रजिस्ट्री करवाने के लिए 6 साल पहले 2018 में ऑनलाइन सिस्टम शुरू हुआ था। तभी से इस तरह की गड़बड़ियां चली आ रही हैं। 3 साल के दौरान अलग-अलग तरह के 3 डीड की 2 तहसीलों में लाल लकीर-पुरानी आबादी व फ्लोरवाइज रजिस्ट्री के तकरीबन 1856 दस्तावेज रजिस्टर्ड हुए। जिसके लिए लोग 11.68 रुपए सरकार को रेवेन्यू के तौर पर दे चुके हैं, जबकि यह रकम देना नहीं बनता है। लोगों से गलत तरह से वसूले जा रहे इंतकाल फीस के बारे एडवोकेट-वसीका नवीस रेवेन्यू अफसरों की नोटिस में ला चुके हैं फिर भी आज तक सिस्टम में सुधार कराना जरूरी नहीं समझा गया। इसे रोकने के लिए सरकार को ऑनलाइन सिस्टम में सुधार करवाना होगा। दरअसल, जब लोग अप्वाइंटमेंट उठाते हैं, तो उसी दौरान सारी फीस ऐड हो जाती है। जिसके बाद रजिस्ट्री दफ्तरों में लोगों को मजबूरन रकम अदा करनी पड़ रही है। ासरकार को चाहिए कि रजिस्ट्रियों के नाम पर किसी भी जगह गलत तरीके से इंतकाल की जो रकम लोगों से वसूली जा रही उस पर रोक लगाए। ऑनलाइन सिस्टम में सुधार कराना जरूरी है। रेवेन्यू अफसरों की नोटिस में सबकुछ है, मगर फिर भी ठीक नहीं करवा रहे। -राकेश शर्मा, एडवोकेट ^यह बिल्कुल गलत है कि जिन चीजों की फीस नहीं बनती वह वसूली जा रही है। सिस्टम में इतना बड़ा झोल बरसों से चला आ रहा, जिसमें सुधार नहीं कराया जा सका। -अंकुर गुप्ता, एडवोकेट ^ एडवोकेट और प्रॉपर्टी डीलर एसोसिएशन ने इस बारे एप्लीकेशन दी है। जिसकी जांच की जा रही। साथ ही इसे सरकार को भी भेज दिया गया है। -साक्षी साहनी, डीसी शुभेंदु शुक्ला | अमृतसर रेवेन्यू विभाग की ओर से लाल लकीर-पुरानी आबादी और फ्लोरवाइज रजिस्ट्री के केसों में इंतकाल फीस लेने का प्रावधान नहीं फिर भी लोगों को ऑनलाइन 600 रुपए देने पड़ रहे हैं। 2 ऐसी डीड (रजिस्ट्री) हैं, जिनमें गड़बड़ियों के कारण लोगों से गलत फीस व स्टांप ड्यूटी वसूली जा रही है। गिफ्ट डीड में एक्ट के मुताबिक एक प्रतिशत रजिस्ट्रेशन- पीआईडीबी फीस है, जबकि वसूली 2.25% जा रही है, जो 1.25% अधिक है। वहीं रेंट डीड (किरायानामा) में स्टांप शुल्क 1 से 5 साल का 8% तो 5 से 10 साल का 3% देना होता है। जबकि 1 से 5 साल का स्टांप फीस कम होनी चाहिए। इन खामियों के कारण लोगों को बेवजह जेबें ढीली करनी पड़ रही। लेकिन रेवेन्यू विभाग इसमें सुधार कराना जरूरी नहीं समझ रहा। रजिस्ट्री करवाने के लिए 6 साल पहले 2018 में ऑनलाइन सिस्टम शुरू हुआ था। तभी से इस तरह की गड़बड़ियां चली आ रही हैं। 3 साल के दौरान अलग-अलग तरह के 3 डीड की 2 तहसीलों में लाल लकीर-पुरानी आबादी व फ्लोरवाइज रजिस्ट्री के तकरीबन 1856 दस्तावेज रजिस्टर्ड हुए। जिसके लिए लोग 11.68 रुपए सरकार को रेवेन्यू के तौर पर दे चुके हैं, जबकि यह रकम देना नहीं बनता है। लोगों से गलत तरह से वसूले जा रहे इंतकाल फीस के बारे एडवोकेट-वसीका नवीस रेवेन्यू अफसरों की नोटिस में ला चुके हैं फिर भी आज तक सिस्टम में सुधार कराना जरूरी नहीं समझा गया। इसे रोकने के लिए सरकार को ऑनलाइन सिस्टम में सुधार करवाना होगा। दरअसल, जब लोग