हिमाचल प्रदेश के मंडी में वन भूमि की मंजूरी से जुड़े मामलों को लेकर डीसी अपूर्व देवगन ने अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के तहत लंबित 81 मामलों की समीक्षा की गई। वन क्षेत्र मंडी में परिवेश 2.0 में 2022 से अब तक 19 मामले दर्ज किए गए। वहीं परिवेश 1.0 में 2012 से 2022 तक 53 मामले और कोर्ट परिसरों के निर्माण के 9 मामले फॉरेस्ट क्लियरेंस के लिए दर्ज हैं। बैठक के दौरान डीसी अपूर्व ने यूजर एजेंसियों के साथ प्रत्येक मामले की बारीकी से जांच की और लंबित होने के कारणों की जानकारी ली। डीसी ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए मामलों का शीघ्र निपटारा करने के निर्देश देते हुए कहा कि लापरवाह अधिकारियों की शिकायत उच्च अधिकारियों से की जाएगी। 121 एफआरए मामलों को मिली स्वीकृति पिछले एक वर्ष की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए डीसी ने बताया कि मंडी वन वृत में एफआरए के 132 में से 121 मामलों को स्वीकृति दी गई है। अधिकांश मामले लोक निर्माण, जल शक्ति, शिक्षा और ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित थे। एक हेक्टेयर से कम वन भूमि के मामलों का निपटारा वृत स्तर पर किया जाता है। इससे अधिक भूमि के मामलों को एफसीए के तहत केंद्र सरकार को भेजा जाता है। पेयजल योजनाओं को मिली मंजूरी बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि सलापड़-तत्तापानी सड़क को जल्द ही पर्यावरण विभाग से मंजूरी मिलने की संभावना है। साथ ही, थूनाग मंडल की दो महत्वपूर्ण पेयजल योजनाओं – जंजैहली और ग्राम पंचायत सिराज व बालीचौकी ब्लॉक को परिवेश पोर्टल पर अंतिम मंजूरी मिल गई है। हिमाचल प्रदेश के मंडी में वन भूमि की मंजूरी से जुड़े मामलों को लेकर डीसी अपूर्व देवगन ने अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के तहत लंबित 81 मामलों की समीक्षा की गई। वन क्षेत्र मंडी में परिवेश 2.0 में 2022 से अब तक 19 मामले दर्ज किए गए। वहीं परिवेश 1.0 में 2012 से 2022 तक 53 मामले और कोर्ट परिसरों के निर्माण के 9 मामले फॉरेस्ट क्लियरेंस के लिए दर्ज हैं। बैठक के दौरान डीसी अपूर्व ने यूजर एजेंसियों के साथ प्रत्येक मामले की बारीकी से जांच की और लंबित होने के कारणों की जानकारी ली। डीसी ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए मामलों का शीघ्र निपटारा करने के निर्देश देते हुए कहा कि लापरवाह अधिकारियों की शिकायत उच्च अधिकारियों से की जाएगी। 121 एफआरए मामलों को मिली स्वीकृति पिछले एक वर्ष की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए डीसी ने बताया कि मंडी वन वृत में एफआरए के 132 में से 121 मामलों को स्वीकृति दी गई है। अधिकांश मामले लोक निर्माण, जल शक्ति, शिक्षा और ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित थे। एक हेक्टेयर से कम वन भूमि के मामलों का निपटारा वृत स्तर पर किया जाता है। इससे अधिक भूमि के मामलों को एफसीए के तहत केंद्र सरकार को भेजा जाता है। पेयजल योजनाओं को मिली मंजूरी बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि सलापड़-तत्तापानी सड़क को जल्द ही पर्यावरण विभाग से मंजूरी मिलने की संभावना है। साथ ही, थूनाग मंडल की दो महत्वपूर्ण पेयजल योजनाओं – जंजैहली और ग्राम पंचायत सिराज व बालीचौकी ब्लॉक को परिवेश पोर्टल पर अंतिम मंजूरी मिल गई है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल सचिवालय कर्मचारियों आम सभा स्थगित:CMO ने वार्ता को बुलाए; DA-एरियर नहीं मिलने से कर्मचारी नाराज, सरकार को घेरने की थी तैयारी हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारियों ने आज राज्य सरकार को घेरने की रणनीति बनाने को आम सभा बुलाई थी। मगर सचिवालय कर्मचारियों ने देर शाम इसे स्थगित करने का निर्णय लिया है, क्योंकि मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने इन्हें जल्द मीटिंग के लिए बुलाने का भरोसा दिया है। बता दें कि साल 2016 से लंबित पड़े नए वेतनमान का एरियर और महंगाई भत्ता (DA) नहीं मिलने से कर्मचारी नाराज है। इसके विरोध में बीते अगस्त माह में सचिवालय के बाहर कर्मचारी प्रदर्शन कर चुके हैं। तब कर्मचारियों ने राज्य सरकार के कुछ मंत्रियों को भी खरी-खोटी सुनाई और कहा कि सरकार पर फिजूलखर्ची के आरोप जड़े। कर्मचारियों ने बताया कि कि सरकार दफ्तरों व सरकारी रैजिडेंस की मरम्मत पर किस प्रकार करोड़ों रुपए खर्च रही हैं। ब्यूरोक्रेट और नेताओं को लाखों की गाड़ियां दी जा रही है, जिनकी दुरुपयोग किया जा रहा है। इस बीच TCP मंत्री राजेश धर्माणी ने कर्मचारियों को लेकर एक बयान दिया। जिस पर कर्मचारी भड़क उठे। कर्मचारियों ने धर्माणी पर जनसभा में तीखे हमले किए। मंत्री के विशेषाधिकार नोटिस से नाराज मंत्री राजेश धर्माणी ने कर्मचारियों नेताओं को विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजा। इससे कर्मचारी भड़क गए हैं और सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाने की तैयारी में है। इसी मकसद से आज इन्होंने सचिवालय परिसर में कर्मचारियों की आम सभा बुलाई थी। मगर CMO से कर्मचारियों को 3-4 दिन के भीतर मीटिंग के लिए बुलाने का संदेश मिला है। इससे पहले मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर ने भी इन कर्मचारियों के साथ मीटिंग की है और इनकी मांगों को लेकर सहानुभूतिपूर्वक विचार विमर्श का भरोसा दिया है। एरियर-डीए नहीं मिलने पर भड़के सचिवालय कर्मचारी दरअसल, हिमाचल के कर्मचारी और पेंशनर उम्मीद कर रहे थे कि मुख्यमंत्री सुक्खू 15 अगस्त को एरियर और डीए के भुगतान का ऐलान करेंगे। सरकार पर पास कर्मचारी और पेंशनर का लगभग 10 हजार करोड़ रुपए बकाया है। मगर सीएम ने 15 अगस्त को 75 साल या इससे अधिक आयु वाले पेंशनर को उनकी लंबित राशि के भुगतान का तो ऐलान कर दिया, लेकिन कर्मचारियों को कुछ नहीं दिया। इससे सचिवालय कर्मचारी भड़क उठे और 21 व 23 अगस्त को सचिवालय में आम सभा करके सरकार पर तीखे हमले किए। 4 किश्त DA, जनवरी 2016 से वेतनमान का एरियर ड्यू वित्तीय संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार पर कर्मचारियों की देनदारी लगातार बढ़ती जा रही है। प्रदेश सरकार को डीए की 3 किस्त देनी है। जिसमें पहली किस्त 1 जनवरी 2023, दूसरी 1 जुलाई 2023, तीसरी किस्त 1 जनवरी 2024 और अब 1 जुलाई 2024 से चौथी किस्त भी देय हो गई है। इसी तरह जनवरी 2016 से दिए गए नए व छठे वेतनमान का संशोधित एरियर भी नहीं मिला है। CMO से मिला मीटिंग का निमंत्रण: संजीव हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय से उन्हें तीन-चार दिन के भीतर मीटिंग के लिए बुलाने का भरोसा दिया है। इसे देखते हुए उन्होंने आज की आम सभा को स्थगित किया है।
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हिमाचल CM पर ED के बहाने नेता-प्रतिपक्ष का हमला:बोले-भ्रष्टाचार की जांच मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंची; ED द्वारा गिरफ्तार आरोपी से मुख्यमंत्री का रिश्ता पूछा हिमाचल के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू पर कई सवाल दागे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुख्यमंत्री के नादौन हलके से 2 क्रशर व्यापारियों को गिरफ़्तार किया है। उन्होंने कहा, प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने गिरफ्तार किए व्यापारियों से क्या संबंध है। मुख्यमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा, यह मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा से जुड़ा प्रश्न है। क्या यह एक संयोग है या प्रयोग कि सरकार के चाहे मंत्री हो या CPS सबके पास क्रशर है और सब पर खनन के जरिए भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। उन्होंने कहा, हम पहले दिन से कह रहे हैं कि प्रदेश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। इसमें खनन माफिया सरकार के संरक्षण में खूब फल फूल रहा है। जिसे सरकार के करीबियों और मुख्यमंत्री द्वारा हंसी में उड़ाया जा रहा था। आज वह सच साबित हुआ। जयराम ने कहा, भ्रष्टाचार की जांच की आंच अब सीएम के करीबियों, सीएम ऑफिस से होती हुई सीएम तक पहुंच गई हैं। उन्होंने कहा, पिछले साल आई आपदा के दौरान प्रदेश के ब्यास बेसिन के सारे क्रशर बंद कर दिए गए थे। मगर ईडी द्वारा गिरफ्तार आरोपी का क्रशर नादौन और हमीरपुर क्षेत्र में चलता रहा। उन्होंने कहा, सरकार की इस मेहरबानी से जहां क्रशर व्यापारी ने अरबों रुपए अंदर किए तो वहीं आपदा के समय प्रदेशवासियों को रेता बजरी के लिए तरसना पड़ा। अपना सब कुछ गंवा चुके लोगों को 5 गुना महंगे दामों पर रेत- बजरी जैसी महत्वपूर्ण चीजें खरीदनी पड़ी। सरकार की इस नाकामी या भ्रष्टाचार की वजह से प्रदेश के लोगों को आपदा से मिले जख्म और गहरे हो गए। जयराम बोले- आरोपी का सीएम की गाड़ी में घूमना संयोग या प्रयोग जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस आरोपी को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है,उनमें से एक आरोपी बीते दिनों मुख्यमंत्री की कार में बैठकर मुख्यमंत्री कार्यालय आया था। उन्होंने कहा गिरफ्तार आरोपी का मुख्यमंत्री की गाड़ी में घूमना और उनके ऑफिस में भी आना-जाना क्या महज संयोग था या प्रयोग।