हिमाचल प्रदेश में BJP के नए अध्यक्ष की ताजपोशी एक से डेढ़ सप्ताह के भीतर होनी है। केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह आज शिमला पहुंच रहे हैं। पार्टी हाईकमान ने उन्हें हिमाचल BJP अध्यक्ष और नेशनल काउंसिल मेंबर के चयन के लिए चुनाव अधिकारी लगा रखा है। शिमला दौरे के दौरान वह भाजपा के आला नेताओं से चर्चा करेंगे। इसके बाद वह हाईकमान से अध्यक्ष पद को लेकर सहमति बनाएंगे और 25 जनवरी तक नए अध्यक्ष का ऐलान भी डॉ. जितेंद्र ही करेंगे। फिलहाल प्रदेश में 9 बड़े नेता अध्यक्ष पद की रेस में है। अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल नेता लोकसभा या राज्यसभा में सांसद है या फिर हिमाचल विधानसभा में MLA है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि कांगड़ा से सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज, राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार और विधायक विपिन सिंह परमार अध्यक्ष पद की रेस में आगे हैं। इनमें से प्रदेश की सत्ता की चाबी तय करने वाले कांगड़ा जिला को साधना है तो राजीव भारद्वाज और विपिन परमार में से किसी एक को जिम्मेदारी मिल सकती है। परमार की बात करें तो संगठन में वह विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। पूर्व सरकार में वह स्वास्थ्य मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व भी संभाल चुके हैं। SC वोट साधने को डॉ. सिकंदर पर दाव खेल सकती है पार्टी अनुसूचित जाति वोट साधने के लिए पार्टी डॉ. सिकंदर पर भी दाव खेल सकती हैं। इनके अलावा पूर्व अध्यक्ष एवं मौजूदा विधायक सत्तपाल सत्ती, मौजूदा अध्यक्ष राजीव बिंदल, विधायक रणधीर शर्मा, विधायक बिक्रम ठाकुर, राज्यसभा सांसद इंदू गोस्वामी और विधायक त्रिलोक जम्वाल का नाम भी अध्यक्ष पद की रेस में गिना जा रहा है। इस वजह से त्रिलोक जम्वाल की दावेदारी मजबूत सूत्र बताते हैं कि यदि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा त्रिलोक जम्वाल पर भी दांव खेल सकते हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि त्रिलोक जम्वाल को पार्टी अध्यक्ष का बनाकर 2027 में जेपी नड्डा अपने बड़े बेटे को बिलासपुर से चुनावी मैदान में उतार सकते हैं। इस वजह से त्रिलोक जम्वाल की दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है। PM मोदी के कारण इंदू का नाम चर्चा में इंदू गोस्वामी का नाम भी काफी चर्चा में हैं, क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का काफी करीबी माना जाता है। इसी तरह राजीव बिंदल भी दोबारा अध्यक्ष बनने के लिए खूब लॉबिंग कर रहे हैं। बिक्रम ठाकुर और सत्तपाल सत्ती को भी अध्यक्ष पद का दावेदार माना जा रहा है। बीते दिनों दोनों नेता दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष से भी मुलाकात कर चुके हैं। हिमाचल प्रदेश में BJP के नए अध्यक्ष की ताजपोशी एक से डेढ़ सप्ताह के भीतर होनी है। केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह आज शिमला पहुंच रहे हैं। पार्टी हाईकमान ने उन्हें हिमाचल BJP अध्यक्ष और नेशनल काउंसिल मेंबर के चयन के लिए चुनाव अधिकारी लगा रखा है। शिमला दौरे के दौरान वह भाजपा के आला नेताओं से चर्चा करेंगे। इसके बाद वह हाईकमान से अध्यक्ष पद को लेकर सहमति बनाएंगे और 25 जनवरी तक नए अध्यक्ष का ऐलान भी डॉ. जितेंद्र ही करेंगे। फिलहाल प्रदेश में 9 बड़े नेता अध्यक्ष पद की रेस में है। अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल नेता लोकसभा या राज्यसभा में सांसद है या फिर हिमाचल विधानसभा में MLA है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि कांगड़ा से सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज, राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार और विधायक विपिन सिंह परमार अध्यक्ष पद की रेस में आगे हैं। इनमें से प्रदेश की सत्ता की चाबी तय करने वाले कांगड़ा जिला को साधना है तो राजीव भारद्वाज और विपिन परमार में से किसी एक को जिम्मेदारी मिल सकती है। परमार की बात करें तो संगठन में वह विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। पूर्व सरकार में वह स्वास्थ्य मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व भी संभाल चुके हैं। SC वोट साधने को डॉ. सिकंदर पर दाव खेल सकती है पार्टी अनुसूचित जाति वोट साधने के लिए पार्टी डॉ. सिकंदर पर भी दाव खेल सकती हैं। इनके अलावा पूर्व अध्यक्ष एवं मौजूदा विधायक सत्तपाल