हरियाणा में करनाल के नरूखेड़ी गांव में संदीप नरवाल के अपहरण की साजिश रचने वाला उसी का नजदीकी हेड कांस्टेबल नरेंद्र निकला। तीन दिन के रिमांड के बाद पुलिस के सामने तीनों बदमाशों ने अपहरण की वारदात का बड़ा खुलासा किया है। मुख्य आरोपी नरेंद्र ने ऑनलाइन सट्टे में भारी कर्ज होने के चलते इस वारदात को अंजाम दिया। 15-20 दिन की प्लानिंग के बाद आरोपी ने अपने साथियों के साथ नरूखेड़ी गांव से संदीप को दिनदहाड़े किडनैप किया, लेकिन पुलिस ने आरोपी के मंसूबों पर पानी फेर दिया और उन्हें 9 घंटे में ही गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने रिमांड के दौरान आरोपियों से गहनता से पूछताछ की और सीन रिक्रिएट भी किया। कोर्ट में पेश कर आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। कैसे रची गई साजिश, पूरी घटना समझिये सिलसिलेवार सीआईए-2 के जांच अधिकारी मनोज कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि संदीप नरवाल युवकों को विदेश भेजने का काम करता था। आरोपी हेड कांस्टेबल नरेंद्र अपने भाई को विदेश भेजना चाहता था और एजेंट संदीप नरवाल से मिला था। नरेंद्र के पास पैसे का जुगाड़ नहीं हो सका था, लेकिन वह लगातार संदीप के टच में था। नरेंद्र ने संदीप का घर बार देखा हुआ था। वह संदीप के हालातों से वाकिफ था। बाद में नरेंद्र ने देखा कि संदीप ने कुछ ही समय में अच्छी प्रॉपर्टी बना ली है और करोड़ों रुपया कमा लिया है। ऑनलाइन सट्टा खेलता था मुख्य आरोपी नरेंद्र आरोपी हेड कांस्टेबल नरेंद्र ऑनलाइन सट्टा खेलता था। लोगों से पैसा ले लेकर सट्टा खेलता रहा और हारता चला गया। जिसकी वजह से उसके ऊपर काफी ज्यादा देनदारी हो चुकी थी और तनख्वाह से खर्चे पूरे नहीं हो रहे थे। नरेंद्र ने प्लान बनाया कि क्यों न किसी ऐसे आदमी को उठाया जाए, जो दो-तीन करोड़ रुपए आसानी से दे दे और हमारी जिंदगी आसानी से कटे। जिसके बाद आरोपी ने अपने दो साथियों को तैयार किया और बताया कि संदीप नरवाल को दिल्ली पुलिस ने उठाया था और वहां से जमानत करवाकर आया है और संदीप ने बहुत मोटा पैसा कमाया हुआ है। संदीप एक सॉफ्ट टारगेट है और इसको उठाते है तो दो-तीन करोड़ रुपए आसानी से दे देगा। एक जनवरी को भी आए थे घर पर पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि एक जनवरी को भी तीनों आरोपी संदीप के घर पर पहुंचे थे, लेकिन संदीप उस दिन घर पर नहीं था, इन लोगों ने संदीप के घर वालों को बताया था कि वे संदीप से मिलने आए है। वास्तव में ये लोग संदीप की रेकी करने के लिए आए थे। इन लोगों की प्लानिंग करीब 15-20 दिन से चल रही थी। लगातार रैकी की गई, जिसमें इन लोगों को पता चल गया कि संदीप किस टाइम कहां पर होता है। 