हरियाणा के हिसार जिले में खंड अग्रोहा के गांव कनोह के लिए खुशखबरी है। यहां का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अब भिवानी बोर्ड का परीक्षा केंद्र बन गया है। दशकों से यह मांग लंबित थी, जिसे शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने पूरा किया है। शिक्षा मंत्री से ग्रामीणों ने की थी मुलाकात गांव के सरपंच सुरेंद्र उर्फ काला कनोह ने बताया कि पहले छात्रों को वार्षिक परीक्षा देने के लिए दूर-दराज के गांवों में जाना पड़ता था। इस समस्या को लेकर उन्होंने शिक्षा मंत्री से मुलाकात की थी। ग्रामीणों और मंत्री के प्रयासों से न केवल स्कूल को परीक्षा केंद्र बनाया गया, बल्कि इसका अपग्रेडेशन भी किया गया है। सरकारी स्कूलों में एडमिशन की अपील स्कूल के अपग्रेड होने से विशेषकर स्टूडेंट को बड़ी राहत मिलेगी। अब उन्हें शिक्षा के लिए दूसरे गांवों में नहीं जाना पड़ेगा। सरपंच ने बताया कि भाजपा सरकार सरकारी स्कूलों में बेहतर सुविधाएं दे रही है और योग्य शिक्षकों की नियुक्तियां कर रही है। उन्होंने ग्रामीणों से अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने की अपील की है। हरियाणा के हिसार जिले में खंड अग्रोहा के गांव कनोह के लिए खुशखबरी है। यहां का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अब भिवानी बोर्ड का परीक्षा केंद्र बन गया है। दशकों से यह मांग लंबित थी, जिसे शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने पूरा किया है। शिक्षा मंत्री से ग्रामीणों ने की थी मुलाकात गांव के सरपंच सुरेंद्र उर्फ काला कनोह ने बताया कि पहले छात्रों को वार्षिक परीक्षा देने के लिए दूर-दराज के गांवों में जाना पड़ता था। इस समस्या को लेकर उन्होंने शिक्षा मंत्री से मुलाकात की थी। ग्रामीणों और मंत्री के प्रयासों से न केवल स्कूल को परीक्षा केंद्र बनाया गया, बल्कि इसका अपग्रेडेशन भी किया गया है। सरकारी स्कूलों में एडमिशन की अपील स्कूल के अपग्रेड होने से विशेषकर स्टूडेंट को बड़ी राहत मिलेगी। अब उन्हें शिक्षा के लिए दूसरे गांवों में नहीं जाना पड़ेगा। सरपंच ने बताया कि भाजपा सरकार सरकारी स्कूलों में बेहतर सुविधाएं दे रही है और योग्य शिक्षकों की नियुक्तियां कर रही है। उन्होंने ग्रामीणों से अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने की अपील की है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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भिवानी में युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या:घर के अंदर फंदे पर लटकता मिला शव, पिता बोला- मानसिक रूप से था परेशान भिवानी में आज गुरूवार को 24 वर्षीय एक युवक ने अपने घर पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों ने घटना की सूचना जैन चौक चौकी पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटना की छानबीन की। जांच के लिए मौके पर एफएसएल टीम को भी बुलाया गया। पुलिस ने शव को फंदे से उतार कर पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। दादरी गेट ढाणा रोड़ निवासी रमेश कुमार ने पुलिस को बताया कि उसके दो बेटे थे। 24 वर्षीय बेटा वरुण कुमार पिछले कई दिनों से मानसिक रूप से परेशान था। आज वह घर पर फंदे से लटका हुआ मिला। जैसे ही परिवार के लोगों ने उसे फंदे से लटका हुआ मिला तो परिवार पर पहाड़ टूट पड़ा। घटना की सूचना जैन चौक चौकी पुलिस को दी। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर छानबीन की। जांच अधिकारी एएसआई किरण ने शव को फंदे से उतरवा कर पोस्टमॉर्टम के लिए सामान्य अस्पताल पहुंचाया। मृतक के पिता रमेश ने बताया कि वरुण ने हार्टोन से डिप्लोमा किया हुआ था। पुलिस ने वरुण के कपड़ों व कमरे की तलाशी ली, लेकिन सुसाइड नोट आदि नहीं मिला।
