हरियाणा में एबीबीएस एग्जाम में हुए घोटाले को लेकर अब प्रदेश की सीआईडी भी एक्टिव हो गई है। अब तक की हुई जांच की रिपोर्ट अपराध जांच विभाग ने जिला कार्यालय से तलब कर ली है। इसके अलावा पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (UHS) की ओर से एमबीबीएस परीक्षा घोटाले में शामिल तीन निजी कॉलेजों की वार्षिक और एमबीबीएस-एमडी परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्रों को बदलने का फैसला किया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बुधवार को रोहतक दौरे से पहले लिया गया है, जहां वह स्वतंत्रता सेनानी पंडित श्री राम शर्मा की प्रतिमा का अनावरण करेंगे तथा एक जनसभा को संबोधित करेंगे। सूत्रों ने बताया कि, इन निजी कॉलेजों के शिक्षक परीक्षा के दौरान निरीक्षक के रूप में भी काम करते हैं, जिससे संभावित गड़बड़ी की संभावना बढ़ जाती है। स्टूडेंट की शिकायत पर हुआ खुलासा कॉलेज के एक छात्र ने इसकी शिकायत यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से की। जिसके बाद घोटाले का खुलासा हुआ। इस कथित घोटाले की जांच के लिए अधिकारियों ने जांच कमेटी बनाई है, जो एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। अभी यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस के बैच 2022 की परीक्षा करीब 10 दिन पहले खत्म हुई हैं। 2021 बैच की परीक्षा फिलहाल चल रही हैं। 2020 बैच की परीक्षा अभी शुरू होनी हैं। जिसको लेकर यूनिवर्सिटी में तैयारियां चल रही हैंं। कर्मचारियों ने 3 से 5 लाख रुपए लिए हरियाणा के रोहतक में पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (PGIMS) में MBBS परीक्षा में घोटाला मामला सामने आने के बाद अधिकारी हैरान हैं। घोटाले का पता चलने के बाद अब तक 2 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही 3 आउट सोर्स कर्मचारियों की सेवाएं रोक दी गई है। कर्मचारियों पर आरोप है कि कर्मचारियों ने छात्रों से पेपर पास कराने के बदले में 3 से 5 लाख रुपए लिए गए हैं। परीक्षा शाखा से कर्मचारियों को बदला PGIMS के जनसंपर्क विभाग के इंचार्ज वरुण अरोड़ा ने बताया कि 5-6 दिन पहले कुछ दस्तावेज और वीडियो के साथ शिकायत मिली थी। जिसमें MBBS परीक्षा में कुछ धांधलियों और खामियों को उजागर किया गया था। तुरंत प्रभाव से संज्ञान लेते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कर्मचारी रोशन लाल और रोहित को सस्पेंड कर दिया। वहीं आउटसोर्स कर्मचारी दीपक, इंदू बजाज और रितू की सेवाओं पर रोक लगा दी। यूनिवर्सिटी ने भी जांच कमेटी बनाई इसके अलावा एक जांच कमेटी का गठन किया गया है, जो उपरोक्त शिकायत की गहनता से जांच कर रही है। जांच कमेटी को एक महीने के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया है। परीक्षा शाखा के कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से वहां से बदल दिया गया है। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के भी आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आते ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। कांग्रेस उठा चुकी सवाल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर सरकार पर सवाल उठाए। सुरजेवाला ने लिखा, “अब MBBS का भी पेपर लीक..। भाजपा सरकार ने हरियाणा को अब कुख्यात ‘पेपर लीक फैक्ट्री’ बना दिया है। पेपर लीक पर पेपर लीक…। कोई ऐसी परीक्षा नहीं, जिसका पेपर लीक नहीं हुआ हो। हरियाणा की भाजपा सरकार के शासन में शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में सत्ता के संरक्षण में पेपर लीक माफिया तंत्र हावी है और हरियाणा के छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ यह भद्दा और क्रूर मजाक है।’ हरियाणा में एबीबीएस एग्जाम में हुए घोटाले को लेकर अब प्रदेश की सीआईडी भी एक्टिव हो गई है। अब तक की हुई जांच की रिपोर्ट अपराध जांच विभाग ने जिला कार्यालय से तलब कर ली है। इसके अलावा पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (UHS) की ओर से एमबीबीएस परीक्षा घोटाले में शामिल तीन निजी कॉलेजों की वार्षिक और एमबीबीएस-एमडी परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्रों को बदलने का फैसला किया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बुधवार को रोहतक दौरे से पहले लिया गया है, जहां वह स्वतंत्रता सेनानी पंडित श्री राम शर्मा की प्रतिमा का अनावरण करेंगे तथा एक जनसभा को संबोधित करेंगे। सूत्रों ने बताया कि, इन निजी कॉलेजों के शिक्षक परीक्षा के दौरान निरीक्षक के रूप में भी काम करते हैं, जिससे संभावित गड़बड़ी की संभावना बढ़ जाती है। स्टूडेंट की शिकायत पर हुआ खुलासा कॉलेज के एक छात्र ने इसकी शिकायत यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से की। जिसके बाद घोटाले का खुलासा हुआ। इस कथित घोटाले की जांच के लिए अधिकारियों ने जांच कमेटी बनाई है, जो एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। अभी यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस के बैच 2022 की परीक्षा करीब 10 दिन पहले खत्म हुई हैं। 