पंजाब के लुधियाना में धड़ल्ले से बन रहे होटलों को निगम सील कर रहा है। इसकी वजह यह है कि इन होटलों में पार्किंग की सुविधा नहीं है। होटलों के पास पार्किंग न होने से पैदल चलने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि सार्वजनिक यातायात व्यवस्था भी बाधित होती है। शहर के कुल 220 होटलों का सील होना लगभग तय है। हाईकोर्ट ने होटल मालिकों को लगाई फटकार इस मामले में हाईकोर्ट ने होटल मालिकों को साफ तौर पर फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक होटल मालिक पार्किंग की व्यवस्था नहीं कर लेते, उन्हें कोई राहत नहीं दी जाएगी। होटलों को सील करने की कार्रवाई रोकने की मांग को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। केस में अगली सुनवाई 27 जनवरी को लुधियाना निवासी रोहित सभ्रवाल ने लुधियाना में होटलों द्वारा बिल्डिंग बायलॉज के उल्लंघन का मुद्दा उठाते हुए जनहित याचिका दायर की है। याचिका की सुनवाई के दौरान होटल एसोसिएशन ने मामले में पक्षकार बनने के लिए आवेदन किया लेकिन कोर्ट ने आवेदन पर कोई फैसला नहीं लिया। होटल मालिकों ने कहा कि वे पार्किंग की व्यवस्था कर देंगे लेकिन होटल को सील करने की निगम की कार्रवाई रोकी जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक पार्किंग की व्यवस्था नहीं की जाती, तब तक उन्हें हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिलेगी। इस मामले में अगली सुनवाई 27 जनवरी को है। याचिका में थी 109 होटलों की सूची, बढ़ा कर 220 हुई याचिका में अदालत को बताया गया है कि होटलों के निर्माण के लिए कुछ तय प्रावधान हैं और इसके लिए पहले मंजूरी के साथ ही बिल्डिंग में कुछ विशेष प्रावधान व मंजूरियां जरूरी है। शहरी होटलों में इनका पालन नहीं किया जा रहा। याचिकाकर्ता रोहित सभ्रवाल ने बताया कि कुल 109 होटलों की सूची अदालत को सौंपी थी जिस पर हाईकोर्ट ने सरकार को भी फटकार लगाई थी। शहर में सर्वे हुआ जिसके बाद कई और होटलों के नाम भी अदालत के आदेशों के बाद इसमें कई अन्य होटलों के नाम भी सूची में शामिल किए गए। इसके बाद अब होटलों की संख्या 220 हो गई है। पंजाब के लुधियाना में धड़ल्ले से बन रहे होटलों को निगम सील कर रहा है। इसकी वजह यह है कि इन होटलों में पार्किंग की सुविधा नहीं है। होटलों के पास पार्किंग न होने से पैदल चलने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि सार्वजनिक यातायात व्यवस्था भी बाधित होती है। शहर के कुल 220 होटलों का सील होना लगभग तय है। हाईकोर्ट ने होटल मालिकों को लगाई फटकार इस मामले में हाईकोर्ट ने होटल मालिकों को साफ तौर पर फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक होटल मालिक पार्किंग की व्यवस्था नहीं कर लेते, उन्हें कोई राहत नहीं दी जाएगी। होटलों को सील करने की कार्रवाई रोकने की मांग को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। केस में अगली सुनवाई 27 जनवरी को लुधियाना निवासी रोहित सभ्रवाल ने लुधियाना में होटलों द्वारा बिल्डिंग बायलॉज के उल्लंघन का मुद्दा उठाते हुए जनहित याचिका दायर की है। याचिका की सुनवाई के दौरान होटल एसोसिएशन ने मामले में पक्षकार बनने के लिए आवेदन किया लेकिन कोर्ट ने आवेदन पर कोई फैसला नहीं लिया। होटल मालिकों ने कहा कि वे पार्किंग की व्यवस्था कर देंगे लेकिन होटल को सील करने की निगम की कार्रवाई रोकी जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक पार्किंग की व्यवस्था नहीं की जाती, तब तक उन्हें हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिलेगी। इस मामले में अगली सुनवाई 27 जनवरी को है। याचिका में थी 109 होटलों की सूची, बढ़ा कर 220 हुई याचिका में अदालत को बताया गया है कि होटलों के निर्माण के लिए कुछ तय प्रावधान हैं और इसके लिए पहले मंजूरी के साथ ही बिल्डिंग में कुछ विशेष प्रावधान व मंजूरियां जरूरी है। शहरी होटलों में इनका पालन नहीं किया जा रहा। याचिकाकर्ता रोहित सभ्रवाल ने बताया कि कुल 109 होटलों की सूची अदालत को सौंपी थी जिस पर हाईकोर्ट ने सरकार को भी फटकार लगाई थी। शहर में सर्वे हुआ जिसके बाद कई और होटलों के नाम भी अदालत के आदेशों के बाद इसमें कई अन्य होटलों के नाम भी सूची में शामिल किए गए। इसके बाद अब होटलों की संख्या 220 हो गई है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ में आज से किसानों का पक्का मोर्चा:बीकेयू की अगुवाई जुटेंगे किसान, खेती नीति समेत 8 मुद्दे उठाएंगे भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) और पंजाब खेत मजदूर यूनियन की तरफ से आज (रविवार) से चंडीगढ़ में मोर्चा लगाया जा रहा है। खेती नीति, किसानों की कर्ज माफी समेत 8 मांगों को लेकर वह प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन 5 सितंबर तक चलेगा। किसान दोपहर 12 बजे तक वहां पर पहुंच जाएंगे। यूनियन के प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां और महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा कि ने कहा यह बड़ा प्रदर्शन है। चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से किसानों को सेक्टर 34 दशहरा मैदान प्रदर्शन की मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि किसान अब पीछे हटने वाले नहीं है। दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्च की तरफ 2 सितंबर को किसान पंचायत रखी गई है। 5 सितंबर को मीटिंग कर तय की जाएगी रणनीति किसान नेताओं ने बताया कि 2 सितंबर को पंजाब विधानसभा का मानसून सेशन शुरू होगा। ऐसे में यूनियन की तरफ से सरकार को मांग पत्र सौंपा जाएगा। इसके बाद सेशन के दौरान देखा जाएगा कि सरकार की तरफ से क्या फैसला लिया गया। 4 सितंबर को सेशन संपन्न होगा। इसके बाद 5 सितंबर को यूनियन की मीटिंग होंगी। इसमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी। प्रदर्शन में किसान अपने परिवारों सहित शामिल होंगे। किसान नेताओं ने बताया कि वह गत डेढ़ साल से खेती नीति बनाने की मांग लगातार कर रहे हैं। लेकिन सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं की जा रही है। खेती नीति बनाने के लिए गठित कमेटी की तरफ से पिछले साल अक्तूबर महीने रिपोर्ट बनाकर को सरकार को सौंप दी थी। लेकिन सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। यह सरकार की किसान मजदूर विरोधी और कॉरपोरेट घराने, जगीरदारों व रसूखदार पक्षीय नीयत व नीति का रिजल्ट है। संयुक्त किसान मोर्चा भी सेक्टर-34 में जुटेगा संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ से चंडीगढ़ में 2 सितंबर यानी की सोमवार को किसान महापंचायत बुलाई है। मोर्चे के नेताओं का कहना है कि उन्हें भी सेक्टर-34 में जगह मिलेगी। काफी समय बाद चंडीगढ़ में अनुमति मिली है। उन्होंने कहा कि रविवार को महा पंचायत के लिए तैयारियां पूरी कर ली जाएगी। किसान नेताओं का काफी समय के बाद चंडीगढ़ में प्रशासन ने अनुमति दी है। ऐसे में सभी किसानों को को वहां पहुंचना चाहिए।
बंटवारे में पाकिस्तान छोड़ पंजाब आए मनमोहन सिंह:पौने 16 करोड़ की प्रॉपर्टी; PU में प्रोफेसर रहे, दोस्त के कहने पर दे दिया IISER
बंटवारे में पाकिस्तान छोड़ पंजाब आए मनमोहन सिंह:पौने 16 करोड़ की प्रॉपर्टी; PU में प्रोफेसर रहे, दोस्त के कहने पर दे दिया IISER देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने गुरुवार रात दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने वाले वह पहले सिख नेता थे। डॉ. मनमोहन सिंह का पंजाब और चंडीगढ़ से गहरा नाता रहा। उनका जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब के गाह गांव में हुआ, जो आज पाकिस्तान का हिस्सा है। वर्ष 1947 में जब देश का बंटवारा हुआ तो मनमोहन सिंह अपने परिवार के साथ पाकिस्तान छोड़कर भारत आ गए। उस समय उनकी उम्र 15 साल के आसपास थी। भारत आने के बाद उनका परिवार अमृतसर में बस गया। मनमोहन सिंह ने अपनी शुरुआती पढ़ाई अमृतसर में ही। बाद में उन्होंने चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) में प्रोफेसर के रूप में सेवाएं दीं। पंजाब ने जब चंडीगढ़ के पास मुल्लांपुर में न्यू चंडीगढ़ बसाना शुरू किया तो मनमोहन सिंह ने ही वहां की मेडिसिटी में होमी भाभा कैंसर अस्पताल का नींव पत्थर रखा। वह न्यू चंडीगढ़ का पहला बड़ा सरकारी प्रोजेक्ट था। सरल स्वभाव के धनी मनमोहन सिंह ने एक पुराने दोस्त के आग्रह पर पंजाब को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) जैसा बड़ा प्रोजेक्ट भी दे दिया। डॉ. मनमोहन सिंह के पंजाब से जुड़े 3 PHOTOS… पौने 16 करोड़ की प्रॉपर्टी, कोई कर्ज नहीं
विनम्र स्वभाव और शालीनता के लिए मशहूर मनमोहन सिंह कुल 6 बार राज्यसभा के सांसद रहे। वह आखिरी बार वर्ष 2019 में राजस्थान से राज्यसभा सांसद चुने गए। राज्यसभा में दिए एफिडेविट के मुताबिक मनमोहन सिंह के पास कुल 15 करोड़ 77 लाख रुपए की प्रॉपर्टी है। उनके पास दिल्ली और चंडीगढ़ में एक-एक मकान भी है। एफिडेविट के मुताबिक, मनमोहन सिंह कोई कर्ज नहीं था। उनके परिवार में पत्नी गुरशरण कौर के अलावा 3 बेटियां हैं। दोस्त के कहने पर पंजाब को दिया IISER प्रोजेक्ट
पंजाब के मोहाली में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) बना हुआ है। पंजाब को यह इंस्टीट्यूट मिलने के पीछे भी दिलचस्प कहानी है। दरअसल, वर्ष 2004 में मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री बने तो उनके दोस्त डॉ. केसर सिंह ने उन्हें एक लेटर लिखा। केसर सिंह ने लेटर में पंजाब में IISER स्थापित करने का आग्रह किया। डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने दोस्त का अनुरोध मान लिया। उन्होंने पंजाब को IISER देते हुए शर्त लगाई कि यह इंस्टीट्यूट मोहाली में ही बनाया जाए, क्योंकि यहां एयर कनेक्टिविटी अच्छी है। इसलिए, इसका लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल पाएगा। वर्ष 2007 में मोहाली के सेक्टर-81 में IISER बनकर तैयार हो गया। पंजाब ने न्यू चंडीगढ़ बसाया तो पहला सरकारी प्रोजेक्ट दिया
मनमोहन सिंह को पंजाब, खासकर चंडीगढ़ से खासा लगाव था। वर्ष 2007 के पंजाब विधानसभा चुनाव में अकाली-भाजपा गठबंधन को बहुमत मिला और प्रकाश सिंह बादल की अगुआई में सरकार बनी। वर्ष 2012 के पंजाब विधानसभा चुनाव में अकाली-भाजपा गठबंधन ने सरकार रिपीट की। चूंकि, चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश है इसलिए उसी दौरान पंजाब सरकार ने चंडीगढ़ के पास मुल्लांपुर इलाके में न्यू चंडीगढ़ के नाम से नया शहर बसाने की प्लानिंग की। यह काफी महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट था और इसकी मॉनिटरिंग पंजाब के तत्कालीन डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल खुद कर रहे थे। अकाली-भाजपा सरकार ने जब तत्कालीन केंद्र सरकार से इस नए शहर के लिए बड़ा प्रोजेक्ट मांगा तो 30 दिसंबर, 2013 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह खुद न्यू चंडीगढ़ में होमी भाभा कैंसर अस्पताल का शुभारंभ करने पहुंचे थे। उस समय यह न्यू चंडीगढ़ का पहला बड़ा सरकारी प्रोजेक्ट था।
जालंधर उपचुनाव- BSP ने जारी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट:UP की पूर्व CM मायावती समेत 32 वरिष्ठ नेता करेंगे प्रचार
जालंधर उपचुनाव- BSP ने जारी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट:UP की पूर्व CM मायावती समेत 32 वरिष्ठ नेता करेंगे प्रचार पंजाब के जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं। भाजपा ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची पहले ही जारी कर दी थी। अब इसी क्रम में बहुजन समाज पार्टी ने भी स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। प्रदेश अध्यक्ष सरदार जसवीर सिंह ने बताया कि जालंधर विधानसभा पश्चिम और उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग को 32 स्टार प्रचारकों की सूची भेजी गई है। इसमें मुख्य रूप से बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री कुमारी मायावती, बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद, केंद्रीय संयोजक रणधीर सिंह बेनीवाल समेत 32 लोगों के नाम शामिल हैं। जसवीर बोले- कांग्रेस और आप दलितों को कर रही हैं गुमराह बसपा पंजाब प्रधान जसबीर सिंह ने कहा- कांग्रेस और आप पार्टी के अखिल भारतीय गठबंधन के जरिए संविधान बचाने के मुद्दे पर देश के दलित पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग को गुमराह कर रही हैं। कमजोर वर्गों के वोट तो हासिल कर लिए गए हैं, लेकिन कमजोर वर्गों के संवैधानिक अधिकारों की हमेशा अनदेखी की गई है। आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी भी दलितों को कमजोर करने में लगी हुई हैं। बहुजन समाज पार्टी जालंधर पश्चिम विधानसभा उपचुनाव में विपक्ष को सबक सिखाएगी। पढ़ें बसपा द्वारा जारी की गई स्टार प्रचारकों की सूची….