हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया आज कैथल में महिलाओं की शिकायतों की सुनवाई करेंगी। जिला परिषद के सभागार में दोपहर 11:30 बजे से यह सुनवाई शुरू होगी। जिसमें पुलिस विभाग और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। महिलाओं की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई महिला आयोग द्वारा आयोजित सुनवाई का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को उनकी समस्याओं को सीधे आयोग के समक्ष रखने का अवसर प्रदान करना है। इस दौरान महिलाओं से जुड़ी विभिन्न शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। कोई भी महिला जिसे किसी प्रकार की समस्या है, वह निर्धारित समय पर सभागार में पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है। समाधान पाने में मिलेगी मदद यह पहल महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हरियाणा राज्य महिला आयोग महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उन्हें न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस तरह की सुनवाई से महिलाओं को अपनी समस्याओं का समाधान पाने में मदद मिलेगी और उनकी आवाज को मजबूती मिलेगी। हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया आज कैथल में महिलाओं की शिकायतों की सुनवाई करेंगी। जिला परिषद के सभागार में दोपहर 11:30 बजे से यह सुनवाई शुरू होगी। जिसमें पुलिस विभाग और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। महिलाओं की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई महिला आयोग द्वारा आयोजित सुनवाई का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को उनकी समस्याओं को सीधे आयोग के समक्ष रखने का अवसर प्रदान करना है। इस दौरान महिलाओं से जुड़ी विभिन्न शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। कोई भी महिला जिसे किसी प्रकार की समस्या है, वह निर्धारित समय पर सभागार में पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है। समाधान पाने में मिलेगी मदद यह पहल महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हरियाणा राज्य महिला आयोग महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उन्हें न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस तरह की सुनवाई से महिलाओं को अपनी समस्याओं का समाधान पाने में मदद मिलेगी और उनकी आवाज को मजबूती मिलेगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा के पदाधिकारी नियुक्त:केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान प्रदेश प्रभारी, पूर्व CM बिप्लब देब को सह प्रभारी बनाया हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा के पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं। जिसके तहत केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को प्रदेश चुनाव प्रभारी और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद बिप्लब कुमार देब को प्रदेश चुनाव सह प्रभारी बनाया गया है। सोमवार को जारी पत्र में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विधानसभा चुनाव को लेकर हरियाणा सहित 4 प्रदेशों के प्रदेश चुनाव प्रभारी व प्रदेश चुनाव सह प्रभारी नियुक्त किए हैं। इसके तहत हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड व जम्मू एवं कश्मीर के लिए संगठनात्मक नियुक्ति की गई हैं। विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा
विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा तैयारियों में जुटी है। इसके तहत संगठनात्क की नियुक्ति की गई। वहीं भाजपा द्वारा मीटिंगों का दौर भी जारी है। आपको बता दें कि, लोकसभा चुनाव में भाजपा को 5 सीटें मिली हैं, इसके बाद भाजपा निरंतर विधानसभा चुनाव की रणनीति में जुट गई है। इधर, दूसरी पार्टियां भी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी में जुटी हैं।
