पंजाब के अकाली लीडर बिक्रम सिंह मजीठिया से जुड़े ड्रग तस्करी मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एंट्री हो गई है। ईडी ने जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) से केस से जुड़ी जानकारियां मांग ली हैं। बिक्रम मजीठिया केस में दर्ज एफआईआर का विवरण, जांच की अब तक की रिपोर्ट, गवाहों के बयान और मजीठिया के बयानों की पूरी जानकारी ईडी ने मांगी है। वीडियो शेयर कर सरकार को घेरा मीडिया में ईडी की एंट्री की सूचना फैसने के बाद अब बिक्रम मजीठिया ने अपना वीडियो शेयर कर सरकार को घेरा है। ईडी की तरफ से जानकारियां मांगे जाने के बाद बिक्रम मजीठिया का ये पहला बयान है। बिक्रम मजीठिया ने कहा- ये बता कर खुशी हो रही है कि सीएम भगवंत मान की बौखलाहट फिर नजर आई है। क्योंकि, मजीठिया समझौता नहीं करता, टोपी पहन कर रात के समय कांग्रेसियों की तरह मिलता नहीं, सरकार को घेरने की कोशिश करता है और कैबिनेट की कारगुजारी को और उनकी लूट को उजागर करता है। ये खबर प्लांट की गई है। इस खबर का कोई सूत्र नहीं है। इसके सूत्र सीधे तौर पर सीएम भगवंत मान हैं। मुझे तो ये काफी दिनों से पता था (केस ईडी को दिए जाने का)। भगवंत मान की बौखलाहट कई दिनों से थी कि मजीठिया को फंसाना कैसे है। जिस ईडी को आम आदमी पार्टी और सीएम मान कोसते हैं, उसी ईडी को उनका केस दे दिया है। इससे ये बात स्पष्ट हो गई कि सीएम मान के हाथ कुछ नहीं है। 11 साल हो गए कि मजीठिया पर ड्रग्स के आरोप लगाए गए थे। एक सीट नहीं, 5-5 सीट बदली गईं। लेकिन पंजाब सरकार चालान तक पेश नहीं कर पा रही। अंत में अब केस ही ईडी को दे दिया। ये केस केई दिन पहले ही ईडी को भेज दिया गया था, लेकिन शोर आज मचाया गया, क्योंकि कैबिनेट के एक मंत्री व उनकी पत्नी पर आरोप लगाए थे। सरकार कोर्ट की तरफ मुंह नहीं कर रही एसआईटी डीजीपी लेवल से डीआईजी, एसपी और डीएसपी के लेवल तक पहुंच चुकी है। अगर कुछ है तो चालान पेश करो। ये सिर्फ सियासत का हिस्सा है। इसका फैसला कोर्ट में होना है और कोर्ट की तरफ AAP सरकार मुंह नहीं कर रही है। मैं विस्तार से एक-एक चीज का जवाब दूंगा। 2014 को ईडी के हवाले अंडर सेक्शन 50 PMLA के अंतर्गत जो बयान हुए थे, उसी को आधार बना कर मजीठिया पर केस बनाया गया था। अब केस दोबारा से ईडी के पास पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट भी कह चुकी है कि अंडर सेक्शन 50 PMLA के अंतर्गत ली गई स्टेटमेंट्स का कोई वजूद नहीं। जब मेरी जमानत हुई थी तो डबल बैंच ने साफ कर दिया था कि मजीठिया के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। कांग्रेस सरकार के समय दर्ज हुआ था केस यह केस बिक्रम सिंह मजीठिया पर 20 दिसंबर 2021 को विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से ठीक पहले कांग्रेस सरकार के समय में दर्ज हुआ था। हालांकि, मजीठिया ने केस में कानूनी लड़ाई लड़ी और 2022 के विधानसभा चुनाव में अमृतसर से चुनावी मैदान में उतरे थे। इसके बाद वह जेल गए। 