प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा चूक मामला:3 साल बाद IPC धारा 307 जोड़ी गई; 25 किसानों के खिलाफ अरेस्ट वारंट हुए जारी

प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा चूक मामला:3 साल बाद IPC धारा 307 जोड़ी गई; 25 किसानों के खिलाफ अरेस्ट वारंट हुए जारी

5 जनवरी 2022 को फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान हुई सुरक्षा चूक का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। फिरोजपुर जिले के भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) और क्रांतिकारी पेंडू मजदूर यूनियन के 25 सदस्यों के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। दरअसल, 3 साल पुराने मामले में अब पुलिस ने IPC की धारा 307, 353, 341, 186, 149 और नेशनल हाईवे एक्ट की धारा 8-बी को जोड़ दिया है। प्रधानमंत्री उस दिन फिरोजपुर में एक रैली को संबोधित करने वाले थे और शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि देने के लिए हुसैनीवाला जा रहे थे। पहले उन्हें हेलिकॉप्टर से जाना था, लेकिन अचानक उनके रूट में बदलाव किया गया और उन्हें सड़क मार्ग से ले जाया गया। लेकिन पियाराना फ्लाईओवर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा रास्ता रोकने के कारण उन्हें कार्यक्रम रद्द कर दिल्ली वापस लौटना पड़ा। एफआईआर और जांच का घटनाक्रम 6 जनवरी 2022 को इस मामले में IPC की धारा 283 (सार्वजनिक रास्ते में बाधा पहुंचाने) के तहत एक FIR दर्ज की गई, जो जमानती अपराध है। हालांकि, भाजपा नेताओं द्वारा कमजोर एफआईआर पर आपत्ति जताए जाने के बाद एक तीन-सदस्यीय SIT का गठन किया गया। जांच के आधार पर अब FIR में गंभीर धाराएं जोड़ी गईं, जिनमें धारा 307 (हत्या का प्रयास), 353 (लोक सेवक पर हमला), 341 (गलत तरीके से रोकना), 186 (ड्यूटी में बाधा), 149 (गैरकानूनी सभा), और नेशनल हाईवे एक्ट की धारा 8-बी शामिल हैं। एफआईआर में 26 लोगों के नाम शामिल थे, जिनमें बीकेयू क्रांतिकारी के महासचिव बलदेव सिंह जीरा और अन्य किसान नेता व सदस्य शामिल थे। इनमें से एक आरोपी मेजर सिंह की मौत हो चुकी है, जबकि बाकी 25 के खिलाफ अब कार्रवाई तेज कर दी गई है। अदालत ने जारी किए गिरफ्तारी वारंट 3 जनवरी 2025 को फिरोजपुर की अदालत ने इन 25 किसानों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। आरोपियों को पहले भी अदालत में पेश होने के लिए समन और वारंट भेजे गए थे, लेकिन अनुपस्थिति के चलते अब पुलिस को 22 जनवरी तक उन्हें गिरफ्तार कर पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। किसान संगठनों का विरोध और आरोप भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने पंजाब सरकार पर केंद्रीय दबाव में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस किसानों को गिरफ्तार करने के लिए उनके घरों पर छापेमारी कर रही है। फूल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हम सरकार को चेतावनी देते हैं कि किसानों को निशाना न बनाया जाए। हमारे विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण थे और हत्या का प्रयास जैसे आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। यह केवल किसानों और उनके नेताओं को डराने की साजिश है। फूल ने यह भी आरोप लगाया कि नवंबर में भी पंजाब पुलिस ने किसान नेता जगजीत सिंह डाल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर से जबरन उठाया था, लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार किसानों के आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। जानें क्या हुआ था 5 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री मोदी बारिश के कारण हेलीकॉप्टर से नहीं जा सके और उन्हें बठिंडा से सड़क मार्ग के जरिए फिरोजपुर जाना पड़ा। लेकिन पियाराना फ्लाईओवर पर किसान प्रदर्शनकारियों ने सड़क अवरुद्ध कर दी। इस वजह से प्रधानमंत्री का काफिला तकरीबन 20-25 मिनट फंसा रहा और उन्हें वापस लौटना पड़ा। फिरोजपुर पुलिस ने गिरफ्तारी वारंट जारी होने की पुष्टि की है और आरोपियों की धरपकड़ के लिए छापेमारी तेज कर दी है। वहीं, किसान संगठन इस कार्रवाई को केंद्र सरकार द्वारा दबाव में की गई कार्रवाई बता रहे हैं। 