मुक्तसर में मुगल की कब्र पर बरसाए जूते:नूरदीन ने गुरू गोबिंद सिंह जी पर किया था हमला, 300 साल से चली आ रही परंपरा

मुक्तसर में मुगल की कब्र पर बरसाए जूते:नूरदीन ने गुरू गोबिंद सिंह जी पर किया था हमला, 300 साल से चली आ रही परंपरा

पंजाब के मुक्तसर में माघी मेले के अवसर पर एक अनूठी परंपरा निभाई गई। गुरुद्वारा श्री दातनसर साहिब के पास स्थित नूरदीन की कब्र पर श्रद्धालुओं ने जूते बरसाए। यह परंपरा एक ऐतिहासिक घटना से जुड़ी है। सिख इतिहास के अनुसार, जब गुरु गोबिंद सिंह जी यहां सुबह के समय दातुन कर रहे थे, तब नूरदीन ने पीछे से उन पर बरछे से हमला करने का प्रयास किया था। हालांकि, गुरु जी ने अपनी सूझबूझ से अपने हाथ में पकड़े लोटे से आत्मरक्षा करते हुए नूरदीन को मार गिराया था। तब से लेकर आज तक, प्रति वर्ष माघी मेले के दौरान हजारों श्रद्धालु इस स्थान पर आते हैं। वे नूरदीन की कब्र पर जूते बरसाकर गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रति अपनी अटूट श्रद्धा व्यक्त करते हैं। यह परंपरा लगभग 300 वर्षों से निरंतर चली आ रही है और सिख समुदाय की आस्था का प्रतीक बन गई है। पंजाब के मुक्तसर में माघी मेले के अवसर पर एक अनूठी परंपरा निभाई गई। गुरुद्वारा श्री दातनसर साहिब के पास स्थित नूरदीन की कब्र पर श्रद्धालुओं ने जूते बरसाए। यह परंपरा एक ऐतिहासिक घटना से जुड़ी है। सिख इतिहास के अनुसार, जब गुरु गोबिंद सिंह जी यहां सुबह के समय दातुन कर रहे थे, तब नूरदीन ने पीछे से उन पर बरछे से हमला करने का प्रयास किया था। हालांकि, गुरु जी ने अपनी सूझबूझ से अपने हाथ में पकड़े लोटे से आत्मरक्षा करते हुए नूरदीन को मार गिराया था। तब से लेकर आज तक, प्रति वर्ष माघी मेले के दौरान हजारों श्रद्धालु इस स्थान पर आते हैं। वे नूरदीन की कब्र पर जूते बरसाकर गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रति अपनी अटूट श्रद्धा व्यक्त करते हैं। यह परंपरा लगभग 300 वर्षों से निरंतर चली आ रही है और सिख समुदाय की आस्था का प्रतीक बन गई है।   पंजाब | दैनिक भास्कर