़े कर दिए है। जिनकी तरफ आखिर प्रशासन का ध्यान नहीं जाता। कागजो में ही लिखी जाती है भ्रष्टाचार की पटकथा यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि फर्जी खरीद का खेल कोई एक अधिकारी या कर्मचारी या फिर मंडी से जुड़ा व्यक्ति नहीं कर सकता। इसके लिए पूरे टीम वर्क की जरूरत होती है। कैसे धान को कागजों में उगाना है? कैसे कागजों में ही धान का फर्जी गेट पास कटेगा? कैसे आढ़ती की दुकान के कागजों में चढ़ेगा? कैसे कागजों में ही खरीद एजेंसी धान की परचेज करेगी? कैसे मिलर्स कागजों में ही धान की बोरिया ट्रक में लोड होकर जाएगी? भ्रष्टाचार की पटकथा कागजों में ही लिखी जाती है और उसी में दब जाती है, लेकिन इस तरफ किसी का भी ध्यान नहीं जाता। यह कार्य बिना किसी अधिकारी, आढ़ती या फिर सरकारी खरीद एजेंसियों के इंस्पेक्टरों की मर्जी के बिना नहीं हो सकता। कैसे रचा जाता है भ्रष्टाचार का चक्रव्यूह अक्सर यह सवाल मन में आते है कि मंडी में फर्जी खरीद होती कैसे है और कैसे भ्रष्टाचार होता है? उन्हीं को कुछ आसान तरीके से समझने का प्रयास करते है। एडवोकेट राकेश ढूल के मुताबिक, मंडी में किसान का धान आते ही गेट पर पास कट जाता है। इसमें अनुमानित वजह होता है। गेट पास के माध्यम से ही पता चलता है कि किस आढ़ती के पास धान आया और किस एजेंसी ने खरीदा और किस मिलर्स को भेजा गया। जे फार्म कटने के बाद धान की खरीद का पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर हो जाता है। फर्जी गेट पास से शुरू होता है भ्रष्टाचार का फर्स्ट फेस भ्रष्टाचार में फर्स्ट फेस फर्जी गेट पास से शुरू होता है। सेकेंड फेज धान की परचेज से शुरू होता है। इसमें खरीद एजेंसी का निरीक्षक और आढ़ती फर्जी गेट पास के नाम पर चढ़ी धान की सरकारी कागजों में खरीद दिखा देते है, अर्थात कागजों में धान उग जाती है। इसमें आढ़ती की अमाउंट प्रतिशत पहले से ही सेट होती है। किसी किसान के नाम पर धान का जे फार्म काट देते है और फिर किसी राइस मिलर्स को सीएसआर के लिए धान अलॉट कर दी जाती है। जे फार्म वाले किसान के खाते में पैसा आ जाता है और वह सब बंट जाता है और यह काम खरीद एजेंसी के जिम्मेदारों के मार्फत हो सकता है। गरीबों के चावल पर मिलर्स का डाका जो धान कागजों में थी उसको वास्तविक रूप में दिखाने के लिए मिलर्स यूपी और बिहार से गरीबों को मिलने वाले चावल को सस्ते रेट पर खरीद लेता है। इससे मिलर्स का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि वह मिलिंग का खर्च बचा लेता है और सस्ते में चावल खरीदकर एफसीआई को भेज देता है और यूपी व बिहार के चावल माफिया द्वारा यह कार्य किया जाता है। ऐसे में एमएसपी का लाभ किसान को न जाकर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाले चावल को फूड माफिया के जरिए मिलर्स डकार लेते है। खानापूर्ति तक सीमित रह जाता है सब कुछ आकृति संस्था के अध्यक्ष अनुज सैनी की माने तो फिजिकल वैरिफिकेशन महज खानापूर्ति तक सीमित है। जनता को लगे कि प्रशासन द्वारा एक्शन लिया जा रहा है, इसके लिए एक नोटिस जारी कर दिया जाता है और आगे की जांच भी इंस्पेक्टर को ही करनी होती है। यहां पर तो वह कहावत चरितार्थ हो जाती है कि दूध की रखवाली बिल्ली को ही दे दी। जब तक सिस्टम में कड़ी कार्रवाई का प्रावधान नहीं होगा, इस तरह की खानापूर्ति चलती रहेगी। यह होता आया है और आगे भी इसी तरह से होता रहेगा। जांच के नाम पर महज खाना पूर्ति।