गोरखपुर महोत्सव की आखिरी बॉलीवुड नाइट सिंगर ऋचा शर्मा के नाम रही। “सोणी आबे माही आबे…”को तेज रिदम में गुनगुनाते हुए बॉलीवुड और सूफियाना सिंगर ऋचा शर्मा रात 9.32 बजे मंच पर आईं। ऋचा ने सोणी आबे माही, नि मैं समझ गई, नि मैं समझ गई…सॉन्ग से प्रोग्राम की शुरुआत की तो सर्द रात में मौसम गर्म हो गया। ऋचा के मंच पर पहुंचते ही फैंस अपनी कुर्सियों से खड़े हो गए। पूरा ग्राउंड जोरदार शोर और तालियों की गूंजने लगा। फैंस में ऐसा जोश छाया कि सर्द रातों में भी वह देर रात तक ऋचा के गानों पर थिरकते रहे। माही वे…पर खूब झूमे फैंस
पहुंचते ही ऋचा ने गानों के बीच-बीच में गोरखपुर के लोगों को अपने शब्दों से बांध लिया। इसके बाद उन्होंने सूफिज्म से बावस्ता अपना फेमस सॉग “सजदा तेरा सजदा दिन रैन करूं..” गाकर इस सर्द मौसम में जोश भर दिया। इसी कड़ी में उन्होंने जब विरह गीत “जिंदगी में कोई कभी न आए न रब्बा..” सुनाया तो लोगों के दिलों में उनकी मोहब्बत जाग गई। इसके बाद जब ऋचा ने सुर छेड़े तो माही वे…मोहब्बता सचिया वे, तेरी काली अंखियों से जिंद मेरी जगे, सजदा तेरा सजदा…बिन रैन करूं या मैं चैन करूं, जोर का झटका हाय जोरों से लगा, लंबी जुदाई…चार दिनों का, पर तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा पंडाल गूंज उठा। बिल्लो रानी कहे तो अपनी जान दे दूं… पर फैंस थिरकने को मजबूर हो गए। लोकगीतों से रूमानी बना दिया माहौल
अपनी गायिकी को आगे बढ़ाते हुए ऋचा शर्मा ने “माही रे माही रे…” गाया। इसके बाद लोकधुन में पिरोकर “मोरे सैंया तो हैं परदेश मैं का करूं सावन में..” लोकगीत का सुमधुर गायन कर माहौल को रूमानी बना दिया। फ़िल्म पद्मावत मे उनके द्वारा गाई गई प्रसिद्ध ठुमरी जब ऋचा शर्मा ने महोत्सव के मंच पर पेश की तो पूरा ग्राउंड पुरविया गायिकी से सराबोर हो गया। ठुमरी के बोल थे “होरी आई रे पिया तेरे देश रे…” जैसे गानों से पूरा माहौल बना दिया। ऋचा शर्मा ने जब अपनी जादुई आवाज में सूफियाना कलाम और गीत सुनाए तो फैंस का जोश एकदम हाई हो गया। जैसे जैसे रात परवान चढ़ रही थी वैसे वैसे ऋचा शर्मा की गायिकी का सुरूर भी रसिकों के सिर चढ़कर बोल रहा था। अपनी गायिकी को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने अमीर खुशरो का प्रसिद्ध कलाम ” छाप तिलक सब छीनी रे मो से नैना मिलाय के…” सुनाकर समा बांध दिया। रवि किशन संग गाईं “नजर लागी राजा तोरे बंगले में’
सर्द हवाओं के बीच अब गोरखपुर महोत्सव का बॉलीवुड नाइट अपने पूरे शबाव पर था कि तभी सांसद रवि किशन के साथ ऋचा ने प्रसिद्ध लोकगीत गीत ” नज़र लागी राजा तोरे बंगले में…….” गाया तो फैंस झूम उठे। इसी अंदाज में उन्होंने ” नज़र तोरी राजा बड़ी बेईमान है..” गाकर रसिकों को फिर से रूमानी कर दिया। रात करीब 12 बजे तक गोरखपुर के लोग ऋचा के गानों पर झूमते रहे। गोरखपुर महोत्सव की आखिरी