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सोनीपत में पुलिस चौकी बुलाने पर युवक ने किया सुसाइड:मोबाइल रिकॉर्डिंग में 3 को लिया नाम; गाड़ी के किराए पर हुआ विवाद हरियाणा के सोनीपत में एक 27 वर्षीय युवक ने पुलिस में की गई शिकायत के बाद आत्महत्या कर ली। उसका शव घर के कमरे में फंदे से लटका मिला। युवक ईको गाड़ी चलाता था और उसका किराए को लेकर 10 दिन से 3 युवकों के साथ विवाद चल रहा था। युवकों ने ही उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दी थी। उसे बुधवार को थाने बुलाया गया था। युवक ने घर में मोबाइल में रिकॉर्डिंग में युवकों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया। रिकॉर्डिंग छोटे भाई को भेजी थी। सोनीपत में दहिया काॅलोनी की बंजारों वाली गली में रहने वाले व्यक्ति धर्मबीर ने पुलिस को बताया कि वह मूल रूप से गांव सरगथल का रहने वाला है। उसकी बंजारों वाली गली में भैंसों की डेयरी है। उसके तीन बच्चे हैं। बडी लड़की की शादी हो चुकी है। इसके बाद लडका रविन्द्र व सबसे छोटा लडका जितेंद्र है। दोनों लड़के अविवाहित हैं। उसका 27 वर्षीय बेटा रविन्द्र किराए पर ईको गाडी चलाता है। प्रोग्राम में गए थे, किराया मांगने पर मारपीट उसने बताया कि 15 दिसंबर को रविन्द्र अपनी ईको गाड़ी को अंकित छिक्कारा के कहने पर किराये पर एक प्रोग्राम में लेकर गया था। अकित के साथ गाड़ी में दो अन्य लड़के जग्गु भैंसवाल व राहुल भी थे। प्रोग्राम से आने के बाद गोहाना बाइपास सोनीपत रविन्द्र ने अंकित से किराया मांगा तो उन्होंने किराया नहीं दिया उन्होंने रविंद्र के साथ झगड़ा व मार पिटाई की। पुलिस चौकी में दे दी शिकायत धर्मबीर ने बताया कि इसके एक- दो- दिन बाद रविन्द्र अंकित के पास ईको गाडी का किराया लेने गया था। वहां पर अंकित, जग्गु भैंसवाल और राहुल ने किराया नहीं दिया। तीनों ने दोबारा से किराया मांगने पर जान से मारने की धमकी दी। यह सारी बातें बेटे रविन्द्र ने घर आने के बाद उसको बताई थी। इसके बाद अंकित ने उसके बेटे रविन्द्र के खिलाफ कोर्ट कॉम्प्लेक्स चौकी सोनीपत में दी थी। इसकी जांच में शामिल होने के लिए वे 24 दिसंबर को चौकी गए थे। घर में लगाया फंदा पुलिस के बुलाने के बाद भी अंकित वगैरह चौकी में हाजिर नहीं हुए। पुलिस ने दोनों पक्षों को दोबारा 25 दिसंबर को पुलिस चौकी में बुलाया था। पुलिस चौकी में जाने से पहले ही रविन्द्र ने घर में फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली। पिता ने बताया कि रविंद्र ने अंकित छिक्कारा, जग्गु, भैंसवाल व राहुल के दबाव में आकर आत्महत्या की है। रविन्द्र ने आत्महत्या करने से पहले मोबाइल में रिकार्डिंग करके अंकित, जग्गु भैंसवाल व राहुल को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया। भाई को वॉट्सऐप पर भेजी रिकॉर्डिंग रविंद्र ने फोन मे की गई रिकॉर्डिंग छोटे भाई जितेंद्र के पास वॉट्सऐप पर भेजी है। इसके बाद उसने घर में ही फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। सोनीपत सिटी थाना के ASI मनोज के अनुसार, 25 दिसंबर को डायल 112 की टीम से थाना पर सूचना मिली कि दहिया कॉलोनी में रविन्द्र नाम के युवक ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। वह टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचा। वहां कमरे के अन्दर रविन्द्र हूक में बंधी रस्सी से लटका मिला। मौके पर उसके पिता धर्मबीर ने उक शिकायत दी और बेटे के मौत के लिए 3 युवकों को जिम्मेदार बताया। तीनों आरोपियों पर केस दर्ज धर्मबीर की शिकायत पर पुलिस ने सिटी थाना सोनीपत में धारा 108, 3(5) BNS में अंकित, जग्गु भैंसवाल व राहुल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है।
