हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज का कल (सोमवार) को जनता दरबार नहीं लगेगा। वह एक दिवसीय दौरे पर राजस्थान जा रहे हैं। वहां वह जयपुर में होने वाली देशभर के ऊर्जा मंत्रियों की कार्यशाला में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में व्यस्तता के कारण सोमवार को अंबाला छावनी में जनता कैंप नहीं लगेगा। बता दें कि अम्बाला छावनी विधानसभा क्षेत्र के लोगों की समस्याएं सुनने के लिए कैबिनेट मंत्री अनिल विज हर सप्ताह सोमवार को जनता दरबार लगाते हैं। अब सिर्फ अंबाला कैंट की ही समस्याएं सुनते हैं विज हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने दूसरे जिलों के लोगों की समस्याएं सुनने से इनकार कर दिया है। दरअसल, दो महीने पहले अनिल विज का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वे अंबाला कैंट के सदर बाजार चौक पर कुछ लोगों के साथ बैठे थे। तभी कुरुक्षेत्र के शाहाबाद से एक व्यक्ति वहां आया और उसने अपनी समस्या अनिल विज के सामने रखी। तब अनिल विज ने कहा कि मैंने बाहर की समस्याएं सुनना बंद कर दिया है। आप मुख्यमंत्री के पास जाइए, वे सबकी समस्याएं सुन रहे हैं। जाकर उन्हें बताइए। मैंने बंद कर दिया है, अब मैं अपने क्षेत्र की समस्याएं सुनता हूं। विज ने जनता दरबार क्यों बंद किया? जब हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की जगह भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने नायब सैनी को सीएम चेहरा बनाया तो अनिल विज काफी नाराज हुए थे। यहां तक कि जब सीएम चेहरा बदला गया तो विज ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों की बैठक का बहिष्कार कर दिया और बाहर चले गए। दरअसल, अनिल विज इस समय हरियाणा भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेता हैं। वे लगातार 7 बार विधायक बनते आ रहे हैं। सीएम चेहरे में बदलाव को लेकर उन्होंने कहा, मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। इतना समय पार्टी में बिताने के बाद भी मुझसे इस बदलाव की जानकारी छिपाई गई। हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज का कल (सोमवार) को जनता दरबार नहीं लगेगा। वह एक दिवसीय दौरे पर राजस्थान जा रहे हैं। वहां वह जयपुर में होने वाली देशभर के ऊर्जा मंत्रियों की कार्यशाला में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में व्यस्तता के कारण सोमवार को अंबाला छावनी में जनता कैंप नहीं लगेगा। बता दें कि अम्बाला छावनी विधानसभा क्षेत्र के लोगों की समस्याएं सुनने के लिए कैबिनेट मंत्री अनिल विज हर सप्ताह सोमवार को जनता दरबार लगाते हैं। अब सिर्फ अंबाला कैंट की ही समस्याएं सुनते हैं विज हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने दूसरे जिलों के लोगों की समस्याएं सुनने से इनकार कर दिया है। दरअसल, दो महीने पहले अनिल विज का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वे अंबाला कैंट के सदर बाजार चौक पर कुछ लोगों के साथ बैठे थे। तभी कुरुक्षेत्र के शाहाबाद से एक व्यक्ति वहां आया और उसने अपनी समस्या अनिल विज के सामने रखी। तब अनिल विज ने कहा कि मैंने बाहर की समस्याएं सुनना बंद कर दिया है। आप मुख्यमंत्री के पास जाइए, वे सबकी समस्याएं सुन रहे हैं। जाकर उन्हें बताइए। मैंने बंद कर दिया है, अब मैं अपने क्षेत्र की समस्याएं सुनता हूं। विज ने जनता दरबार क्यों बंद किया? जब हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की जगह भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने नायब सैनी को सीएम चेहरा बनाया तो अनिल विज काफी नाराज हुए थे। यहां तक कि जब सीएम चेहरा बदला गया तो विज ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों की बैठक का बहिष्कार कर दिया और बाहर चले गए। दरअसल, अनिल विज इस समय हरियाणा भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेता हैं। वे लगातार 7 बार विधायक बनते आ रहे हैं। सीएम चेहरे में बदलाव को लेकर उन्होंने कहा, मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। इतना समय पार्टी में बिताने के बाद भी मुझसे इस बदलाव की जानकारी छिपाई गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पानीपत में युवक ने दिखाई इमानदारी:फल विक्रेता गत्तों में 1 लाख रखकर भूला, कबाड़ी को बेचा; एक माह में ढूंढकर श्रमिक ने लौटाए
