भास्कर न्यूज | जालंधर पंजाब सरकार के स्वतंत्रता सेनानी, रक्षा सेवा कल्याण और बागवानी मंत्री मोहिंदर भगत ने कहा कि सरकार स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों की वेलफेयर बोर्ड का गठन करेगी। सर्किट हाउस में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के साथ बैठक करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों के मुद्दों को गंभीरता से प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा गठित इस बोर्ड में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के सदस्यों का प्रतिनिधित्व होगा, जिससे वे अपने मुद्दों का समाधान स्वयं कर सकेंगे। भगत ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानियों व उनके आश्रितों को मिलने वाली पेंशन नियमानुसार संशोधित करने संबंधी कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। पंजाब सरकार द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रम के तहत जन प्रतिनिधि उन स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन से मिलेंगे, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने गांवों में हर तरह की यातनाएं सहन कीं। भास्कर न्यूज | जालंधर पंजाब सरकार के स्वतंत्रता सेनानी, रक्षा सेवा कल्याण और बागवानी मंत्री मोहिंदर भगत ने कहा कि सरकार स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों की वेलफेयर बोर्ड का गठन करेगी। सर्किट हाउस में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के साथ बैठक करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों के मुद्दों को गंभीरता से प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा गठित इस बोर्ड में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के सदस्यों का प्रतिनिधित्व होगा, जिससे वे अपने मुद्दों का समाधान स्वयं कर सकेंगे। भगत ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानियों व उनके आश्रितों को मिलने वाली पेंशन नियमानुसार संशोधित करने संबंधी कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। पंजाब सरकार द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रम के तहत जन प्रतिनिधि उन स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन से मिलेंगे, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने गांवों में हर तरह की यातनाएं सहन कीं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब के चुनावी मैदान से सिद्धू रहे गायब:83 दिनों तक चली कैंपेन, किसी भी मंच पर नहीं दिखे, न कोई पोस्ट डाली
पंजाब के चुनावी मैदान से सिद्धू रहे गायब:83 दिनों तक चली कैंपेन, किसी भी मंच पर नहीं दिखे, न कोई पोस्ट डाली पंजाब में 1 जून को होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार थम गया है। लेकिन करीब 83 दिनों तक चली लंबी कैंपेन में पूर्व क्रिकेटर व कांग्रेस के पूर्व प्रधान व दिग्गज नेता नवजोत सिंद्धू गायब रहे। वह न तो किसी चुनावी मंच पर दिखे और न ही उन्होंने किसी उम्मीदवार के लिए वोट मांगे। हालांकि चुनावी कैंपेन के आखिरी चरण में इंडियन प्रीमियम लीग (IPL) भी संपन्न हो गया था। ऐसे में उम्मीद थी कि किसी अन्य हलके में न सही पटियाला में जब दिग्गज नेता आएंगे तो उनके साथ मंच पर जरूर दिखेंगे। लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। वहीं, जानकारों की मानें तो उनकी पत्नी कैंसर की जंग से जूझ रही है। ऐसे में उनका फोकस इन दिनों उनकी सेहत पर लगा हुआ है। IPL की एंट्री के साथ राजनीति से हुए दूर जैसे ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी थी, उसके बाद 22 मार्च को IPL का आगाज हो गया था। इससे पहले ही उनकी