हरियाणा BJP की हार-जीत पर समीक्षा बैठक आज से:42 सीटों पर हारे कैंडिडेटों के साथ मंथन, इंटरनल रिपोर्ट तैयार होगी
हरियाणा BJP की हार-जीत पर समीक्षा बैठक आज से:42 सीटों पर हारे कैंडिडेटों के साथ मंथन, इंटरनल रिपोर्ट तैयार होगी हरियाणा में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव को लेकर BJP की आज से दो दिन की समीक्षा बैठक शुरू होगी। पहले दिन की बैठक पंचकूला के पंचकमल कार्यालय में होगी। पहले दिन 4 अलग-अलग बैठकें होंगी, जिसमें हार जीत के कारण तलाशे जाएंगे और एक आंतरिक रिपोर्ट बनाई जाएगी। पहले दिन की बैठक की शुरुआत हरियाणा में हारे हुए नेताओं से की जाएगी। 42 हारे हुए कैंडिडेटों को पंचकूला बुलाया गया है। यह कैंडिडेट हार के कारणों को पार्टी फोरम पर रखेंगे। इसकी एक कंपाइल रिपोर्ट तैयार होगी। हर विधानसभा वाइज हार के विलेन तलाशे जाएंगे। इसके बाद दोपहर करीब डेढ़ बजे चुनाव प्रबंधन कमेटी की बैठक होगी। हरियाणा में कुलदीप बिश्नोई चुनाव प्रबंधन कमेटी के संयोजक बने थे, मगर वह 4 विधानसभा तक ही सीमित थे। इस पर कुलदीप बिश्नोई से भी सवाल जवाब किए जा सकते हैं। इसके अलावा विधायक दल की बैठक में जीत के कारण और कम अंतर पर जीत के कारणों के बारे में पूछा जाएगा। वहीं अंत में सदस्यता अभियान को लेकर बैठक होगी। हरियाणा में स्पीकर सहित 9 मंत्री चुनाव हारे थे
सैनी सरकार के 8 मंत्री और विधानसभा स्पीकर चुनाव हार गए थे। सिर्फ 2 ही मंत्री चुनाव जीत पाए थे। जीतने वाले मंत्रियों में पानीपत ग्रामीण सीट से महिपाल ढांडा और बल्लभगढ़ सीट से मूलचंद शर्मा शामिल रहे। पंचकूला में ज्ञानचंद गुप्ता को हार का सामना करना पड़ा। नूंह से संजय सिंह, जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर, हिसार से डॉ. कमल गुप्ता, रानियां से रणजीत चौटाला को हार का सामना करना पड़ा था। कुलदीप बिश्नोई और भव्य भी हो सकते हैं शामिल
भाजपा की होने वाली बैठकों में कुलदीप बिश्नोई और भव्य बिश्नोई दोनों हिस्सा ले सकते हैं। भव्य हार को लेकर होने वाली बैठक में शामिल होंगे तो वहीं कुलदीप बिश्नोई प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक होने के नाते मीटिंग में शामिल होंगे। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कुलदीप बिश्नोई को प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक नियुक्त किया था। मगर वह कुछ ही सीटों पर प्रचार कर पाए। चुनाव प्रबंधन समिति में मोहनलाल बड़ौली को अध्यक्ष, कुलदीप बिश्नोई को संयोजक, कृष्ण पंवार और वेदपाल एडवोकेट सहसंयोजक थे। वहीं ओमप्रकाश धनखड़, सुनीता दुग्गल, विपुल गोयल, कृष्णमूर्ति हुड्डा, जवाहर यादव, अजय बंसल, संदीप जोशी, जीएल शर्मा, सुनीता दांगी, रेणु डाबला, कैप्टन भूपेंद्र, उषा प्रियदर्शी, अरविंद यादव, मानस डेका, वरिंद्र गर्ग, मेयर मदन चौहान, मदन गोयल, उमेश शर्मा, नागेंद्र शर्मा, प्रवीन जैन, राजीव जेटली, अरूण यादव, आदित्य चावला, सुनील राव, मनोज शर्मा, संचित नांदल, डॉ. बलवान और कर्नल राजेंद्र सुहाग को मेंबर बनाया गया था। BJP की रिपोर्ट में हार के 5 बड़े कारण… 1. पुराने नेताओं की अनदेखी
