भाजपा में 2 बार से जिलाध्यक्ष रहने वाले हटाए जाएंगे। इस बार नियम बनाया गया है कि लगातार 2 बार जिलाध्यक्ष रहने वालों को तीसरी बार मौका नहीं मिलेगा। ऐसे 29 जिले हैं, जिनमें दो बार से एक ही व्यक्ति जिलाध्यक्ष है। नए जिलाध्यक्षों पर दो महत्वपूर्ण चुनाव पंचायत- 2026 और विधानसभा- 2027 कराने की जिम्मेदारी रहेगी। इसकी वजह से दावेदार लखनऊ से लेकर दिल्ली तक दौड़ लगा रहे हैं। सांसद और विधायक तक की इस पद में दिलचस्पी है। वह अपने मनपसंद को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। दावेदारों ने भी लखनऊ से दिल्ली तक दौड़ तेज कर दी है। भाजपा के नए जिलाध्यक्ष बनाने की प्रॉसेस शुरू हो गई है। कार्यकाल 3 साल का रहेगा। 10 जनवरी तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे। लखनऊ से 15 जनवरी तक नामों की घोषणा हो जाएगी। विधायक-सांसद इसलिए चाहते हैं मनपसंद जिलाध्यक्ष
भाजपा जिलाध्यक्ष पद के लिए विधायकों और सांसदों ने भी ताकत झोंक दी है। विधानसभा चुनाव के मद्देजनर विधायक अपनी पसंद के कार्यकर्ता को जिलाध्यक्ष बनवाना चाहते हैं। वहीं लोकसभा चुनाव में गुटबाजी के चलते हारे हुए प्रत्याशी और भाजपा सांसद भी कुछ जिलों में अध्यक्ष बदलने के लिए ताकत लगा रहे हैं। दरअसल, चुनाव के समय प्रत्याशी के चयन में जिला अध्यक्षों की राय ली जाती है। इसलिए विधायक-सांसद अपना जिलाध्यक्ष चाहते हैं। VIP जिलों में ऊपर से तय होंगे नाम
सूत्रों का कहना है कि वाराणसी में जिलाध्यक्ष पीएम नरेंद्र मोदी, गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ, मुरादाबाद में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, लखनऊ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अमेठी में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, महराजगंज में केंद्रीय मंत्री पंकज सिंह, चंदौली में महेंद्रनाथ पांडेय की पसंद से ही नियुक्त किए जाएंगे। विधानसभा चुनाव- 2022 में आजमगढ़, शामली, कौशांबी और अंबेडकर नगर में भाजपा का खाता तक नहीं खुला था। ऐसे में इन 4 जिलों में जिलाध्यक्ष के चयन को लेकर पार्टी गहन मंथन कर रही है। करीबी नेताओं के लिए टूटेगा नियम
भाजपा ने जिलाध्यक्ष पद के लिए आयु सीमा 45-60 साल निर्धारित की है। साथ ही लगातार 2 बार के जिलाध्यक्ष को तीसरी बार अध्यक्ष नहीं बनाने का निर्णय हुआ है। सूत्रों के मुताबिक कुछ जिलाध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह के करीबी हैं। उन्हें फिर से बरकरार रखने के लिए नियमों को नजर अंदाज किया जा सकता है। पर्यवेक्षक जिलों में पहुंचे
भाजपा के 98 संगठनात्मक जिलों में जिलाध्यक्ष के चुनाव के लिए पर्यवेक्षक पहुंच गए हैं। 60 से ज्यादा जिलों में नामांकन की प्रक्रिया 9 जनवरी तक पूरी की गई। बाकी जिलों में नामांकन शुक्रवार तक दाखिल कराए जाएंगे। पर्यवेक्षक नामांकन पत्र लेकर 11 जनवरी तक अपनी रिपोर्ट प्रदेश मुख्यालय को देंगे। प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय की अध्यक्षता में बनी टीम प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह के साथ पैनल पर मंथन करेगी। अगड़ी जातियों में ब्राह्मण, ठाकुर, वैश्य, कायस्थ, भूमिहार का समीकरण सेट किया जाएगा। पिछड़ी जातियों में यादव, कुर्मी, मौर्य, सैनी, शाक्य, कुशवाहा, साहू, नाई, राजभर, निषाद, सेंधवार, पाल, गढ़रिया, जाट, गुर्जर जातियों को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। वहीं दलित वर्ग में जाटव, पासी, खटिक, धोबी, कोरी जातियों को प्रमुखता दी जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए रायशुमारी शुरू