10 अगस्त 2022 को उन्हें जमानत मिल गई। मजीठिया इस केस पर पहले से ही सवाल उठाते आए हैं। उनका कहना है कि यह अपनी तरह का एनडीपीएस का मामला है। जिसमें पुलिस ने कोई रिकवरी नहीं की है। हालांकि, पुलिस ने नशा तस्करी में पकड़े कई लोगों के बयान दर्ज किए हैं। पंजाब के अकाली लीडर बिक्रम सिंह मजीठिया से जुड़े ड्रग तस्करी मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एंट्री हो गई है। ईडी ने जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) से केस से जुड़ी जानकारियां मांग ली हैं। बिक्रम मजीठिया केस में दर्ज एफआईआर का विवरण, जांच की अब तक की रिपोर्ट, गवाहों के बयान और मजीठिया के बयानों की पूरी जानकारी ईडी ने मांगी है। वीडियो शेयर कर सरकार को घेरा मीडिया में ईडी की एंट्री की सूचना फैसने के बाद अब बिक्रम मजीठिया ने अपना वीडियो शेयर कर सरकार को घेरा है। ईडी की तरफ से जानकारियां मांगे जाने के बाद बिक्रम मजीठिया का ये पहला बयान है। बिक्रम मजीठिया ने कहा- ये बता कर खुशी हो रही है कि सीएम भगवंत मान की बौखलाहट फिर नजर आई है। क्योंकि, मजीठिया समझौता नहीं करता, टोपी पहन कर रात के समय कांग्रेसियों की तरह मिलता नहीं, सरकार को घेरने की कोशिश करता है और कैबिनेट की कारगुजारी को और उनकी लूट को उजागर करता है। ये खबर प्लांट की गई है। इस खबर का कोई सूत्र नहीं है। इसके सूत्र सीधे तौर पर सीएम भगवंत मान हैं। मुझे तो ये काफी दिनों से पता था (केस ईडी को दिए जाने का)। भगवंत मान की बौखलाहट कई दिनों से थी कि मजीठिया को फंसाना कैसे है। जिस ईडी को आम आदमी पार्टी और सीएम मान कोसते हैं, उसी ईडी को उनका केस दे दिया है। इससे ये बात स्पष्ट हो गई कि सीएम मान के हाथ कुछ नहीं है। 11 साल हो गए कि मजीठिया पर ड्रग्स के आरोप लगाए गए थे। एक सीट नहीं, 5-5 सीट बदली गईं। लेकिन पंजाब सरकार चालान तक पेश नहीं कर पा रही। अंत में अब केस ही ईडी को दे दिया। ये केस केई दिन पहले ही ईडी को भेज दिया गया था, लेकिन शोर आज मचाया गया, क्योंकि कैबिनेट के एक मंत्री व उनकी पत्नी पर आरोप लगाए थे। सरकार कोर्ट की तरफ मुंह नहीं कर रही एसआईटी डीजीपी लेवल से डीआईजी, एसपी और डीएसपी के लेवल तक पहुंच चुकी है। अगर कुछ है तो चालान पेश करो। ये सिर्फ सियासत का हिस्सा है। इसका फैसला कोर्ट में होना है और कोर्ट की तरफ AAP सरकार मुंह नहीं कर रही है। मैं विस्तार से एक-एक चीज का जवाब दूंगा। 2014 को ईडी के हवाले अंडर सेक्शन 50 PMLA के अंतर्गत जो बयान हुए थे, उसी को आधार बना कर मजीठिया पर केस बनाया गया था। अब केस दोबारा से ईडी के पास पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट भी कह चुकी है कि अंडर सेक्शन 50 PMLA के अंतर्गत ली गई स्टेटमेंट्स का कोई वजूद नहीं। जब मेरी जमानत हुई थी तो डबल बैंच ने साफ कर दिया था कि मजीठिया के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। कांग्रेस सरकार के समय दर्ज हुआ था केस यह केस बिक्रम सिंह मजीठिया पर 20 दिसंबर 2021 को विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से ठीक पहले कांग्रेस सरकार के समय में दर्ज हुआ था। हालांकि, मजीठिया ने केस में कानूनी लड़ाई लड़ी और 2022 के विधानसभा चुनाव में अमृतसर से चुनावी मैदान में उतरे थे। इसके बाद वह जेल गए। 10 अगस्त 2022 को उन्हें जमानत मिल गई। मजीठिया इस केस पर पहले से ही सवाल उठाते आए हैं। उनका कहना है कि यह अपनी तरह का एनडीपीएस का मामला है। जिसमें पुलिस ने कोई रिकवरी नहीं की है। हालांकि, पुलिस ने नशा तस्करी में पकड़े कई लोगों के बयान दर्ज किए हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
लहंदे पंजाब के उजड़े परिवारों के हरियाणा में तोड़े घर:SGPC प्रतिनिधिमंडल ने किया दौरान; सरकार से सहायता की रखी मांग
लहंदे पंजाब के उजड़े परिवारों के हरियाणा में तोड़े घर:SGPC प्रतिनिधिमंडल ने किया दौरान; सरकार से सहायता की रखी मांग शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने लहंदे पंजाब (पश्चिमी पंजाब) से बंटवारे के समय हरियाणा के करनाल जिले में अमुपुर गांव में में बसे चार सिख परिवारों के मकानों को तोड़ने की कार्रवाई का विरोध किया है। हरियाणा सरकार की तरफ से की गई कार्रवाई का संज्ञान लेते हुए आज मंगलवार को SGPC का एक प्रतिनिधिमंडल गांव अमुपुर पहुंचा। प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और 1-1 लाख रुपए का चैक सौंपा। SGPC अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने एक कमेटी का गठन किया, जिसमें शिरोमणि कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरभजन सिंह मसाना, जूनियर उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह खालसा, सदस्य भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल और धर्म प्रचार समिति के सदस्य तेजिंदरपाल सिंह लाडवां शामिल हैं। SGPC के इस प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और जमीनी स्तर पर पूरी स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि SGPC की तरफ से हरियाणा सरकार की धक्केशाही और दमन का पुरजोर विरोध किया जाएगा। सहायता देने की घोषणा SGPC ने चारों पीड़ित सिख परिवारों को एक-एक लाख रुपए की प्रारंभिक सहायता देने की घोषणा की और राज्य में हरियाणा की भाजपा सरकार के अमानवीय कृत्य की कड़ी निंदा की। हरियाणा सरकार से इन परिवारों के साथ न्याय करने को कहा। भाजपा की सिख विरोधी नीतियां इससे उजागर हुई SGPC ने मानवाधिकार से जुड़े संगठनों और कार्यकर्ताओं से हरियाणा में भाजपा सरकार द्वारा सिखों के खिलाफ इस धक्के के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की। मसाना ने सभी सिख संगठनों और संगठनों से भी अपील की कि वे इन परिवारों की यथासंभव मदद करें, ताकि इस दुख की घड़ी में उन्हें सहारा मिल सके। शिरोमणि कमेटी के सदस्य भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने हरियाणा की भाजपा सरकार की सिख विरोधी कार्रवाई की कड़ी निंदा की और कहा कि सरकार की इस कार्रवाई से सिखों में गहरा गुस्सा है। इस कार्रवाई से भाजपा की सिख विरोधी नीति एक बार फिर उजागर हो गई है। हरियाणा सरकार सिखों से कर रही धक्का SGPC सदस्यों ने कहा कि इसकी जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखना चाहिए कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार हरियाणा में सिखों के साथ किस तरह से धक्का कर रही है। खुद को भाजपा नेता बताने वाले सिखों को बताना चाहिए कि बीजेपी सरकार के राज्य में सिखों के घर क्यों तोड़े जा रहे हैं। SGPC ने कुरूक्षेत्र में कार्यरत हरियाणा सरकार द्वारा नामित हरियाणा सिख गुरुद्वारा कमेटी के प्रतिनिधियों की भी कड़ी निंदा की और कहा कि कई दिन बीत जाने के बाद भी उन्होंने अमुपुर में पीड़ित सिख परिवारों से मुलाकात नहीं की नहीं पहुंचे। विभाजन के समय उजड़ कर यहां बसे थे परिवार पीड़ित बूटा सिंह ने जानकारी साझा की कि वे चार भाई हैं। उनका परिवार देश के विभाजन के बाद लहंदे पंजाब से आकर अमूपुर गांव के इस स्थान पर बस गया था। लेकिन 26 जून 2024 को अचानक सरकारी अधिकारियों ने पुलिस बल के साथ चारों परिवारों के घर को तोड़ दिया।