भाजपा ने कई सीटों पर पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी की, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। दूसरी पार्टी के कई नेताओं को चुनाव से ऐन वक्त पहले पार्टी में शामिल करवाया गया और टिकट दी, जिससे कई महीनों से फील्ड में तैयारी कर रहे नेताओं को झटका लगा और वह पूरे चुनाव में दूरी बनाकर रहे। उम्मीदवारों और संघ की रिपोर्ट में उन नेताओं के बाकायदा नाम भी लिखकर दिए गए हैं। 2. एंटी इनकंबेंसी
चुनाव के समय प्रदेश में भाजपा के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी की चर्चा रही। चर्चा यह भी थी कि भाजपा चुनाव हार रही है और कांग्रेस जीत रही है, जिसके कारण 5 प्रतिशत स्विंग वोटर्स कांग्रेस की तरफ चला गया। यही वजह रही कि कड़े मुकाबलों वाली सीटों पर भी भाजपा हार गई। रोहतक, सिरसा और फतेहाबाद में सबसे ज्यादा वोट स्विंग हुए। सिरसा और फतेहाबाद में भाजपा विधायकों और नेताओं की कार्यशैली को लेकर भी लोगों में नाराजगी रही। 3. किसानों और जाटों में नाराजगी
किसानों और जाटों की नाराजगी का भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा। रोहतक, फतेहाबाद और सिरसा में जाट और किसान एग्रेसिव होकर भाजपा के खिलाफ वोट डालने निकले। सिरसा और फतेहाबाद की सभी 8 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर इन जिलों में देखने को मिला। यहां नशाखोरी का मुद्दा भी चुनाव में छाया रहा। नशाखोरी रोकने के लिए भाजपा सरकार द्वारा किए गए इंतजाम नाकाफी नजर आए। इन सीटों पर जाटों के साथ-साथ सिख मतदाताओं की नाराजगी भी देखने को मिली। दोनों जिलों की पंजाबी बेल्ट में भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। 4. टिकट वितरण में गड़बड़ी
कुछ सीटों पर टिकटों का वितरण सही तरीके से नहीं हुआ। यहां पार्टी का सर्वे विफल रहा। इन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते, जिसमें हिसार, गन्नौर जैसी सीट भी शामिल हैं। इसके अलावा सिरसा जिले में सबसे ज्यादा टिकट वितरण में गड़बड़ी हुई। मजबूत चेहरों को दरकिनार किया गया। रणजीत सिंह, आदित्य चौटाला, मीनू बेनीवाल जैसे चेहरों को पार्टी ने दरकिनार किया, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। 5. मेवात में मुसलमानों ने भाजपा को नकारा
मेवात की तीनों सीटों पर भाजपा कोई कमाल नहीं कर पाई। यहां नूंह दंगों का असर देखने को मिला। यहां के लोगों में BJP के खिलाफ नाराजगी दिखी। लोगों ने BJP सरकार पर क्षेत्र में विकास न होने और भेदभाव का आरोप लगाया था। BJP इन मुस्लिम बहुल इलाकों में अपना खाता भी नहीं खोल पाई। 5 जिलों में खाता नहीं खोल पाई पार्टी
भाजपा प्रदेश के 5 जिलों में अपना खाता भी नहीं खोल पाई। इन जिलों में नूंह, सिरसा, झज्जर, रोहतक और फतेहाबाद शामिल हैं। अगर बेल्ट के हिसाब से देखें तो ये जिले बागड़, देशवाल और नूंह बेल्ट में आते हैं। इन जिलों में कुल 19 विधानसभा सीटें हैं। बागड़ बेल्ट में भाजपा ने 8, कांग्रेस ने 10, इनेलो ने 2 और निर्दलीय ने 1 सीट जीती। वहीं, 2019 में भाजपा ने 8, कांग्रेस ने 4, JJP ने 5, इनेलो ने 1 और निर्दलीय ने 2 सीटें जीती थीं। 700 भाजपा कार्यकर्ताओं संग कल सीएम हाउस पर बैठक
भाजपा कल सीएम हाउस पर प्रदेश के 700 भाजपा वर्करों संग बैठक करेगी। इसमें मंडल अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी, प्रवासी प्रभारी तक शामिल होंगे। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कार्यकर्ताओं से वादा किया था। इसके अलावा विधानसभा विस्तारकों और कोर ग्रुप व सांसदों की जॉइंट बैठक भी सीएम आवास पर रखी गई है। इसमें केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, राव इंद्रजीत और कृष्ण पाल गुर्जर शामिल हो सकते हैं।