2021 बैच की परीक्षा फिलहाल चल रही हैं। 2020 बैच की परीक्षा अभी शुरू होनी हैं। जिसको लेकर यूनिवर्सिटी में तैयारियां चल रही हैंं। कर्मचारियों ने 3 से 5 लाख रुपए लिए हरियाणा के रोहतक में पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (PGIMS) में MBBS परीक्षा में घोटाला मामला सामने आने के बाद अधिकारी हैरान हैं। घोटाले का पता चलने के बाद अब तक 2 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही 3 आउट सोर्स कर्मचारियों की सेवाएं रोक दी गई है। कर्मचारियों पर आरोप है कि कर्मचारियों ने छात्रों से पेपर पास कराने के बदले में 3 से 5 लाख रुपए लिए गए हैं। परीक्षा शाखा से कर्मचारियों को बदला PGIMS के जनसंपर्क विभाग के इंचार्ज वरुण अरोड़ा ने बताया कि 5-6 दिन पहले कुछ दस्तावेज और वीडियो के साथ शिकायत मिली थी। जिसमें MBBS परीक्षा में कुछ धांधलियों और खामियों को उजागर किया गया था। तुरंत प्रभाव से संज्ञान लेते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कर्मचारी रोशन लाल और रोहित को सस्पेंड कर दिया। वहीं आउटसोर्स कर्मचारी दीपक, इंदू बजाज और रितू की सेवाओं पर रोक लगा दी। यूनिवर्सिटी ने भी जांच कमेटी बनाई इसके अलावा एक जांच कमेटी का गठन किया गया है, जो उपरोक्त शिकायत की गहनता से जांच कर रही है। जांच कमेटी को एक महीने के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया है। परीक्षा शाखा के कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से वहां से बदल दिया गया है। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के भी आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आते ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। कांग्रेस उठा चुकी सवाल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर सरकार पर सवाल उठाए। सुरजेवाला ने लिखा, “अब MBBS का भी पेपर लीक..। भाजपा सरकार ने हरियाणा को अब कुख्यात ‘पेपर लीक फैक्ट्री’ बना दिया है। पेपर लीक पर पेपर लीक…। कोई ऐसी परीक्षा नहीं, जिसका पेपर लीक नहीं हुआ हो। हरियाणा की भाजपा सरकार के शासन में शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में सत्ता के संरक्षण में पेपर लीक माफिया तंत्र हावी है और हरियाणा के छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ यह भद्दा और क्रूर मजाक है।’ हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में इकलौते बेटे की मौत नॉर्मल हादसा नहीं:पत्नी बोली-वाहन ने ठोका; 21 दिन बाद धारा बदली, 2 बच्चों का पिता था हरियाणा के करनाल में सड़क हादसे में हुई युवक की मौत के मामले में परिजनों ने अब हादसे की आशंका अज्ञात वाहन की लापरवाही जताई है। परिवार इससे पहले इसे एक नॉर्मल एक्सीडेंट मान रहा था। पुलिस ने अब धारा 281 और 106 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस आगे की जांच कर रही है। मृतक घर का इकलौता बेटा था। रात के अंधेरे में सड़क पर हादसा जानकारी अनुसार असंध के डेरा गामा गांव के निवासी पंजाब सिंह 19 अक्टूबर को अपनी धान की फसल बेचकर तरावड़ी अनाज मंडी से घर लौट रहे थे। डाचर-कारसा रोड पर उनकी मोटरसाइकिल एक मोड़ पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। रात का समय होने और सड़क पर पर्याप्त रोशनी न होने के कारण मौके पर उन्हें कोई मदद नहीं मिल सकी। 20 अक्टूबर को पुलिस को सूचना मिली थी कि कारसा रोड के पास एक मोटरसाइकिल और शव सड़क किनारे पड़े हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर छानबीन की और शव को करनाल अस्पताल में भिजवाया। प्राथमिक जांच में मृतक के चेहरे और शरीर पर चोट के निशान पाए गए थे। अज्ञात वाहन से टक्कर की आशंका शुरुआत में परिवार ने इसे नॉर्मल एक्सीडेंट समझा। लेकिन आसपास के गांवों में जानकारी जुटाने और पूछताछ के बाद परिवार को पता चला कि यह हादसा किसी अज्ञात वाहन की लापरवाही के कारण हुआ। मृतक की पत्नी मनप्रीत कौर ने पुलिस अधीक्षक करनाल को शिकायत देकर अपने पति की मौत के लिए अज्ञात वाहन और उसके चालक को जिम्मेदार ठहराया। इकलौता बेटा था पंजाब सिंह मृतक के चहेरे भाई बलतार सिंह ने बताया कि पंजाब सिंह घऱ का इकलौता बेटा था। उसकी एक छोटी बहन भी हैं। पंजाब के पास दो बच्चे हैं। जिसमें 12 साल का लड़का और 8 साल की लड़की हैं। हादसे के बाद से ही दोनों बच्चों और पूरे परिवार का रो रोकर बुरा हाल हैं। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है। पुलिस ने किया मामला दर्ज पहले पुलिस ने इस मामले में बीएनएस की धारा 196 के तहत कार्रवाई की गई थी। मृतक की पत्नी की शिकायत पर थाना निसिंग पुलिस ने धारा 281 और 106 बीएनएस के तहत अज्ञात वाहन और चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जांच अधिकारी अजैब सिंह ने बताया कि मृतक की पत्नी की शिकायत पर अज्ञात वाहन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मामले की जांच की जा रही है।
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