हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने अग्निवीरों को सुरक्षा कवच दिया है। केंद्र सरकार द्वारा 15 जुलाई 2022 से आरंभ की गई अग्निपथ योजना के तहत सेना के तीनों अंगों थल, जल व वायु सेना में अग्नि वीरों की भर्ती की गई थी, जिसमें 25 प्रतिशत अग्नि वीरों की सेवाएं नियमित की जाएंगी। हला बैच जुलाई 2026 में पूरा होना है, जबकि हरियाणा में इससे पहले ही हरियाणा अग्निवीर नीति 2024 लागू कर अग्निवीरों को सुरक्षा कवच दिया है। हरियाणा से 2022-23 के दौरान 1830, 2023-24 के दौरान लगभग 2215 युवा अग्निवीर के रूप में थल, जल व वायु सेना में भर्ती हुए थे। इनके लिए सरकार की ओर से सरकारी नौकरी में दिए जाने वाले लाभों को लेकर नियम सार्वजनिक किए हैं। इन नौकरियों में 10% हॉरिजेंटल आरक्षण मिलेगा अग्निवीरों को पुलिस, खनन गार्ड, जेल वार्डन तथा एसपीओ की भर्ती में 10 प्रतिशत हॉरिजेंटल आरक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा ग्रुप सी की सीधी भर्ती में 5 प्रतिशत तथा ग्रुप में 1 प्रतिशत आरक्षण दिया जएगा। अग्निवीर के पहले बैच के युवाओं को 5 वर्ष की आयु सीमा में छूट दी जाएगी। इसके अलावा उनको संयुक्त पात्रता परीक्षा (CET) से भी छूट दी जाएगी।जो अग्निवीर स्वरोजगार करेंगे उन्हें 5 लाख रुपए तक का लोन उपलब्ध करवाया जाएगा। HKRNL की नौकरी में मिलेगी वरीयता हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से की जाने वाली नियुक्तियों में भी अग्निवीरों को वरीयता दी जाएगी। इसका अलावा जो उद्योग अग्निवीरों को 30 हजार रुपए से अधिक मासिक वेतनमान पर सेवाओं में रखते हैं तो उन उद्योगों को सरकार 60 हजार रुपए वार्षिक सब्सिडी भी उपलब्ध करवाएगी।जो अग्निवीर प्राइवेट सुरक्षा कर्मी के रूप में सेवाएं देना चाहते हैं उन्हें गन लाइसेंस प्रदान करने में प्राथमिकता दी जाएगी। डेडिकेटेड यूनिट तय करेगी किसे-कहां नियुक्त करें हरियाणा सरकार के सूत्रों का कहना है हर विभाग में एक डेडिकेटेड यूनिट (तीन या अधिक) बनाने का प्रस्ताव है, जो यह देखेगी कि रिटायर हुए अग्निवीरों में किन्हें, किस डिपार्टमेंट और यूनिट में समायोजित किया जा सकता है। इसके लिए सेवा पूरी कर चुके अग्निवीरों की शैक्षणिक और अन्य योग्यताओं का आकलन होगा। नियमित नौकरियों में चयन के लिए उम्र सीमा में जो छूट तय है, उसका पालन किया जाएगा। केंद्र सरकार के एक अधिकारी का कहना है कि राज्य सरकारों से भी आग्रह किया जाएगा कि वह अपने यहां की सरकारी नौकरियों में अधिक से अधिक संख्या में अग्नि वीरों को समायोजित करने का कोई तरीका निकाले। हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने अग्निवीरों को सुरक्षा कवच दिया है। केंद्र सरकार द्वारा 15 जुलाई 2022 से आरंभ की गई अग्निपथ योजना के तहत सेना के तीनों अंगों थल, जल व वायु सेना में अग्नि वीरों की भर्ती की गई थी, जिसमें 25 प्रतिशत अग्नि वीरों की सेवाएं नियमित की जाएंगी। हला बैच जुलाई 2026 में पूरा होना है, जबकि हरियाणा में इससे पहले ही हरियाणा अग्निवीर नीति 2024 लागू कर अग्निवीरों को सुरक्षा कवच दिया है। हरियाणा से 2022-23 के दौरान 1830, 2023-24 के दौरान लगभग 2215 युवा अग्निवीर के रूप में थल, जल व वायु सेना में भर्ती हुए थे। इनके लिए सरकार की ओर से सरकारी नौकरी में दिए जाने वाले लाभों को लेकर नियम सार्वजनिक किए हैं। इन नौकरियों में 10% हॉरिजेंटल आरक्षण मिलेगा अग्निवीरों को पुलिस, खनन गार्ड, जेल वार्डन तथा एसपीओ की भर्ती में 10 प्रतिशत हॉरिजेंटल आरक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा ग्रुप सी की सीधी भर्ती में 5 प्रतिशत तथा ग्रुप में 1 प्रतिशत आरक्षण दिया जएगा। अग्निवीर के पहले बैच के युवाओं को 5 वर्ष की आयु सीमा में छूट दी जाएगी। इसके अलावा उनको संयुक्त पात्रता परीक्षा (CET) से भी छूट दी जाएगी।जो अग्निवीर स्वरोजगार करेंगे उन्हें 5 लाख रुपए तक का लोन उपलब्ध करवाया जाएगा। HKRNL की नौकरी में मिलेगी वरीयता हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से की जाने वाली नियुक्तियों में भी अग्निवीरों को वरीयता दी जाएगी। इसका अलावा जो उद्योग अग्निवीरों को 30 हजार रुपए से अधिक मासिक वेतनमान पर सेवाओं में रखते हैं तो उन उद्योगों को सरकार 60 हजार रुपए वार्षिक सब्सिडी भी उपलब्ध करवाएगी।जो अग्निवीर प्राइवेट सुरक्षा कर्मी के रूप में सेवाएं देना चाहते हैं उन्हें गन लाइसेंस प्रदान करने में प्राथमिकता दी जाएगी। डेडिकेटेड यूनिट तय करेगी किसे-कहां नियुक्त करें हरियाणा सरकार के सूत्रों का कहना है हर विभाग में एक डेडिकेटेड यूनिट (तीन या अधिक) बनाने का प्रस्ताव है, जो यह देखेगी कि रिटायर हुए अग्निवीरों में किन्हें, किस डिपार्टमेंट और यूनिट में समायोजित किया जा सकता है। इसके लिए सेवा पूरी कर चुके अग्निवीरों की शैक्षणिक और अन्य योग्यताओं का आकलन होगा। नियमित नौकरियों में चयन के लिए उम्र सीमा में जो छूट तय है, उसका पालन किया जाएगा। केंद्र सरकार के एक अधिकारी का कहना है कि राज्य सरकारों से भी आग्रह किया जाएगा कि वह अपने यहां की सरकारी नौकरियों में अधिक से अधिक संख्या में अग्नि वीरों को समायोजित करने का कोई तरीका निकाले। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा सिख गुरुद्वारा चुनाव में रिकॉर्ड पंजीकरण:एक दिन में 1111 नए आवेदन, कुल 69,707 मतदाता पंजीकृत; रोड़ी वार्ड में सबसे अधिक वोटर हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के आगामी चुनावों में मतदाताओं की भारी भागीदारी देखी जा रही है। जिला नोडल अधिकारी एवं राजस्व अधिकारी संजय चौधरी के अनुसार, 10 जनवरी को एक ही दिन में 1111 नए आवेदन प्राप्त हुए, जिससे कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 69,707 तक पहुंच गई है। जिले के 9 वार्डों में से सबसे अधिक मतदाता रोड़ी वार्ड (वार्ड 36) में 11,695 दर्ज किए गए हैं, जहां 185 नए आवेदन प्राप्त हुए। डबवाली वार्ड में 9,923 मतदाता और 150 नए आवेदन, ऐलनाबाद में 9,467 मतदाता और 89 आवेदन, तथा कालांवाली में 8,857 मतदाता के साथ 141 नए आवेदन प्राप्त हुए हैं। बड़ागुढ़ा वार्ड में 7,497 मतदाता और 39 आवेदन, सिरसा में 7,203 मतदाता और 243 आवेदन, रानियां में 5,766 मतदाता और 13 आवेदन, नाथूसरी चौपटा में 5,185 मतदाता और 92 आवेदन, तथा पिपली में 4,114 मतदाता के साथ 159 नए आवेदन दर्ज किए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, प्राप्त आवेदनों को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया जारी है, जिसे शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा।
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करनाल में आज पंजाबी महासम्मेलन:भूपेंद्र हुड्डा के समक्ष करेंगे राजनीति में हिस्सेदारी की मांग, प्रदेश अध्यक्ष उदयभान भी होंगे शामिल हरियाणा के करनाल में आज पंजाबी महासम्मेलन में वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। यह सम्मेलन राष्ट्रीय पंजाबी महासभा द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य पंजाबी समाज की राजनीतिक भागीदारी बढ़ाना और उनके सामाजिक उत्थान की मांग उठाना है। राजनीति में हिस्सेदारी की मांग पंजाबी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मेहता और पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने कहा कि महासम्मेलन हरियाणा में भाईचारे की मिसाल कायम करेगा और पंजाबी समाज को राजनीति में उचित हिस्सेदारी दिलाने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में पंजाबी समाज की कई प्रमुख मांगें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान के समक्ष रखी जाएंगी, जिनमें पंजाबी कल्याण बोर्ड के गठन की मांग प्रमुख है। विधानसभा चुनाव में पंजाबी उम्मीदवार उतारने की मांग पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने कहा कि पंजाबी समुदाय की कड़ी मेहनत के बावजूद भी बहुत से लोग पिछड़े हुए हैं और उनके कल्याण के लिए बोर्ड का गठन बेहद जरूरी है। बत्रा ने कांग्रेस से विधानसभा चुनाव में ज्यादा पंजाबी उम्मीदवार उतारने की भी मांग की है, ताकि पंजाबी समुदाय को उचित सम्मान और प्रतिनिधित्व मिल सके।
