खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में 2023 में हत्या के मामले में कनाडा सरकार को झटका लगा है। इस मामले में कनाडा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई है। आरोपियों में करण बराड़, कमलप्रीत सिंह, करणप्रीत सिंह और अमनदीप सिंह शामिल हैं। बताया जा रहा है कि कनाडा पुलिस कोर्ट में पेश नहीं हो रही थी। इसका फायदा आरोपियों को मिला है। हालांकि कोर्ट के दस्तावेजों पर कार्यवाही पर रोक के तहत जमानत मिल गई है। अब अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी। ऐसे हुई थी हरदीप सिंह की हत्या कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के सरी में गुरुनानक सिख गुरुद्वारा के पास निज्जर को दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी थी। निज्जर इस गुरुद्वारा के प्रमुख भी थे। वह गुरुद्वारा के बाहर पार्किंग में अपनी कार में थे। इसी दौरान मोटरसाइकिल पर दो युवक आए और फायरिंग शुरू कर दी। निज्जर को कार से बाहर निकलने का समय नहीं मिला और उनकी वहीं मौत हो गई। इसके बाद कनाडा पुलिस ने इस मामले में चार पंजाबी युवकों को गिरफ्तार किया, हालांकि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाया। जिसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में खटास आ गई है। हालांकि, अब आरोपियों को जमानत मिलने के बाद सरकार पर सवाल उठने लगे हैं। खालिस्तान टाइगर फोर्स का था प्रमुख हरदीप निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का प्रमुख था। NIA ने हाल ही में 40 आतंकियों की लिस्ट जारी की थी, उसमें निज्जर का नाम भी शामिल था। ब्रैंपटन शहर में खालिस्तान के हक में रेफरेंडम करवाने में भी उसकी भूमिका थी। निज्जर भारतीय एजेंसियों की मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल था। भारत में हिंसा और क्राइम के कई केसों में उसका नाम सामने आया था। जिसके बाद उसे वांटेड टेररिस्ट की लिस्ट में डाला गया था। 31 जनवरी 2021 को पुजारी पर करवाया था हमला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 31 जनवरी, 2021 को जालंधर में हिंदू पुजारी कमलदीप शर्मा की हत्या की साजिश के सिलसिले में निज्जर सहित चार लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। मामले में चार्जशीट किए गए तीन अन्य लोग कमलजीत शर्मा और राम सिंह हैं, जिन्होंने निज्जर और उसके सहयोगी अर्शदीप सिंह उर्फ प्रभा के निर्देश पर पुजारी पर हमला किया था। 23 जनवरी 2015 में हुआ था लुकआउट नोटिस जारी निज्जर के खिलाफ पुलिस ने 23 जनवरी, 2015 को एक लुकआउट नोटिस और 14 मार्च, 2016 को एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था। जिसमें उसके प्रत्यर्पण की मांग की जा रही थी। जुलाई 2020 में केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा निज्जर को व्यक्तिगत आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था। NIA ने कहा कि निज्जर भारत में आतंक फैलाने के लिए खालिस्तान समर्थक आतंकवादी मॉड्यूल की भर्ती, प्रशिक्षण, वित्तपोषण और संचालन में सक्रिय रूप से शामिल था। वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए भड़काऊ और नफरत भरे भाषण देने में शामिल था। NIA ने एक अन्य मामले में निज्जर की पंजाब में उसके गांव में संपत्ति कुर्क की थी। जिसके पोस्टर उसके घर के बाहर आज भी लगे है। कनाडा में निज्जर के खिलाफ 10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। निज्जर पर पिछले साल सरे में 1985 के एयर इंडिया आतंकवादी बम विस्फोट मामले में बरी हुए रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या का आरोप था। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में 2023 में हत्या के मामले में कनाडा सरकार को झटका लगा है। इस मामले में कनाडा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई है। आरोपियों में करण बराड़, कमलप्रीत सिंह, करणप्रीत सिंह और अमनदीप सिंह शामिल हैं। बताया जा रहा है कि कनाडा पुलिस कोर्ट में पेश नहीं हो रही थी। इसका फायदा आरोपियों को मिला है। हालांकि कोर्ट के दस्तावेजों पर कार्यवाही पर रोक के तहत जमानत मिल गई है। अब अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी। ऐसे हुई थी हरदीप सिंह की हत्या कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के सरी में गुरुनानक सिख गुरुद्वारा के पास निज्जर को दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी थी। निज्जर इस गुरुद्वारा के प्रमुख भी थे। वह गुरुद्वारा के बाहर पार्किंग में अपनी कार में थे। इसी दौरान मोटरसाइकिल पर दो युवक आए और फायरिंग शुरू कर दी। निज्जर को कार से बाहर निकलने का समय नहीं मिला और उनकी वहीं मौत हो गई। इसके बाद कनाडा पुलिस ने इस मामले में चार पंजाबी युवकों को गिरफ्तार किया, हालांकि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाया। जिसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में खटास आ गई है। हालांकि, अब आरोपियों को जमानत मिलने के बाद सरकार पर सवाल उठने लगे हैं। खालिस्तान टाइगर फोर्स का था प्रमुख हरदीप निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का प्रमुख था। NIA ने हाल ही में 40 आतंकियों की लिस्ट जारी की थी, उसमें निज्जर का नाम भी शामिल था। ब्रैंपटन शहर में खालिस्तान के हक में रेफरेंडम करवाने में भी उसकी भूमिका थी। निज्जर भारतीय एजेंसियों की मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल था। भारत में हिंसा और क्राइम के कई केसों में उसका नाम सामने आया था। जिसके बाद उसे वांटेड टेररिस्ट की लिस्ट में डाला गया था। 31 जनवरी 2021 को पुजारी पर करवाया था हमला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 31 जनवरी, 2021 को जालंधर में हिंदू पुजारी कमलदीप शर्मा की हत्या की साजिश के सिलसिले में निज्जर सहित चार लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। मामले में चार्जशीट किए गए तीन अन्य लोग कमलजीत शर्मा और राम सिंह हैं, जिन्होंने निज्जर और उसके सहयोगी अर्शदीप सिंह उर्फ प्रभा के निर्देश पर पुजारी पर हमला किया था। 23 जनवरी 2015 में हुआ था लुकआउट नोटिस जारी निज्जर के खिलाफ पुलिस ने 23 जनवरी, 2015 को एक लुकआउट नोटिस और 14 मार्च, 2016 को एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था। जिसमें उसके प्रत्यर्पण की मांग की जा रही थी। जुलाई 2020 में केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा निज्जर को व्यक्तिगत आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था। NIA ने कहा कि निज्जर भारत में आतंक फैलाने के लिए खालिस्तान समर्थक आतंकवादी मॉड्यूल की भर्ती, प्रशिक्षण, वित्तपोषण और संचालन में सक्रिय रूप से शामिल था। वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए भड़काऊ और नफरत भरे भाषण देने में शामिल था। NIA ने एक अन्य मामले में निज्जर की पंजाब में उसके गांव में संपत्ति कुर्क की थी। जिसके पोस्टर उसके घर के बाहर आज भी लगे है। कनाडा में निज्जर के खिलाफ 10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। निज्जर पर पिछले साल सरे में 1985 के एयर इंडिया आतंकवादी बम विस्फोट मामले में बरी हुए रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या का आरोप था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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