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सोनीपत में इलेक्ट्रॉनिक्स शोरूम के बाहर चलाई गोली:पिस्तौल तान दुकानदार से मांगी कार-बाइक की चाबी; हवाई फायर कर फरार हरियाणा के सोनीपत मे बाइक पर आए बदमाशों ने एक इलेक्ट्रॉनिक्स शोरूम के बाहर हवाई फायर किया। इससे पहले उन्होंने दुकानदार पर पिस्तौल तान कर कहा कि वह अपनी बाइक व कार की चाबी दे दें। दुकानदार ने बस में आने की बात कही तो वे गुस्सा गए और दुकान के बाहर खड़ा होकर हवा में गोली चलाई। पुलिस ने वारदात को लेकर थाना बहालगढ़ में केस दर्ज कर लिया है। छानबीन जारी है। सोनीपत के गांव भटगांव के रहने वाले संदीप दहिया ने बताया कि उसका बहालगढ़ में खेवड़ा रोड पर अमर ज्वाला इलेक्ट्रॉनिक्स के नाम से एक शोरूम है। रात को करीब 10 बजे वह अपनी दुकान में काउंटर पर बैठा था। साथी दीपक दुकान के अंदर सामान रख रहा था। उसी समय दो युवक बाइक पर वहां पहुंचे। उन्होंने मुंह पर काले रंग का मास्क व काले रंग का टोपा पहना था। काले रंग की ही जैकेट व पेंट पहने हुए थे। उसने बताया कि दोनों में से एक युवक उसकी दुकान के अन्दर आ गया। दूसरा बाइक लेकर दुकान के सामने रोड पर खड़ा रहा। दुकान में आए युवक ने उसे पिस्तौल दिखाकर कहा कि अपनी मोटरसाइकिल या कार की चाबी दो। इस पर उसने कहा कि मेरे पास कार व मोटरसाइकिल नही है। मैं तो बस से आता जाता हूं। इस पर युवक उसे गुस्से मे गोली मारने की धमकी देता हुआ अपने साथी के पास रोड पर चला गया। वहां जाकर उसने अपने हाथ मे ली हुई पिस्तौल को लहराते हुए हवा में गोली चलाई। दुकानदार ने बताया कि इसके बाद वे दोनों युवक मोटरसाइकिल पर वहां से चले गए। इस घटना के बाद से वह बुरी तरह से डर गया। मामले में पुलिस को शिकायत दी गई। थाना बहालगढ़ के ASI सुरजीत के अनुसार पुलिस ने संदीप की शिकायत पर धारा 287, 3(5), 351(2) BNS 25.54.59 आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। सीसीटीवी से युवकों की पहचान के प्रयास हो रहे हैं।
पेंशन के इंतजार में स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी का निधन:हरियाणा में 12 साल तक लड़ीं, नाम में गड़बड़ी; कोर्ट से तारीख पर तारीख मिली
पेंशन के इंतजार में स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी का निधन:हरियाणा में 12 साल तक लड़ीं, नाम में गड़बड़ी; कोर्ट से तारीख पर तारीख मिली हरियाणा के महेंद्रगढ़ में अपने स्वतंत्रता सेनानी पति की पेंशन का इंतजार करते-करते बुजुर्ग महिला का निधन हो गया। महिला ने पेंशन पाने के लिए कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से भी केवल तारीख ही मिली। अब अगली तारीख 13 दिसंबर है, जब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है। हालांकि, इस सुनवाई को देखने और फैसला सुनने के लिए अब वह बुजुर्ग महिला दुनिया में नहीं है। दिवंगत बुजुर्ग महिला के परिजन बताते हैं कि नाम और उपनाम में गड़बड़ी होने के कारण उन्हें पति की पेंशन नहीं मिल पाई। इसके लिए उन्होंने करीब 12 साल तक इंतजार किया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ लड़े थे सुल्तान राम
बुजुर्ग महिला का नाम बर्फी देवी था। वह महेंद्रगढ़ के नांगल चौधरी में सिलारपुर गांव की रहने वाली थीं। उनके पति का नाम सुल्तान राम था, जो एक स्वतंत्रता सेनानी थे। बर्फी देवी की बेटियां सुमित्रा देवी और ज्ञान देवी बताती हैं कि उनके पिता सुल्तान राम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ लड़े थे। उन्होंने बताया कि सन 1942 में पिता सुल्तान राम आजाद हिंद फौज का हिस्सा बने। इसके बाद 1944 में उन्हें फ्रांस में बंदी बना लिया गया। इस दौरान उन्होंने करीब साढ़े 3 साल फ्रांस की जेल में ही काटे। वहां देश की आजादी के लिए यातनाएं सहीं। इसके बाद देश आजाद होने के साथ ही 1947 में वह जेल से बाहर आ गए। 1972 में मिला स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा
सुमित्रा और ज्ञान देवी ने बताया कि सुल्तान राम को 1972 में स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा मिला। इसके बाद लगातार उन्हें राज्य सरकार से पेंशन मिलती रही। जब 2011 में उनकी मौत हुई तब भी राज्य सरकार की ओर से उन्हें पेंशन मिलती रही, लेकिन केंद्र से मिलने वाली पेंशन शुरू नहीं की गई। दरअसल, सुल्तान राम का जीवन प्रमाण पत्र अपडेट नहीं हुआ था। जब उनकी पत्नी बर्फी देवी ने केंद्र में पेंशन के लिए अप्लाई किया तो वहां नाम और उपनाम की दिक्कत सामने आई। वहां बताया गया कि अलग-अलग प्रमाण पत्रों में बर्फी देवी का नाम बर्फी देवी और बरफी देवी है। पेंशन के लिए अदालत पहुंची बर्फी देवी
वहीं, सुल्तान राम का नाम भी पैन कार्ड और बैंक पासबुक में सुल्तान सिंह और सुल्तान राम है। इस कारण केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से हरियाणा सरकार से बर्फी देवी के नाम और पहचान से जुड़ी जानकारियां मांगी गईं। तब महेंद्रगढ़ के तत्कालीन उपायुक्त (DC) ने ये जानकारियां गृह मंत्रालय को उपलब्ध कराईं। हालांकि, इसके बाद भी बर्फी देवी को उनके स्वतंत्रता सेनानी पति सुल्तान राम की पेंशन नहीं दी। इसके लिए बर्फी देवी ने सालों इंतजार किया। अंत में बर्फी देवी अदालत की चौखट पर पहुंचीं। उन्होंने साल 2023 में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की और पति की पेंशन बहाल करने की गुहार लगाई। कोर्ट ने केंद्र सरकार पर जुर्माना लगाया
कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी। हालांकि, केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को भी दरकिनार करते हुए मामले की रिपोर्ट नहीं सौंपी। इसके बाद हाईकोर्ट ने अप्रैल 2024 में केंद्र सरकार पर 15 हजार का जुर्माना लगाया। इसके बाद भी जब केंद्र से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला तो कोर्ट ने 24 जुलाई 2024 को अगली सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार पर 25 हजार का जुर्माना लगाया। जुर्माना लगने के बाद भी केंद्र सरकार ने बर्फी देवी की पेंशन शुरू नहीं की। अब 9 नवंबर 2024 को बर्फी देवी का निधन हो चुका है। बेटी बोली- मुद्दे से भावनात्मक रूप से जुड़ी थी मां
सुल्तान सिंह की पेंशन लेने के लिए न तो खुद सुल्तान राम रहे और न ही अब उनकी पत्नी बर्फी देवी रहीं। अब उनके 2 बेटे और 2 बेटियां हैं। सुल्तान राम के बड़े बेटे रंजीत सिंह हैं जो आर्मी में हैं। वहीं, छोटे बेटे रामचंद्र सिंह हैं, जो नारनौल में ही रजिस्ट्री क्लर्क थे। वहीं, दोनों बेटियों सुमित्रा देवी और ज्ञान देवी की भी शादी हो चुकी है और वे चंडीगढ़ में रहती हैं। अब इस पेंशन मामले में अगली सुनवाई 13 दिसंबर को होनी है। सुमित्रा देवी और ज्ञान देवी का कहना है कि उनकी मां इस मुद्दे से भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई थीं, क्योंकि उन्हें अपने उस पति की पेंशन नहीं मिल पा रही थी, जिसने इस देश की आजादी में अपना योगदान दिया। जबकि, उनके पास पूरे दस्तावेज थे। केंद्र सरकार की ओर से उनकी अनदेखी की गई। उन्होंने कहा कि गांव में जब दस्तावेज बनाए जाते हैं, तब इस तरह की वर्तनी की गलतियां अक्सर हो जाती हैं। यहां लोग इतने शिक्षित नहीं होते। वे समझ नहीं पाते कि क्या सही है और क्या गलत। इस पर ध्यान देना चाहिए। गृह मंत्रालय को भेजे संदेशों का रिकॉर्ड सुरक्षित
वहीं, इस मामले में बर्फी देवी के वकील रहे रविंद्र ढुल ने बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट के सामने बर्फी देवी का मामला रखा। पिछले साल यह मामला दायर किया गया था। महत्वपूर्ण बात यह है कि परिवार ने पिछले कुछ वर्षों में गृह मंत्रालय को भेजे गए संदेशों का एक बड़ा रिकॉर्ड भी संभाल कर रखा हुआ है।