सत्ती, मौजूदा अध्यक्ष राजीव बिंदल, विधायक रणधीर शर्मा, विधायक बिक्रम ठाकुर, राज्यसभा सांसद इंदू गोस्वामी और विधायक त्रिलोक जम्वाल का नाम भी अध्यक्ष पद की रेस में गिना जा रहा है। इस वजह से त्रिलोक जम्वाल की दावेदारी मजबूत सूत्र बताते हैं कि यदि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा त्रिलोक जम्वाल पर भी दांव खेल सकते हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि त्रिलोक जम्वाल को पार्टी अध्यक्ष का बनाकर 2027 में जेपी नड्डा अपने बड़े बेटे को बिलासपुर से चुनावी मैदान में उतार सकते हैं। इस वजह से त्रिलोक जम्वाल की दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है। PM मोदी के कारण इंदू का नाम चर्चा में इंदू गोस्वामी का नाम भी काफी चर्चा में हैं, क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का काफी करीबी माना जाता है। इसी तरह राजीव बिंदल भी दोबारा अध्यक्ष बनने के लिए खूब लॉबिंग कर रहे हैं। बिक्रम ठाकुर और सत्तपाल सत्ती को भी अध्यक्ष पद का दावेदार माना जा रहा है। बीते दिनों दोनों नेता दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष से भी मुलाकात कर चुके हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल CM बोले- केंद्र ने कर्ज लेने की सीमा घटाई:GST मुआवजा रोका; केंद्रीय मंत्रियों से करेंगे बहाली की मांग, 28-29 को करेंगे मुलाकात
हिमाचल CM बोले- केंद्र ने कर्ज लेने की सीमा घटाई:GST मुआवजा रोका; केंद्रीय मंत्रियों से करेंगे बहाली की मांग, 28-29 को करेंगे मुलाकात हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्र ने राज्य की कर्ज लेने की सीमा कम कर दी है। रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट (RDG) भी निरंतर घट रही है। एनपीएस के बदले मिलने वाला ऋण भी बंद कर दिया है। इन सब मुद्दों को वह दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों के समक्ष उठाएंगे। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने शिमला के रिज पहुंचे मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि वह आज दिल्ली जा रहे हैं। कल और परसो बेंगलुरु में होने वाली कांग्रेस वर्किंग कमेटी मीटिंग से लौटने के बाद दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करेंगे। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्रियों से मिलने का समय लिया जा रहा है। संघीय ढांचे में केंद्र से मदद पाना हमारा हक: CM सीएम ने कहा कि 28 और 29 दिसंबर को मंत्रियों के साथ होने वाली बैठकों में हिमाचल के मुद्दों को केंद्र के समक्ष उठाया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिल सकते हैं और पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट के तहत केंद्र के पास लंबित राशि हिमाचल को देने का आग्रह करेंगे। उन्होंने कहा कि हम संघीय ढांचे में रह रहे हैं। इसलिए केंद्र से मदद हमारा हक है। जीएसटी मुआवजा बहाल करने और आरडीजी बढ़ाने की मांग केंद्र से की जाएगी। केंद्र ने बजट और ऋण लेने की सीमा घटाई बता दें 14वें वित्त आयोग में RDG के तहत हिमाचल को 40624 करोड़ मिले थे। 15वें वित्त आयोग में यह राशि बढ़ने के बजाय कम होकर 37199 करोड़ रह गई। साल 2021-22 में हिमाचल को RDG के तहत 10249 करोड़ मिले थे, जबकि 2025-26 में केवल घटकर 3257 करोड़ रुपए रह जाएंगे। GST प्रतिपूर्ति के 3000 करोड़ भी बंद इसी तरह GST प्रतिपूर्ति राशि में भी हिमाचल को 2017 से 2022 तक हर साल 2500 से 3000 करोड़ रुपए मिल रहे थे। जुलाई 2022 से यह राशि भी बंद हो गई है। एनपीएस के बदले मिलने वाला लगभग 1760 करोड़ का लोन भी बंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री सुक्खू इन सब मुद्दों को दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों के समक्ष उठाएंगे। केंद्रीय योजनाओं में भी कम हो रहा बजट यही नहीं विभिन्न योजनाओं के बजट में भी केंद्र ने कटौती की है। हाल ही में केंद्र ने स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेटस फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट स्कीम के तहत 23 राज्यों को 3296 करोड़ जारी किए हैं, लेकिन टूरिज्म स्टेट हिमाचल को एक भी रुपया स्कीम में नहीं दिया गया। आपदा में भी अतिरिक्त मदद नहीं मिल पाई बीते साल राज्य में सदी की सबसे भीषण आपदा आई। इससे 12 हजार करोड़ रुपए के ज्यादा की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो गई। मगर केंद्र से अतिरिक्त आर्थिक मदद हिमाचल को नहीं मिल पाई। राज्य सरकार के अनुसार, केंद्र से हिमाचल को वहीं मदद मिली है जो एनडीआरएफ के तहत मिलनी तय थी। केंद्रीय मदद में कमी की वजह से राज्य पर आर्थिक संकट गंभीर होता जा रहा है। लिहाजा मुख्यमंत्री सुक्खू इन सब मुद्दों को केंद्रीय मंत्रियों के समक्ष उठाएंगे। बीते सप्ताह उन्होंने विधानसभा में भी कहा कि यदि केंद्र से आपदा राहत राशि नहीं मिली तो उन्हें मजबूरन सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।
हिमाचल प्रांत के प्रथम संघचालक जगन्नाथ शर्मा का निधन:AIIMS बिलासपुर में देह दान की; पूरा जीवन संघ कार्य को समर्पित
हिमाचल प्रांत के प्रथम संघचालक जगन्नाथ शर्मा का निधन:AIIMS बिलासपुर में देह दान की; पूरा जीवन संघ कार्य को समर्पित हिमाचल प्रांत के प्रथम संघचालक पंडित जगन्नाथ शर्मा का सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने अपनी मृत्यु से पहले ही देहदान की इच्छा जाहिर की थी। इसके बाद जगन्नाथ शर्मा का परिवार उनकी देह लेकर एम्स अस्पताल बिलासपुर पहुंचा और यहां पर देह-दान किया। इससे पहले उनके परिजनों ने अंग दान से संबंधित औपचारिकताएं पूरी की। जगन्नाथ शर्मा ने अपनी पूरा जीवन संघ कार्य को समर्पित किया। पंडित जगन्नाथ शर्मा का जन्म 27 जून 1927 को बिलासपुर के अमरपुर गांव में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा शिमला के सर बटलर हाई स्कूल (वर्तमान में केंद्रीय विद्यालय) में की। उन्होंने 1944 में मैट्रिक की परीक्षा पास की और 1946 में डीएवी कॉलेज लाहौर से विज्ञान में शिक्षा प्राप्त की। 1941 में संघ से जुड़े पंडित शर्मा ने अपने जीवनकाल में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया। 1958 में गुरदासपुर जिला के संघचालक और 1960 में अमृतसर विभाग के संघचालक बने। उनकी सेवाएं हिमगिरी प्रांत के संघचालक और 2000 में हिमाचल प्रांत के प्रथम संचालक बने। भारत विभाजन के दौरान लाहौर में कर रहे थे पढ़ाई भारत विभाजन के दौरान पंडित शर्मा लाहौर में अध्ययनरत थे। उन्होंने संघ की पंजाब रिलीफ कमेटी के माध्यम से विस्थापित हिंदुओं को सुरक्षित भारत लाने में अहम भूमिका निभाई। यह कमेटी संघ प्रचारक हुकूमत राय की देखरेख में कार्यरत थी। 10 जुलाई 2023 को देहदान का संकल्प लिया 10 जुलाई 2023 को उन्होंने एम्स जाकर देहदान का संकल्प लिया था। उनका यह कदम समाज के प्रति उनकी सेवा भावना को दर्शाता है। पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा पंडित जगन्नाथ शर्मा जैसे महान व्यक्तित्व कम ही मिलते हैं। उनका जीवन समाज और देश के लिए समर्पित रहा। उनके बेटे संदीप ने बताया पिताजी ने हमेशा समाज सेवा को प्राथमिकता दी। उनकी शिक्षाएं और आदर्श हमारे जीवन का मार्गदर्शन करेंगे। पंडित जगन्नाथ शर्मा का जीवन और योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
शिमला में स्कॉर्पियो दुर्घटनाग्रस्त, 2 की मौत:2 लोग गंभीर रूप से घायल, IGMC में चल रहा उपचार, काम से लौटते समय हादसा
शिमला में स्कॉर्पियो दुर्घटनाग्रस्त, 2 की मौत:2 लोग गंभीर रूप से घायल, IGMC में चल रहा उपचार, काम से लौटते समय हादसा हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के नेरवा में बीती रात एक स्कॉर्पियो गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से घायल 2 लोगों को नेरवा में प्राथमिक उपचार के बाद IGMC रेफर किया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, यह हादसा नेरवा के शामटा-टिकरी सड़क मार्ग पर पीपलाह के पास पेश आया। HP-08-C-0346 नंबर की स्कॉर्पियो गाड़ी में चार लोग सवार थे और रात करीब एक बजे इनकी गाड़ी गहरी खाई में जा गिरी। इनमें एक व्यक्ति स्थानीय और तीन बिहार के रहने वाले हैं। IGMC में चल रहा घायलों का उपचार बिहार के तीनों युवक नेरवा में स्थानीय व्यक्ति के पास काम कर रहे थे और देर रात काम से घर लौटते वक्त हादसा हो गया। मृतकों की पहचान प्रताप हंसटा उम्र 38 साल पुत्र रतिराम गांव बासरा नेरवा के तौर पर हुई है, जबकि एक अन्य मृतक व्यक्ति बिहार का रहने वाला बताया जा रहा है। वहीं 2 अन्य लोगों को गंभीर चोटें आई है, जिनका IGMC शिमला में उपचार चल रहा है। नेरवा में करवाया जा रहा पोस्टमॉर्टम नेरवा पुलिस ने दोनों मृतकों के शव कब्जे में ले लिए है। आज नेरवा अस्पताल में पोर्स्टमार्टम करवाया जा रहा है। पोर्स्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। फिलहाल घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस जांच में जुट गई है।