पानीपत में युवक ने दिखाई इमानदारी:फल विक्रेता गत्तों में 1 लाख रखकर भूला, कबाड़ी को बेचा; एक माह में ढूंढकर श्रमिक ने लौटाए हरियाणा के पानीपत में एक गोदाम पर काम करने वाले श्रमिक ने इमानदारी की बड़ी मिशाल पेश की है। उसे हजारों नहीं बल्कि एक लाख की नकदी मिली, जिसे उसने उसके असल मालिक एक फल विक्रेता को लौटा कर इंसानियत और इमानदारी कायम की है। श्रमिक की इस इमानदारी पर मालिक ने खुश होकर उसे इनाम भी दिया है। साथ ही उसे इसी तरह इमानदारी के रास्ते पर हमेशा डटे रहने के लिए प्रेरित भी किया है।
फल विक्रेता ने कबाड़ी को और कबाड़ी ने गोदाम वाले को बेचे गत्ते
मामला शहर के तहसील कैंप का है। दरअसल, यहां कैंप मंडी में वहां का स्थानीय निवासी दीपक चौरसिया फल बेचने का काम करता है। वह क्षेत्र में रेहड़ी-फड़ी लगाकर फल बेचता है। उसने पाई-पाई कर बहुत मेहनत से 1 लाख रुपए जोड़े थे। करीब एक माह पहले पहले उसने ये रुपए वेस्ट के गत्तों में रखे थे। दिनभर काम करने के बाद वह रुपए इसी में रखने के बाद भूल गया था। उसने गत्ते ज्यादा इकट्ठे होने की वजह एक कबाड़ी को बेच दिए। एक दिन बाद उसे याद आया कि उसके गत्ते में रुपए रखे थे। आनन-फानन में वह दौड़ता हुआ कबाड़ी के पास गया। जहां कबाड़ी ने बताया कि उसने भी उक्त गत्ते आगे गोदाम में बेच दिए हैं। गोदाम मालिक ने श्रमिकों को कहा- अच्छे से चेक करे गत्ते
इसके बाद कबाड़ी ने गोदाम वाले से संपर्क किया। गोदाम मालिक ने इस बात पर गौर करते हुए अपनी सभी लेबर को एक-एक गत्ता व अन्य सभी कबाड़ का सामान बहुत अच्छे से चेक करने को कहा था। उसने लेबर को बताया था कि गत्तों के भीतर 1 लाख रुपए मिल सकते हैं। अब करीब एक माह बाद उक्त रुपए गत्तों के भीतर से मिल गए। गोदाम पर करने वाले श्रमिक ने रुपए मिलते ही तुरंत गोदाम मालिक को बताया। जिसके बाद कबाड़ी के जरिए फल विक्रेता से संपर्क किया गया। जिसके बाद उसे बुलाकर रुपए लौटाए गए। गोदाम के मालिक ने कहा कि वह अपनी लेबर पर पूरा भरोसा करता है और उसकी लेबर ईमानदार है। फल विक्रेता दीपक चौरसिया ने दुकानदार और श्रमिक का धन्यवाद किया।
रेवाड़ी में सांड के हमले से किसान की मौत:खेत में काम करते समय हमला; सींगों से उठाकर कई बार पटका, जयपुर अस्पताल में तोड़ा दम
रेवाड़ी में सांड के हमले से किसान की मौत:खेत में काम करते समय हमला; सींगों से उठाकर कई बार पटका, जयपुर अस्पताल में तोड़ा दम हरियाणा के रेवाड़ी जिले के चिल्हड़ गांव में खेत में काम करते समय आवारा सांड ने बुजुर्ग किसान पर हमला कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया। उसकी चीख-पुकार सुनकर आसपास काम कर रहे किसानों ने बड़ी मुश्किल से उसे बचाया। उसकी गंभीर हालत के चलते परिजन उसे जयपुर के निजी अस्पताल में ले गए, जहां शुक्रवार को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार खिलपुर की ढाणी निवासी किसान रामनिवास (65) चिल्हड़ गांव की सीमा में अपने खेत में काम करने गया था। इस दौरान चिल्हड़ गांव में घूम रहा एक आवारा सांड रामनिवास के खेत में घुस गया। जैसे ही रामनिवास ने उसे भगाने का प्रयास किया तो सांड ने उस पर हमला कर दिया। उसने उसे सींगों से उठा लिया और काफी देर तक पटकता रहा। इसी दौरान अन्य किसानों ने उसे देख लिया। जयपुर के अस्पताल में हुई मौत लाठियों की मदद से सांड को भगाकर रामनिवास को बचाया गया। रामनिवास बुरी तरह घायल हो गया। सूचना मिलने के बाद उसके परिजन मौके पर पहुंचे। गंभीर हालत में उसे पहले रेवाड़ी और फिर जयपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान शुक्रवार को रामनिवास की मौत हो गई। इस हादसे के बाद गांव चिल्हड़ में पंचायत बुलाई गई। जिसके बाद ग्रामीणों ने खुद ही सांड को काबू में कर उसे पेड़ से बांध दिया। सांड को गौशाला में छोड़ा जाएगा ग्रामीणों के अनुसार अब इस सांड को गौशाला में छोड़ा जाएगा। क्योंकि यह सांड पहले भी कई बार लोगों को घायल कर चुका है। जिसको लेकर जिला प्रशासन और डीसी को पत्र लिखकर सांड को पकड़कर गांव के बाहर छोड़ने की मांग की गई थी। लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। आखिर में किसान रामनिवास की जान चली गई। ऐसे में दोबारा कोई हादसा न हो इसके लिए सांड को अपने स्तर पर ही पकड़ लिया गया है।
