हरियाणा में सोनीपत के बड़ी गांव के पास स्थित हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रीयल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपारेशन (HSIDC) गेट नंबर 1 के पास देर शाम एक सड़क हादसे में एक पैदल यात्री की मौत हो गई, जबकि बाइक सवार घायल हो गया। घायल को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। देर शाम करीब 6:30 बजे समालखा निवासी नितिन अपनी मोटरसाइकिल पर सवार होकर जा रहा था। प्रत्यक्षदर्शी और बड़ी गांव के सरपंच अरुण कुमार ने बताया कि टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पैदल यात्री की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में बाइक सवार नितिन को भी मामूली चोटें आईं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल सोनीपत भेज दिया गया। पुलिस ने इस मामले में धारा 106 और 281 BNS के तहत मामला दर्ज कर लिया है। मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। हरियाणा में सोनीपत के बड़ी गांव के पास स्थित हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रीयल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपारेशन (HSIDC) गेट नंबर 1 के पास देर शाम एक सड़क हादसे में एक पैदल यात्री की मौत हो गई, जबकि बाइक सवार घायल हो गया। घायल को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। देर शाम करीब 6:30 बजे समालखा निवासी नितिन अपनी मोटरसाइकिल पर सवार होकर जा रहा था। प्रत्यक्षदर्शी और बड़ी गांव के सरपंच अरुण कुमार ने बताया कि टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पैदल यात्री की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में बाइक सवार नितिन को भी मामूली चोटें आईं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल सोनीपत भेज दिया गया। पुलिस ने इस मामले में धारा 106 और 281 BNS के तहत मामला दर्ज कर लिया है। मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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बिश्नोई महासभा के चुनाव को लेकर बढ़ा विवाद:प्रभारियों की लिस्ट वायरल, कुलदीप समर्थकों ने उठाए सवाल, बुड़िया बोले- फर्जी है सूची
बिश्नोई महासभा के चुनाव को लेकर बढ़ा विवाद:प्रभारियों की लिस्ट वायरल, कुलदीप समर्थकों ने उठाए सवाल, बुड़िया बोले- फर्जी है सूची अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के चुनाव को लेकर सरगर्मियां बढ़ गई हैं। मार्च से पहले महासभा में चुनाव करवाया जाना है। ऐसे में मौजूदा प्रधान देवेंद्र बुड़िया और कुलदीप बिश्नोई के बीच वर्चस्व को लेकर लड़ाई तेज हो गई है। दोनों के समर्थक एक दूसरे पर हमलावर हैं। इसी बीच चुनाव को लेकर जारी एक चुनाव प्रभारियों की लिस्ट ने बवाल मचा दिया है। चुनाव प्रभारियों की लिस्ट जारी करते समय जांबा पीठाधीश्वर महंत भगवान दास को बताया नहीं गया। जब वायरल लिस्ट के बारे में महंत भगवान दास से पूछा गया तो उन्होंने लिस्ट के बारे में कोई जानकारी होने से इन्कार कर दिया। जबकि महंत भगवान दास को ही मुख्य चुनाव अधिकारी लगाया गया है। वहीं इसके बाद मौजूदा प्रधान देवेंद्र बुड़िया का एक ऑडियो मैसेज तेजी से वायरल हुआ। जिसमें वह उन्होंने बताया कि चुनाव प्रभारियों की जो लिस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, वह पूरी तरह से फर्जी है। क्योंकि इसमें अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की मोहर और हस्ताक्षर कुछ नहीं है। वहीं कुलदीप समर्थकों ने देवेंद्र बुड़िया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, और इसे संत का अपमान बताते हुए पूरी चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। महंत की 11 दिसंबर को नियुक्ति की गई थी… महंत भगवान दास को नियुक्त किया था चुनाव अधिकारी