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हरियाणा में दिग्गज वोटिंग कराने में पिछड़े:इनमें खट्टर का भी नाम, राज्यमंत्री की स्थिति सबसे खराब; जेपी दलाल, विज सबसे बेहतर हरियाणा में लोकसभा चुनाव में दिग्गजों के विधानसभा हलकों में वोटरों ने वोट करने में ज्यादा रूचि नहीं दिखाई। यहीं कारण रहा कि इनकी विधानसभाओं में 5 से 18% तक वोटिंग प्रतिशत में गिरावट आई है। हालांकि कुछ ऐसे भी मंत्री और विधायक हैं, जिनके यहां 2019 के मुकाबले स्थिति बेहतर रही है। इनमें कैबिनेट मंत्री जेपी दलाल, पूर्व गृह मंत्री अनिल विज का नाम शामिल हैं। वहीं 2019 के मुकाबले राज्य मंत्री अभय यादव की विधानसभा में 18% वोटिंग घटी है। कैबिनेट मंत्री जेपी दलाल के लोहारू और अनिल विज के अंबाला कैंट में सबसे कम सिर्फ 0.40 % मतदान घटा है। कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारी लाल की विधानसभा बावल में 12%से कम वोटिंग हुई है। राज्यमंत्री संजय सिंह की विधानसभा सोहना, बिशंभर वाल्मीकि की सीट बवानीखेड़ा, कमल गुप्ता की सीट हिसार, महिपाल ढांडा की पानीपत ग्रामीण, सुभाष सुधा की थानेसर सीट पर भी 5 प्रतिशत के करीब वोटिंग कम हुई है। जबकि खुद लोकसभा चुनाव लड़ रहे बिजली मंत्री रणजीत सिंह के रानियां हलके में 6.60 % मतदान घटा है। विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के क्षेत्र पंचकूला में 6% कम मतदान हुआ है। सरकार से संगठन करेगा समीक्षा
दिग्गजों के यहां गिरे वोटिंग प्रतिशत को लेकर सरकार के साथ भाजपा संगठन भी चिंतित है। इसके लिए सरकार के साथ ही संगठन स्तर पर रिव्यू मीटिंग बुलाई गई है। इस लोकसभा चुनाव में भाजपा की चुनाव प्रबंधन समिति के चेयरमैन और राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने कहा है कि इसको लेकर जल्द ही रिव्यू मीटिंग बुलाई जाएगी। हालांकि कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि हम हरियाणा के लोगों के द्वारा की गई वोटिंग प्रतिशत को लेकर संतुष्ट हैं, हालांकि हम एक रिव्यू मीटिंग कर चुके हैं, जल्द ही चंडीगढ़ में दूसरी मीटिंग बुलाई जाएगी। वोटिंग में 6 विधायक पिछड़े
हरियाणा में भाजपा की 40 सीटें हैं। इनमें 11 सीटों पर 65% से अधिक मतदान हुआ हैं। हालांकि 6 विधानसभा सीटें ऐसी भी हैं, जिन पर 55 % भी वोटिंग नहीं हुई है। वहीं कांग्रेस पार्टी के पास 30 विधानसभा सीटें हैं। इनमें 8 सीटों पर 65% से अधिक तो 3 पर 55 % से कम मतदान हुआ। वहीं जजपा की 10 में से 2, निर्दलीयों की 3, इनेलो की 1 सीट पर 65% से ज्यादा वोटिंग हुई है। जजपा MLA बबली की विधानसभा में हाल खराब
मंत्रियों, विधायकों के बाद हरियाणा क दूसरे दिग्गज नेताओं के यहां भी वोटिंग का बुरा हाल रहा। जजपा विधायक देवेंद्र बबली के हलके टोहाना में 17% वोटिंग प्रतिशत गिरा। भाजपा विधायक कमलेश ढांडा के कलायत में 15%, अनूप धानक की उकलाना विधानसभा में 10.80%, भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई की आदमपुर 9.90 %, पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह के पिहोवा में 8.80%, पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के उचाना में 7.80%, पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के किलोई में 7.55%, सीएम नायब सैनी के नारायणगढ़ में 5.58%, ओपी यादव के नारनौल में 4.65%, अभय चौटाला के ऐलनाबाद में 4% अनिल विज के अंबाला कैंट 0.40% कम वोटिंग हुई है।