4 जनवरी को मुख्य आरोपी ने अपने दोनों साथियों को गांव नरूखेड़ी में बुला लिया। इन लोगों को पता था कि संदीप दोपहर को अपनी बेटी को बस में बैठाने के लिए अकेला जाता है। इसी का फायदा आरोपियों ने उठाया। कार दूर खड़ी कर ली थी पुलिस ने बताया कि कार आरोपी अक्षय कुमार के नाम से रजिस्टर्ड है। जब मधुबन से आरोपी चले थे तो इन्होंने कार की दोनों नंबर प्लेट को उतारकर कार की डिग्गी में डाल दिया था। प्लानिंग के मुताबिक आरोपियों ने अपनी कार को बस स्टैंड नरूखेड़ी के नजदीक ही लगा दिया। जैसे ही संदीप अपनी बेटी को बस में बैठाकर वापिस घर की तरफ जाने लगा तो इन आरोपियों ने संदीप की बाइक के सामने अपनी कार को अड़ा दिया और ड्राइवर अक्षय और सुरेंद्र असला लेकर कार से नीचे उतरे और उसकी बाइक को धक्का देकर गिरा दिया। फिर संदीप को जान से मारने की धमकी दी और जबरन गाड़ी में धकेल लिया। सुरेंद्र पीछे वाली सीट पर संदीप को लेकर बैठ गया। नरेंद्र कंडक्टर सीट पर बैठा था और अक्षय ने कार ड्राइव की। वहां से किडनेप करके ले गए। एक घंटे बाद आई फिरौती की कॉल पुलिस के मुताबिक, पहले यह नहीं पता चल पा रहा था कि किडनेप किसने किया। करीब एक घंटे बाद संदीप के पिता धर्मबीर के पास फिरौती की कॉल आई और दो करोड़ रुपए की डिमांड की गई। एसपी गंगाराम पुनिया के निर्देश पर कई टीमों का गठन किया गया। साथ ही यह भी हिदायत दी गई कि जिसका अपहरण हुआ है उसको कुछ भी नहीं होना चाहिए। पुलिस ने हर जगह नाकेबंदी की थी। जींद इलाके में जाकर फिर किया कॉल पुलिस ने बताया कि बदमाशों ने संदीप के फोन से सिम निकालकर नए फोन में सिम डाली और उसी से आरोपियों ने संदीप के पिता धर्मबीर के पास दो करोड़ की फिरौती के लिए कॉल किया। धर्मबीर ने अपहरणकर्ताओं को कहा कि दो करोड़ हमारे पास नहीं है। इसके बाद किडनेपर्स ने डेढ़ करोड़ मांगे और कॉल काट दिया। बदमाश संदीप को लेकर गोहाना पहुंच गए। वहां ग्रामीण इलाको में घुमाते रहे। फिर कॉल किया तो पैसे के लिए धर्मबीर ने अपनी विवशता बताई। फिर आरोपी 80 लाख रुपए की डिमांड पर आ गए, जिसके लिए धर्मबीर तैयार हो गया। फिरौती की रकम के लिए असंध बुलाया आरोपियों ने फिरौती की रकम लेकर धर्मबीर को असंध बुलाया। गोहाना से आरोपी चले तो सालवन के पास पुलिस चौकी का नाका लगा हुआ था। पुलिसकर्मियों ने गाड़ी को पहचान लिया। पुलिस कर्मचारियों ने आरोपियों की गाड़ी का पीछा करना शुरू कर दिया। जैसे ही पुलिस की गाड़ी आरोपियों की गाड़ी के नजदीक पहुंची तो आरोपी सुरेंद्र ने अपनी पिस्टल निकालकर पुलिस की गाड़ी पर फायर कर दिया। फायर लगने और धुंध के कारण गाड़ी धीमी हो गई। जिसके बाद आरोपी अपनी गाड़ी को स्पीड में भगाकर ले गए। अलग-अलग जिलों की पुलिस थी अलर्ट पुलिस के मुताबिक, पानीपत पुलिस, सोनीपत पुलिस, करनाल पुलिस और जींद पुलिस की टीम अलर्ट मोड पर थी। आरोपियों ने अपनी गाड़ी को गोहाना की तरफ घुमा लिया। पुलिस को आरोपियों की गाड़ी की लोकेशन मिली हुई थी। सीआईए-2 की टीम इनके पीछे पीछे थी। गोहाना की सीआईए पुलिस भी इनको ट्रेक कर रही थी। हमारे पास प्राइवेट गाड़ी भी थी और सरकारी गाड़ी भी थी। आरोपियों ने भांप लिया कि पुलिस की गाड़ियां पीछे तो इन्होंने बीचपड़ी गांव के पास अपनी गाड़ी को भगा लिया। बीचपड़ी गांव से आगे एक मोड आता है, वह मोड तो इन आरोपियों ने क्रॉस कर लिया। उसे आगे आए मोड को वे क्रॉस नहीं कर पाए और इनकी गाड़ी पलट गई। कार पलटने के बाद फायर नहीं कर पाए आरोपी हम मौके पर पहुंच गए। हमने संदीप को सही सलाम बाहर निकाला। संदीप को भी चोटे लगी हुई थी और किडनेपर्स को भी चोटे लगी हुई थी। यहां पर ये लोग कोई भी फायर नहीं कर पाए, क्योंकि इन्होने सालवन के पास जो फायरिंग की थी उसी दौरान इनकी पिस्टल के चेंबर में खाली खोल फंस गया था, इसलिए पिस्टल दोबारा कॉक नहीं हुई, इसलिए दोबारा फायर नहीं कर सके। सबसे पहले इन सभी को अस्पताल लेकर गए और इलाज करवाया। जब यह तसल्ली हो गई कि किसी भी आरोपी को कोई गंभीर चोट नहीं है, उसके बाद इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इन कब्जे से एक अवैध पिस्टल मिली, जिसके अंदर दो-तीन रौंद थे, एक चला हुआ खोल मिला। एक 32 बोर का देसी कट्टा मिला। वह सिम कार्ड भी बरामद हुई है, जिससे इन्होंने कॉल करके फिरौती मांगी थी। कोर्ट में पेश कर भेजा जेल सोनीपत के हलालपुर निवासी सुरेंद्र के उपर पहले भी हत्या के प्रयास व अन्य मामलों में छह-सात मुकद्मे दर्ज है। वर्ष 2007 से ही इसका क्रिमिनल रिकॉर्ड रहा है। कोर्ट से पीओ भी है। हेड कांस्टेबल नरेंद्र के उपर उसी की भाभी ने रेप का मुकद्मा दर्ज करवाया था, लेकिन उसमें बाद में समझौता हो गया था। अक्षय पर सोनीपत में मारपीट का मामला दर्ज है। इन लोगों ने जल्दी अमीर होने के चक्कर में पूरा चक्रव्यूह रचा। संदीप के साथ इनको कोई पैसे का लेन-देन नहीं है, सिर्फ फिरौती लेने के लिए ही अपहरण किया गया था। 5 जनवरी को सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया गया। सीन रिक्रीएट करवाया गया। निशानदेही करवाई गई है और गहनता से पूछताछ की गई। इन सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल में भेजा जाएगा। हरियाणा में करनाल के नरूखेड़ी गांव में संदीप नरवाल के अपहरण की साजिश रचने वाला उसी का नजदीकी हेड कांस्टेबल नरेंद्र निकला। तीन दिन के रिमांड के बाद पुलिस के सामने तीनों बदमाशों ने अपहरण की वारदात का बड़ा खुलासा किया है। मुख्य आरोपी नरेंद्र ने ऑनलाइन सट्टे में भारी कर्ज होने के चलते इस वारदात को अंजाम दिया। 15-20 दिन की प्लानिंग के बाद आरोपी ने अपने साथियों के साथ नरूखेड़ी गांव से संदीप को दिनदहाड़े किडनैप किया, लेकिन पुलिस ने आरोपी के मंसूबों पर पानी फेर दिया और उन्हें 9 घंटे में ही गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने रिमांड के दौरान आरोपियों से गहनता से पूछताछ की और सीन रिक्रिएट भी किया। कोर्ट में पेश कर आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। कैसे रची गई साजिश, पूरी घटना समझिये सिलसिलेवार सीआईए-2 के जांच अधिकारी मनोज कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि संदीप नरवाल युवकों को विदेश भेजने का काम करता था। आरोपी हेड कांस्टेबल नरेंद्र अपने भाई को विदेश भेजना चाहता था और एजेंट संदीप नरवाल से मिला था। नरेंद्र के पास पैसे का जुगाड़ नहीं हो सका था, लेकिन वह लगातार संदीप के टच में