पंजाब के संगरुर में अनियंत्रित कार पेड़ से टकरा गई, जिससे कार सवार दो दोस्तों की मौत हो गई। हादसा सोमवार की देर शाम गांव रोगला में ड्रेन पर बन रहे पुल के पास हुआ। जहां वरना कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। मृतकों की पहचान लाडी सिंह (20) पुत्र मिट्ठू सिंह और जतिंदर सिंह (24) पुत्र स्व. गुरतेज सिंह निवासी गांव रोगला के रुप में हुई। इस हादसे में कार का अगला हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। कुछ दिन पहले लौटे थे विदेश से मृतक लाडी सिंह के पिता मिट्ठू सिंह ने बताया कि दोनों युवक विदेश गए थे और कुछ दिन पहले ही वापस लौटे थे। लाडी शहर से बाहर गए अपने भाई का जन्मदिन मना रहे थे और घर में खुशी का माहौल था। इस बीच, लाडी सिंह और जतिंदर सिंह कुछ सामान खरीदने के लिए दिड़बा शहर गए। दिड़बा से लौटते समय जैसे ही वे गांव रोगला के पास बन रहे ड्रेन पुल के पास पहुंचे तो अचानक उनकी कार का संतुलन बिगड़ गया, जिससे कार खेतों में एक पेड़ से टकरा गई और उन दोनों की मौत हो गई। कौरियां चौकी इंचार्ज रघवीर सिंह ने बताया कि, जन्मदिन की तैयारी के बीच मृतक लाडी सिंह अपने साथी के साथ सामान लेने के लिए गया था। लौटते वक्त आवारा पशु को बचाने के चक्कर में कार का संतुलन बिगड़ गया और कार पेड़ से जा टकराई। पंजाब के संगरुर में अनियंत्रित कार पेड़ से टकरा गई, जिससे कार सवार दो दोस्तों की मौत हो गई। हादसा सोमवार की देर शाम गांव रोगला में ड्रेन पर बन रहे पुल के पास हुआ। जहां वरना कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। मृतकों की पहचान लाडी सिंह (20) पुत्र मिट्ठू सिंह और जतिंदर सिंह (24) पुत्र स्व. गुरतेज सिंह निवासी गांव रोगला के रुप में हुई। इस हादसे में कार का अगला हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। कुछ दिन पहले लौटे थे विदेश से मृतक लाडी सिंह के पिता मिट्ठू सिंह ने बताया कि दोनों युवक विदेश गए थे और कुछ दिन पहले ही वापस लौटे थे। लाडी शहर से बाहर गए अपने भाई का जन्मदिन मना रहे थे और घर में खुशी का माहौल था। इस बीच, लाडी सिंह और जतिंदर सिंह कुछ सामान खरीदने के लिए दिड़बा शहर गए। दिड़बा से लौटते समय जैसे ही वे गांव रोगला के पास बन रहे ड्रेन पुल के पास पहुंचे तो अचानक उनकी कार का संतुलन बिगड़ गया, जिससे कार खेतों में एक पेड़ से टकरा गई और उन दोनों की मौत हो गई। कौरियां चौकी इंचार्ज रघवीर सिंह ने बताया कि, जन्मदिन की तैयारी के बीच मृतक लाडी सिंह अपने साथी के साथ सामान लेने के लिए गया था। लौटते वक्त आवारा पशु को बचाने के चक्कर में कार का संतुलन बिगड़ गया और कार पेड़ से जा टकराई। पंजाब | दैनिक भास्कर
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दसूहा में अज्ञात वाहन ने स्कूटी को टक्कर मारी:लड़की की मौत, महिला गंभीर घायल; शोरूम पर काम करने जा रहीं थी दोनों होशियारपुर जिले के दसूहा में जालंधर-पठानकोट नेशनल हाईवे पर अज्ञात वाहन ने स्कूटी को टक्कर मार दी। हादसे में लड़की की मौत गई, जबकि महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। दोनों रोजाना की तरह शोरूम पर काम करने के लिए जा रहीं थी। हादसा आज सुबह करीब 9 बजे शहीद उस्मान गांव में हुआ। मृतक लड़की की पहचान सोनिया (21) निवासी संग्याल के तौर पर हुई। जो घायल महिला अंजना निवासी संसारपुर गांव के साथ दसूहा स्थित हुंडई शोरूम में काम करने जा रही थी। इसी दौरान हादसा हो गया। घायल महिला अंजना के परिवार सदस्यों ने बताया कि अंजना और सोनिया एक साथ काम पर गई थीं। लेकिन किसी अज्ञात वाहन ने इनकी स्कूटी को पीछे से टक्कर मार दी। जिस कारण सोनिया की मौत हो गई और अंजना गंभीर जख़्मी है। जिसकी हालत नाजुक होने पर जालंधर रेफर कर दिया गया। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद वाहन चालक मौके से फरार हो गया। दसूहा पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। सड़क पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच कर अज्ञात वाहन को ट्रेस करने की कोशिश कर रही है।
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केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी को सीएम मान का खत:5 पाइंट्स में रखी बात; कहा- झगड़ों में ठेकेदारों की गलती, भूमी अधिग्रहण का कार्य जारी पंजाब में चल रहे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रोजेक्ट्स को लेकर केंद्र व राज्य के बीच चल रहा विवाद बढ़ता जा रहा है। आज मंगवार सीएम भगवंत मान ने भी एक खत केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी की नाराजगी के जवाब में लिख दिया। जिसमें उन्होंने ने केंद्र को सहयोग का विश्वास दिलाते हुए स्पष्ट किया कि दो दर्ज FIR में ठेकेदारों की गलतियां सामने आई हैं। सीएम भगवंत मान ने दो पन्नों के इस खत को 5 पॉइंट्स में अपनी बात रखी। जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री गड़करी की तरफ से लगाए गए आरोपों का जवाब भी दिया और प्रोजेक्ट्स में हो रही देरी के बारे में भी बता दिया। गौरतलब है कि तीन दिन पहले ही नितिन गड़करी ने मुख्यमंत्री को खत लिख कर NHAI के प्रोजेक्ट्स को लेकर नाराजगी जताई थी। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गड़करी की ओर से लिखे गए इस पत्र में NHAI अफसरों और ठेकेदारों की सुरक्षा के लिए AAP सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर सवाल उठाए गए थे। गड़करी ने यह भी लिखा कि अगर पंजाब में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति नहीं सुधरती और अफसरों-ठेकेदारों के साथ मारपीट की घटनाएं होती रहीं तो केंद्र सरकार पंजाब में NHAI से जुड़े प्रोजेक्ट्स बंद करने को मजबूर हो जाएगा। पंजाब में इस समय NHAI के 293KM लंबे प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं जिनकी लागत 14,288 करोड़ रुपए है। पढ़ें, सीएम मान ने केंद्रीय मंत्री को लिखे खत में क्या कहा- 1. सबसे पहले, मैं यह कहना चाहूंगा कि हम देश और राज्य दोनों के लिए एनएचएआई परियोजनाओं के महत्व को पूरी तरह से समझते हैं और हम इन परियोजनाओं के त्वरित निष्पादन के लिए प्रतिबद्ध हैं। राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण और अन्य संबंधित मामलों में एनएचएआई को सक्रिय रूप से समर्थन दे रही है। यही कारण है कि कुछ अपवादों को छोड़कर अधिकांश एन.एच.ए.आई राज्य में परियोजनाएं पटरी पर हैं। 2. आपके द्वारा संदर्भित दोनों मामलों में, स्थानीय पुलिस ने तुरंत कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की। इसके अलावा इन दोनों मामलों में गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। हालांकि, जांच में यह पाया गया कि एक घटना एनएचएआई ठेकेदार द्वारा भूमि की अत्यधिक खुदाई का परिणाम थी। दूसरी घटना ठेकेदार द्वारा अपने उप-ठेकेदार को वित्तीय बकाया का भुगतान न करने का परिणाम थी। इस प्रकार, दोनों मामले ठेकेदार के कारण जिम्मेदार कारणों से उत्पन्न हुए। विशेष DGP (कानून एवं व्यवस्था) की विस्तृत रिपोर्ट इसके साथ संलग्न है। इन सबके बावजूद, पंजाब पुलिस बेहतरीन बलों में से एक होने के नाते एनएचएआई की सुरक्षा चिंताओं का ध्यान रखने के लिए प्रतिबद्ध है। स्थानीय पुलिस को कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्षेत्र में गश्ती दल तैनात करने का निर्देश दिया गया है। 3. जहां तक भूमि अधिग्रहण से संबंधित मुद्दों का सवाल है, तो आपको ऐसा करना ही होगा। इस बात की सराहना करें कि राज्य के किसान अपनी भूमि से गहराई से जुड़े हुए हैं, क्योंकि यह उनकी बेशकीमती संपत्ति है और उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत है। इसके अलावा, पंजाब में जमीन की कीमतें ऊंचे स्तर पर हैं। यदि हमारे किसानों को लगता है कि मुआवजा पर्याप्त नहीं है तो वे अपनी जमीनें छोड़ने को तैयार नहीं हैं। ऐसे कई मामले हैं जिनमें किसान मध्यस्थों द्वारा दिए गए पैसों से संतुष्ट थे और निर्धारित दरों पर अपनी जमीन का कब्जा एनएचएआई को सौंपने को तैयार थे। हालाँकि, एनएचएआई मध्यस्थ के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया या फैसले को स्वीकार करने में अत्यधिक लंबा समय लिया। इससे अधिग्रहण प्रक्रिया में देरी हुई। इसी तरह, ऐसे कई मामले हैं जिनमें जमीन का कब्जा एनएचएआई को दे दिया गया, लेकिन एनएचएआई के ठेकेदारों ने अपनी मशीनरी जुटाने और काम शुरू करने में काफी समय लगा दिया। बीच में किसान फिर से जमीन पर खेती करने लगे। एक बार जब राज्य के अधिकारियों ने भूमि का कब्ज़ा एनएचएआई को दे दिया है, तो कब्ज़ा बनाए रखना एनएचएआई या उसके ठेकेदारों का कर्तव्य है। 4. मेरे निर्देश पर, मुख्य सचिव पहले से ही एनएचएआई के सामने आने वाली बाधाओं को हल करने के लिए उपायुक्तों और आरओ एनएचएआई के साथ नियमित समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। इसके अलावा, मैं व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे पर किसानों के साथ जुड़ने की योजना बना रहा हूं। 5. अंत में, मैं फिर से यह उल्लेख करना चाहूंगा कि हमारी सरकार एनएचएआई को उसके प्रयासों में समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है और हम देश और राज्य की प्रगति के लिए मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं। मुख्यमंत्री मान की तरफ से भेजा गया लैटर- बीते दिन ही गवर्नर ने NHAI अधिकारियों से की थी बात ये मामला तब बढ़ा जब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों के साथ पंजाब के नए राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने मुलाकात की। उन्होंने फिलहाल पंजाब सरकार को तो इन मामलों में कुछ नहीं कहा, लेकिन स्पष्ट किया कि हर तीन महीने में वे इस तरह की बैठकें करेंगे। जिसमें वे पंजाब में चल रहे केंद्र के प्रोजेक्ट्स की विस्तृत जानकारियां हासिल करेंगे। जानें क्या कहा था केंद्रीय मंत्री ने नितिन गडकरी ने गडकरी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र में लिख कर राज्य में चल रहे प्रोजेक्ट्स पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था- मुझे दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट पर हाल में हुई दो अलग-अलग घटनाओं के बारे में पता चला। इस प्रोजेक्ट का जो हिस्सा जालंधर जिले में आता है, वहां काम कर रहे एक ठेकेदार के इंजीनियर को बेरहमी से पीटा गया। मैं इससे जुड़ी तस्वीर भी भेज रहा हूं। इस घटना के संबंध में FIR दर्ज की गई लेकिन अपराधियों पर सख्त एक्शन नहीं लिया गया। गडकरी ने अपने पत्र में जिस दूसरी घटना का जिक्र किया है, वह लुधियाना जिले में हुई थी। यहां दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के ठेकेदार के कैंप पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। हमलावरों ने कैंप में मौजूद इंजीनियरों-कर्मचारियों को जिंदा जलाने की धमकी दी। इस मामले में NHAI के अधिकारियों ने लिखित शिकायत दी मगर पुलिस ने न तो FIR दर्ज नहीं की और न हमला करने वाले बदमाशों को पकड़ा। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने इन मामलों में तुरंत कार्रवाई का अनुरोध किया था। प्रोजेक्ट बंद करने का अल्टीमेटम गडकरी ने अपने लेटर में लिखा- मेरी जानकारी में आया है कि पंजाब में स्थिति और खराब हो रही है। सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई इसलिए कई ठेकेदार काम करने से इनकार कर रहे हैं। इसी तरह की घटनाओं के चलते केंद्र को पंजाब में पहले भी 104 किलोमीटर के प्रोजेक्ट बंद करने पड़े थे। उन प्रोजेक्ट की कुल लागत 3263 करोड़ थी। अगर अभी भी पंजाब सरकार की ओर से NHAI के काम में अड़चने खड़ी कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो राज्य में 293KM लंबे प्रोजेक्ट्स बन करने पड़ेंगे। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट 14288 करोड़ का है। अगर इसे बंद करना पड़ा तो यह कॉरिडोर किसी काम का नहीं रहेगा।
तरनतारन में फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाने का भंडाफोड़:डीसी आफिस से जुडे़ हैं तार, 3 आरोपी गिरफ्तार; सेवा केंद्र का मैनेजर फरार
तरनतारन में फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाने का भंडाफोड़:डीसी आफिस से जुडे़ हैं तार, 3 आरोपी गिरफ्तार; सेवा केंद्र का मैनेजर फरार तरनतारन के सेवा केंद्र का डिस्ट्रिक मैनेजर सूरज भंडारी, डीसी आफिस के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर हथियारों के फर्जी लाइसेंस का बड़ा नेटवर्क चला रहा था। तरनतारन पुलिस ने इस नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने सूरज के तीन गुर्गों को गिरफ्तार कर उनके ठिकाने से 24 फर्जी असलाह लाइसेंस, तीन मोबाइल असला लाइसेंस की खाली कॉपियां और सरकारी स्टीकर बरामद किए हैं। इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड सूरज भंडारी अपने साथी राघव के साथ फरार बताया जा रहा है। उक्त आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद डीसी ऑफिस में हड़कंप मच गया है। कई छुट्टी पर चले गए हैं। एसएसपी अश्विनी कपूर ने बताया कि इस नेटवर्क का पर्दाफाश करने में उनकी टीम को 2 महीने का वक्त लगा है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान पवनदीप सिंह उर्फ मंत्री निवासी गांव मल्लियां, शमशेर सिंह निवासी झंडेर और गुरमीत सिंह निवासी फैलोकें के रूप में हुई है, जबकि नेटवर्क का मास्टरमाइंड और सेवा केंद्र का जिला प्रबंधक सूरज भंडारी निवासी गांव कीड़ी शाह और राघव कपूर निवासी जसपाल नगर अमृतसर फरार हैं। नहीं होता था किसी को शक हैरानी की बात तो यह है कि उनके इस फर्जी लाइसेंस पर किसी को शक नहीं होता था और यहां तक कि गन हाउस से भी इस लाइसेंस के आधार पर गन हाउस मालिक लाइसेंस धारक को हथियार बेच देते थे। माना जा रहा है कि उक्त आरोपी अब तक 500 के लगभग फर्जी लाइसेंस बना चुके हैं जिन पर लाइसेंस धारक हथियार भी गन हाउस से खरीद चुके हैं। इसका पता लगने पर एसपी अश्विनी कपूर ने उन लोगों से अपील की है कि वह अपने लाइसेंस पुलिस को जमा करवरकर हथियार भी वापस कर दें, नहीं तो उन पर भी गाज गिर सकती है। एक लाइसेंस बनाने के उक्त आरोपी डेढ से दो लाख रुपए तक लेते थे। जिसमे से एक लाख रुपए सूरज भंडारी लेता था और बाकी आपस में बांट लिए जाते थे। गठित की गई थी टीम एसएसपी अश्वनी कपूर ने बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान उनके ध्यान में आया था कि जिले में डीसी आफिस से जुड़े कुछ लोग फर्जी लाइसेंस बनाने का कारोबार कर रहे हैं और उसी दिन से उन्होंने एक टीम गठित करके इस नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश शुरू कर दी थी और जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी तो उक्त आरोपियों के नाम सामने आने शुरू हो गए। इसी दौरान पवनदीप सिंह उर्फ मंत्री शमशेर सिंह और गुरमीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया और उनके ठिकाने से फर्जी लाइसेंस भी बरामद हुए। जिससे हुई पूछताछ के बाद कई और नाम भी सामने आए हैं। एसएसपी अश्विनी कपूर ने बताया कि सूरज भंडारी डीसी ऑफिस के कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर उक्त नेटवर्क चला रहा था। फिलहाल सूरज भंडारी फरार है। जिसकी गिरफ्तारी के बाद कई और चेहरों के साथ-साथ इस नेटवर्क से जुड़े कई और राज सामने आएंगे।