अप्वाइंटमेंट उठाते हैं, तो उसी दौरान सारी फीस ऐड हो जाती है। जिसके बाद रजिस्ट्री दफ्तरों में लोगों को मजबूरन रकम अदा करनी पड़ रही है। ासरकार को चाहिए कि रजिस्ट्रियों के नाम पर किसी भी जगह गलत तरीके से इंतकाल की जो रकम लोगों से वसूली जा रही उस पर रोक लगाए। ऑनलाइन सिस्टम में सुधार कराना जरूरी है। रेवेन्यू अफसरों की नोटिस में सबकुछ है, मगर फिर भी ठीक नहीं करवा रहे। -राकेश शर्मा, एडवोकेट ^यह बिल्कुल गलत है कि जिन चीजों की फीस नहीं बनती वह वसूली जा रही है। सिस्टम में इतना बड़ा झोल बरसों से चला आ रहा, जिसमें सुधार नहीं कराया जा सका। -अंकुर गुप्ता, एडवोकेट ^ एडवोकेट और प्रॉपर्टी डीलर एसोसिएशन ने इस बारे एप्लीकेशन दी है। जिसकी जांच की जा रही। साथ ही इसे सरकार को भी भेज दिया गया है। -साक्षी साहनी, डीसी शुभेंदु शुक्ला | अमृतसर रेवेन्यू विभाग की ओर से लाल लकीर-पुरानी आबादी और फ्लोरवाइज रजिस्ट्री के केसों में इंतकाल फीस लेने का प्रावधान नहीं फिर भी लोगों को ऑनलाइन 600 रुपए देने पड़ रहे हैं। 2 ऐसी डीड (रजिस्ट्री) हैं, जिनमें गड़बड़ियों के कारण लोगों से गलत फीस व स्टांप ड्यूटी वसूली जा रही है। गिफ्ट डीड में एक्ट के मुताबिक एक प्रतिशत रजिस्ट्रेशन- पीआईडीबी फीस है, जबकि वसूली 2.25% जा रही है, जो 1.25% अधिक है। वहीं रेंट डीड (किरायानामा) में स्टांप शुल्क 1 से 5 साल का 8% तो 5 से 10 साल का 3% देना होता है। जबकि 1 से 5 साल का स्टांप फीस कम होनी चाहिए। इन खामियों के कारण लोगों को बेवजह जेबें ढीली करनी पड़ रही। लेकिन रेवेन्यू विभाग इसमें सुधार कराना जरूरी नहीं समझ रहा। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
अबोहर में बेटे ने मां के प्रेमी को काटा:कुल्हाड़ी से किए कई वार, प्राइवेट पार्ट भी काटा, आधी रात को मिलने आया था
अबोहर में बेटे ने मां के प्रेमी को काटा:कुल्हाड़ी से किए कई वार, प्राइवेट पार्ट भी काटा, आधी रात को मिलने आया था अबोहर के गांव धर्मपुरा में बीती रात एक युवक ने अपनी मां के प्रेमी को कुल्हाड़ी से बेरहमी से काट डाला। युवक ने व्यक्ति की एक टांग के तीन टुकड़े कर दिए हैं और दूसरी टांग व एक बाजू को भी बुरी तरह से काटा गया। इसके अलावा प्राइवेट पार्ट भी काट दिया। बुरी तरह से घायल व्यक्ति को इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे हायर सेंटर रेफर दिया गया। जानकारी के अनुसार, गांव धर्मपुरा का करीब 50 वर्षीय स्वर्ण पुत्र जगराम गांवों में ही लकड़ियां काटकर बेचता है। उसके गांव की एक महिला से पिछले काफी समय से अवैध संबंध चले आ रहे थे। यह बात महिला के परिवार वालों को गंवारा नहीं थी। बताया जाता है कि महिला का पति और बेटा काम पर गए हुए थे। स्वर्ण कल रात करीब 12 बजे खेत से आया और सीधा गांव के ही उक्त व्यक्ति के घर में महिला से मिलने पहुंच गया। इसके कुछ समय बाद ही महिला का बेटा घर आया तो स्वर्ण को आपत्तिजनक हालत में देखकर उसका खून खोल गया। महिला के परिजनों ने दी पंचायत को सूचना जिसके बाद गुस्से में महिला के बेटे ने घर