दरअसल, 11 दिसंबर 2024 को महंत भगवान दास को अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा का चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया था। इसके संबंध में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की ओर से नियुक्ति पत्र जारी किया गया था। बिश्नोई महासभा मुरादाबाद उत्तर प्रदेश में पंजीकृत है, इसलिए चुनाव अधिकारी लगाते समय रजिस्ट्रार सोसाइटी कार्यालय को भी सूचित किया गया था। मगर एक महीना बीत जाने के बाद भी चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति नहीं की जा सकी है। वहीं देवेंद्र बुड़िया का कहना है कि आगामी एक सप्ताह में महंत भगवान दास व समाज के लोगों से सलाह परामर्श कर चुनाव प्रभारियों की सूची जारी कर दी जाएगी। कुलदीप समर्थक बोले-विवाद के बाद पोस्ट अपडेट की गई है… कुलदीप समर्थक बोले-महंत भगवानदास इस्तीफा दिया
वहीं कुलदीप समर्थक सोशल मीडिया पर दावा कर रहे हैं कि बुड़िया की ओर से जारी सूची के बाद महंत भगवान दास ने इस्तीफा दे दिया है। लेकिन इसको लेकर महंत की ओर से कोई बयान या लेटर सामने नहीं आया है। वहीं दूसरी तरफ कुलदीप समर्थक लिस्ट को सोशल मीडिया से हटाने की अपडेट पोस्ट भी वायरल कर रहे हैं। हालांकि इस पेज को लेकर भी पुष्टि नहीं की जा सकी है कि यह पेज असली है या फेक। कुलदीप बिश्नोई की पकड़ लगातार कमजोर हो रही
दरअसल, अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के पूर्व में संरक्षक रहे कुलदीप बिश्नोई और मौजूदा प्रधान देवेंद्र बुड़िया के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। कुलदीप बिश्नोई पर करीब दो महीने पहले प्रधान ने जबरन इस्तीफा लेने के आरोप लगाए थे। इसको लेकर मुकाम धाम में बैठक की गई थी। इसमें कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटा दिया गया था। इसके करीब एक महीने बाद कुलदीप बिश्नोई के समर्थन में बिश्नोई महासभा के 14 पदाधिकारियों ने रजिस्ट्रार सोसाइटी को एफिडेविट लिखकर कहा था कि मुकाम में बैठक में उनको शामिल नहीं किया। ऐसे में प्रधान ने संरक्षक को हटाया है, वह नियमानुसार नहीं है। इसके बाद रजिस्ट्रर सोसाइटी की ओर से देवेंद्र बुड़िया को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने खुद संरक्षक पद छोड़ने की घोषणा कर दी और चुनाव करवाने का ऐलान करते हुए कमेटी का गठन किया था। कुलदीप बिश्नोई की स्थिति कमजोर पड़ने के 3 कारण
1. मुकाम धाम साथ नहीं
स्वामी रामानंद जी ने संरक्षक पद लेने से मना कर दिया है और वह मुकाम धाम के बड़े पीठाधीश्वर हैं। वह ऐसे संत हैं जिनकी बात बिश्नोई समाज में हर कोई मानता है। ऐसे में यह संदेश गया है कि कुलदीप बिश्नोई की वैल्यू अब समाज में पहले जैसी नहीं रही। संत ने पद ठुकरा कर इस बात को सिद्ध कर दिया है। 2. चुनाव के लिए बनाई समिति बनी डमी
कुलदीप बिश्नोई ने बिश्नोई महासभा का चुनाव करवाने के लिए 29 सदस्यीय कमेटी बनाई थी। इस कमेटी को संरक्षक के नेतृत्व में काम करना था। ऐसे में रामानंद स्वामी के पद ठुकराने के बाद यह समिति अब किसके दिशा निर्देश पर काम करेगी, यह बड़ा सवाल बना हुआ है। 3. प्रधान देवेंद्र बूड़िया का वर्चस्व
प्रधान के बाद अब संरक्षक पद ठुकराए जाने के बाद कुलदीप बिश्नोई का वर्चस्व अब धीरे-धीरे समाज में खत्म हो रहा है। आदमपुर में हार के बाद समाज की नजरों में अब उनकी वैल्यू कम हो रही है। मौजूदा प्रधान देवेंद्र बूड़िया ने कुलदीप के खिलाफ समाज के सामने जो बातें रखीं, उससे समाज उनके खिलाफ हो रहा है।
रेवाड़ी का नरेंद्र अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचा:यहां का तापमान माइनस 52°C, 6 दिनों में की थी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई
रेवाड़ी का नरेंद्र अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचा:यहां का तापमान माइनस 52°C, 6 दिनों में की थी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई रेवाड़ी के पर्वतारोही नरेंद्र सिंह यादव ने अंटार्कटिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी विन्सन मैसिफ को 25 दिसंबर को सुबह 1 बजकर 42 मिनट पर फतह कर तिरंगा लहराया। नरेंद्र ने बताया कि इस समय पर्वत का तापमान लगभग -52°C चल रहा था। इस अभियान में बेस कैम्प से 6 दिन का समय लगा। अभियान में पूरे विश्व से पर्वतारोही शामिल हुए थे। वो कोसली कस्बे के नेहरुगढ़ गांव के रहने वाले हैं। इस अभियान में नरेंद्र भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इस अभियान को स्पार्क मिंडा ने स्पॉन्सर किया था। नरेंद्र ने अशोक मिंडा का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने एक साधारण किसान परिवार के बच्चे की काबिलियत को समझा जिसके चलते मैंने विश्व पटल पर भारत का नाम अंकित किया है सात महाद्वीपों पर फतेह करने का सपना हुआ पूरा
सेना के जवान कृष्णचंद के बेटे नरेंद्र का सपना सभी सात महाद्वीपों को फतह कर विश्व रिकॉर्ड बुक में अपनी छाप छोड़ने का था, जो इस छोटी को फतेह करके पूरा हुआ। नरेंद्र ने सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर फतह कर कई विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं। उन्होंने 2012 में बेसिक्स ऑफ माउंटेनियरिंग, 2013 में एडवांस, 2015 में एमओआई (मेथड्स ऑफ इंस्ट्रक्शन) और 2022 में सर्च एंड रेस्क्यू समेत सभी प्रमुख पर्वतारोहण की पढ़ाई पूरी की है। नरेंद्र ने 2016 और 2022 में 6 दिनों में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की। उन्होंने माउंट किलिमंजारो को चार बार, माउंट एल्ब्रस को दो बार और माउंट कोसियसको सहित ऑस्ट्रेलिया की दस सबसे ऊंची चोटियों को तीन बार फतह किया है। इसके अलावा, उन्होंने दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी एकांकागुआ और उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी डेनाली पर भी फतह की है। नरेंद्र की पर्वतारोहण यात्रा 12 साल की आयु में उनके स्कूल के दिनों में शुरू हुई, जब उन्होंने जम्मू और कश्मीर की पहाड़ियों पर चढ़ना शुरू किया। उन्होंने 2008 में नियमित रूप से पर्वतारोहण की प्रैक्टिस शुरू की।
चरखी दादरी में भाजपा सांसद ने ली वर्कर मीटिंग:जीत का मार्जिन घटने पर किया मंथन; पार्टी में भितरघात को नकारा
चरखी दादरी में भाजपा सांसद ने ली वर्कर मीटिंग:जीत का मार्जिन घटने पर किया मंथन; पार्टी में भितरघात को नकारा भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा से तीसरी बार भाजपा से सांसद बने धर्मबीर सिंह ने अपनी जीत व तीसरी बार अंतर कम होने पर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ आज चरखी दादरी में मंथन किया। साथ ही उन्होंने पार्टी के लीडरों पर तंज कसते हुए कहा कि नेताओं से जनता स्याणी और जनता ने अपना फायदा देखते हुए भाजपा को वोट दी है। किसी नेता विशेष का कोई प्रभाव नहीं रहा बल्कि वोटर ने फैसला लेते हुए भाजपा को जिताया है। सांसद धर्मबीर सिंह ने बुधवार शाम को अपने दादरी निवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं की मीटिंग ली। चुनावी रिजल्ट को लेकर मंथन किया। सांसद ने तीसरी बार अपनी जीत का अंतर मात्र हजारों में होने पर चर्चा की और आगामी दिनों में पिछले 10 सालों से किये कार्यों को आगे बढ़ाते हुए नये आयाम स्थापित करने की बात कही। सांसद ने मीडिया से बात करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि जो नेता भितरघात का दावा करते हैं तो वे झूठे हैं, भाजपा में कोई भितरघात नहीं हुआ। कांग्रेस को जनता ने फिर से नकार दिया है, यहीं कारण है कि भाजपा की तीसरी बार भी जीत हुई है। दादरी-भिवानी जिलों में हार को लेकर धर्मबीर सिंह ने कहा कि पुराना भिवानी जिला से हारा नहीं बल्कि 2014 के मुकाबले बढ़त मिली है। वहीं उन्होंने जजपा व इनेलो पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनका सबसे ज्यादा ग्राफ नीचे आया है, नैना चौटाला मात्र कुछ हजार वोट ही ले पाई है। विधायक सोमबीर सांगवान के कांग्रेस में आने के बाद दादरी से मिली हार को लेकर कहा कि विधायक के कांग्रेस में जाने से कोई फर्क नहीं पड़ा बल्कि विचारधारा से भाजपा को जीत मिली है।