यूपी भाजपा को इस महीने नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े ने नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर रायशुमारी शुरू की है। तावड़े ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सहित अन्य नेताओं से मुलाकात की है। सूत्रों के मुताबिक, विपक्ष की ओर से भाजपा के खिलाफ संविधान बदलने, डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान करने का मुद्दा बनाया जा रहा है। ऐसे में दलित वोट बैंक को साधने के लिए पार्टी नेतृत्व पिछड़े या दलित नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर मंथन कर रहा है। प्रदेश अध्यक्ष को नहीं मिलेगा टीम बनाने का मौका
भाजपा में यह परंपरा रही है कि प्रदेश अध्यक्ष ही महामंत्री संगठन से रायशुमारी कर अपनी टीम गठित करते हैं। इनमें क्षेत्रीय अध्यक्ष से लेकर जिलाध्यक्ष तक शामिल हैं। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भी 25 मार्च, 2023 को अपनी प्रदेश टीम और सितंबर, 2023 में जिलों की टीम बनाई थी। लेकिन, इस बार चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है। 1510 से अधिक मंडल अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं। जिलाध्यक्षों की नियुक्ति भी 15 जनवरी तक हो जाएगी। उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होंगे। ऐसे में नए प्रदेश अध्यक्ष को अपनी पसंद से जिलाध्यक्ष नियुक्त करने का मौका नहीं मिलेगा। ———————————- यह खबर भी पढ़ें सपा विधायक नसीम सोलंकी को BJP नेता ने धमकाया, बोला- अलाव नहीं जलवा रही हैं, तुम्हें मारूंगा; नसीम बोलीं- तुम्हारी चिता न जलवा दें कानपुर में भाजपा नेता ने सपा विधायक नसीम सोलंकी को मारने की धमकी दी। जमकर अभद्रता की। यहां तक कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी धमकी देते हुए खुली चुनौती दी। भाजपा के पूर्व प्रवक्ता धीरज चड्ढा ने दूसरी बार सपा विधायक नसीम सोलंकी को धमकाया है। कहा- घर बैठी हो। अलाव जलवाओ और जगह-जगह कंबल बंटवाओ। घर में बैठकर क्या कर रही हो? अपने घर में अलाव जलवा रही हो। इस पर नसीम सोलंकी ने कहा कि अलाव जल रहे हैं। धीरज ने अभद्रता की तो नसीम बोलीं- अलाव नहीं, तुम्हारी चिता न जलवा दें… बेवकूफ आदमी। पढ़ें पूरी खबर… भाजपा में 2 बार से जिलाध्यक्ष रहने वाले हटाए जाएंगे। इस बार नियम बनाया गया है कि लगातार 2 बार जिलाध्यक्ष रहने वालों को तीसरी बार मौका नहीं मिलेगा। ऐसे 29 जिले हैं, जिनमें दो बार से एक ही व्यक्ति जिलाध्यक्ष है। नए जिलाध्यक्षों पर दो महत्वपूर्ण चुनाव पंचायत- 2026 और विधानसभा- 2027 कराने की जिम्मेदारी रहेगी। इसकी वजह से दावेदार लखनऊ से लेकर दिल्ली तक दौड़ लगा रहे हैं। सांसद और विधायक तक की इस पद में दिलचस्पी है। वह अपने मनपसंद को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। दावेदारों ने भी लखनऊ से दिल्ली तक दौड़ तेज कर दी है। भाजपा के नए जिलाध्यक्ष बनाने की प्रॉसेस शुरू हो गई है। कार्यकाल 3 साल का रहेगा। 10 जनवरी तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे। लखनऊ से 15 जनवरी तक नामों की घोषणा हो जाएगी। विधायक-सांसद इसलिए चाहते हैं मनपसंद जिलाध्यक्ष
भाजपा जिलाध्यक्ष पद के लिए विधायकों और सांसदों ने भी ताकत झोंक दी है। विधानसभा चुनाव के मद्देजनर विधायक अपनी पसंद के कार्यकर्ता को जिलाध्यक्ष बनवाना चाहते हैं। वहीं लोकसभा चुनाव में गुटबाजी के चलते हारे हुए प्रत्याशी और भाजपा सांसद भी कुछ जिलों में अध्यक्ष बदलने के लिए ताकत लगा रहे हैं। दरअसल, चुनाव के समय प्रत्याशी के चयन में जिला अध्यक्षों की राय ली जाती है। इसलिए विधायक-सांसद अपना जिलाध्यक्ष चाहते हैं। VIP जिलों में ऊपर से तय होंगे नाम
सूत्रों का कहना है कि वाराणसी में जिलाध्यक्ष पीएम नरेंद्र मोदी, गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ, मुरादाबाद में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, लखनऊ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अमेठी में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, महराजगंज में केंद्रीय मंत्री पंकज सिंह, चंदौली में महेंद्रनाथ पांडेय की पसंद से ही नियुक्त किए जाएंगे। विधानसभा चुनाव- 2022 में आजमगढ़, शामली, कौशांबी और अंबेडकर नगर में भाजपा का खाता तक नहीं खुला था। ऐसे में इन 4 जिलों में जिलाध्यक्ष के चयन को लेकर पार्टी गहन मंथन कर रही है। करीबी नेताओं के लिए टूटेगा नियम
