फतेहाबाद के गांव बीघड़ क्षेत्र में गीदड़ों का आतंक बढ़ता जा रहा है। नहर के पास की ढाणी में रहने वाली दो महिलाओं पर गीदड़ ने जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में रितु और सुमित्राघायल हो गईं, जिन्हें फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रितु ने बताया कि वह सुबह पशुओं के लिए चारा तैयार कर रही थी, तभी एक गीदड़ ने अचानक हमला कर दिया। गीदड़ ने दो पशुओं को भी घायल किया। इसके बाद गीदड़ ने पड़ोसी घर में घुसकर सुमित्रा पर हमला कर दिया। सुमित्रा के हाथ और मुंह पर गंभीर चोटें आई हैं। पहले भी कर चुके हैं हमला स्थानीय निवासी पप्पू के अनुसार, पहले गांव में गीदड़ों की संख्या बहुत कम थी, लेकिन अब यह सैकड़ों में पहुंच गई है। गांव के पास स्थित एक पुरानी नहर में लगभग 200-300 गीदड़ों का डेरा है, जो अब लोगों और पशुओं पर हमला करने लगे हैं। इससे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। इससे पहले गांव काजल हेड़ी में भी एक किसान पर गीदड़ ने हमला किया था। खेत में काम करते समय छिपे हुए गीदड़ ने किसान पर हमला कर दिया था। हालांकि एक बाइक की आवाज से गीदड़ भयभीत हुआ, जिससे किसान बच गया, लेकिन उसका होंठ गीदड़ ने चबा लिया था। गीदड़ों की बढ़ती संख्या और आक्रामक व्यवहार से स्थानीय लोगों में भय का माहौल व्याप्त है। फतेहाबाद के गांव बीघड़ क्षेत्र में गीदड़ों का आतंक बढ़ता जा रहा है। नहर के पास की ढाणी में रहने वाली दो महिलाओं पर गीदड़ ने जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में रितु और सुमित्राघायल हो गईं, जिन्हें फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रितु ने बताया कि वह सुबह पशुओं के लिए चारा तैयार कर रही थी, तभी एक गीदड़ ने अचानक हमला कर दिया। गीदड़ ने दो पशुओं को भी घायल किया। इसके बाद गीदड़ ने पड़ोसी घर में घुसकर सुमित्रा पर हमला कर दिया। सुमित्रा के हाथ और मुंह पर गंभीर चोटें आई हैं। पहले भी कर चुके हैं हमला स्थानीय निवासी पप्पू के अनुसार, पहले गांव में गीदड़ों की संख्या बहुत कम थी, लेकिन अब यह सैकड़ों में पहुंच गई है। गांव के पास स्थित एक पुरानी नहर में लगभग 200-300 गीदड़ों का डेरा है, जो अब लोगों और पशुओं पर हमला करने लगे हैं। इससे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। इससे पहले गांव काजल हेड़ी में भी एक किसान पर गीदड़ ने हमला किया था। खेत में काम करते समय छिपे हुए गीदड़ ने किसान पर हमला कर दिया था। हालांकि एक बाइक की आवाज से गीदड़ भयभीत हुआ, जिससे किसान बच गया, लेकिन उसका होंठ गीदड़ ने चबा लिया था। गीदड़ों की बढ़ती संख्या और आक्रामक व्यवहार से स्थानीय लोगों में भय का माहौल व्याप्त है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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श्रुति चौधरी की भाई ने मुश्किलें बढ़ाईं:अनिरुद्ध भी बंसीलाल के नाम पर एक्टिव, जाट वोट बंटे तो BJP फंसेगी; बागी से भी नुकसान हरियाणा में भिवानी जिले की तोशाम विधानसभा सीट हॉट बनी हुई है, क्योंकि यहां पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल का परिवार आमने-सामने है। भाजपा ने यहां राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा के बेटे अनिरुद्ध चौधरी को टिकट दिया है। श्रुति और अनिरुद्ध चचेरे भाई-बहन हैं। इनके अलावा, आम आदमी पार्टी (AAP) ने दलजीत सिंह, इनेलो-बसपा ने ओम सिंह, जजपा-असपा ने राजेश भारद्वाज और भाजपा के बागी शशिरंजन परमार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। तोशाम सीट में कुल 2.20 लाख वोटर हैं। यह सीट बंसीलाल परिवार का गढ़ रही है। अभी तक यहां 15 चुनाव हुए हैं, जिसमें 11 बार बंसीलाल परिवार का ही कोई सदस्य चुनाव जीता है। लोगों का कहना है कि इस चुनाव में श्रुति और अनिरुद्ध के बीच मुकाबला है। श्रुति को बंसीलाल की विरासत का फायदा तो मिलेगा, लेकिन एकतरफा माहौल नहीं है। जाट वोट ज्यादा कांग्रेस की तरफ जाएंगे। दूसरा भाजपा से बागी शशिरंजन परमार श्रुति का गणित बिगाड़ेंगे। लोगों के मुताबिक अनिरुद्ध चौधरी को कांग्रेस की लहर का फायदा है। वह भी बंसीलाल के नाम पर ही जनता के बीच जा रहे हैं, लेकिन यहां की जनता उन्हें जानती तक नहीं। अगर उन्हें बंसीलाल के नाम का कुछ फायदा मिला तो ही वह श्रुति को टक्कर दे पाएंगे। 4 पॉइंट में समझें तोशाम विधानसभा सीट के समीकरण श्रुति चौधरी बंसीलाल की विरासत पर वोट मांग रही श्रुति चौधरी पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पोती हैं। उनके पिता सुरेंद्र सिंह और मां किरण चौधरी हरियाणा सरकार में मंत्री रहे हैं। श्रुति ने 2009 में कांग्रेस के टिकट पर भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद वह लगातार 2 लोकसभा चुनाव हारीं। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया। जिसके बाद किरण चौधरी और श्रुति चौधरी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप लगाया और बाद में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। हाल ही में हुए राज्यसभा उपचुनाव में भाजपा ने किरण चौधरी को राज्यसभा भेज दिया और श्रुति को तोशाम से उम्मीदवार घोषित कर दिया। इस चुनाव में श्रुति चौधरी बंसीलाल के नाम पर जनता के बीच जा रही हैं। वह जनता से लगातार कह रही हैं कि कांग्रेस में उनकी अनदेखी हुई है। भिवानी-महेंद्रगढ़ क्षेत्र के भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भेदभाव किया है। उनकी वजह से लोकसभा में टिकट कटा। अनिरुद्ध चौधरी बंसीलाल की विरासत पर दावा ठोक रहे अनिरुद्ध चौधरी बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा के बेटे हैं। रणबीर महेंद्रा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष रह चुके हैं। अनिरुद्ध भी BCCI के कोषाध्यक्ष रहे हैं। रणबीर महेंद्रा ने 2005 में कांग्रेस के टिकट पर मुंढाल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बने। इसके बाद 2019 में उन्होंने चरखी दादरी जिले की बाढड़ा सीट पर चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। पिछले 3 चुनाव से किरण चौधरी ही तोशाम सीट से चुनाव लड़ती आ रही थीं। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गईं तो अनिरुद्ध चौधरी ने तोशाम सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार बना दिया। अनिरुद्ध चौधरी भी फील्ड में दादा बंसीलाल के नाम पर वोट मांग रहे हैं। वह बंसीलाल की विरासत पर खुद का हक जता रहे हैं। वह लोगों से पानी की समस्या दूर करने का वादा कर रहे हैं। शशिरंजन क्षेत्र में एक्टिव होने के नाम पर वोट मांग रहे शशिरंजन परमार साल 2000 में मुंढाल विधानसभा सीट से इनेलो के टिकट पर विधायक बने थे। करीब 7 साल पहले वह भाजपा में शामिल हो गए। 2019 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें तोशाम सीट से उम्मीदवार बनाया। चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की किरण चौधरी को कड़ी टक्कर दी और करीब 54 हजार वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे। इस चुनाव में भी वह भाजपा से टिकट की मांग रहे थे, लेकिन भाजपा ने किरण चौधरी की बेटी श्रुति को उम्मीदवार बना दिया। इसके बाद वह भाजपा से बागी हो गए और कैरू गांव में समर्थकों की महापंचायत बुलाकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। अब शशिरंजन जनता के बीच जाकर किरण और श्रुति चौधरी के खिलाफ वोट मांग रहे हैं। उनका आरोप है कि राजनीतिक लाभ के लिए मां-बेटी भाजपा में शामिल हुई हैं। वह लगातार लोगों से कह रहे हैं कि मैं 5 साल से जनता के बीच आकर सुख-दुख में शामिल हो रहा हूं। बंसीलाल के दोनों बेटे एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ चुके यह पहला मौका नहीं है, जब बंसीलाल परिवार चुनाव में आमने-सामने है। साल 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में बंसीलाल ने अपनी हरियाणा विकास पार्टी से छोटे बेटे सुरेंद्र सिंह को भिवानी सीट से उम्मीदवार बनाया था। इसी सीट पर कांग्रेस ने बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा को टिकट दे दिया। तभी बंसीलाल परिवार में मतभेद की खबरें सामने आई थीं। हालांकि दोनों भाइयों ने चुनाव के दौरान एक दूसरे पर हमला नहीं बोला। वहीं बंसीलाल के परिवार से 2 कैंडिडेट देख उनके राजनीति विरोधी चौधरी देवीलाल ने अपने पोते अजय चौटाला को इसी सीट से उम्मीदवार बना दिया। ये चुनाव सुरेंद्र सिंह जीत गए। अजय चौटाला दूसरे नंबर और रणबीर महेंद्रा तीसरे नंबर पर रहे। क्या कहते हैं तोशाम के वोटर… राजकपूर बोले- बहन-भाई में टक्कर
जुई बिचली निवासी राजकपूर ने कहा कि यहां तो भाजपा व कांग्रेस बराबर हैं। थोड़ा बहुत अंतर है। मुख्य टक्कर दोनों बहन-भाई में है। शशिरंजन परमार जो वोट लेगा वह भाजपा को नुकसान होगा। इस बार श्रुति के ही जीतने के चांस हैं। यहां उनके परिवार ने काफी काम किए हैं। यहां एक कहावत है, जब बुजुर्ग आदमी मरता है तो वह अपना वारिस बनाता है कि मेरे मरने के बाद यह काम तू संभालेगा। चौधरी बंसीलाल ने श्रुति चौधरी को पगड़ी पहनाई और कहा कि मेरी वारिस तू है। इस हलके को तुमने संभालना है। किरण चौधरी जब दिल्ली की राजनीति में थीं तो बंसीलाल ने उन्हें बुलाकर कहा था कि श्रुति अभी बच्ची है, मैं पगड़ी इसके सिर पर रखता हूं। इसको तुम्हें संभालना है। तोशाम हलके को तुम्हें संभालकर रखना है। उसके बाद से तोशाम हलका किरण के साथ रहता है। सुनील ने कहा- श्रुति को परमार-भारद्वाज नुकसान पहुंचाएंगे जुई के रहने वाले सुनील लांबा ने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार अनिरुद्ध चौधरी के जीतने की संभावना है। निर्दलीय शशिरंजन परमार राजपूतों के वोट लेगा। बंसीलाल के गांव गोलागढ़ के पास पत्थरवाली गांव के सरपंच राजेश भारद्वाज को जजपा ने उम्मीदवार बनाया है। राजेश आसपास के गांव के वोट हासिल करेगा, जिसका श्रुति चौधरी को नुकसान होगा। भाजपा का विरोध तो पहले भी था और अब भी है। जनता नहीं चाहती। इस कारण श्रुति हारेगी। टक्कर अनिरुद्ध चौधरी व श्रुति चौधरी में लग रही है। बीर सिंह बोले- भाजपा ने ओबीसी और जाटों के लिए अच्छे काम किए लेघां गांव के रहने वाले बीर सिंह ने कहा कि चुनाव में भाजपा की जीत होगी। भाजपा ने यहां काम किए हैं। सिर्फ ओबीसी के लिए ही नहीं, जाटों के लिए भी अच्छे काम हुए हैं। मैं खुद जाट हूं, लेकिन आज तक कोई भी काम नहीं रुका। तोशाम हलके की बात करें तो यहां जाटों के वोट ज्यादा हैं, जिनमें से करीब 30 प्रतिशत वोट भाजपा को मिलेंगे और ओबीसी 70 प्रतिशत भाजपा के साथ हैं। अन्य जातियों के वोट शशिरंजन परमार के भी काफी हैं और वह भाजपा के वोट काटेंगे। बंसीलाल की विरासत का फायदा श्रुति चौधरी को होगा। इसका एक कारण यह भी है कि श्रुति का परिवार ही साथ लगा हुआ है। अनिरुद्ध तो अभी आया है। कृष्ण बोले-अनिरुद्ध को कोई नहीं जानता बुजुर्ग कृष्ण ने बताया कि यहां भाजपा की श्रुति चौधरी ही