पंजाब के जगराओं में तेलंगाना पुलिस द्वारा साइबर ठगी के मामले में शामिल राहुल शर्मा के गिरफ्तार किया है। तेलंगाना पुलिस आरोपी राहुल को कोर्ट में पेश कर बाद में अन्य कई मामलों से पर्दाफाश कर सकती है और मामले के मास्टर माइंड की तलाश में पुलिस जुटकर छानबीन कर रही है। यह था पूरा मामला 18 नवंबर को आरोपी राहुल ने एक कर्मचारी के बैंक खाते में 5 लाख रुपए जमा किए गए और अगले ही दिन 19 नवंबर को यह पूरी राशि छोटी-छोटी किश्तों में निकाल ली। सबसे बड़ी निकासी एक लाख रुपए की और सबसे छोटी 24 हजार रुपए की थी। तेलंगाना में 22 लाख की साइबर ठगी के बाद कुल चार बैंक खातों मे ठगी की सारी राशि डाली गई थी। जिसमें एक बडी ऐंट्री हरियाणा के सिरसा के प्रगट सिंह के अकाउंट में आई थी। प्रगट सिहं ने ही मुख्य सरगना के कहने पर पांच लाख की राशि जगराओं के राहुल शर्मा के अकांउट में ट्रांसफर की थी। उसके बाद राहुल शर्मा पर वहां पर मामला दर्ज किया गया। हरियाणा का रहने वाला है मास्टरमाइंड पुलिस के मुताबिक, पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड हरियाणा के सिरसा का प्रगट सिंह है, जो अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। आरोपी प्रगट सिंह की गिरफ्तारी से करोड़ों की इस ठगी का पूरा खुलासा हो सकता है। पुलिस आरोपी की तलाश में अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही है। आरोपी राहुल के परिजनों के खाते सीज आरोपी राहुल के परिजनों के लुधियाना-मोगा रोड स्थित एक निजी बैंक में कई खाते हैं। आरोपी के परिवार के कई सदस्यों के खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। इसके अलावा एसएसपी कार्यालय के सामने स्थित दो बड़े निजी बैंकों में भी एक खाते से दूसरे खाते में संदिग्ध लेन-देन की जानकारी मिली है। तेलंगाना पुलिस राहुल को कोर्ट में पेश करने के बाद इस 5 लाख रुपए के लेन-देन की जांच भी करेगी। डीएसपी तेलंगाना डीवी रेड्डी बोले डीएसपी तेलंगाना डीवी रेड्डी ने बताया कि मुख्य आरोपी के फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया। उसका नंबर आउट ऑफ कवरेज एरिया ही आता रहा। उन्होंने बताया कि तेलंगाना में हुई 22 लाख की साइबर ठगी के बाद कुल चार बैंक खातो मे ठगी की सारी राशि डाली गई थी। जिसमें एक बडी एंट्री हरियाणा के सिरसा के प्रगट सिंह के अकाउंट में आई थी। प्रगट सिंह ने ही जगराओं के सरगना के कहने पर पांच लाख की राशि राहुल शर्मा के अकांउट में ट्रांसफर की थी। उसके बाद राहुल शर्मा पर वहां पर मामला दर्ज किया गया। ये भी जानकारी मिली है कोर्ट में राहुल शर्मा से उसके सरगना का नाम पूछा गया। परंतु उसने अपना मुंह नहीं खोला। राहुल ने बताया कि उसके पास जो प्रगट सिंह का आधार कार्ड था ,वह तेलंगाना पुलिस को सौंप दिया है। पंजाब के जगराओं में तेलंगाना पुलिस द्वारा साइबर ठगी के मामले में शामिल राहुल शर्मा के गिरफ्तार किया है। तेलंगाना पुलिस आरोपी राहुल को कोर्ट में पेश कर बाद में अन्य कई मामलों से पर्दाफाश कर सकती है और मामले के मास्टर माइंड की तलाश में पुलिस जुटकर छानबीन कर रही है। यह था पूरा मामला 18 नवंबर को आरोपी राहुल ने एक कर्मचारी के बैंक खाते में 5 लाख रुपए जमा किए गए और अगले ही दिन 19 नवंबर को यह पूरी राशि छोटी-छोटी किश्तों में निकाल ली। सबसे बड़ी निकासी एक लाख रुपए की और सबसे छोटी 24 हजार रुपए की थी। तेलंगाना में 22 लाख की साइबर ठगी के बाद कुल चार बैंक खातों मे ठगी की सारी राशि डाली गई थी। जिसमें एक बडी ऐंट्री हरियाणा के सिरसा के प्रगट सिंह के अकाउंट में आई थी। प्रगट सिहं ने ही मुख्य सरगना के कहने पर पांच लाख की राशि जगराओं के राहुल शर्मा के अकांउट में ट्रांसफर की थी। उसके बाद राहुल शर्मा पर वहां पर मामला दर्ज किया गया। हरियाणा का रहने वाला है मास्टरमाइंड पुलिस के मुताबिक, पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड हरियाणा के सिरसा का प्रगट सिंह है, जो अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। आरोपी प्रगट सिंह की गिरफ्तारी से करोड़ों की इस ठगी का पूरा खुलासा हो सकता है। पुलिस आरोपी की तलाश में अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही है। आरोपी राहुल के परिजनों के खाते सीज आरोपी राहुल के परिजनों के लुधियाना-मोगा रोड स्थित एक निजी बैंक में कई खाते हैं। आरोपी के परिवार के कई सदस्यों के खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। इसके अलावा एसएसपी कार्यालय के सामने स्थित दो बड़े निजी बैंकों में भी एक खाते से दूसरे खाते में संदिग्ध लेन-देन की जानकारी मिली है। तेलंगाना पुलिस राहुल को कोर्ट में पेश करने के बाद इस 5 लाख रुपए के लेन-देन की जांच भी करेगी। डीएसपी तेलंगाना डीवी रेड्डी बोले डीएसपी तेलंगाना डीवी रेड्डी ने बताया कि मुख्य आरोपी के फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया। उसका नंबर आउट ऑफ कवरेज एरिया ही आता रहा। उन्होंने बताया कि तेलंगाना में हुई 22 लाख की साइबर ठगी के बाद कुल चार बैंक खातो मे ठगी की सारी राशि डाली गई थी। जिसमें एक बडी एंट्री हरियाणा के सिरसा के प्रगट सिंह के अकाउंट में आई थी। प्रगट सिंह ने ही जगराओं के सरगना के कहने पर पांच लाख की राशि राहुल शर्मा के अकांउट में ट्रांसफर की थी। उसके बाद राहुल शर्मा पर वहां पर मामला दर्ज किया गया। ये भी जानकारी मिली है कोर्ट में राहुल शर्मा से उसके सरगना का नाम पूछा गया। परंतु उसने अपना मुंह नहीं खोला। राहुल ने बताया कि उसके पास जो प्रगट सिंह का आधार कार्ड था ,वह तेलंगाना पुलिस को सौंप दिया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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CAA के तहत 20 अफगानी सिखों को मिली नागरिकता:32 साल का इंतजार हुआ खत्म; अधिकतर अमृतसर, लुधियाना के, 380 केस पैंडिंग 1992 में पहली अफगान वामपंथी सरकार के गिरने के बाद भारत में प्रवेश करने वाले 400 अफगानी सिखों में से 20 को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत भारतीय नागरिकता मिल गई है। इनमें से अधिक अमृतसर, जालंधर और लुधियाना में बसे हैं। जबकि अभी भी 380 के करीब केस केंद्र सरकार के पास पैंडिंग पड़े हुए हैं। परिवारों से बातचीत के बाद पता चला कि 32 साल पहले 1992 में अफगानिस्तान का माहौल खराब होने के बाद करीब 400 अफगान सिख भारत आ गए थे। कई अमृतसर, जालंधर और लुधियाना में बस गए। जबकि कुछ ने देश के विभिन्न हिस्सों में अपना डेरा बसाया। भारत में शरण लेने वाले इन सिख परिवारों को रहने के लिए अपना वीजा एक्सटेंड करवाना पड़ता था। हालांकि, 2009 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदुओं और सिखों के लिए लांग टर्म वीजा (LTV) मानदंडों में काफी ढील दी। जिसे देखते हुए 1955 नागरिकता एक्ट के तहत आवेदन कर दिए गए, लेकिन तब से इनके आवेदन केंद्र के पास पेंडिंग पड़े थे। CAA के तहत दिए आवेदन बीते माह इन अफगान सिखों ने गृह मंत्रालय भारत सरकार से 1955 एक्ट के आवेदनों को CAA में बदलने की याचिका दायर की। ये याचिका अप्रैल महीने के की गई। जिसके बाद केंद्र ने इनके आवेदनों पर विचार किया और अब 20 अफगानी सिखों को भारतीय नागरिकता मिल गई है। कई खो चुके हैं अपने डॉक्यूमेंट 1992 में भारत में आने वाले कई अफगान सिख अपने डॉक्यूमेंट्स खो चुके हैं। कइयों के पास पासपोर्ट नहीं हैं तो कई अपने जरूरी डॉक्यूमेंट खो चुके हैं। परिवारों ने बताया कि पहले आवेदन करने के लिए राज्य सरकारों का हस्ताक्षेप होता था, लेकिन CAA में उसे हटा दिया गया। जिसके चलते उनके आवेदनों पर जल्द कार्रवाई हो रही है। बदल जाएगा भारत में रहना अफगान सिख बीते 32 सालों से भारतीय नागरिकता हासिल करने के जद्दोजहद कर रहे थे। इन्हें हर साल अपना लांग टर्म वीजा एक्सटेंड करवाना पड़ता था। जिसके लिए कभी चंडीगढ़ तो कभी दिल्ली के चक्कर काटने पड़ते थे। इनमें से कई इतने बुजुर्ग हो चुके हैं कि उनके लिए दिल्ली जाना आसान नहीं होता था। कई भारतीय नागरिकता के इंतजार में अपनी जान भी गवां चुके हैं। लेकिन अब जब इन्हें भारतीय नागरिकता का सर्टिफिकेट मिल चुके है, ये पासपोर्ट एप्लाई कर सकते हैं और भारतीय पहचान पत्र बनवा सकते हैं। बंगलादेश को देखकर डर का माहौल अमृतसर में भारतीय नागरिकता प्राप्त करने वाले एक परिवार से दैनिक भास्कर की टीम ने संपर्क किया। उनके परिवार के 8 के करीब सदस्यों भारतीय नागरिकता मिली है। लेकिन, वे ना खुशी जाहिर करना चाहते हैं और ना अधिक बात करना चाहते हैं। उनका कहना है कि अभी भी उनके परिवार के कई सदस्यों को CAA के तहत नागरिकता देने की प्रक्रिया चल रहा है। वहीं, दूसरी तरफ बांग्लादेश में माहौल खराब हो चुका है। अगर कहीं भारतीय सरकार ने उन्हें नागरिकता देना रोक दिया तो उनके भाई-बहनों को कई साल फिर से इंतजार करना होगा।
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पटियाला में जूनियर डॉक्टर से छेड़छाड़:टेक्नीशियन पर लगाया अश्लील हरकत का आरोप, ईसीजी के लिए बुलाया था पंजाब के पटियाला में जूनियर डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया है। राजिंदरा अस्पताल में सुरक्षा को लेकर लगातार डॉक्टरों की मांग के दौरान अब अस्पताल के कर्मचारियों ने ही जूनियर डॉक्टर के साथ अश्लील हरकत कर दी। घटना बीती रात की बताई जा रही है, जिसमें एक जूनियर डॉक्टर ने टेक्नीशियन पर अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया है। जिसके बाद मामला राजिंदरा अस्पताल के मेडिकल सुपरिनटैंडैंट के पास पहुंचा तो उन्होंने इस मामले की इन्क्वायरी मार्क कर दी है। टेक्नीशियन को ईसीजी करने के लिए बुलाई थी जूनियर डॉक्टर की शिकायत के अनुसार उसकी ड्यूटी गायनी वॉर्ड में लेबर रूम में लगी हुई थी। एक मरीज की ईसीजी करने के लिए जूनियर डॉक्टर ने टेक्नीशियन को बुलाया था। अपना काम करके लौट रहे टेक्नीशियन ने जूनियर डॉक्टर के साथ बदतमीजी की। जूनियर डॉक्टर ने टेक्नीशियन पर शरीर के पिछले हिस्से में अश्लील छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए। दोनों पक्ष को सुनने के बाद प्रिंसिपल ने मार्क की इन्क्वायरी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर राजन सिंगला ने कहा कि जूनियर डॉक्टर की शिकायत है कि टेक्नीशियन ने उसके शारीरिक अंग को गलत तरीके से छू कर अश्लील हरकत की है। शिकायत मिलने के बाद टेक्नीशियन को बुलाया था, उसने कहा कि उसने जूनियर डॉक्टर से रास्ता मांगा था लेकिन रास्ता ना मिलने पर उसे इस तरीके से निकलना पड़ा कि शरीर टच हो गया। टेक्नीशियन की गलती सामने आई प्रिंसिपल ने कहा की जूनियर डॉक्टर का कहना है कि वह मरीज के रिश्तेदार से बात कर रही थी, जिस वजह से हो सकता है उसने टेक्नीशियन की बात ना सुनी हो। प्रिंसिपल राजन सिंगला ने कहा कि इस मामले में अभी तक टेक्नीशियन की गलती सामने आई है। यदि जूनियर डॉक्टर ने बात नहीं सुनी थी, तो टेक्नीशियन उसे दोबारा कह कर साइड ले सकता था।
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सिद्धू दंपत्ति के साथ हुई 2 करोड़ों की ठगी:अपने ही करीबियों पर लगाए आरोप; SCO खरीदने के नाम पर हुई धोखाधड़ी नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी व पूर्व विधायक डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने अपने पूर्व निजी सहायक और अमेरिका में रहने वाले एनआरआई पर दो करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगाया है। यह मामला रंजीत एवेन्यू स्थित SCO (शॉप-कम-ऑफिस) नंबर 10 की रजिस्ट्रेशन से संबंधित है। जिसकी जांच इकोनॉमिक ओफेंस (ईओ) विंग की तरफ से की जा रही है। डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने आरोप लगाया है कि अमेरिका में रहने वाले एनआरआई अंगद पाल सिंह, उनके मामा मंगल सिंह और सुखविंदर सिंह के साथ मिलकर उन्हें धोखा दिया। इसके अलावा, उनके पूर्व निजी सहायक गौरव और उनके सहयोगी जगजीत सिंह ने भी इस धोखाधड़ी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंगद पाल सिंह ने रंजीत एवेन्यू में स्थित SCO नंबर 10 बेचने का प्रस्ताव रखा था। इसके लिए दोनों पक्षों के बीच एक समझौता हुआ। डॉ. सिद्धू की ओर से उनके प्रतिनिधि सुषिल रावत और अंगद पाल सिंह की ओर से विशाल कौर ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। आश्वासन के बाद भी ट्रांसफर नहीं की रजिस्ट्रेशन डॉ. सिद्धू ने इस संपत्ति की बुकिंग के लिए अंगद पाल सिंह के खाते में 1.2 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। इसके अलावा, उन्होंने कई बार भुगतान के लिए चेक भी दिए, जिन्हें उनके निजी सहायक गौरव ने कैश कराया और राशि अंगद के एजेंट को सौंपी। अंगद पाल सिंह ने बार-बार आश्वासन दिया कि जल्द ही संपत्ति उनके नाम पर रजिस्टर कर दी जाएगी। लेकिन जब डॉ. सिद्धू ने दस्तावेज रजिस्ट्रेशन के लिए दबाव डाला, तो आरोपियों ने बहाने बनाने शुरू कर दिए। आरोपियों ने अस्थायी रूप से फरवरी 2023 में उनकी बेटी के नाम पर संपत्ति का पावर ऑफ अटॉर्नी दिया। पुलिस जांच में जुटी डॉ. सिद्धू का आरोप है कि उनके द्वारा दिए गए चेक की राशि को कैश कर आरोपियों ने आपस में बांट लिया है। इस धोखाधड़ी की शिकायत के आधार पर मामला अब ईओ विंग को सौंप दिया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। डॉ. सिद्धू ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और उनके दो करोड़ रुपये की धनराशि की वापसी की मांग की है। यह मामला फिलहाल पुलिस जांच के दायरे में है, और आने वाले दिनों में इसमें नई जानकारियां सामने आ सकती हैं। कैंसर के इलाज को लेकर सुर्खियों में हैं दंपति पंजाब कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिद्धू के पत्नी को कैंसर से ठीक करने वाले इलाज के दावे पर सुर्खियों में हैं। नवजोत सिद्धू ने कहा था कि उन्होंने आयुर्वेदिक तरीके से पत्नी का इलाज किया। कैंसर सेल्स को बढ़ाने वाली मीठी चीजों को बंद किया। जिसके बाद पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू कैंसर फ्री हो गईं। सिद्धू ने इस बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। जिसका वीडियो वायरल होने के बाद अब टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल की अगुआई में 262 ऑन्कोलॉजिस्ट ने इस दावे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि सिद्धू की बताई कुछ चीजों पर रिसर्च जरूर चल रही है, लेकिन इनसे ठीक हो जाने का दावा सही नहीं है। मिल चुका 850 करोड़ रुपए का नोटिस कैंसर ठीक करने के दावे पर छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने पत्र लिखकर डॉ. नवजोत कौर को 850 करोड़ रुपए का नोटिस भेजा है। छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी के संयोजक डॉक्टर कुलदीप सोलंकी ने कहा कि आपकी डाइट की बातें सुनकर देश-विदेश के कैंसर मरीजों में भ्रम और एलोपैथी मेडिसिन के विरोध की स्थिति पैदा हो रही है। 7 दिनों में इलाज के डॉक्यूमेंट पेश करें। उन्होंने कहा कि अगर 7 दिन के अंदर माफी या सबूत नहीं मिले तो वे अपने वकील के माध्यम से कोर्ट जाएंगे।