पर रखी कुलहाडी से स्वर्ण पर इतने वार किए कि उसकी एक टांग के कई टुकडे कर दिए और दूसरी टांग भी काट दी। इतना ही नहीं गुस्साए युवक ने स्वर्ण का प्राइवेट पार्ट भी काट दिया। बताया जाता है कि परिवार के व्यक्ति ने ही इसकी सूचना ग्राम पंचायत को दी। करीब दो घंटे बाद पंचायत वहां पहंची तो स्वर्ण को खून से लथपथ पड़ा था। जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। इधर, ग्रामीणों का कहना है कि देर रात करीब 4 बजे एंबुलेंस गांव में आई और स्वर्ण को लहुलुहान हालत में इलाज के लिए सरकारी अस्पताल ले गई। वहीं मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा आरोपी को हिरासत में भी ले लिया है। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा : डीएसपी डीएसपी सुखविंदर सिंह ने बताया कि उन्हें मामले की सूचना मिली थी कि एक बेटे द्वारा अपनी मां के प्रेमी को अवैध संबंध के चलते कुल्हाड़ी से काटा गया है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है।
किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट बोला-सीधे हमारे पास आएं प्रदर्शनकारी:अनशन कर रहे डल्लेवाल पर कहा- वे जननेता, उनका स्वस्थ रहना जरूरी; तुरंत इलाज कराएं
किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट बोला-सीधे हमारे पास आएं प्रदर्शनकारी:अनशन कर रहे डल्लेवाल पर कहा- वे जननेता, उनका स्वस्थ रहना जरूरी; तुरंत इलाज कराएं किसान आंदोलन पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसानों के लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं। वे सीधे अपने सुझाव या मांगें लेकर हमारे पास आ सकते हैं या अपना प्रतिनिधि भेज सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत पर भी पंजाब सरकार से जवाब मांगा। पंजाब के अटॉर्नी जनरल गुरमिंदर सिंह ने कहा, “डल्लेवाल के साथ बातचीत हुई है। उन्होंने अपने मेडिकल टेस्ट करवाने से इनकार कर दिया है। उनके सभी जरूरी अंग सही तरह से काम कर रहे हैं।” सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर में कहा, “राज्य सरकार के लिए अच्छा नहीं होगा अगर डल्लेवाल को कुछ होता है और आरोप लगते हैं। उन्हें सभी मेडिकल सुविधाएं मिलती रहें, राज्य सरकार यह सुनिश्चित करे।” डल्लेवाल और किसानों पर सुप्रीम कोर्ट के 4 निर्देश
1. डल्लेवाल पर राज्य सरकार ढिलाई ना बरते
जब पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल को भर्ती करना ज्यादा उचित रहेगा। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। ढिलाई नहीं बरती जा सकती है। आपको हालात संभालने होंगे।” 2. डल्लेवाल का स्वस्थ रहना जरूरी है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “डल्लेवाल पब्लिक पर्सनालिटी हैं। उनके साथ किसानों के हित जुड़े हुए हैं। वो कहते हैं कि 700 किसानों की जिंदगी उनके जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसलिए वो मेडिकल सहायता के लिए मना कर रहे हैं। सरकार के साथ उनके सैद्धांतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन प्रदर्शन के लिए डल्लेवाल का स्वस्थ रहना जरूरी है।” 3. हम कमेटी का गठन कर रहे हैं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम एक कमेटी का गठन कर रहे हैं, यह प्रक्रिया है। आप किसानों को भरोसा दे सकते हैं। उनकी जो भी उचित मांगें हैं, उन्हें लेकर हम संबंधित पक्षों से बातचीत करेंगे।” 4. सीधे हमारे पास आएं किसान
