हिमाचल में कैंसर मरीज की मौत पर बवाल:जयराम बोले-यह हत्या; मृतक की बेटी ने दोषियों के खिलाफ मांगी कार्रवाई, मरीज को नहीं मिला इंजेक्शन

हिमाचल में कैंसर मरीज की मौत पर बवाल:जयराम बोले-यह हत्या; मृतक की बेटी ने दोषियों के खिलाफ मांगी कार्रवाई, मरीज को नहीं मिला इंजेक्शन

हिमाचल के प्रीमियम हेल्थ इंस्टीट्यूट IGMC शिमला में एक कैंसर मरीज को समय पर इंजेक्शन नहीं मिलने से मौत का मामला तूल पकड़ रहा है। मृतक की बेटी द्वारा वीडियो सोशल मीडिया में पोस्ट करने के बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी सोशल मीडिया पर व्यवस्था पतन लिखकर राजनीति को गरमा दिया है। जयराम ठाकुर ने इस घटना को हत्या बताया है। इसके लिए उन्होंने व्यवस्था परिवर्तन वाली कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार दोषी बताया। उन्होंने वर्तमान कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था का बेड़ा गर्क कर दिया है। जिम्मेदार लोग इसको स्वीकार करने को तैयार नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को इस तरह लावारिस न छोड़ें। जाने क्या है पूरा मामला बिलासपुर निवासी देवराज की बेटी जहान्वी शर्मा ने वीडियो में कहा कि उनके पिता को डॉक्टरों ने 13 नवंबर को अस्पताल बुलाया था। उनके पिता की कीमोथैरेपी होनी थी। मगर उन्हें बोला गया कि हिम-केयर की पेमेंट नहीं होने की वजह से इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। 2 दिन बाद आना, यह बोलकर 20 दिन निकल गए। तब उन्हें बोला गया कि इमरजेंसी है तो खुद इंजेक्शन खरीद ले। इसकी कीमत 50 हजार रुपए से ज्यादा थी। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से पैसा जुटाने में वक्त लग गया। जब तक वह पैसा जुटा पाते, तब तक उनके पिता की मौत (3 दिसंबर) हो गई थी। जहान्वी में कहा, इंजेक्शन नहीं मिलने से उनके पिता को दिक्कत आई है और मौत हो गई। उन्होंने इसके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कमाने वाले इकलौते पिता थे: जहान्वी जहान्वी ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी शिकायत कर दी है। वह आगे कहती हैं कि उनके घर पर कमाने वाले इकलौते पिता ही थे। उनका भाई और वह खुद पढ़ाई कर रही हैं। मरीज का हिम-केयर कार्ड बना हुआ था। इससे उनका इलाज चल रहा था। उनके हिम-केयर कार्ड में बेलेंस भी था। फिर भी इंजेक्शन नहीं दिया गया। जहान्वी कहती हैं कि डॉक्टर ने अच्छे से उपचार किया है और पूरा सहयोग किया है। सीएम हेल्पलाइन पर भी सवाल जाह्नवी ने बताया कि अब हेल्पलाइन से शिकायत को बिना कोई कार्रवाई किए हटा दिया है। अब जब भी वह शिकायत लिखवाने की कोशिश करती हैं, तो सीएम हेल्पलाइन से किसी का फोन आ जाता है कि जल्द ही आपकी शिकायत को दर्ज करेंगे। हिमाचल के प्रीमियम हेल्थ इंस्टीट्यूट IGMC शिमला में एक कैंसर मरीज को समय पर इंजेक्शन नहीं मिलने से मौत का मामला तूल पकड़ रहा है। मृतक की बेटी द्वारा वीडियो सोशल मीडिया में पोस्ट करने के बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी सोशल मीडिया पर व्यवस्था पतन लिखकर राजनीति को गरमा दिया है। जयराम ठाकुर ने इस घटना को हत्या बताया है। इसके लिए उन्होंने व्यवस्था परिवर्तन वाली कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार दोषी बताया। उन्होंने वर्तमान कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था का बेड़ा गर्क कर दिया है। जिम्मेदार लोग इसको स्वीकार करने को तैयार नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को इस तरह लावारिस न छोड़ें। जाने क्या है पूरा मामला बिलासपुर निवासी देवराज की बेटी जहान्वी शर्मा ने वीडियो में कहा कि उनके पिता को डॉक्टरों ने 13 नवंबर को अस्पताल बुलाया था। उनके पिता की कीमोथैरेपी होनी थी। मगर उन्हें बोला गया कि हिम-केयर की पेमेंट नहीं होने की वजह से इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। 2 दिन बाद आना, यह बोलकर 20 दिन निकल गए। तब उन्हें बोला गया कि इमरजेंसी है तो खुद इंजेक्शन खरीद ले। इसकी कीमत 50 हजार रुपए से ज्यादा थी। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से पैसा जुटाने में वक्त लग गया। जब तक वह पैसा जुटा पाते, तब तक उनके पिता की मौत (3 दिसंबर) हो गई थी। जहान्वी में कहा, इंजेक्शन नहीं मिलने से उनके पिता को दिक्कत आई है और मौत हो गई। उन्होंने इसके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कमाने वाले इकलौते पिता थे: जहान्वी जहान्वी ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी शिकायत कर दी है। वह आगे कहती हैं कि उनके घर पर कमाने वाले इकलौते पिता ही थे। उनका भाई और वह खुद पढ़ाई कर रही हैं। मरीज का हिम-केयर कार्ड बना हुआ था। इससे उनका इलाज चल रहा था। उनके हिम-केयर कार्ड में बेलेंस भी था। फिर भी इंजेक्शन नहीं दिया गया। जहान्वी कहती हैं कि डॉक्टर ने अच्छे से उपचार किया है और पूरा सहयोग किया है। सीएम हेल्पलाइन पर भी सवाल जाह्नवी ने बताया कि अब हेल्पलाइन से शिकायत को बिना कोई कार्रवाई किए हटा दिया है। अब जब भी वह शिकायत लिखवाने की कोशिश करती हैं, तो सीएम हेल्पलाइन से किसी का फोन आ जाता है कि जल्द ही आपकी शिकायत को दर्ज करेंगे।   हिमाचल | दैनिक भास्कर