था। नरेंद्र ने संदीप का घर बार देखा हुआ था। वह संदीप के हालातों से वाकिफ था। बाद में नरेंद्र ने देखा कि संदीप ने कुछ ही समय में अच्छी प्रॉपर्टी बना ली है और करोड़ों रुपया कमा लिया है। ऑनलाइन सट्टा खेलता था मुख्य आरोपी नरेंद्र आरोपी हेड कांस्टेबल नरेंद्र ऑनलाइन सट्टा खेलता था। लोगों से पैसा ले लेकर सट्टा खेलता रहा और हारता चला गया। जिसकी वजह से उसके ऊपर काफी ज्यादा देनदारी हो चुकी थी और तनख्वाह से खर्चे पूरे नहीं हो रहे थे। नरेंद्र ने प्लान बनाया कि क्यों न किसी ऐसे आदमी को उठाया जाए, जो दो-तीन करोड़ रुपए आसानी से दे दे और हमारी जिंदगी आसानी से कटे। जिसके बाद आरोपी ने अपने दो साथियों को तैयार किया और बताया कि संदीप नरवाल को दिल्ली पुलिस ने उठाया था और वहां से जमानत करवाकर आया है और संदीप ने बहुत मोटा पैसा कमाया हुआ है। संदीप एक सॉफ्ट टारगेट है और इसको उठाते है तो दो-तीन करोड़ रुपए आसानी से दे देगा। एक जनवरी को भी आए थे घर पर पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि एक जनवरी को भी तीनों आरोपी संदीप के घर पर पहुंचे थे, लेकिन संदीप उस दिन घर पर नहीं था, इन लोगों ने संदीप के घर वालों को बताया था कि वे संदीप से मिलने आए है। वास्तव में ये लोग संदीप की रेकी करने के लिए आए थे। इन लोगों की प्लानिंग करीब 15-20 दिन से चल रही थी। लगातार रैकी की गई, जिसमें इन लोगों को पता चल गया कि संदीप किस टाइम कहां पर होता है। 4 जनवरी को मुख्य आरोपी ने अपने दोनों साथियों को गांव नरूखेड़ी में बुला लिया। इन लोगों को पता था कि संदीप दोपहर को अपनी बेटी को बस में बैठाने के लिए अकेला जाता है। इसी का फायदा आरोपियों ने उठाया। कार दूर खड़ी कर ली थी पुलिस ने बताया कि कार आरोपी अक्षय कुमार के नाम से रजिस्टर्ड है। जब मधुबन से आरोपी चले थे तो इन्होंने कार की दोनों नंबर प्लेट को उतारकर कार की डिग्गी में डाल दिया था। प्लानिंग के मुताबिक आरोपियों ने अपनी कार को बस स्टैंड नरूखेड़ी के नजदीक ही लगा दिया। जैसे ही संदीप अपनी बेटी को बस में बैठाकर वापिस घर की तरफ जाने लगा तो इन आरोपियों ने संदीप की बाइक के सामने अपनी कार को अड़ा दिया और ड्राइवर अक्षय और सुरेंद्र असला लेकर कार से नीचे उतरे और उसकी बाइक को धक्का देकर गिरा दिया। फिर संदीप को जान से मारने की धमकी दी और जबरन गाड़ी में धकेल लिया। सुरेंद्र पीछे वाली सीट पर संदीप को लेकर बैठ गया। नरेंद्र कंडक्टर सीट पर बैठा था और अक्षय ने कार ड्राइव की। वहां से किडनेप करके ले गए। एक घंटे बाद आई फिरौती की कॉल पुलिस के मुताबिक, पहले यह नहीं पता चल पा रहा था कि किडनेप किसने किया। करीब एक घंटे बाद संदीप के पिता धर्मबीर के पास फिरौती की कॉल आई और दो करोड़ रुपए की डिमांड की गई। एसपी गंगाराम पुनिया के निर्देश पर कई टीमों का गठन किया गया। साथ ही यह भी हिदायत दी गई कि जिसका अपहरण हुआ है उसको कुछ भी नहीं होना चाहिए। पुलिस ने हर जगह नाकेबंदी की थी। जींद इलाके में जाकर फिर किया कॉल पुलिस ने बताया कि बदमाशों ने संदीप के फोन से सिम निकालकर नए फोन में सिम डाली और उसी से आरोपियों ने संदीप के पिता धर्मबीर के पास दो करोड़ की फिरौती के लिए कॉल किया। धर्मबीर ने अपहरणकर्ताओं को कहा कि दो करोड़ हमारे पास नहीं है। इसके बाद किडनेपर्स ने डेढ़ करोड़ मांगे और कॉल काट दिया। बदमाश संदीप को लेकर गोहाना पहुंच गए। वहां ग्रामीण इलाको में घुमाते रहे। फिर कॉल किया तो पैसे के लिए धर्मबीर ने अपनी विवशता बताई। फिर आरोपी 80 लाख रुपए की डिमांड पर आ गए, जिसके लिए धर्मबीर तैयार हो गया। फिरौती की रकम के लिए असंध बुलाया आरोपियों ने फिरौती की रकम लेकर धर्मबीर को असंध बुलाया। गोहाना से आरोपी चले तो सालवन के पास पुलिस चौकी का नाका लगा हुआ था। पुलिसकर्मियों ने गाड़ी को पहचान लिया। पुलिस कर्मचारियों ने आरोपियों की गाड़ी का पीछा करना शुरू कर दिया। जैसे ही पुलिस की गाड़ी आरोपियों की गाड़ी के नजदीक पहुंची तो आरोपी सुरेंद्र ने अपनी पिस्टल निकालकर पुलिस की गाड़ी पर फायर कर दिया। फायर लगने और धुंध के कारण गाड़ी धीमी हो गई। जिसके बाद आरोपी अपनी गाड़ी को स्पीड में भगाकर ले गए। अलग-अलग जिलों की पुलिस थी अलर्ट पुलिस के मुताबिक, पानीपत पुलिस, सोनीपत पुलिस, करनाल पुलिस और जींद पुलिस की टीम अलर्ट मोड पर थी। आरोपियों ने अपनी गाड़ी को गोहाना की तरफ घुमा लिया। पुलिस को आरोपियों की गाड़ी की लोकेशन मिली हुई थी। सीआईए-2 की टीम इनके पीछे पीछे थी। गोहाना की सीआईए पुलिस भी इनको ट्रेक कर रही थी। हमारे पास प्राइवेट गाड़ी भी थी और सरकारी गाड़ी भी थी। आरोपियों ने भांप लिया कि पुलिस की गाड़ियां पीछे तो इन्होंने बीचपड़ी गांव के पास अपनी गाड़ी को भगा लिया। बीचपड़ी गांव से आगे एक मोड आता है, वह मोड तो इन आरोपियों ने क्रॉस कर लिया। उसे आगे आए मोड को वे क्रॉस नहीं कर पाए और इनकी गाड़ी पलट गई। कार पलटने के बाद फायर नहीं कर पाए आरोपी हम मौके पर पहुंच गए। हमने संदीप को सही सलाम बाहर निकाला। संदीप को भी चोटे लगी हुई थी और किडनेपर्स को भी चोटे लगी हुई थी। यहां पर ये लोग कोई भी फायर नहीं कर पाए, क्योंकि इन्होने सालवन के पास जो फायरिंग की थी उसी दौरान इनकी पिस्टल के चेंबर में खाली खोल फंस गया था, इसलिए पिस्टल दोबारा कॉक नहीं हुई, इसलिए दोबारा फायर नहीं कर सके। सबसे पहले इन सभी को अस्पताल लेकर गए और इलाज करवाया। जब यह तसल्ली हो गई कि किसी भी आरोपी को कोई गंभीर चोट नहीं है, उसके बाद इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इन कब्जे से एक अवैध पिस्टल मिली, जिसके अंदर दो-तीन रौंद थे, एक चला हुआ खोल मिला। एक 32 बोर का देसी कट्टा मिला। वह सिम कार्ड भी बरामद हुई है, जिससे इन्होंने कॉल करके फिरौती मांगी थी। कोर्ट में पेश कर भेजा जेल सोनीपत के हलालपुर निवासी सुरेंद्र के उपर पहले भी हत्या के प्रयास व अन्य मामलों में छह-सात मुकद्मे दर्ज है। वर्ष 2007 से ही इसका क्रिमिनल रिकॉर्ड रहा है। कोर्ट से पीओ भी है। हेड कांस्टेबल नरेंद्र के उपर उसी की भाभी ने रेप का मुकद्मा दर्ज करवाया था, लेकिन उसमें बाद में समझौता हो गया था। अक्षय पर सोनीपत में मारपीट का मामला दर्ज है। इन लोगों ने जल्दी अमीर होने के चक्कर में पूरा चक्रव्यूह रचा। संदीप के साथ इनको कोई पैसे का लेन-देन नहीं है, सिर्फ फिरौती लेने के लिए ही अपहरण किया गया था। 5 जनवरी को सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया गया। सीन रिक्रीएट करवाया गया। निशानदेही करवाई गई है और गहनता से पूछताछ की गई। इन सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल में भेजा जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल पर फैसला टला:CAS ने नई तारीख दी; महावीर फोगाट बोले- देश लौटने पर गोल्ड मेडलिस्ट जैसा स्वागत करेंगे हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट को ओलिंपिक में सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं, इसका अभी और इंतजार करना पड़ेगा। खेल कोर्ट यानी कोर्ट ऑफ आर्बिटरेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने फैसला 16 अगस्त तक टाल दिया है। इससे पहले CAS ने 10 अगस्त को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखकर 13 अगस्त को फैसले की तारीख तय की थी। इस मामले में डॉ. एनाबेले बेनेट को फैसला सुनाना है। वहीं, आज अगर फैसला होता तो इसके बाद CAS में विनेश के वकील रहे हरीश साल्वे और भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की प्रमुख पीटी ऊषा को प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी थी। वहीं, इस मामले पर विनेश के ताऊ महावीर फोगाट ने कहा है कि हम विनेश का गोल्ड मेडलिस्ट की तरह की स्वागत करेंगे। विनेश के संन्यास को लेकर उन्होंने कहा कि जिस खिलाड़ी के साथ इतने बड़े स्तर पर ऐसा बर्ताव हो जाता है, वह खिलाड़ी ऐसा फैसला ले लेता है। पेरिस से लौटने पर विनेश को पूरा परिवार मनाएगा और 2028 के ओलिंपिक के लिए तैयारी शुरू करेंगे। 16 को देश लौटेंगी विनेश वहीं, विनेश फोगाट के भारत लौटने के सस्पेंस से भी पर्दा उठ गया है। विनेश 16 अगस्त को स्वदेश लौटेंगी। सुबह 10 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर उनकी फ्लाइट पहुंचने की संभावना है। एयरपोर्ट से वह अपने पैतृक गांव बलाली पहुंचेंगी। एयरपोर्ट से लेकर बलाली गांव तक विभिन्न स्थानों पर रेसलर का स्वागत होगा। वहीं, पेरिस ओलिंपिक की क्लोजिंग सेरेमनी के बाद बाकी खिलाड़ी भारत लौट चुके हैं। एक दिन पहले विनेश को खेल विलेज के बाहर बैग के साथ स्पॉट किया गया था। चर्चा थी कि मंगलवार को विनेश भारत लौट सकती हैं। वेट बढ़ने पर अयोग्य करार दी गईं बता दें कि विनेश फोगाट ने ओलिंपिक में 50 kg वेट कैटेगरी में कुश्ती लड़ी थी। एक दिन में जापान की ओलिंपिक चैंपियन समेत 3 पहलवानों को पटखनी देकर वह फाइनल में पहुंची। हालांकि अगले दिन फाइनल मुकाबले से पहले उसका वेट 100 ग्राम ज्यादा निकल आया। जिस वजह से उसे अयोग्य करार दे दिया गया। उधर, इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा- ”वजन का मैनेजमेंट करना खिलाड़ी और कोच की जिम्मेदारी है। खासकर कुश्ती, वेटलिफ्टिंग, बॉक्सिंग और जूडो जैसे खेलों में। इनमें एथलीटों के वजन मैनेजमेंट की जिम्मेदारी प्रत्येक एथलीट और उसके कोच की है, न कि IOA द्वारा नियुक्त चीफ मेडिकल अफसर डॉ. दिनशॉ पारदीवाला और उनकी टीम की।” विनेश के पक्ष में यह दलीलें भी रखी गईं खेल कोर्ट में विनेश के पक्ष में कहा गया कि 100 ग्राम वजन बहुत कम है। यह एथलीट के वजन के 0.1% से 0.2% से ज्यादा नहीं है। यह गर्मी के मौसम में इंसान के शरीर के फूलने से भी आसानी से बढ़ सकता है क्योंकि गर्मी के कारण इंसान की जीवित रहने की जरूरत की वजह से शरीर में ज्यादा पानी जमा होता है। इसके अलावा विनेश को एक ही दिन में 3 कॉम्पिटिशन लड़ने पड़े। इस दौरान एनर्जी को मेंटेन करने के लिए भी उन्हें खाना पड़ा। इसके अलावा भारतीय पक्ष ने कहा कि खेल गांव और ओलिंपिक गेम्स के एरीना के बीच की दूरी और पहले दिन फाइट के टाइट शेड्यूल की वजह से विनेश को वजन घटाने का पर्याप्त टाइम नहीं मिला। विनेश का वजन पहले दिन की 3 कुश्तियां लड़ने के बाद 52.7 किलो पहुंच चुका था। भारतीय पक्ष ने यह भी कहा कि विनेश को 100 ग्राम वजन बढ़ने से दूसरे रेसलर के मुकाबले कोई फायदा नहीं होना था। यह सिर्फ जरूरी रिकवरी प्रोसेस का परिणाम था। एक दिन में लगातार 3 मुकाबले लड़ने के बाद उसके शरीर को डाइट की भी जरूरत थी। भारतीय पक्ष ने यह भी दलील दी कि विनेश फोगाट के मामले में कोई धोखाधड़ी या हेराफेरी जैसी बात नहीं है। न ही कोई डोपिंग जैसा कोई इश्यू है। पहले सारे मुकाबले सही लड़ने और फाइनल में अयोग्य होने की वजह से विनेश को कड़ी मेहनत के बावजूद सिल्वर मेडल से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। विनेश फोगाट मामले में अब तक क्या- हुआ, सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. ओलिंपिक में 1 दिन में 3 पहलवानों को हराया विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में मंगलवार को 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वालीं पहली ही भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं। 2. डाइट से वजन बढ़ा, पूरी रात कोशिश बेकार गई सेमीफाइनल तक 3 मैच खेलने के दौरान उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना-पानी दिया गया। जिससे उनका वजन 52.700 kg तक बढ़ गया। भारतीय ओलिंपिक टीम के डॉक्टर डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला के मुताबिक विनेश का वेट वापस 50KG पर लाने के लिए टीम के पास सिर्फ 12 घंटे थे। पूरी टीम रातभर विनेश का वजन कम करने की कोशिश में लगी रही। विनेश पूरी रात नहीं सोईं और वजन को तय कैटेगरी में लाने के लिए जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करती रहीं। विनेश ने अपने बाल और नाखून तक काट दिए थे। उनके कपड़े भी छोटे कर दिए गए थे। 3. वजन 100 ग्राम ज्यादा मिला, वजन घटाने को सिर्फ 15 मिनट थे बुधवार सुबह नियम के अनुसार दोबारा से विनेश के वजन की जांच की गई। उनका वजन ज्यादा निकला। उन्हें 15 मिनट मिले लेकिन आखिरी बार वजन में भी वह 100 ग्राम अधिक निकलीं। जिसके बाद उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया। 