हरियाणा में बसपा-ASP ने बिगाड़ा गणित:दलित वोट बंटे तो BJP से ज्यादा कांग्रेस को नुकसान, इनेलो और जजपा से गठबंधन किया
हरियाणा में बसपा-ASP ने बिगाड़ा गणित:दलित वोट बंटे तो BJP से ज्यादा कांग्रेस को नुकसान, इनेलो और जजपा से गठबंधन किया हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (BSP) और आजाद समाज पार्टी (ASP) ने गणित बिगाड़ दिया है। बसपा ने इनेलो तो ASP ने जेजेपी से हाथ मिलाया है। ऐसे में दलित वोटर किस ओर जाएंगे, इसको लेकर चर्चा तेज हो गई है। हरियाणा में करीब 21 प्रतिशत दलित वोटर हैं, जो चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं। इस बार दलित बोट के बंटने के पूरे चांस हैं। ऐसे में दलित वोट बंटने से BJP से ज्यादा कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। क्योंकि इस बार लोकसभा चुनाव में दलित वोट कांग्रेस को गए थे। कांग्रेस 5 सीटें जीतने में कामयाब रही। इस बार के विधानसभा चुनाव में दलित वोट बैंक काफी महत्वपूर्ण हो गया है। खासकर ऐसे समय में जब कांग्रेस संविधान और आरक्षण को बीजेपी से खतरा बता रही है। ये दोनों ही मुद्दे दलितों के काफी करीब माने जाते हैं। अब इसी वोट बैंक पर इनेलो और जजपा की नजर है। इसी वजह से दोनों पार्टियों ने दलितों की पार्टी मानी जाने वाली बसपा और ASP से हाथ मिलाया है। इस समझौते के तहत जेजेपी 90 में से 70 और ASP 20 सीटों पर पर चुनाव लड़ेगी। वहीं इनेलो और बसपा के समझौते में इनेलो 90 में से 53 और 37 सीटों पर बसपा अपने उम्मीदवार उतारेगी। 2019 में ऐसा रहा था इनेलो और बसपा का प्रदर्शन
पिछले विधानसभा चुनाव में इनेलो ने प्रदेश की 90 में से 81 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वह केवल एक सीट ऐलनाबाद ही जीत पाई थी। उसकी 81 में से 78 सीटों पर जमानत जब्त हो गई थी। उस चुनाव में इनेलो को 2.44 फीसदी वोट मिले थे। वहीं बसपा ने 87 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन कोई सीट नहीं जीत पाई थी। 87 में से 82 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी। बसपा ने इस चुनाव में 4.14 फीसदी वोट हासिल किए थे। जेजेपी ने जीती थी 10 सीटें
वहीं जेजेपी ने 87 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। जेजेपी को 14.84 फीसदी वोट मिले थे। इस चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। ऐसे में भाजपा ने जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ये गठबंधन टूट गया। दोनों पार्टियों में सीट शेयरिंग को लेकर बात नहीं बनी थी। इसके बाद दोनों पार्टियों ने अकेले-अकेले चुनाव लड़ा। जिसमें दोनों पार्टियों को नुकसान हुआ। भाजपा 5 सीटें ही जीत पाई, वहीं जेजेपी एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी। यही नहीं पार्टी किसी भी विधानसभा सीट पर जीत तक दर्ज नहीं कर पाई थी। लोकसभा चुनाव में बसपा और जेजेपी का प्रदर्शन
जननायक जनता पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनाव में 4.9 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि बसपा को 3.65 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं इनेलो के खाते में केवल 1.9 प्रतिशत वोट गए थे। बीजेपी ने सबसे ज्यादा 58.21 प्रतिशत वोट हासिल किए थे जबकि कांग्रेस को 28.51 प्रतिशत वोट मिले थे। ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा में इनेलो-बसपा उम्मीदवारों की घोषणा:पहली लिस्ट में 4 कैंडिडेट; 2 दिन पहले JJP छोड़कर आए नेता को टिकट हरियाणा में इनेलो-बसपा गठबंधन ने मंगलवार को उम्मीदवारों की पहली लिस्ट की घोषणा कर दी। इस लिस्ट में 4 उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। इसमें यमुनानगर जिला की जगाधरी सीट से दर्शन लाल खेड़ा, करनाल जिला की असंध सीट से गोपाल सिंह राणा, अंबाला जिला की नारायणगढ़ सीट से हरबिलास सिंह और महेंद्रगढ़ जिला की अटेली सीट से ठाकुर अत्तर लाल को मैदान में उतारा है। (पूरी खबर पढ़ें)