स्टार स्पोर्ट्स में कमेंट्री के लिए सलेक्शन हो गई थी। ऐसे में राजनीति के मैदान से उनकी दूरी बढ़ती चली गई। इसके अलावा वह अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर क्रिकेट या IPL को लेकर पोस्ट जरूर शेयर करते रहे। उन्होंने चुनाव को लेकर एक भी पोस्ट नहीं डाली। पत्नी के इलाज की जानकारी जरूर समय-समय पर शेयर करते थे। लोकसभा चुनाव न लड़ने का किया था ऐलान नवजोत सिंह सिद्धू लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से ठीक पहले 15 मार्च को चंडीगढ़ में अपने गुट के नेताओं के साथ गर्वनर से मिलने चंडीगढ़ पहुंचे थे। इस दौरान जब मीडिया ने लोकसभा चुनाव को लेकर उनसे सवाल किया था तो उन्होंने साफ कहा था कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। वह पंजाब में रहकर ही पंजाब की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि जब देश में मोदी लहर चल रही थी, उस समय उन्हें पार्टी कुरुक्षेत्र से ही चुनाव लड़ा रही थी। वह उस समय चुनाव लड़ लेते तो आज सरकार में केंद्रीय मंत्री होते । जनवरी से ही पार्टी से बना ली थी दूरी नवजोत सिंह सिद्धू ने इस साल जनवरी से ही पार्टी से दूरी बना ली थी। नौ जनवरी को जब पंजाब कांग्रेस के नए प्रभारी देवेंद्र यादव चंडीगढ़ आए तो वह उनकी मीटिंगों में शामिल नहीं हुए। हालांकि सिद्धू ने चंडीगढ़ के होटल में जाकर पार्टी प्रभारी से मुलाकात जरूर की थी। इसके बाद उन्होंने होशियारपुर और मोगा में रैलियां की।हालांकि उनकी मोगा रैली करवाने वाले वाले आयोजकों पर पार्टी ने कार्रवाई की, उन्हें पार्टी से निष्कासित किया। उनके खिलाफ भी पार्टी हाईकमान को पत्र लिखा गया, फिर भी वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ डटे, और उन पर हुई इस कार्रवाई का विरोध किया। वह कांग्रेस के पूर्व प्रधानों के साथ अलग मीटिंग व रणनीति बनाते रहे। वहीं, उनके IPL में जाने के बाद उनके एक साथी व कांग्रेस के पूर्व प्रधान मोहिंदर केपी ने पार्टी छोड़ दी। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल की टिकट पर जालंधर से चुनाव लड़ा। जबकि शमशेर दूलो चुनाव में पार्टी के खिलाफ मुखर रहे।
पंजाब की दो लड़कियां वायु सेना में शामिल:हैदराबाद के डुंडीगल में की ट्रेनिंग, एयर मार्शल ने कराई पासिंग आउट परेड
पंजाब की दो लड़कियां वायु सेना में शामिल:हैदराबाद के डुंडीगल में की ट्रेनिंग, एयर मार्शल ने कराई पासिंग आउट परेड मोहाली स्थित माई भागो आर्म्ड फोर्स प्रिपेरटॉरी इंस्टीट्यूट की दो छात्राएं एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में शामिल हुई हैं। वह हैदराबाद स्थित डुंडीगल वायु सेवा अकादमी से अपनी ट्रेनिंग पूरी कर आज पासिंग आउट परेड का हिस्सा बनी। पासिंग आउट परेड भारतीय वायु सेवा प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी के द्वारा करवाई गई है। चयनित छात्रा मोहाली निवासी हरूप कौर और पठानकोट निवासी निवेदिता सैनी है। हेड कांस्टेबल की बेटी है हरूप कौर वायु सेवा में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में शामिल होने वाली हरूप कौर मोहनी जिले के हेड कांस्टेबल भगवत सिंह की बेटी है, जबकि फ्लाइंग ऑफिसर निवेदिता सैनी के पिता पठानकोट जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता हरेंद्र सिंह सैनी एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल है। हरूप कौर वायु सेवा की एजुकेशन विंग में शामिल होगी, जबकि निवेदिता लॉजिस्टिक विंग में शामिल होगी। 2 दिन पहले तीन लड़कियों का हुआ था सलेक्शन पंजाब के माई भागो आर्म्ड फोर्सेस प्रिपरेटरी इंस्टीट्यूट फॉर गर्ल्स (AFPI) की तीन महिला कैडेट का सलेक्शन इंडियन एयरफोर्स एकेडमी में दो दिन पहले हुआ था। उन्हें प्री-कमीशन प्रशिक्षण के लिए चुना गया है। उनकी ट्रेनिंग जुलाई 2024 से शुरू होगी। प्रदेश के रोजगार सृजन कौशल मंत्री अमन अरोड़ा ने तीनों कैडेट को बधाई दी थी। उन्होंने कहा कि तीन बेटियों अन्य लड़कियों के लिए रोल मॉडल बनेंगी। गत साल संस्थान में लड़कियों के लिए एनडीए तैयारी विंग शुरू किया था।