जब पंजाब सरकार ने कहा कि हमने बातचीत की कोशिश की थी, लेकिन किसानों ने बातचीत से मना कर दिया। इस पर अदालत ने कहा, “सरकार कह रही है कि किसानों को सीधे कोर्ट में अपनी बात रखने की इजाजत दी जाए। हमारे दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। वे यहां सीधे आकर सुझाव या मांगें पेश कर सकते हैं या फिर अपना प्रतिनिधि भेज सकते हैं।” शंभू बॉर्डर खोलने के तुरंत आदेश से सुप्रीम कोर्ट इनकार कर चुका
13 दिसंबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर तुरंत खोलने का आदेश देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि पंजाब और हरियाणा सरकार किसानों को हाईवे छोड़कर किसी दूसरी जगह प्रदर्शन शिफ्ट करने या कुछ समय के लिए स्थगित करने के लिए मनाए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने किसान नेता डल्लेवाल की सेहत पर भी चिंता जताई थी। कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया था कि वह डल्लेवाल को फौरन मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाएं। डल्लेवाल से अनशन तुड़वाने के लिए कोई जबरदस्ती न की जाए। शंभू बॉर्डर का मामला सुप्रीम कोर्ट कैसे पहुंचा, 6 पॉइंट में जानिए… सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले डल्लेवाल ने कहीं थी 3 अहम बातें… 1. आपने केंद्र से बातचीत कराने का प्रयास नहीं किया
मेरी भूख हड़ताल को 22 दिन हो चुके है। शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करते किसानों पर पुलिस ने अत्याचार किए। 40 किसान घायल हुए। किसानों और सरकारों के बीच विश्वास बहाली के लिए कमेटी ने कोई ठोस प्रयास नहीं किए। केंद्र से बातचीत कराने का भी गंभीर प्रयास नहीं किया। 2. कमेटी इतनी देर बाद सक्रिय हुई
हमें संदेह था कि कमेटियां सिर्फ फॉर्मेलिटी के लिए बनाई जाती हैं। इसके बावजूद 4 नवंबर को आपसे मिले। मगर, कमेटी शंभू और खनौरी बॉर्डर पर नहीं आई। कमेटी इतनी देर बाद सक्रिय हुई। 3. आपसे बैठक करने में असमर्थ, केंद्र से बात करेंगे
हमें कमेटी से ऐसी असंवेदनशीलता की उम्मीद नहीं थी। मेरी मेडिकल स्थिति और शंभू बॉर्डर पर घायल किसानों की स्थिति को देखते हुए हमारे दोनों मोर्चों ने फैसला किया है कि हम आपसे बैठक करने में असमर्थ हैं। अब हमारी मांगों पर जो भी बातचीत होगी, वह केंद्र सरकार से ही होगी। शंभू बॉर्डर पर सल्फास निगलने वाले किसान की मौत