भाजपा ने जिलाध्यक्ष पद के लिए आयु सीमा 45-60 साल निर्धारित की है। साथ ही लगातार 2 बार के जिलाध्यक्ष को तीसरी बार अध्यक्ष नहीं बनाने का निर्णय हुआ है। सूत्रों के मुताबिक कुछ जिलाध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह के करीबी हैं। उन्हें फिर से बरकरार रखने के लिए नियमों को नजर अंदाज किया जा सकता है। पर्यवेक्षक जिलों में पहुंचे
भाजपा के 98 संगठनात्मक जिलों में जिलाध्यक्ष के चुनाव के लिए पर्यवेक्षक पहुंच गए हैं। 60 से ज्यादा जिलों में नामांकन की प्रक्रिया 9 जनवरी तक पूरी की गई। बाकी जिलों में नामांकन शुक्रवार तक दाखिल कराए जाएंगे। पर्यवेक्षक नामांकन पत्र लेकर 11 जनवरी तक अपनी रिपोर्ट प्रदेश मुख्यालय को देंगे। प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय की अध्यक्षता में बनी टीम प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह के साथ पैनल पर मंथन करेगी। अगड़ी जातियों में ब्राह्मण, ठाकुर, वैश्य, कायस्थ, भूमिहार का समीकरण सेट किया जाएगा। पिछड़ी जातियों में यादव, कुर्मी, मौर्य, सैनी, शाक्य, कुशवाहा, साहू, नाई, राजभर, निषाद, सेंधवार, पाल, गढ़रिया, जाट, गुर्जर जातियों को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। वहीं दलित वर्ग में जाटव, पासी, खटिक, धोबी, कोरी जातियों को प्रमुखता दी जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए रायशुमारी शुरू
यूपी भाजपा को इस महीने नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े ने नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर रायशुमारी शुरू की है। तावड़े ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सहित अन्य नेताओं से मुलाकात की है। सूत्रों के मुताबिक, विपक्ष की ओर से भाजपा के खिलाफ संविधान बदलने, डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान करने का मुद्दा बनाया जा रहा है। ऐसे में दलित वोट बैंक को साधने के लिए पार्टी नेतृत्व पिछड़े या दलित नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर मंथन कर रहा है। प्रदेश अध्यक्ष को नहीं मिलेगा टीम बनाने का मौका
भाजपा में यह परंपरा रही है कि प्रदेश अध्यक्ष ही महामंत्री संगठन से रायशुमारी कर अपनी टीम गठित करते हैं। इनमें क्षेत्रीय अध्यक्ष से लेकर जिलाध्यक्ष तक शामिल हैं। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भी 25 मार्च, 2023 को अपनी प्रदेश टीम और सितंबर, 2023 में जिलों की टीम बनाई थी। लेकिन, इस बार चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है। 1510 से अधिक मंडल अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं। जिलाध्यक्षों की नियुक्ति भी 15 जनवरी तक हो जाएगी। उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होंगे। ऐसे में नए प्रदेश अध्यक्ष को अपनी पसंद से जिलाध्यक्ष नियुक्त करने का मौका नहीं मिलेगा। ———————————- यह खबर भी पढ़ें सपा विधायक नसीम सोलंकी को BJP नेता ने धमकाया, बोला- अलाव नहीं जलवा रही हैं, तुम्हें मारूंगा; नसीम बोलीं- तुम्हारी चिता न जलवा दें कानपुर में भाजपा नेता ने सपा विधायक नसीम सोलंकी को मारने की धमकी दी। जमकर अभद्रता की। यहां तक कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी धमकी देते हुए खुली चुनौती दी। भाजपा के पूर्व प्रवक्ता धीरज चड्ढा ने दूसरी बार सपा विधायक नसीम सोलंकी को धमकाया है। कहा- घर बैठी हो। अलाव जलवाओ और जगह-जगह कंबल बंटवाओ। घर में बैठकर क्या कर रही हो? अपने घर में अलाव जलवा रही हो। इस पर नसीम सोलंकी ने कहा कि अलाव जल रहे हैं। धीरज ने अभद्रता की तो नसीम बोलीं- अलाव नहीं, तुम्हारी चिता न जलवा दें… बेवकूफ आदमी। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर