यमुनानगर के तेजली खेल परिसर में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिला खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें महिलाओं के शारीरिक और मानसिक विकास को और अधिक मजबूत बनाने के उद्देश्य से प्रतियोगिता कराई जा रही। महिला एवं बाल विकास विभाग की सीडीपीओ चंद्रलेखा ने बताया कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़ी महिलाओं के लिए कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है। महिलाओं के हिसाब से गेम्स का आयोजन किया गया। अलग-अलग आयु वर्ग के लिए प्रतियोगिता महिलाओं के लिए दौड़ साइक्लिंग, म्यूजिकल, चेयर डिस्क आदि गेम आयोजन कराए गए। जिसमें महिलाएं अपनी आयु के हिसाब से इन खेलों में भाग ले रही हैं। खेलों में भाग लेने वाले प्रतियोगी को सामान देकर उसका उत्साह बढ़ाने का काम भी महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना आए, इस उद्देश्य से इन खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। क्योंकि महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़ी महिलाएं को आगे बढ़ाने के लिए कम समय मिलता है, वह अपना अधिकतर समय महिला एवं बाल विकास विभाग के जुड़े हुए कार्यों में देती हैं। यमुनानगर के तेजली खेल परिसर में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिला खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें महिलाओं के शारीरिक और मानसिक विकास को और अधिक मजबूत बनाने के उद्देश्य से प्रतियोगिता कराई जा रही। महिला एवं बाल विकास विभाग की सीडीपीओ चंद्रलेखा ने बताया कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़ी महिलाओं के लिए कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है। महिलाओं के हिसाब से गेम्स का आयोजन किया गया। अलग-अलग आयु वर्ग के लिए प्रतियोगिता महिलाओं के लिए दौड़ साइक्लिंग, म्यूजिकल, चेयर डिस्क आदि गेम आयोजन कराए गए। जिसमें महिलाएं अपनी आयु के हिसाब से इन खेलों में भाग ले रही हैं। खेलों में भाग लेने वाले प्रतियोगी को सामान देकर उसका उत्साह बढ़ाने का काम भी महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना आए, इस उद्देश्य से इन खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। क्योंकि महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़ी महिलाएं को आगे बढ़ाने के लिए कम समय मिलता है, वह अपना अधिकतर समय महिला एवं बाल विकास विभाग के जुड़े हुए कार्यों में देती हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में लोकसभा चुनाव में अनोखी शर्त,VIDEO:BJP कैंडिडेट हारा तो शख्स को चौपाल में सबके सामने कटवानी पड़ी आधी मूंछ
हरियाणा में लोकसभा चुनाव में अनोखी शर्त,VIDEO:BJP कैंडिडेट हारा तो शख्स को चौपाल में सबके सामने कटवानी पड़ी आधी मूंछ हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट में आने वाले गांव दुर्जनपुर के व्यक्ति को BJP से प्यार महंगा पड़ गया। शख्स ने शर्त लगा रखी थी अगर हिसार लोकसभा से भाजपा कैंडिडेट रणजीत चौटाला हार जाएंगे तो वह अपनी आधी मूंछ मुंडवा लेगा। व्यक्ति ने गांव की चौपाल पर बैठकर शर्त लगाई थी, लेकिन 4 जून का आए रिजल्ट में कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश जीत गए। भाजपा के रणजीत चौटाला चुनाव हार गए। इसके बाद गांव के लोगों ने व्यक्ति को शर्त याद दिलाई। गांव में ही चौपाल पर नाई को बुलाया गया। इस दौरान शर्त लगाए व्यक्ति ने नाई से कहा कि उसकी आधी मूंछ काट दी जाए। नाई ने उस्तरा निकाला और आधी मूंछ काट दी। व्यक्ति का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। हिसार में रणजीत और जयप्रकाश के बीच थी टक्कर
हिसार सीट पर रणजीत चौटाला और जयप्रकाश के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिला। भाजपा की टिकट से खड़े रणजीत चौटाला कांग्रेस उम्मीदवार से 60 हजार से अधिक वोटों से हार गए। हालांकि कुछ लोगों को उम्मीद थी इस चुनाव में रणजीत चौटाला आसानी से जीत जाएंगे। मगर बवानीखेड़ा, आदमपुर, नारनौंद, उचाना, नलवा और उकलाना से चुनाव परिणाम वैसे नहीं आए, जैसी उम्मीद खुद रणजीत चौटाला ने लगाई हुई थी। रणजीत चौटाला को 63,381 वोटों से हारे
जयप्रकाश को 48.58 प्रतिशत वोट मिले, जबकि रणजीत चौटाला को 43.19 फीसदी ही वोट मिल पाए हैं। भाजपा का वोट प्रतिशत पिछली बार की तुलना में 7.81 प्रतिशत घट गया है। 2019 में भाजपा को 51.13 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस को 2019 में 15.63 प्रतिशत वोट मिले थे, इस बार वोट प्रतिशत बढ़कर 48.58% हो गया। जयप्रकाश जेपी ने चुनाव जीतकर 20 साल का सूखा खत्म कर लिया है। जयप्रकाश जेपी को हिसार लोकसभा के 9 हलकों में से 6 हलकों में जीत मिली है, जबकि रणजीत चौटाला 3 हलकों में ही जीत पाए। इससे पहले भी हरियाणा में लग चुकी हैं ऐसी शर्त
इससे पहले रेवाड़ी के गांव गोठड़ा निवासी ओम प्रकाश सैन और मनेठी निवासी देसराज ने एम्स का शिलान्यास न होने तक दाढ़ी नहीं कटवाने का प्रण लिया था। करीब 4 महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एम्स का शिलान्यास किया। इसके बाद दोनों दोनों ने 19 फरवरी को मनेठी पंचायत में दाढ़ी कटवाई। पंजाब में खडूर साहिब सीट पर पुलिसकर्मियों ने लगाई थी शर्त पंजाब की सबसे रोचक सीट बनकर उभरी खडूर साहिब पर पुलिस वालों ने भी शर्त लगाई थी। खालिस्तान समर्थक व गर्मख्याली अमृतपाल सिंह की जीत के बाद पुलिस वालों के पैसे देने का वीडियो वायरल हो रहा है। गौरतलब है कि अमृतपाल सिंह ने जेल में रह कर चुनाव लड़ते हुए इस सीट पर पंजाब के सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की है। वायरल वीडियो में 7 से 8 पुलिसकर्मी ड्रेस व सिविल कपड़ों में दिख रहे हैं। पैसों का लेन-देन करने वाले दोनों ही ASI रैंक के अधिकारी हैं और वीडियो बनाने वाला इस शर्त के बारे में विस्तृत जानकारी भी देता है। (पूरी खबर पढ़ें)
फतेहाबाद में शादी के एक महीने बाद युवती की हत्या:रेलवे लाइन के पास मिली गर्दन कटी लाश; कल मायके से गायब हुई थी
फतेहाबाद में शादी के एक महीने बाद युवती की हत्या:रेलवे लाइन के पास मिली गर्दन कटी लाश; कल मायके से गायब हुई थी हरियाणा के फतेहाबाद में एक महिला की गला काट कर हत्या कर दी गई। उसका शव गुरुवार शाम को टोहाना क्षेत्र में रेलवे पटरी के पास झाड़ियों में पड़ा हुआ मिला। महिला एक दिन पहले जींद के कालवन गांव से लापता हुई थी। फिलहाल फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम को मौके पर बुलाया गया है। शव का पोस्टमार्टम शुक्रवार को कराया जाएगा। महिला की शादी को अभी एक महीना ही हुआ था। जानकारी के अनुसार जींद जिले के नरवाना क्षेत्र के गांव कालवन की रहने वाली 20 वर्षीय भतेरी का विवाह करीब एक पंजाब के खनौरी क्षेत्र के गांव चट्ठा में बूटा सिंह से करीब एक महीने पहले ही हुआ था। दो दिन पहले वह ससुराल से अपने मायके कालवन आई थी। बुधवार दोपहर भतेरी घर से लापता हो गई। परिजन ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट धमतान साहिब पुलिस चौकी में दर्ज करवाई थी। रेलवे पुलिस (GRP) को गुरुवार को सूचना मिली कि फतेहाबाद के टोहाना क्षेत्र के गांव बलियाला में रेलवे फाटक के पास रेल पटरी के साथ में एक महिला का गर्दन कटी हुई लाश मिली है। पुलिस ने छानबीन शुरू की तो मृतका की शिनाख्त भतेरी के रूप में हुई। उसकी गर्दन बुरी तरह से कटी हुई थी। आरंभ में पुलिस ने ये माना कि उसकी मौत ट्रेन की चपेट में आने से हुई है। हालांकि छानबीन के बाद महिला की हत्या की बात सामने आई। जाखल रेलवे पुलिस चौकी के इंचार्ज विनोद शर्मा ने बताया कि जिस प्रकार गर्दन कटी है, उससे हत्या का मामला नजर आ रहा है। परिजनों ने महिला के लापता होने के संबंध में धमतान पुलिस चौकी में शिकायत दी थी। परिजनों ने एक व्यक्ति पर संदेह भी प्रकट किया है। कल पोस्टमॉर्टम करवा कर मामले में आगामी जांच पड़ताल की जाएगी। फिलहाल परिजनों के बयान दर्ज नहीं हुए हैं।
हरियाणा में इनेलो-बसपा 6 साल बाद फिर साथ:11 को हो सकती है गठबंधन की घोषणा, मायावती से मिले अभय चौटाला
हरियाणा में इनेलो-बसपा 6 साल बाद फिर साथ:11 को हो सकती है गठबंधन की घोषणा, मायावती से मिले अभय चौटाला हरियाणा में बड़ा सियासी उलटफेर होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती से इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला की मुलाकात ने प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। राजनीतिक गलियारे में कयास लगाए जा रहे हैं बसपा और इनेलो प्रदेश में साथ मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि इनेलो और बसपा की ओर से किसी तरह की घोषणा नहीं की गई है। मगर सोशल मीडिया पर मायवती और अभय चौटाला की मुलाकात की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। वहीं बताया जा रहा है कि दोनों दल 11 जुलाई को चंडीगढ़ में संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस कर सकते हैं। इसमें इनेलो के शीर्ष नेताओं के अलावा बसपा के शीर्ष नेता मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही हरियाणा में गैर कांग्रेस और गैर भाजपा दलों को साथ लाने के प्रयास में इनेलो जुट गई है। तीसरे मोर्चा बनाने की कवायद वहीं इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा ने X पर पोस्ट कर तीसरे मोर्चे के प्रयासों को हवा दे दी है। रामपाल माजरा ने X पर लिखा है ” हम समान विचारधारा के लोगों को एक मंच पर इकट्ठा कर रहे हैं। प्रदेश के सभी गैर भाजपा एवं गैर कांग्रेस संगठनों, जिसमे राजनैतिक संगठनों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों से आग्रह है कि वे सभी साथ आएं और किसान-कमेरे वर्ग के हितैषी चौ. अभय सिंह चौटाला जी के हाथ मज़बूत करें। सियासी गलियारों में चर्चा है इनेलो आम आदमी पार्टी और महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू की पार्टी हरियाणा जनसेवक पार्टी (हजपा) से भी गठबंधन के लिए बातचीत कर सकती है। हरियाणा में तीसरा मोर्चा बना तो कांग्रेस को नुकसान
वहीं हरियाणा में अगर गैर कांग्रेसी और भाजपाई दलों को एकजुट करने में कामयाब रहती है तो इसका सबसे बड़ा नुकसान कांग्रेस को होगा। जब भी भाजपा के खिलाफ प्रदेश में वोट बैंक बटता है इसका फायदा भाजपा को होता है और कांग्रेस को नुकसान पहुंचता है। इस बार लोकसभा चुनाव में जनता ने दो ही पार्टी कांग्रेस और भाजपा को वोट दिए जिसके कारण कांग्रेस का वोट प्रतिशत पिछली बार के मुकाबले बढ़ा। वहीं विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय दलों की अपनी अलग पहचान होती है। हरियाणा में क्षेत्रीय दलों ने कांग्रेस और भाजपा के अलावा प्रभाव दिखाया है। 2014 में इनेलो ने कांग्रेस से ज्यादा विधानसभा सीटें जीती थीं। 2019 में जजपा के विधायकों के सहयोग से हरियाणा में भाजपा की सरकार बनी थी। गठबंधन की बसपा को इसलिए मजबूरी
