पंजाब के अबोहर में एक अनोखा मामला सामने आया। जहां एक महिला ने एम्बुलेंस में ही बच्चे को जन्म दिया। गांव बजीतपुर भोमा के पास ईंट भट्ठे पर काम करने वाली महिला को जब प्रसव पीड़ा हुई, तो 108 एम्बुलेंस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। एम्बुलेंस के ड्राइवर रमन कुमार और ईएमटी सुधीर कुमार ने बताया कि अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ गई। ईएमटी सुधीर कुमार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एम्बुलेंस में ही सफल प्रसव करवाया। जिसमें एक स्वस्थ बच्चे का जन्म हुआ। गर्भावस्था के दौरान नहीं कराई कोई जांच चिंता का विषय यह रहा कि लगभग 35 वर्षीय इस महिला ने पूरे गर्भावस्था के दौरान एक भी मेडिकल टेस्ट नहीं करवाया। सिविल अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. गगनदीप सिंह ने इस लापरवाही पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि यदि महिला में एनीमिया या अन्य कोई समस्या होती, तो मां और बच्चे दोनों के लिए जानलेवा स्थिति उत्पन्न हो सकती थी। डॉक्टर बोले- गर्भवती को निशुल्क टेस्ट कराने चाहिए डॉक्टर ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं के सभी आवश्यक टेस्ट निशुल्क किए जाते हैं और इन सुविधाओं का लाभ अवश्य उठाना चाहिए।वर्तमान में मां और बच्चा दोनों सिविल अस्पताल में भर्ती हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं। यह मामला एम्बुलेंस सेवा की तत्परता और महत्व को दर्शाती है। जिसने एक मां और उसके नवजात की जान बचाई। पंजाब के अबोहर में एक अनोखा मामला सामने आया। जहां एक महिला ने एम्बुलेंस में ही बच्चे को जन्म दिया। गांव बजीतपुर भोमा के पास ईंट भट्ठे पर काम करने वाली महिला को जब प्रसव पीड़ा हुई, तो 108 एम्बुलेंस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। एम्बुलेंस के ड्राइवर रमन कुमार और ईएमटी सुधीर कुमार ने बताया कि अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ गई। ईएमटी सुधीर कुमार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एम्बुलेंस में ही सफल प्रसव करवाया। जिसमें एक स्वस्थ बच्चे का जन्म हुआ। गर्भावस्था के दौरान नहीं कराई कोई जांच चिंता का विषय यह रहा कि लगभग 35 वर्षीय इस महिला ने पूरे गर्भावस्था के दौरान एक भी मेडिकल टेस्ट नहीं करवाया। सिविल अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. गगनदीप सिंह ने इस लापरवाही पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि यदि महिला में एनीमिया या अन्य कोई समस्या होती, तो मां और बच्चे दोनों के लिए जानलेवा स्थिति उत्पन्न हो सकती थी। डॉक्टर बोले- गर्भवती को निशुल्क टेस्ट कराने चाहिए डॉक्टर ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं के सभी आवश्यक टेस्ट निशुल्क किए जाते हैं और इन सुविधाओं का लाभ अवश्य उठाना चाहिए।वर्तमान में मां और बच्चा दोनों सिविल अस्पताल में भर्ती हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं। यह मामला एम्बुलेंस सेवा की तत्परता और महत्व को दर्शाती है। जिसने एक मां और उसके नवजात की जान बचाई। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
शिअद नेता NK शर्मा ने पार्टी छोड़ने का किया ऐलान:सुखबीर बादल के पार्टी छोड़ने के बाद लिया फैसला,बोले-किसी पद की इच्छा नहीं
शिअद नेता NK शर्मा ने पार्टी छोड़ने का किया ऐलान:सुखबीर बादल के पार्टी छोड़ने के बाद लिया फैसला,बोले-किसी पद की इच्छा नहीं पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता नरिंदर कुमार शर्मा (NK) ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। नरिंदर कुमार शर्मा, शिअद नेता सुखबीर बादल के काफी करीबी माने जाते हैं। वह पटियाला से भी शिअद उम्मीदवार रह चुके हैं। शर्मा ने आज वर्किंग कमेटी की मीटिंग से पहले ऐलान किया है कि आज उन्होंने पार्टी के हर पद से इस्तीफा सुखबीर बादल को सौंप दिया है। इस्तीफा देने और पार्टी छोड़ने के कारण यह है कि पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी की प्रधानगी से इस्तीफा दिया है। इसलिए मेरी इस पार्टी में रहने की कोई इच्छा नहीं है। हालांकि NK शर्मा ने यह भी कहा कि यदि सुखबीर सिंह बादल अकाली दल के प्रधान बने रहते हैं तो वह पार्टी में इसी तरह पार्टी वर्कर के रूप में काम करते रहेंगे। 3 महीने पहले सुखबीर बादल को तनखैया करार दिया था आपको बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब से 3 महीने पहले सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुनाई गई थी। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दिया था। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। तनखैया घोषित होने से पहले पहले बनाया था कार्यकारी प्रधान अकाली दल ने पांचों तख्तों की बैठक से एक दिन पहले ही पूर्व सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़ को कार्यकारी प्रधान नियुक्त कर दिया था। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बगावत झेल रहे अकाली दल ने ये निर्णय संवेदनशीलता को देखते हुए लिया है। कार्यकारी प्रधान नियुक्त किए गए बलविंदर सिंह भूंदड़ बादल परिवार के करीबी हैं। अकाली दल के बागी गुट के माफीनामा के बाद उठा था विवाद अकाली दल का बागी गुट 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा था। इस दौरान जत्थेदार को माफीनामा सौंपा गया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों में सहयोग देने पर माफी मांगी गई। जिसके बाद ही सारा विवाद शुरू हो गया। चार गलतियां 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में अकाली सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा था- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।”
पंजाब ने ऑनलाइन हुई NRI मिलनी:कैबिनेट मंत्री बोले- दो साल में 2000 केस आए, 1800 का हुआ निपटारा, प्रॉपर्टी पर कब्जा नहीं होगा
पंजाब ने ऑनलाइन हुई NRI मिलनी:कैबिनेट मंत्री बोले- दो साल में 2000 केस आए, 1800 का हुआ निपटारा, प्रॉपर्टी पर कब्जा नहीं होगा पंजाब सरकार की तरफ से इस बार ऑनलाइन NRI मिलनी आयोजित की गई। इस मौके चंडीगढ़ में एनआरआई मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और विभाग का सारा स्टाफ मौके पर मौजूद रहा। ढाई घंटे तक चली मिलनी में 103 ईमेल आई थी। जिसमें 49 केस अलग-अलग देशों से आए थे। जबकि शेष ईमेल से भेजे गए थे। उन्होंने कहा एनआरआई लोगों को अब किसी तरह की टेंशन करने की जरूरत नहीं है। दो साल में हमारे पास NRI लोगों की कुल 2000 के करीब शिकायतें आई थीं। इनमें से 1800 शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस प्रकार के प्रोग्राम आयोजित किए जाते रहेंगे। ईमेल में कुछ लोगों ने उचित एड्रेस नहीं दिए एनआरआई मिलनी के बाद कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि नी में पिछली बार मिलनी में 100 केस आए थे। इनमें 25 मौके पर आए थे। जबकि ईमेल के माध्यम से 75 केस आए थे । 51 केस हल कर दिए गए हैं । कुछ केस ऐसे थे जिन्होंने अपना पता इंडिया और बाहर का मेंशन नहीं किया था। जिस वजह से हमें दिक्कत आ रही है। जालंधर में एनआईआर की प्रॉपर्टी पर कब्जा धालीवाल ने बताया कि आज 103 केस आए थे। अगर किसी एनआरआई भाई पर जमीन करके कोई झूठा केस दर्ज हुआ है, हम वह मसला हल करेंगे। NRI की प्रॉपर्टी पर कोई कब्जा नहीं कर सकता। जालंधर में कोठी कब्जाने के बड़े मामले सामने आ रहे हैं। एनआरआई पंजाब की रीढ़ की हड्डी है। एनआरआईज ने पंजाब को बनाने को लेकर किए रोल को इग्नोर नही किया जा सकता। जमीन संपत्ति और विवाह शादी के केस हमारे पास आए हैं।
लुधियाना सेंट्रल जेल में बंदियों में झड़प:बैरक में घुसे हमलावर, हत्या के केस में बंद व्यक्ति पर सुओं से हमला
लुधियाना सेंट्रल जेल में बंदियों में झड़प:बैरक में घुसे हमलावर, हत्या के केस में बंद व्यक्ति पर सुओं से हमला लुधियाना में आज देर शाम सेंट्रल जेल में बंदियों में झड़प हो गई। इस दौरान एक बंदी गंभीर रूप से घायल हुआ, उसे उपचार के लिए पटियाला भेजा गया है। बंदी पर सुओं से कुछ लोगों ने हमला कर दिया। जेल में बंदियों के बीच मारपीट का यह कोई पहला मामला नहीं है। जेल में अक्सर ही मारपीट के मामले सामने आते रहते हैं। घायल व्यक्ति की हालत गंभीर देख उसे डॉक्टरों ने पटियाला राजिंद्रा अस्पताल में रेफर कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, जिस व्यक्ति के सुए लगे हैं उसने शिमलापुरी इलाके में कत्ल किया था। घायल व्यक्ति पर कत्ल का आरोप जानकारी देते हुए घायल जतिंदर जोती ने बताया कि उस पर आरोप है कि उसने पिछले सप्ताह एक व्यक्ति का कत्ल किया है। इस कारण वह जेल में बंद है। आज वह अपनी बैरक में बैठा था। तभी कुछ लोग आए और मारपीट करनी शुरू कर दी। हमलावरों के पास सुएं थे। इस कारण उन लोगों ने उस पर ताबड़तोड़ सुएं मारे। जोती ने कहा कि जिन लोगों ने उस पर हमला किया है उनसे उसकी पुरानी रंजिश है। आज अचानक से हमला करके उन लोगों ने उसके शरीर पर कई जगह घाव दे दिए। हालत ठीक न होने के कारण उसे रेफर किया जा रहा है। जोती ने कहा कि जेल में सुएं या चम्मच मारना बंदियों के लिए आम बात बनी हुई है।