वहीं शंभू बॉर्डर पर 14 दिसंबर को सल्फास निगलने वाले किसान की मौत हो गई है। किसान रणजोध सिंह (57) लुधियाना जिले में खन्ना के गांव रतनहेड़ी का रहने वाला था। वह पिछले शुक्रवार को दिल्ली कूच वाले जत्थे में शामिल था। जब हरियाणा पुलिस ने जत्थे को आगे बढ़ने से रोक दिया तो रणजोध ने सल्फास निगल ली। जिसके बाद उसे पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार सुबह 3 बजे उसकी अस्पताल में मौत हो गई। 2 बच्चों के पिता, बेटी की शादी कर चुके थे
खुदकुशी करने वाले किसान रणजोध सिंह के परिवार में उनकी मां तेज कौर, बेटा सुखदीप सिंह, पत्नी कुलदीप कौर और पिता मेवा सिंह हैं। रणजोध के एक बेटी भी है, जिसकी वे शादी कर चुके हैं। उनके पिता प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त का काम करते हैं। उनके साथ रणजोध सिंह भी कभी-कभी लोगों की जमीनों के सौदे करवा देते थे। उनके ताऊ के लड़के कमलदीप सिंह ने बताया कि पहले भी कई बार रणजोध किसान मोर्चे पर गए थे। पिछले करीब 6 दिन से वह मोर्चा के लंगर घर में सेवा कर रहे थे। वहीं से एक सेवादार ने फोन कर उनके सल्फास निगलने की सूचना दी। बहन की शादी, घर बनाने के लिए जमीन बेचनी पड़ी
चचेरे भाई कमलदीप ने बताया कि रणजोध के पास करीब साढ़े 6 किले जमीन थी। जिसे बहन की शादी और घर बनाने के लिए उन्हें बेचना पड़ा। इसके बाद उनका भाई गंभीर बीमारी की चपेट में आ गया, जिसके इलाज पर भी काफी पैसे खर्च हो गए। मकान बनवाने के लिए भी कर्ज लिया था। इस समय रणजोध के ऊपर रिश्तेदारों और दोस्तों से लिया करीब 5 से 7 लाख का कर्ज है। कमलदीप का कहना है कि रणजोध ने अब तक लिया कर्जा नहीं लौटाया है। उनके घर का गुजर बसर भी कर्ज के सहारे ही चल रहा है। बेटा बोला- पिछले किसान आंदोलन में भी गए थे
रणजोध सिंह के बेटे सुखदीप सिंह ने बताया है कि पिछले किसान आंदोलन में भी रणजोध एक साल तक एक्टिव थे। इस बार के आंदोलन में भी वह 2 बार जा चुके थे। करीब 6 दिन पहले ही वह तीसरी बार शंभू बॉर्डर पर गए थे। शंभू बॉर्डर पर जाने से पहले रणजोध ने बताया था कि उन्होंने किसान नेता सरवण सिंह पंधेर के पास पहले जत्थे में जाने के लिए अपना नाम लिखवा दिया है। इसके बाद वह जत्थे में शामिल हो गए। रणजोध की मां तेज कौर ने बताया कि 8 दिसंबर को रणजोध शंभू बॉर्डर पर गया। उस वक्त वह सबसे मिलता हुआ गया। उसके पास कोई जमीन नहीं बची थी। फिर भी वह कहता जा रहा था कि उसने दिल्ली कूच करने वाले जत्थे में अपना नाम लिखवा दिया है। वह इस बार दिल्ली जाकर ही मानेगा। शुक्रवार को दिल्ली कूच करने वाले जत्थे का हिस्सा थे रणजोध सिंह
रणजोध सिंह शुक्रवार 14 दिसंबर को दिल्ली कूच करने वाले 101 किसानों के जत्थे में शामिल थे। उनका जत्था जब आगे बढ़ा तो हरियाणा पुलिस ने घग्गर नदी पर बने पुल पर रोक लिया। 40 मिनट तक पुलिस से बहस के बाद किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इसमें 10 किसान घायल हुए। इसके बाद कूच टाल दिया गया। जब किसान आगे नहीं जा पाए तो इसी दौरान जत्थे में शामिल रणजोध सिंह ने सल्फास निगल लिया। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ आंदोलन से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… किसान नेता डल्लेवाल को मल्टी ऑर्गन फेलियर का खतरा:मेडिकल एक्सपर्ट्स बोले- कैंसर मरीज भूखे नहीं रह सकते; सेल्फ डिस्ट्रक्शन की स्टेज में पहुंच चुके हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 23 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (70) को मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का खतरा है। डल्लेवाल पहले से ही कैंसर के मरीज हैं। अनशन से उनका ब्लड प्रेशर भी लो हो रहा है, जिससे हार्ट अटैक भी आ सकता है। पूरी खबर पढ़ें…
पंजाब उपचुनाव, भाजपा उम्मीदवार सबसे अमीर:वड़िंग की पत्नी की उनसे ज्यादा सालाना इनकम, 3 पर क्रिमिनल केस, 2 हथियारों के शौकीन
पंजाब उपचुनाव, भाजपा उम्मीदवार सबसे अमीर:वड़िंग की पत्नी की उनसे ज्यादा सालाना इनकम, 3 पर क्रिमिनल केस, 2 हथियारों के शौकीन पंजाब में 4 सीटों पर उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुक्रवार को समाप्त हो गई। शुक्रवार तक 60 उम्मीदवारों ने नामांकन भरे। अकाली दल के चुनाव न लड़ने की घोषणा के बाद पंजाब में 3 प्रमुख पार्टियां 4 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी हैं। राष्ट्रीय पार्टियों के 12 उम्मीदवारों ने अपने शपथ पत्र दाखिल किए। जिनमें 3 ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनके खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज हैं। इनमें भाजपा के रवि करण सिंह काहलों, मनप्रीत बादल और AAP के डिंपी ढिल्लों शामिल हैं। इन सभी के मामलों की सुनवाई कोर्ट में चल रही है। 2 ऐसे उम्मीदवार हैं, जिन्हें हथियारों का शौक है। ये हथियार उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए ले रखे हैं। दोनों ही उम्मीदवार AAP के हैं। जिनमें बरनाला से हरिंदर सिंह और गिद्दड़बाहा से डिंपी ढिल्लों शामिल हैं। दोनों के पास एक-एक पिस्टल है। 2 सांसदों की पत्नी मैदान में
कांग्रेस ने 2 महिलाओं को टिकट दिया है। सांसद सुखजिंदर रंधावा की पत्नी जतिंदर कौर को डेरा बाबा नानक और लुधियाना से सांसद अमरिंदर राजा वड़िंग की पत्नी अमृता वड़िंग को गिद्दड़बाहा से टिकट दिया गया है। दोनों ही सशक्त व बिजनेसवुमन हैं। अमृता वड़िंग 4.57 करोड़ की अचल संपत्ति की मालकिन हैं। अमृता की सालाना आय उनके पति राजा वड़िंग से भी ज्यादा है। वहीं जतिंदर कौर के नाम पर भी 2.10 करोड़ की प्रॉपर्टी है। ढिल्लों सबसे अमीर उम्मीदवार
भाजपा के उम्मीदवार केवल ढिल्लों सबसे अमीर उम्मीदवार हैं। पेशे से वह बिजनेसमैन हैं, उनके पास 35.77 करोड़ की अचल संपत्ति है, लेकिन उनकी पत्नी उनसे भी ज्यादा अमीर हैं। उनके पास 120 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी है। इनके परिवार की संपत्ति भारत में ही नहीं बल्कि UAE और स्पेन में भी है। उनके पास 1.31 करोड़ की गोल्ड ज्वेलरी है। इसके अलावा 3.82 लाख के डायमंड भी हैं। सबसे अहम उनके पास 10.52 लाख की घड़ियों का कलेक्शन है। करोड़ों के मालिक होने के बाद भी इनके पास अपनी कार नहीं है। कांग्रेस, भाजपा और AAP के उम्मीदवारों के बारे में जानिए गिद्दड़बाहा बरनाला चब्बेवाल डेरा बाबा नानक