5 जनवरी 2022 को फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान हुई सुरक्षा चूक का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। फिरोजपुर जिले के भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) और क्रांतिकारी पेंडू मजदूर यूनियन के 25 सदस्यों के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। दरअसल, 3 साल पुराने मामले में अब पुलिस ने IPC की धारा 307, 353, 341, 186, 149 और नेशनल हाईवे एक्ट की धारा 8-बी को जोड़ दिया है। प्रधानमंत्री उस दिन फिरोजपुर में एक रैली को संबोधित करने वाले थे और शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि देने के लिए हुसैनीवाला जा रहे थे। पहले उन्हें हेलिकॉप्टर से जाना था, लेकिन अचानक उनके रूट में बदलाव किया गया और उन्हें सड़क मार्ग से ले जाया गया। लेकिन पियाराना फ्लाईओवर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा रास्ता रोकने के कारण उन्हें कार्यक्रम रद्द कर दिल्ली वापस लौटना पड़ा। एफआईआर और जांच का घटनाक्रम 6 जनवरी 2022 को इस मामले में IPC की धारा 283 (सार्वजनिक रास्ते में बाधा पहुंचाने) के तहत एक FIR दर्ज की गई, जो जमानती अपराध है। हालांकि, भाजपा नेताओं द्वारा कमजोर एफआईआर पर आपत्ति जताए जाने के बाद एक तीन-सदस्यीय SIT का गठन किया गया। जांच के आधार पर अब FIR में गंभीर धाराएं जोड़ी गईं, जिनमें धारा 307 (हत्या का प्रयास), 353 (लोक सेवक पर हमला), 341 (गलत तरीके से रोकना), 186 (ड्यूटी में बाधा), 149 (गैरकानूनी सभा), और नेशनल हाईवे एक्ट की धारा 8-बी शामिल हैं। एफआईआर में 26 लोगों के नाम शामिल थे, जिनमें बीकेयू क्रांतिकारी के महासचिव बलदेव सिंह जीरा और अन्य किसान नेता व सदस्य शामिल थे। इनमें से एक आरोपी मेजर सिंह की मौत हो चुकी है, जबकि बाकी 25 के खिलाफ अब कार्रवाई तेज कर दी गई है। अदालत ने जारी किए गिरफ्तारी वारंट 3 जनवरी 2025 को फिरोजपुर की अदालत ने इन 25 किसानों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। आरोपियों को पहले भी अदालत में पेश होने के लिए समन और वारंट भेजे गए थे, लेकिन अनुपस्थिति के चलते अब पुलिस को 22 जनवरी तक उन्हें गिरफ्तार कर पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। किसान संगठनों का विरोध और आरोप भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने पंजाब सरकार पर केंद्रीय दबाव में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस किसानों को गिरफ्तार करने के लिए उनके घरों पर छापेमारी कर रही है। फूल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हम सरकार को चेतावनी देते हैं कि किसानों को निशाना न बनाया जाए। हमारे विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण थे और हत्या का प्रयास जैसे आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। यह केवल किसानों और उनके नेताओं को डराने की साजिश है। फूल ने यह भी आरोप लगाया कि नवंबर में भी पंजाब पुलिस ने किसान नेता जगजीत सिंह डाल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर से जबरन उठाया था, लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार किसानों के आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। जानें क्या हुआ था 5 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री मोदी बारिश के कारण हेलीकॉप्टर से नहीं जा सके और उन्हें बठिंडा से सड़क मार्ग के जरिए फिरोजपुर जाना पड़ा। लेकिन पियाराना फ्लाईओवर पर किसान प्रदर्शनकारियों ने सड़क अवरुद्ध कर दी। इस वजह से प्रधानमंत्री का काफिला तकरीबन 20-25 मिनट फंसा रहा और उन्हें वापस लौटना पड़ा। फिरोजपुर पुलिस ने गिरफ्तारी वारंट जारी होने की पुष्टि की है और आरोपियों की धरपकड़ के लिए छापेमारी तेज कर दी है। वहीं, किसान संगठन इस कार्रवाई को केंद्र सरकार द्वारा दबाव में की गई कार्रवाई बता रहे हैं।   पंजाब | दैनिक भास्कर