भारतीय हॉकी टीम के कप्तान और ड्रैग-फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह को दमदार खेल व असाधारण प्रतिभा के बल पर आज शुक्रवार मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवॉर्ड मिलने जा रहा है। डिफेंडर होते हुए भी हरमनप्रीत को अक्सर विपक्षी टीम के खिलाफ शानदार गोल कर जश्न मनाते देखा गया है। उनके अलावा अमृतसर के जर्मनजीत सिंह व जालंधर के सुखजीत सिंह को भी अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। हरमनप्रीत सिंह के करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में टोक्यो 2020 ओलिंपिक में कांस्य पदक, 2023 एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक और पेरिस ओलिंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल शामिल है। हरमनप्रीत सिंह का जन्म 6 जनवरी 1996 को पंजाब के अमृतसर जिले के जंडियाला गुरु बस्ती में एक किसान परिवार में हुआ। बचपन में हरमनप्रीत खेतों में परिवार का हाथ बंटाते थे और ट्रैक्टर चलाते थे। खेतों में काम करते हुए उनके हाथों ने ड्रैग-फ्लिक के हुनर को तराशा। 2011 में हरमनप्रीत ने जालंधर के सुरजीत अकादमी में दाखिला लिया। जहां स्पेशलिस्ट गगनप्रीत सिंह और सुखजीत सिंह उनकी पेनल्टी कॉर्नर की कला में और सुधार लाए। गलत टीका लगने से 2 साल बैड पर रहे जर्मनजीत हॉकी प्लेयर जर्मनजीत सिंह को आज अर्जुन अवॉर्ड के साथ नवाजा जाएगा। एक समय था जब वे दो साल बैड पर रहे थे। टांग में दर्द होने के चलते उन्हें डॉक्टर ने गलत टीका लगा दिया जिसके कारण उन्हें 2 साल बैड रेस्ट करना पड़ा, लेकिन हॉकी का जुनून कम नहीं हुआ। 2 साल के बाद विदेश जाकर खेले। ऑस्ट्रेलिया ने उनकी खेल प्रतिभा को देखते हुए फ्री पीआर के साथ टीम में खेलने का ऑफर किया, लेकिन उन्होंने भारतीय टीम को चुनकर देशप्रेम को जाहिर किया। उनके पिता बलबीर सिंह पंजाब पुलिस और मां कुलविंदर कौर हाउसवाइफ हैं। पेरेंट्स ने बताया कि खालसा एकेडमी मेहता चौक स्कूल बाबा कलां में जर्मन को दाखिल कराया। तीसरी कक्षा में ही उनके कोच सरदार बलजिंदर सिंह ने उन्हें हॉकी की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया था। उसके बाद जालंधर सुरजीत एकेडमी में उनका एडमिशन हो गया। वहां ही वह ट्रेनिंग लेते रहे। पीठ में चोट ने छुड़वा दी थी हॉकी सुखजीत सिंह, जालंधर के गांव धनोवाली के रहने वाले हैं। भारतीय फ़ील्ड हॉकी टीम के उभरते सितारे के रूप में उन्हें देखा जाता है। उनके शानदार प्रदर्शन के चलते उन्हें 2024 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा बनने और अब अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ है। सुखजीत के खेल में प्रेरणा स्रोत उनके पिता अजीत सिंह हैं, जो खुद एक हॉकी खिलाड़ी रह चुके हैं। 2021-22 एफ़आईएच प्रो लीग में स्पेन के खिलाफ पहला अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले सुखजीत ने 2023 के एफ़आईएच हॉकी विश्व कप में तीन गोल किए। वे एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी और हांग्जो में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीमों का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। उनकी सफलता की कहानी प्रेरणादायक है। छह साल पहले एक गंभीर पीठ की चोट के कारण उनके दाहिने पैर की गति अस्थायी रूप से खत्म हो गई थी। लेकिन अपने जज्बे और मेहनत के बल पर उन्होंने न केवल मैदान पर वापसी की, बल्कि ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर देश का प्रतिनिधित्व भी किया। सुखजीत ने कठिन हालातों को पार करते हुए खुद को एक बेहतरीन खिलाड़ी और प्रेरणा स्रोत के रूप में स्थापित किया है। भारतीय हॉकी टीम के कप्तान और ड्रैग-फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह को दमदार खेल व असाधारण प्रतिभा के बल पर आज शुक्रवार मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवॉर्ड मिलने जा रहा है। डिफेंडर होते हुए भी हरमनप्रीत को अक्सर विपक्षी टीम के खिलाफ शानदार गोल कर जश्न मनाते देखा गया है। उनके अलावा अमृतसर के जर्मनजीत सिंह व जालंधर के सुखजीत सिंह को भी अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। हरमनप्रीत सिंह के करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में टोक्यो 2020 ओलिंपिक में कांस्य पदक, 2023 एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक और पेरिस ओलिंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल शामिल है। हरमनप्रीत सिंह का जन्म 6 जनवरी 1996 को पंजाब के अमृतसर जिले के जंडियाला गुरु बस्ती में एक किसान परिवार में हुआ। बचपन में हरमनप्रीत खेतों में परिवार का हाथ बंटाते थे और ट्रैक्टर चलाते थे। खेतों में काम करते हुए उनके हाथों ने ड्रैग-फ्लिक के हुनर को तराशा। 2011 में हरमनप्रीत ने जालंधर के सुरजीत अकादमी में दाखिला लिया। जहां स्पेशलिस्ट गगनप्रीत सिंह और सुखजीत सिंह उनकी पेनल्टी कॉर्नर की कला में और सुधार लाए। गलत टीका लगने से 2 साल बैड पर रहे जर्मनजीत हॉकी प्लेयर जर्मनजीत सिंह को आज अर्जुन अवॉर्ड के साथ नवाजा जाएगा। एक समय था जब वे दो साल बैड पर रहे थे। टांग में दर्द होने के चलते उन्हें डॉक्टर ने गलत टीका लगा दिया जिसके कारण उन्हें 2 साल बैड रेस्ट करना पड़ा, लेकिन हॉकी का जुनून कम नहीं हुआ। 2 साल के बाद विदेश जाकर खेले। ऑस्ट्रेलिया ने उनकी खेल प्रतिभा को देखते हुए फ्री पीआर के साथ टीम में खेलने का ऑफर किया, लेकिन उन्होंने भारतीय टीम को चुनकर देशप्रेम को जाहिर किया। उनके पिता बलबीर सिंह पंजाब पुलिस और मां कुलविंदर कौर हाउसवाइफ हैं। पेरेंट्स ने बताया कि खालसा एकेडमी मेहता चौक स्कूल बाबा कलां में जर्मन को दाखिल कराया। तीसरी कक्षा में ही उनके कोच सरदार बलजिंदर सिंह ने उन्हें हॉकी की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया था। उसके बाद जालंधर सुरजीत एकेडमी में उनका एडमिशन हो गया। वहां ही वह ट्रेनिंग लेते रहे। पीठ में चोट ने छुड़वा दी थी हॉकी सुखजीत सिंह, जालंधर के गांव धनोवाली के रहने वाले हैं। भारतीय फ़ील्ड हॉकी टीम के उभरते सितारे के रूप में उन्हें देखा जाता है। उनके शानदार प्रदर्शन के चलते उन्हें 2024 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा बनने और अब अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ है। सुखजीत के खेल में प्रेरणा स्रोत उनके पिता अजीत सिंह हैं, जो खुद एक हॉकी खिलाड़ी रह चुके हैं। 