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SAD के बागी ग्रुप की बैठक में बड़ा फैसला:सुखदेख ढींढसा बोले- वह पार्टी के सरपरस्त, नेताओं को निष्कासित करने का फैसला रद शिरोमणि अकाली दल (SAD) से निकाले गए बागी नेताओं की आज चंडीगढ में मीटिंग हुई। यह मीटिंग SAD के सरपरस्त सुखदेव सिंह ढींढसा की अगुवाई में हुई। इस मौके ढींढसा ने कहा कि वह पार्टी के सरपरस्त होने के नाते 8 नेताओं को पार्टी से निकालने के इस फैसले को रद करते हैं। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ संविधान के खिलाफ किया जा रहा है। इस मामले में सुखबीर सिंह बादल को पत्र लिखूंगा। उनसे इस मामले में जवाब मांगेंगे। पार्टी का प्रधान चुनने के लिए जनरल इजलास बुलाएंगे। जिसमें नया प्रधान चुना जाएगा। ढींढसा ने कहा कि वह आज तक लोगों के सामने नहीं आए थे, लेकिन मजबूरी में उन्हें यह फैसला लेना पड़ा है। झूंदा कमेटी ने की थी प्रधान बदलने की सिफारिश इस मौके गुरप्रताप वडाला और प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि, जब 2022 में लगातार शिरोमणि अकाली दल चुनाव हार रहा था तो उस समय झूंदा कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने सारे पंजाब में लोगों की राय ली थी। लोगों ने उस समय अकाली दल की लीडरशिप में बदलाव की सिफारिश की थी। सुखबीर बादल को पद त्यागना चाहिए। हम भी कमेटी की सिफारिश वाली बात कर रहे हैं। हम तो कमेटी के मुताबिक काम करने की बात कर रहे हैं। सुखबीर पर लगे आरोप गंभीर, प्रधान पद लायक नहीं दोनों नेताओं ने कहा कि हम लोग दो महीने से अकाली दल सुधार लहर चला रहे हैं। लेकिन जब प्रदीप कलेर ने गत दिवस सुखबीर बादल पर सवाल उठाया तो लोगों का ध्यान भटकाने के लिए उन्हें पार्टी से निकालने की कोशिश की। वहीं, उन्होंने कहा कि जिस तरह के आरोप सुखबीर बादल पर लगे हैं, ऐसे में वह प्रधान पद के लायक नहीं है। सुखबीर ने अकाल तख्त साहिब के आदेशों को भी नहीं माना है। अब तो सारी बात सामने आ गई हैं। पार्टी के लिए जेलों में गए हैं नेताओं ने कहा कि उन्होंने अकाली दल के लिए कुर्बानियां दी हैं। जेलों में रहे है। लेकिन सुखबीर बादल ने ऐसा कुछ नहीं किया है। आज अकाली दल दो ग्रुप में बंट गया है। एक ग्रुप में वह लोग जो जेलों में जाकर आए हैं, जबकि दूसरे कारों से उतरकर आते हैं। सरपरस्त को फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं इस मामले में शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा कि सरपरस्त के पास कोई फैसला नहीं लेने का अधिकार नहीं है। निकाले गए लोगों से हमारा लिंक नहीं है। चार लोगों के कहने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। वह पार्टी से निकाले जा चुके है। वह अपना प्रधान चुन सकते हैं। हमने नियमों के मुताबिक सारी कार्रवाई की है।
इन आठ नेताओं को पार्टी से निकाला गया SAD की तरफ से गुरप्रताप सिंह वडाला, बीबी जागीर कौर, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, परमिंदर सिंह ढींढसा, सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखड़ा, सुरिंदर सिंह ठेकेदार और चरणजीत सिंह बराड़ को पार्टी से निकाला गया था। आरोप है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। हालांकि निकाले गए नेताओं का कहना है कि उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया।