हरियाणा के पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (UHSR) में एमबीबीएस परीक्षा घोटाला सामने लाने वाले स्टूडेंट पर हमला होने के आसार हैं। ऐसा इनपुट मिलने के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है और उसके सिक्योरिटी देने की तैयारी कर रही है। शिकायत करने वाले स्टूडेंट को अभी कुछ पुलिसकर्मियों के फोन नंबर दिए गए हैं, जिनसे वह किसी प्रकार का खतरा होने की स्थिति में या यात्रा के दौरान संपर्क कर सकता है। इधर स्टेट क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (CID) के एक्टिव होने के बाद जिला प्रशासन ने यूएचएसआर से अपनी जांच में तेजी लाने और मामले पर त्वरित कार्रवाई के लिए जल्द से जल्द एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। मुख्य आरोपी का बैकग्राउंड खंगाल रही पुलिस इस घोटाले की जांच कर रही एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि पुलिस मुख्य आरोपी का बैकग्राउंड पुलिस खंगाल रही है। इस मामले में यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारियों रोशन लाल और रोहित को पहले ही निलंबित कर दिया गया है, जबकि तीन आउटसोर्स कर्मचारियों दीपक, इंदु और रितु की सेवाएं जांच लंबित रहने तक समाप्त कर दी गई हैं। रोहतक के डीसी धीरेन्द्र खडगटा और पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया ने मिनी सचिवालय में कुलपति डॉ. एचके अग्रवाल सहित विश्वविद्यालय के अधिकारियों से मुलाकात की और जांच से संबंधित अद्यतन जानकारी पर चर्चा की। CID तलब कर चुकी रिपोर्ट हरियाणा में सामने आए MBBS परीक्षा घोटाले की जांच क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) करेगा। CID हेडक्वार्टर ने इस बारे में अपने रोहतक ऑफिस से अभी तक के इनपुट की रिपोर्ट तलब कर ली है।इसके अलावा, परीक्षा घोटाले में शामिल 3 प्राइवेट कॉलेजों के MBBS-MD परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र बदलने का फैसला लिया गया है। यूनिवर्सिटी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इन प्राइवेट कॉलेजों के प्रोफेसर परीक्षा के दौरान ऑब्जर्वर का भी काम करते थे। जिससे परीक्षा में गड़बड़ी की संभावना बढ़ जाती हैं। जांच में अब तक ये फैक्ट्स आए सामने… 1. सेंटर से बाहर भेजते थे उत्तर पुस्तिकाएं एक छात्र ने बताया कि पेपर पास करने के लिए एक स्पेशल पेन का इस्तेमाल किया जाता था। पेन की स्याही लिखने के बाद सूख जाती है। जिन स्टूडेंट की डील होती थी, वह उस पेन से पेपर लिखते थे। इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं को सेंटर से बाहर भेजा जाता था। वहां हेयर ड्रायर की मदद से उत्तर पुस्तिकाओं से स्याही मिटाई जाती है। इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं पर सही जवाब लिखकर उन्हें दोबारा सेंटर पर भेजा जाता है। 2. ऑनलाइन भी रुपए लेते थे कर्मचारी MBBS एग्जाम घोटाले में अब तक की जांच में पता चला है कि ये कर्मचारी एमबीबीएस के अलावा एनईईटी-यूजी और फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में भी स्टूडेंट्स से पैसा लेकर मदद करते थे। इस एग्जाम घोटाले के लिए कर्मचारी स्टूडेंट्स से कैश के अलावा ऑनलाइन बैंकिंग से भी पैसे लेते थे। इसके सबूत भी मिले हैं। दो कर्मचारियों ने स्टूडेंट्स से दो अलग-अलग मामलों में ऑनलाइन पैसा अपने खातों में जमा कराया है। 3. 3 मेंबरी कमेटी करेगी जांच मामले की जांच के लिए तीन मेंबरी कमेटी गठित की गई है। करनाल के कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ एमके गर्ग के नेतृत्व में समिति कल (17 जनवरी) को अपनी जांच शुरू करेगी। सूत्रों ने बताया कि सभी आरोपियों को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया जाएगा। इस घोटाले में परीक्षा के बाद विश्वविद्यालय से उत्तर पुस्तिकाएं चुराना शामिल था। छात्रों ने मूल सामग्री को मिटाने के बाद कथित तौर पर अपने उत्तर फिर से लिखे। उन्होंने लिखने के लिए मिटाने योग्य स्याही-पेन का इस्तेमाल किया और बाद में हेयर ड्रायर का उपयोग करके सामग्री को मिटा दिया गया। 4. दूसरे एग्जाम में भी घोटाले के सबूत मिले हरियाणा के इस एमबीबीएस एग्जाम घोटाले में अब तक की जांच में पता चला है कि ये कर्मचारी एमबीबीएस के अलावा एनईईटी-यूजी और फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में भी स्टूडेंट्स से पैसा लेकर मदद करते थे। 2 कर्मचारी सस्पेंड हो चुके, 3 की सेवाएं रोकीं PGIMS के जनसंपर्क विभाग के इंचार्ज वरुण अरोड़ा ने बताया कि 5-6 दिन पहले कुछ दस्तावेज और वीडियो के साथ शिकायत मिली थी। जिसमें MBBS परीक्षा में कुछ धांधलियों और खामियों को उजागर किया गया था। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कर्मचारी रोशन लाल और रोहित को सस्पेंड कर दिया। वहीं आउटसोर्स कर्मचारी दीपक, इंदू बजाज और रितु की सेवाओं पर रोक लगा दी। यहां पढ़िए इस मामले में कांग्रेस के नेताओं ने क्या कहा? भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक पीजीआईएमएस में एमबीबीएस एग्जाम घोटाले को लेकर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि हरेक काम, हरेक क्षेत्र, हरेक परियोजना और हरेक पेपर में घोटाले करना बीजेपी सरकार की पहचान बन चुकी है। घोटालों की कड़ी में अगला नाम रोहतक विश्वविद्यालय एमबीबीएस पेपर का है। इसे देखकर पता चलता है कि बीजेपी ने प्रदेश के पूरे स्वास्थ्य तंत्र को खोखला बना दिया है। इतने बड़े गड़बड़झाले को देखकर लगता है कि इस घोटाले को अंजाम देने में पूरा तंत्र काम कर रहा था। चंद छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई करके सरकार इस पूरे घोटाले को दबाना चाहती है। जबकि पूरे मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। सुरजेवाला बोले, घोटाला सामने आने के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर सरकार पर सवाल उठाए थे। सुरजेवाला ने लिखा, “अब MBBS का भी पेपर लीक..। भाजपा सरकार ने हरियाणा को अब कुख्यात ‘पेपर लीक फैक्ट्री’ बना दिया है। हरियाणा के पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (UHSR) में एमबीबीएस परीक्षा घोटाला सामने लाने वाले स्टूडेंट पर हमला होने के आसार हैं। ऐसा इनपुट मिलने के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है और उसके सिक्योरिटी देने की तैयारी कर रही है। शिकायत करने वाले स्टूडेंट को अभी कुछ पुलिसकर्मियों के फोन नंबर दिए गए हैं, जिनसे वह किसी प्रकार का खतरा होने की स्थिति में या यात्रा के दौरान संपर्क कर सकता है। इधर स्टेट क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (CID) के एक्टिव होने के बाद जिला प्रशासन ने यूएचएसआर से अपनी जांच में तेजी लाने और मामले पर त्वरित कार्रवाई के लिए जल्द से जल्द एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। मुख्य आरोपी का बैकग्राउंड खंगाल रही पुलिस इस घोटाले की जांच कर रही एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि पुलिस मुख्य आरोपी का बैकग्राउंड पुलिस खंगाल रही है। इस मामले में यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारियों रोशन लाल और रोहित को पहले ही निलंबित कर दिया गया है, जबकि तीन आउटसोर्स कर्मचारियों दीपक, इंदु और रितु की सेवाएं जांच लंबित रहने तक समाप्त कर दी गई हैं। रोहतक के डीसी धीरेन्द्र खडगटा और पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया ने मिनी सचिवालय में कुलपति डॉ. एचके अग्रवाल सहित विश्वविद्यालय के अधिकारियों से मुलाकात की और जांच से संबंधित अद्यतन जानकारी पर चर्चा की। CID तलब कर चुकी रिपोर्ट हरियाणा में सामने आए MBBS परीक्षा घोटाले की जांच क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) करेगा। CID हेडक्वार्टर ने इस बारे में अपने रोहतक ऑफिस से अभी तक के इनपुट की रिपोर्ट तलब कर ली है।इसके अलावा, परीक्षा घोटाले में शामिल 3 प्राइवेट कॉलेजों के MBBS-MD परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र बदलने का फैसला लिया गया है। यूनिवर्सिटी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इन प्राइवेट कॉलेजों के प्रोफेसर परीक्षा के दौरान ऑब्जर्वर का भी काम करते थे। जिससे परीक्षा में गड़बड़ी की संभावना बढ़ जाती हैं। जांच में अब तक ये फैक्ट्स आए सामने… 1. सेंटर से बाहर भेजते थे उत्तर पुस्तिकाएं एक छात्र ने बताया कि पेपर पास करने के लिए एक स्पेशल पेन का इस्तेमाल किया जाता था। पेन की स्याही लिखने के बाद सूख जाती है। जिन स्टूडेंट की डील होती थी, वह उस पेन से पेपर लिखते थे। इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं को सेंटर से बाहर भेजा जाता था। वहां हेयर ड्रायर की मदद से उत्तर पुस्तिकाओं से स्याही मिटाई जाती है। इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं पर सही जवाब लिखकर उन्हें दोबारा सेंटर पर भेजा जाता है। 2. ऑनलाइन भी रुपए लेते थे कर्मचारी MBBS एग्जाम घोटाले में अब तक की जांच में पता चला है कि ये कर्मचारी एमबीबीएस के अलावा एनईईटी-यूजी और फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में भी स्टूडेंट्स से पैसा लेकर मदद करते थे। इस एग्जाम घोटाले के लिए कर्मचारी स्टूडेंट्स से कैश के अलावा ऑनलाइन बैंकिंग से भी पैसे लेते थे। इसके सबूत भी मिले हैं। दो कर्मचारियों ने स्टूडेंट्स से दो अलग-अलग मामलों में ऑनलाइन पैसा अपने खातों में जमा कराया है। 3. 3 मेंबरी कमेटी करेगी जांच मामले की जांच के लिए तीन मेंबरी कमेटी गठित की गई है। करनाल के कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ एमके गर्ग के नेतृत्व में समिति कल (17 जनवरी) को अपनी जांच शुरू करेगी। सूत्रों ने बताया कि सभी आरोपियों को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया जाएगा। इस घोटाले में परीक्षा के बाद विश्वविद्यालय से उत्तर पुस्तिकाएं चुराना शामिल था। छात्रों ने मूल सामग्री को मिटाने के बाद कथित तौर पर अपने उत्तर फिर से लिखे। उन्होंने लिखने के लिए मिटाने योग्य स्याही-पेन का इस्तेमाल किया और बाद में हेयर ड्रायर का उपयोग करके सामग्री को मिटा दिया गया। 4. दूसरे एग्जाम में भी घोटाले के सबूत मिले हरियाणा के इस एमबीबीएस एग्जाम घोटाले में अब तक की जांच में पता चला है कि ये कर्मचारी एमबीबीएस के अलावा एनईईटी-यूजी और फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में भी स्टूडेंट्स से पैसा लेकर मदद करते थे। 2 कर्मचारी सस्पेंड हो चुके, 3 की सेवाएं रोकीं PGIMS के जनसंपर्क विभाग के इंचार्ज वरुण अरोड़ा ने बताया कि 5-6 दिन पहले कुछ दस्तावेज और वीडियो के साथ शिकायत मिली थी। जिसमें MBBS परीक्षा में कुछ धांधलियों और खामियों को उजागर किया गया था। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कर्मचारी रोशन लाल और रोहित को सस्पेंड कर दिया। वहीं आउटसोर्स कर्मचारी दीपक, इंदू बजाज और रितु की सेवाओं पर रोक लगा दी। यहां पढ़िए इस मामले में कांग्रेस के नेताओं ने क्या कहा? भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक पीजीआईएमएस में एमबीबीएस एग्जाम घोटाले को लेकर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि हरेक काम, हरेक क्षेत्र, हरेक परियोजना और हरेक पेपर में घोटाले करना बीजेपी सरकार की पहचान बन चुकी है। घोटालों की कड़ी में अगला नाम रोहतक विश्वविद्यालय एमबीबीएस पेपर का है। इसे देखकर पता चलता है कि बीजेपी ने प्रदेश के पूरे स्वास्थ्य तंत्र को खोखला बना दिया है। इतने बड़े गड़बड़झाले को देखकर लगता है कि इस घोटाले को अंजाम देने में पूरा तंत्र काम कर रहा था। चंद छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई करके सरकार इस पूरे घोटाले को दबाना चाहती है। जबकि पूरे मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। सुरजेवाला बोले, घोटाला सामने आने के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर सरकार पर सवाल उठाए थे। सुरजेवाला ने लिखा, “अब MBBS का भी पेपर लीक..। भाजपा सरकार ने हरियाणा को अब कुख्यात ‘पेपर लीक फैक्ट्री’ बना दिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में छात्र पर चाकू से हमला:घर में घुस चोर ने की वारदात, 12 हजार रुपए और जरूरी दस्तावेज लेकर फरार हरियाणा के करनाल की शालीमार कॉलोनी में चोरी के दौरान कमरे में सो रहे छात्र पर 2 चोरों ने चाकू से हमला कर दिया। बाद में दोनों चोरों ने छात्र को कमरे में बंद कर दिया और मौके से फरार हो गए। घटना के समय परिवार के अन्य सदस्य छत पर सो रहे थे, छात्र ने अपने मोबाइल टैब से अपनी मौसी को कॉल किया और मौसी ने छात्र के पिता को कॉल कर नीचे कमरे में भेजा। जिसके बाद छात्र को अस्पताल ले जाया गया। उपचार के बाद छात्र को छुट्टी दे दी गई। पीड़ित परिवार ने मामले की शिकायत पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कमरे में सो रहा था छात्र करनाल के हांसी रोड पर स्थित शालीमार कॉलोनी निवासी राम संजीवन पुत्र नरेश कुमार अपने परिवार के सदस्यों के साथ छत पर सोया हुआ था। उसका 17 वर्षीय बेटा शिवा नीचे कमरे में सो रहा था। शिवा 12वीं कक्षा का छात्र है। रविवार की आधी रात दो चोर घर में घुस गए। शिकायतकर्ता राम संजीवन के मुताबिक, चोरों ने उसका पर्स चोरी किया। पर्स में 12 हजार रुपए की नकदी, एटीएम कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, ई-श्रम कार्ड व आधार कार्ड था। जैसे ही चोर लड़के वाले कमरे में घुसे तो लड़के की आंख खुल गई। उसने शोर मचाना चाहा, लेकिन चोरों ने उस पर हमला कर दिया और उसका गला दबा लिया। इसी दौरान उस पर चाकू से वार किया। जिससे थोड़े खून आने भी शुरू हो गए थे। उसके बाद दोनों चोर लड़के को कमरे में बंद करके भाग गए। स्कूल मोबाइल टैब से किया कॉन्टेक्ट छात्र को चाकू लगा हुआ था और वह अपने कमरे में दर्द से कराह रहा था। वह दरवाजा खटखटा रहा था और आवाजें लगा रहा था लेकिन उसकी आवाज उसके घर वालों तक नहीं पहुंच रही थी। तभी उसे याद आया कि उसके पास मोबाइल टैब है, जो उसे स्कूल से मिला हुआ है, उसने मोबाइल टैब उठाया, लेकिन उसमें कॉल करने के लिए बैलेंस ही नहीं था। लिहाजा उसने वॉट्सऐप वीडियो कॉलिंग अपने पिता के नंबर पर की, लेकिन पिता का नंबर बंद था। फिर उसने पड़ोसियों के नंबर पर कॉल किया, लेकिन फोन नहीं उठाया। फिर उसने अपनी बुआ के नंबर पर कॉल किया, क्योंकि उसकी बुआ उस वक्त ऑनलाइन थी। उसने अपनी बुआ को कॉल करके सारी बात बताई और कहा कि वह अपने नंबर से मेरे पापा के पास कॉल करके नीचे भेजे। जिसके बाद बुआ ने कॉल किया और छात्र के पिता नीचे आए। अपने बेटे की हालत देखकर वह हैरान रह गए। आनन फानन में वे अपने बेटे को करनाल के सरकारी अस्पताल में लेकर पहुंचे। जहां उसका उपचार किया गया। पुलिस जुटी जांच में सिटी थाना के जांच अधिकारी जयपाल ने बताया कि शालीमार कालोनी के राम संजीवन ने चोरों द्वारा बेटे पर चाकू से हमला किए जाने और पर्स चोरी करने की शिकायत दी है। शिकायत के आधार पर दोनों चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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नेता विपक्ष न बनने पर भूपेंद्र हुड्डा को झटका:सरकारी कोठी खाली करनी होगी, 15 दिन का टाइम मांगा; BJP मंत्री को पसंद आई
नेता विपक्ष न बनने पर भूपेंद्र हुड्डा को झटका:सरकारी कोठी खाली करनी होगी, 15 दिन का टाइम मांगा; BJP मंत्री को पसंद आई हरियाणा की BJP सरकार ने पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बड़ा झटका दिया है। सरकार ने उन्हें चंडीगढ़ में मिली कोठी नंबर 70 खाली करने के लिए कहा है। हुड्डा ने इसके लिए 15 दिन का टाइम मांगा है। सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक यह कोठी CM नायब सैनी की कैबिनेट में मंत्री विपुल गोयल को पसंद आ गई है। उन्होंने कोठी पर दावा ठोकते हुए इसके लिए आवेदन भी कर दिया है। चूंकि कांग्रेस में खींचतान की वजह से नेता विपक्ष का चुनाव नहीं हो पाया, इसलिए कोठी को लेकर भी उनका दावा कमजोर पड़ गया। अगर वह नेता विपक्ष होते तो कैबिनेट रैंक का दर्जा होने की वजह से उन्हें कोठी खाली नहीं करनी पड़ती। हालांकि, हुड्डा की तरफ से औपचारिक तौर पर इसको लेकर कोई एतराज नहीं जताया गया है। वर्ष 2019 में कांग्रेस की ओर से भूपेंद्र हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष का पद मिला था। नेता प्रतिपक्ष को कैबिनेट रैंक का दर्जा होता है। ऐसे में उन्हें सेक्टर 7 में 70 नंबर कोठी अलॉट की गई थी। इस कोठी में पिछले 5 वर्षों से कांग्रेस की गतिविधियां संचालित हो रही थी। इससे पहले वर्ष 2014 से 2019 तक हुड्डा चंडीगढ़ के सेक्टर 3 स्थित MLA फ्लैट में रहते थे। नए नेता प्रतिपक्ष को मिलेगा नया आवास
हुड्डा के सरकारी आवास खाली करने की स्थिति में नए नेता प्रतिपक्ष को नया आवास दिया जाएगा। कैबिनेट रैंक के तहत चंडीगढ़ के सेक्टर 3, सेक्टर 7, सेक्टर 16 और पंचकूला में सेक्टर 12A में मंत्रियों के लिए आवास बनाए गए हैं। इनमें से किसी भी सेक्टर में नए नेता प्रतिपक्ष को आवास मिल सकता है। हालांकि, अधिकांश मंत्रियों को सेक्टर 3 व सेक्टर 7 की कोठियां ज्यादा पसंद आती हैं, लेकिन मौजूदा समय में सेक्टर 7 की 70 नंबर कोठी को छोड़कर अन्य सभी कोठियां अलॉट हो चुकी हैं। हारे मंत्री भी खाली कर चुके कोठी
सरकार गठन होते ही हारे मंत्रियों ने अपने सरकारी आवास को तुरंत प्रभाव से खाली कर दिया था। तकरीबन सभी मंत्रियों को कोठियां अलॉट हो चुकी हैं। अधिकांश कोठियों में व्यापक स्तर पर मरम्मत का काम चल रहा है। सेक्टर 3 में मुख्यमंत्री आवास के साथ की कोठी वरिष्ठ मंत्री कृष्ण लाल पंवार को अलॉट की गई है। हालांकि वरिष्ठता के क्रम में यह कोठी अनिल विज को अलॉट होनी थी लेकिन उनके मना करने के बाद पंवार को दी गई है। हुड्डा की घोषणा भी उनके काम नहीं आई
भूपेंद्र हुड्डा जब हरियाणा के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने घोषणा की थी जिसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री को प्रदेश में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। उन्हें मंत्रियों को मिलने वाली तमाम सुविधाएं भी मिलेंगी। जब साल 2014 में घोषणा की गई तो इसके दायरे में तब दो ही पूर्व मुख्यमंत्री आते थे। इनमें एक चौधरी ओमप्रकाश चौटाला और दूसरे चौधरी हुकम सिंह थे। ओम प्रकाश चौटाला उस वक्त जेल में थे, इसलिए वह यह सुविधाएं नहीं ले पाए। हुकम सिंह को तब सरकार ने कैबिनेट मंत्री वाली सभी सुविधाएं प्रदान की थी। हुड्डा ने जब यह नियम लागू किया, तब विपक्षी दलों और नेताओं का कहना था कि भूपेंद्र हुड्डा भविष्य में खुद का जुगाड़ कर रहे हैं। हुआ भी ऐसा ही, जब 2014 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस चुनाव हार गई और भाजपा सत्ता में आ गई तो हुड्डा पूर्व मुख्यमंत्री हो गए। हालांकि मनोहर लाल खट्टर की अगुआई में बनी पहली सरकार ने कुछ दिन बाद ही पिछली सरकार यानी मुख्यमंत्री रहते भूपेंद्र हुड्डा का किया फैसला पलट दिया। हरियाणा कांग्रेस में नेता विपक्ष क्यों नहीं बना?…. चुनाव में कांग्रेस 37 सीटों पर सिमटी, पहली बार इतना लंबा इंतजार
हरियाणा में 2005, 2009, 2014 और 2019 में चुनाव रिजल्ट के बाद करीब 15 दिन के अंदर नेता प्रतिपक्ष चुन लिए गए थे। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को आए। जिसमें भाजपा को 48 सीटों के साथ बहुमत मिला जबकि कांग्रेस 37 सीटों पर सिमट गई। जिसके बाद नेता विपक्ष के पद को लेकर घमासान शुरू हो गया। हुड्डा के हक में ज्यादा विधायक, ऑब्जर्वर भी फैसला नहीं ले पाए
रिजल्ट के 10 दिन बाद नेता विपक्ष को लेकर चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग हुई। करीब डेढ़ घंटे चली मीटिंग में ऑब्जर्वर के तौर पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्यसभा सांसद अजय माकन, पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के अलावा छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव शामिल हुए। मीटिंग में ऑब्जर्वरों ने सभी विधायकों से विधायक दल के नेता का नाम फाइनल करने के लिए वन टु वन बातचीत कर उनकी राय जानी। अधिकतर विधायकों ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम ही विधायक दल के नेता के लिए रखा। कुमारी सैलजा गुट के कुछ विधायकों ने नए चेहरे को जिम्मेदारी देने की बात कही। मीटिंग के बाद अशोक गहलोत और अजय माकन ने कहा था, ‘विधायक दल के नेता का चयन हाईकमान करेगा। विधायकों की राय हाईकमान तक पहुंचा दी जाएगी।’ हुड्डा को हार का जिम्मेदार ठहराया जा रहा
2019 में विपक्ष का नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बनाया गया था। हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव में हुई हार के लिए हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ऐसे में सिरसा सांसद कुमारी सैलजा का गुट हुड्डा को फिर विपक्षी दल नेता बनाने का विरोध कर रहा है। इसे देखते हुए कुछ दिन पहले 31 विधायक इकट्ठा कर हुड्डा दिल्ली में अपनी ताकत दिखा चुके हैं।हुड्डा के विरोध की सूरत में उनके गुट से झज्जर की विधायक गीता भुक्कल, थानेसर से अशोक अरोड़ा और सबसे सीनियर विधायक रघुवीर कादियान का नाम भी चर्चा में है। वहीं सैलजा गुट से पंचकूला के विधायक चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया जा रहा है।