हरियाणा में बसपा ने पहला लोकसभा चुनाव साल 1989 में लड़ा था। उस दौरान पार्टी ने नौ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, मगर जनता ने सभी प्रत्याशियों को नकार दिया। पार्टी को मात्र डेढ़ फीसदी वोट मिला। उसके बाद से पार्टी हर लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाती रही है। पिछले चार दशकों के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का जादू हरियाणा में नहीं चल पाया है। हर चुनाव में बसपा कभी गठबंधन के साथ तो कभी दसों सीट पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ती रही है। 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टियों का वोट प्रतिशत गठबंधन करती गई और तोड़ती रही बसपा
1998 में बसपा ने इनेलो के साथ गठबंधन किया और तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। इनमें से एक प्रत्याशी जीता भी। उसके कुछ ही दिन बाद बसपा ने इनेलो से गठबंधन तोड़ लिया। 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद बसपा ने हजकां के साथ गठबंधन किया। मगर यह समझौता ज्यादा दिन टिक नहीं सका। मई 2018 में पार्टी ने इनेलो के साथ गठबंधन किया। मायावती ने अभय सिंह चौटाला को राखी बांधकर गठबंधन को और मजबूत किया, मगर लोकसभा चुनाव से पहले ही यह करार टूट गया। 2019 के चुनाव में बसपा ने राजकुमार सैनी की पार्टी लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी (लोसुपा) का साथ पकड़ा। चुनाव के बाद यह भी टूट गया। लोसुपा से साथ छूटने के बाद बसपा से गठबंधन किया और एक महीने बाद बसपा ने अलग राह पकड़ ली। हरियाणा में भाजपा के खिलाफत वाले वोट लेने की होड़
हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर के वोट पाने की जहां कांग्रेस हर संभव कोशिश कर रही है। वहीं विपक्षी दल इनेलो कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भाजपा का मोहरा बताने में लगे हैं ताकि सत्ता विरोधी लहर का फायदा उनको भी मिल सके। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर इनेलो और जजपा में बटने के बजाय कांग्रेस को गया। इससे कांग्रेस को लोकसभा में 5 सीटें मिली। वहीं विधानसभा वाईज 42 सीटों पर बढ़त मिली। ऐसे में विपक्षी दल हुड्डा की पोल खोलने में लगे हैं। हुड्डा के चुनाव से पीछे हटने से बैठे बठाए इनेलो और जजपा के हाथ मुद्दा लग गया है। इनेलो के लिए गठबंधन करना जरूरी चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार किसी भी पार्टी को लगातार 2 चुनाव (लोकसभा व विधानसभा) में निर्धारित वोट नहीं मिलते हैं तो स्टेट पार्टी का दर्जा छिन जाता है। लोकसभा चुनाव में 6% वोट और एक सीट या 8% वोट की जरूरत होती है। विधानसभा में 6% वोट और 2 सीटें होनी चाहिए। नियम के अनुसार, अगर लगातार 2 चुनाव (2 लोस व 2 विस) में ये सब नहीं होता है तो पार्टी का चुनाव चिह्न भी छिन सकता है। इनेलो ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 1.89% और विधानसभा चुनाव में 2.44% ही वोट हासिल किए थे। इसके अलावा 2019 के चुनाव भाजपा की लहर ने हरियाणा में सभी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया। 10 की 10 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी विजयी हुए। इस चुनाव में इनेलो को एक भी सीट नहीं मिली। इसके बाद विधानसभा चुनाव हुआ। इस चुनाव में इनेलो के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन यहां भी निराशा हाथ लगी। अभय चौटाला के अलावा सभी प्रत्याशी हार गए। इस बार भी कम से कम 6% वोट और एक सीट या 8% वोट नहीं मिले तो स्टेट पार्टी का दर्जा व चश्मे का चुनाव निशान तक छिन सकता है।