2021-22 एफ़आईएच प्रो लीग में स्पेन के खिलाफ पहला अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले सुखजीत ने 2023 के एफ़आईएच हॉकी विश्व कप में तीन गोल किए। वे एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी और हांग्जो में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीमों का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। उनकी सफलता की कहानी प्रेरणादायक है। छह साल पहले एक गंभीर पीठ की चोट के कारण उनके दाहिने पैर की गति अस्थायी रूप से खत्म हो गई थी। लेकिन अपने जज्बे और मेहनत के बल पर उन्होंने न केवल मैदान पर वापसी की, बल्कि ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर देश का प्रतिनिधित्व भी किया। सुखजीत ने कठिन हालातों को पार करते हुए खुद को एक बेहतरीन खिलाड़ी और प्रेरणा स्रोत के रूप में स्थापित किया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा-पंजाब में ED ने छापेमारी की:NHPC के CGM की 4 प्रॉपर्टीज जब्त, कीमत 47 लाख रुपये; आय से अधिक 1 करोड़ की संपत्ति
हरियाणा-पंजाब में ED ने छापेमारी की:NHPC के CGM की 4 प्रॉपर्टीज जब्त, कीमत 47 लाख रुपये; आय से अधिक 1 करोड़ की संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पंजाब-हरियाणा में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (NHPC) के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक (CGM) हरजीत सिंह पुरी और उनकी पत्नी अरविंदरजीत कौर की 47 लाख रुपये की संपत्ति अस्थायी तौर पर जब्त कर ली है। जब्त की गई संपत्तियां हरियाणा के फरीदाबाद और पंजाब के लुधियाना में हैं, जो आय से अधिक संपत्ति मामले से जुड़ी हैं। केंद्रीय एजेंसी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है। सीजीएम (वित्त) रहते हुए कमाया पैसा जांच में पता चला कि पुरी ने एनएचपीसी में सीजीएम (वित्त) के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर भ्रष्ट आचरण और रिश्वतखोरी में शामिल होने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया, और अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की। ईडी अधिकारी ने कहा, “हरजीत सिंह पुरी और उनकी पत्नी की फरीदाबाद और लुधियाना जिलों में स्थित 47 लाख रुपये (लगभग) मूल्य की कुल चार अचल संपत्तियों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत अस्थायी रूप से कुर्क किया गया है।” 1.04 करोड़ रुपए आय से अधिक कमाए ईडी की जांच का अनुमान है कि पुरी के पास आय से अधिक संपत्ति का कुल मूल्य लगभग 1.04 करोड़ रुपये है। अधिकारी ने कहा, “एनएचपीसी में सीजीएम (वित्त) के रूप में पुरी ने भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के अपराध करने के लिए अपनी शक्ति और पद का दुरुपयोग किया, जिससे अपराध की आय अर्जित हुई है।” मामले में आगे की जांच जारी है।
मोगा में पेट्रोल पंप से 1 लाख की लूट:बाइक पर सवार होकर आए नकाबपोश बदमाश, कर्मचारी को कुल्हाड़ी से पीटा
मोगा में पेट्रोल पंप से 1 लाख की लूट:बाइक पर सवार होकर आए नकाबपोश बदमाश, कर्मचारी को कुल्हाड़ी से पीटा पंजाब में मोगा के कस्बा धर्मकोट के पास नकाबपोश बाइक सवार दो बदमाशों ने एक पेट्रोल पंप को निशाना बनाते हुए पेट्रोल पंप कर्मचारी के साथ मारपीट की और एक लाख रुपए लूटकर फरार हो गए। जानकारी देते हुए पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारी मनदीप सिंह ने बताया कि, पेट्रोल पंप पर दो नकाबपोश मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए और उसे कुल्हाड़ी से पीटना शुरू कर दिया। मनदीप ने बताया कि बदमाशों ने उससे गल्ले की चाबी छीन ली और एक लाख के करीब रुपए लेकर फरार हो गए। लूट की यह वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई। पेट्रोल पंप के मालिक हरपाल सिंह ने कहा कि, मनदीप पेट्रोल पंप पे अकेला था और दो व्यक्ति आए और मनदीप से मारपीट कर दफ्तर में रखे एक लाख के करीब रुपए ले गए। पुलिस को सूचित कर दिया गया, परंतु लगता नहीं हमारी सुनवाई होगी, क्योंकि वह सुबह से खुद ही सीसीटीवी चेक कर रहे हैं। पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
लुधियाना में PSPCL की हड़ताल 5 दिन बढ़ी:लाइनमैन,जूनियर इंजीनियर और सब डिवीजनल स्तर पर लिया फैसला,17 को निकालेगे पटियाला में रैली
लुधियाना में PSPCL की हड़ताल 5 दिन बढ़ी:लाइनमैन,जूनियर इंजीनियर और सब डिवीजनल स्तर पर लिया फैसला,17 को निकालेगे पटियाला में रैली पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (PSPCL) के प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने ऐलान किया है कि अपने सामूहिक अवकाश प्रदर्शन को पांच दिन और बढ़ाया जाएगा। यह फैसला लाइनमैन, जूनियर इंजीनियर और सब डिवीजनल स्तर के अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली 20 यूनियनों की बैठक में लिया गया। इस फैसले के बाद आम लोगों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि यदि किसी इलाके में बिजली गुल हो जाती है या ट्रांसफॉर्मर में दिक्कत आ जाती है तो उस समस्या का समाधान होना मुश्किल है। 17 सितंबर को होगी पटियाला में रैली बैठक का नेतृत्व पीएसईबी कर्मचारी संयुक्त मंच, बिजली कर्मचारी एकता मंच पंजाब और जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन कर रही है। सामूहिक अवकाश बढ़ाने के अलावा आंदोलित कर्मचारियों ने यह भी घोषणा की कि 17 सितंबर को वे पटियाला में PSPCL पीएसपीसीएल मुख्यालय तक एक विशाल विरोध रैली निकालेंगे। एक यूनियन के नेता गुरप्रीत सिंह महदूदां ने कहा कि शिकायत निवारण बाइकर्स (सीएचबी), आउटसोर्स लाइनमैन भी विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। सीएचबी का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था पावरकॉम और ट्रांसको कॉन्ट्रैक्टुअल इम्प्लॉइज यूनियन के अध्यक्ष बलिहार सिंह ने विरोध प्रदर्शन में शामिल होकर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि PSPCL कर्मियों ने मृतक बिजली कर्मी के परिवार को एक करोड़ की आर्थिक सहायता, मृतक के एक परिजन को सरकारी नौकरी, नियमित व कांट्रैक्ट कर्मियों को चोट लगने पर मुफ्त इलाज तथा कंट्रैक्ट कर्मियों को नियमित (पक्का) करने की मांग की है। 21 अगस्त से शुरू हुआ था तीन दिवसीय अवकाश इस सप्ताह की शुरुआत में सोमवार को कर्मियों ने तीन दिवसीय सामूहिक अवकाश की घोषणा से की थी। इससे पहले 21 अगस्त से ही ‘वर्क टू रूल’ के तहत विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। एसडीओ रैंक के सभी कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिसमें एसडीओ, जूनियर इंजीनियर (जेई), लाइनमैन, सहायक लाइनमैन शामिल हैं और अब कांट्रेक्ट कर्मी व सीएचबी भी हड़ताल पर रहेंगे। पावरकॉम ने क्लर्क व अन्य कर्मचारियों को ग्रिड से जोड़ा इस बीच हड़ताल के चलते कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए पावरकॉम ने क्लर्क व अन्य कर्मचारियों को बिजली ग्रिड से जोड़ दिया है। सेंट्रल जोन (लुधियाना) के चीफ इंजीनियर जगदेव सिंह हंस ने कहा कि ये कर्मचारी कार्यकारी इंजीनियरों (एक्सईएन) के निर्देशन में काम करेंगे। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि वे ग्रिड पर ज्यादा तकनीकी काम नहीं कर पाएंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि हमें अपने पास मौजूद लोगों का इस्तेमाल करना होगा।