जीतेगी। श्रुति को वोट देने का कारण यह है कि भाजपा ने किरण को राज्यसभा भेजा है। अनिरुद्ध चौधरी को यहां कोई नहीं जानता। कभी इससे वास्ता ही नहीं पड़ा। हमें ये भी नहीं पता था कि वह रणबीर महेंद्रा का बेटा है। हरियाणा चुनाव से जुड़ी ये ग्राउंड रिपोर्ट्स भी पढ़ें… पूर्व BJP मंत्री हैट्रिक चांस में कड़े मुकाबले में फंसे:AAP की गुर्जर वोट बैंक में सेंध; कांग्रेस वेव से अकरम को फायदा अनिल विज कड़े मुकाबले में फंसे:खुद को CM चेहरा बता फायदा लेने की कोशिश; कांग्रेस पर गुटबाजी भारी, वोट शिफ्ट हुए तो चित्रा भारी पड़ेंगी राव इंद्रजीत की बेटी आरती तिकोने मुकाबले में फंसी:कांग्रेस बांटेगी अहीर वोटर; राजपूत-दलित वोटर्स एकतरफा तो ठाकुर बिगाड़ेंगे सियासी गणित नायब सैनी को CM चेहरे का फायदा:BJP के बागी गर्ग वोटकटवा; बड़शामी ने जाट न बांटे तो कांग्रेस के मेवा से कड़ी टक्कर विनेश फोगाट को कांग्रेस की वेव का सबसे बड़ा सहारा:जाट वोट बंटे तो मुश्किल में फंसेगी रेसलर; OBC-ब्राह्मण एकतरफा होने पर ही BJP को फायदा
टिकट से पहले हरियाणा कांग्रेस में घमासान:बरवाला से रामनिवास को कांग्रेस प्रत्याशी ना बनाने की मांग, हरियाणा प्रभारी की गाड़ी को घेरा
टिकट से पहले हरियाणा कांग्रेस में घमासान:बरवाला से रामनिवास को कांग्रेस प्रत्याशी ना बनाने की मांग, हरियाणा प्रभारी की गाड़ी को घेरा हरियाणा के हिसार में टिकट की घोषणा होने से पहले ही घमासान शुरू हो गया है। आज हिसार जिला के बरवाला हलके के विभिन्न किसान संगठनों के लोग सैकड़ों की संख्या में बसों में सवार होकर कांग्रेस पार्टी के दिल्ली मुख्यालय में पहुंचे। किसान संगठनों से जुड़े लोगों ने इस दौरान कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया की गाड़ी का घेराव किया। किसानों ने कहा कि चर्चाएं चल रही हैं कि पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला को कांग्रेस पार्टी बरवाला हलके से अपना प्रत्याशी बन सकती है और सभी किसान संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। पूर्व विधायक को ना बनाए प्रत्याशी वह कांग्रेस पार्टी हाई कमान से मिलेंगे और एक ही मांग रखेंगे कि पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला को बरवाला हलके से कांग्रेस पार्टी का प्रत्याशी न बनाया जाए। अगर कांग्रेस पार्टी ने रामनिवास घोड़ेला को अपना प्रत्याशी बनाकर बरवाला हल्के में भेजते हैं तो वह एकजुट होकर इसका विरोध करेंगे। किसान नेताओं का कहना था कि पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला पर सीडी कांड सहित अनेक आरोप लगे हुए हैं। जय प्रकाश की खिलाफत की थी 2024 में जो लोकसभा का चुनाव हुआ था, उसमें भी रामनिवास घोड़ेला ने हिसार लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी जय प्रकाश के खिलाफत की थी। इन सब बातों को वह पार्टी हाई कमान के सामने रखेंगे। किसान नेताओं का कहना था कि रामनिवास घोड़ेला को छोड़कर कांग्रेस पार्टी किसी भी नेता को प्रत्याशी बनाते हैं, तो उन्हें इससे कोई लेना देना नहीं होगा। उनका विरोध सिर्फ रामनिवास घोड़ेला को पार्टी प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर हैं। दिल्ली में विरोध करने पहुंचे किसान कांग्रेस मुख्यालय में हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया जब गाड़ी लेकर जा रहे थे, तो इस दौरान उन्होंने दीपक बावरिया की गाड़ी को भी घेर लिया और कहा कि रामनिवास घोड़ेला को किसी भी कीमत पर कांग्रेस की टिकट नहीं दी जाए। दिल्ली में विरोध करने पहुंचे किसानों के साथ काफी संख्या में बरवाला क्षेत्र के गांवों से महिलाएं भी मौजूद रही।