चंडीगढ़ में तापमान में मामूली गिरावट:मौसम विभाग ने जारी किया 7 जून तक लू का अलर्ट, पश्चिमी विक्षोभ रहा बेअसर
चंडीगढ़ में तापमान में मामूली गिरावट:मौसम विभाग ने जारी किया 7 जून तक लू का अलर्ट, पश्चिमी विक्षोभ रहा बेअसर चंडीगढ़ के तापमान में मामूली गिरावट देखी गई है। पहले जो तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर था, वह अब 42 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। लेकिन मौसम विभाग ने आज यानी बुधवार के लिए ऑरेंज अलर्ट और अगले दो दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। तापमान अभी भी 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर है। आने वाले दिनों में यह तापमान बढ़ना शुरू हो जाएगा। इससे लोगों को और अधिक गर्मी का एहसास होगा। पश्चिमी विक्षोभ का कोई असर नहीं दिखा चंडीगढ़ मौसम विभाग के अनुसार, आसपास के क्षेत्र में एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय था। इसके कारण मंगलवार यानी 4 जून को बारिश होनी थी। लेकिन चंडीगढ़ में बारिश नहीं हुई। केवल तेज हवाएं चलीं। इन हवाओं के कारण तापमान से थोड़ी राहत मिली है। अब धीरे-धीरे यह तापमान बढ़ने लगेगा। इसके कारण लोगों को फिर से गर्मी झेलनी पड़ेगी। पहाड़ी इलाकों में यह पश्चिमी विक्षोभ थोड़ा सक्रिय देखा गया है। आने वाले दिनों में गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है। इस प्रकार रहेगा आगे का तापमान मौसम विभाग के अनुसार आगे तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखी जाएगी। कल वीरवार को अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। इसके बाद तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी देखी जाएगी। 7 जून को अधिकतम तापमान बढ़कर 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। ऐसे में मौसम विभाग ने लोगों को दिन के समय में घर के अंदर ही रहने की सलाह दी है। अगर जरूरत हो तो बाहर निकलने से पहले अपने शरीर को पूरा ढक कर और खुले कपड़े पहनकर निकलने दी सलाह दी है।
डीएवी में जेनरेटिव एआई पर करवाया सेमिनार
डीएवी में जेनरेटिव एआई पर करवाया सेमिनार अमृतसर | डीएवी कॉलेज अमृतसर के कंप्यूटर विभाग ने “बिल्डिंग एप्लीकेशन विद जेनरेटिव ए आई’ विषय पर सेमिनार करवाया। इस कार्यक्रम में मुख्य प्रवक्ता व्हिटमैन कॉलेज, व्ला, यूएसए के विजिटिंग प्रोफेसर प्रतीक भाटिया थे। कार्यक्रम के शुभारंभ करते हुए प्रिंसिपल डॉ अमरदीप गुप्ता ने कहा कि चैटजीपीटी एक जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल है। जहां चैटजीपीटी टेक्स्ट और कोड लिख सकते हैं, वहीं बाजार में कई और ऐसे मॉडल उपलब्ध हैं जो नए ऑडियो, वीडियो, तसवीरें, इत्यादि भी बना सकते हैं। जेनरेटिव एआई (जीएआई) ऐसे एल्गोरिदम हैं जिनकी मदद से हम नया कंटेंट बना सकते हैं। डॉ प्रतीक भाटिया ने बताया कि जहां पारंपरिक एआई अमूमन कोई विशिष्ट कार्य करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जेनरेटिव एआई की बात करें तो इसका इस्तेमाल नया कंटेंट बनाने के लिए किया जाता है। इस कार्यक्रम में बीसीए, बीएससी (आईटी) और बी वॉक (वेब डिजाइनिंग) के सौ से अधिक स्टूडेंट्स ने भाग लिया ।