4. विनेश ने अयोग्य करार देने के खिलाफ अपील की इसके बाद विनेश ने अयोग्य करार देने पर खेल कोर्ट (CAS) में अपील की। जिसमें विनेश ने फाइनल मुकाबला खेलने देने की अपील की। यह संभव नहीं था तो विनेश ने अपील बदलकर कहा कि सेमीफाइनल तक उसका वजन नियमों के अनुरूप था। उसे संयुक्त सिल्वर मेडल दिया जाए। 5. विनेश ने संन्यास का ऐलान किया विनेश फोगाट ने गुरुवार सुबह कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने गुरुवार सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया पोस्ट लिखी। विनेश ने लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। …माफी।”।
करनाल में दोस्त ने की युवक की हत्या:शराब पीने के दौरान दोनों में विवाद, सीने में घोंपा चाकू; 2 बच्चों का पिता है मृतक
करनाल में दोस्त ने की युवक की हत्या:शराब पीने के दौरान दोनों में विवाद, सीने में घोंपा चाकू; 2 बच्चों का पिता है मृतक हरियाणा के करनाल में जुंडला गेट के पास झगड़े में एक युवक की मौत हो गई। चार दोस्त अपने ही घर में शराब पी रहे थे और शराब पीते-पीते ही कहासुनी शुरू हो गई। कहासुनी ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया और आरोपियों ने दो युवकों को चाकू घोंप दिया। इनमें से एक 30 वर्षीय रवि की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा घायल हो गया। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। घर पर बैठकर कर रहे थे ड्रिंक घायल दीपक ने बताया कि कोट मोहल्ले में हम चार लोग कल अपने ही घर पर बैठकर ड्रिंक कर रहे थे। रात करीब डेढ़-पौने दो बजे हम घर से बाहर कुछ सामान लाने के लिए निकले। इसी दौरान बहस शुरू हो गई। बहस खूनी संघर्ष में बदल गई, आरोपी ने अपना चाकू निकाला और रवि पर हमला किया। हमने बीच बचाव किया तो उसने मेरी तरफ भी वार किया। मुझे पेट में थोड़ा सा चाकू लगा। रवि गंभीर रूप से घायल हो चुका था। आरोपी मौके से फरार हो गया था। रवि भी वहां से निकल गया था, लेकिन 10 कदम दूर जाकर गिर पड़ा और बेसुध हो गया। जिसको तुरंत करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में लाया गया। जहां पर रात को इलाज के दौरान रवि की मौत हो गई। दो बच्चों का पिता था मृतक दीपक ने बताया कि रवि प्राइवेट जॉब करता था। रवि के परिवार में उसके माता-पिता और दो बच्चे हैं। जिसमें उसकी एक लड़की और एक लड़का है। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है। परिजनों का कहना है कि आरोपी का बड़ा भाई विदेश में है और आरोपी का भी पासपोर्ट बना हुआ है। ऐसे में आरोपी कभी भी देश छोड़कर भाग सकता है। इसलिए उसका पासपोर्ट कैंसिल किया जाए, ताकि वह विदेश न भाग सके। मामले की शिकायत रात को ही पुलिस को कर दी थी। पुलिस आरोपी की तलाश में है। वहीं सिटी थाना पुलिस दावा कर रही है कि आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।