बॉलीवुड नाइट सिंगर ऋचा शर्मा के नाम रही। “सोणी आबे माही आबे…”को तेज रिदम में गुनगुनाते हुए बॉलीवुड और सूफियाना सिंगर ऋचा शर्मा रात 9.32 बजे मंच पर आईं। ऋचा ने सोणी आबे माही, नि मैं समझ गई, नि मैं समझ गई…सॉन्ग से प्रोग्राम की शुरुआत की तो सर्द रात में मौसम गर्म हो गया। ऋचा के मंच पर पहुंचते ही फैंस अपनी कुर्सियों से खड़े हो गए। पूरा ग्राउंड जोरदार शोर और तालियों की गूंजने लगा। फैंस में ऐसा जोश छाया कि सर्द रातों में भी वह देर रात तक ऋचा के गानों पर थिरकते रहे। माही वे…पर खूब झूमे फैंस
पहुंचते ही ऋचा ने गानों के बीच-बीच में गोरखपुर के लोगों को अपने शब्दों से बांध लिया। इसके बाद उन्होंने सूफिज्म से बावस्ता अपना फेमस सॉग “सजदा तेरा सजदा दिन रैन करूं..” गाकर इस सर्द मौसम में जोश भर दिया। इसी कड़ी में उन्होंने जब विरह गीत “जिंदगी में कोई कभी न आए न रब्बा..” सुनाया तो लोगों के दिलों में उनकी मोहब्बत जाग गई। इसके बाद जब ऋचा ने सुर छेड़े तो माही वे…मोहब्बता सचिया वे, तेरी काली अंखियों से जिंद मेरी जगे, सजदा तेरा सजदा…बिन रैन करूं या मैं चैन करूं, जोर का झटका हाय जोरों से लगा, लंबी जुदाई…चार दिनों का, पर तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा पंडाल गूंज उठा। बिल्लो रानी कहे तो अपनी जान दे दूं… पर फैंस थिरकने को मजबूर हो गए। लोकगीतों से रूमानी बना दिया माहौल
अपनी गायिकी को आगे बढ़ाते हुए ऋचा शर्मा ने “माही रे माही रे…” गाया। इसके बाद लोकधुन में पिरोकर “मोरे सैंया तो हैं परदेश मैं का करूं सावन में..” लोकगीत का सुमधुर गायन कर माहौल को रूमानी बना दिया। फ़िल्म पद्मावत मे उनके द्वारा गाई गई प्रसिद्ध ठुमरी जब ऋचा शर्मा ने महोत्सव के मंच पर पेश की तो पूरा ग्राउंड पुरविया गायिकी से सराबोर हो गया। ठुमरी के बोल थे “होरी आई रे पिया तेरे देश रे…” जैसे गानों से पूरा माहौल बना दिया। ऋचा शर्मा ने जब अपनी जादुई आवाज में सूफियाना कलाम और गीत सुनाए तो फैंस का जोश एकदम हाई हो गया। जैसे जैसे रात परवान चढ़ रही थी वैसे वैसे ऋचा शर्मा की गायिकी का सुरूर भी रसिकों के सिर चढ़कर बोल रहा था। अपनी गायिकी को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने अमीर खुशरो का प्रसिद्ध कलाम ” छाप तिलक सब छीनी रे मो से नैना मिलाय के…” सुनाकर समा बांध दिया। रवि किशन संग गाईं “नजर लागी राजा तोरे बंगले में’
सर्द हवाओं के बीच अब गोरखपुर महोत्सव का बॉलीवुड नाइट अपने पूरे शबाव पर था कि तभी सांसद रवि किशन के साथ ऋचा ने प्रसिद्ध लोकगीत गीत ” नज़र लागी राजा तोरे बंगले में…….” गाया तो फैंस झूम उठे। इसी अंदाज में उन्होंने ” नज़र तोरी राजा बड़ी बेईमान है..” गाकर रसिकों को फिर से रूमानी कर दिया। रात करीब 12 बजे तक गोरखपुर के लोग ऋचा के गानों पर झूमते रहे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर