हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को धर्मशाला में एक महत्वपूर्ण सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन किया। धर्मशाला स्मार्ट सिटी योजना के तहत स्थापित 750 किलोवाट की यह परियोजना बिजली उपभोक्ताओं को राहत देगी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सौर ऊर्जा के विस्तार से प्रदेश में बिजली दरों में प्रति यूनिट एक रुपए की कमी की जाएगी। वहीं 4.74 करोड़ की लागत से निर्मित परियोजना को 8,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में स्थापित किया गया है। अक्तूबर 2023 में शुरू हुआ यह निर्माण कार्य नवंबर 2024 में पूरा हुआ। यह सोलर प्लांट प्रतिदिन लगभग 2 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन करेगा। जिससे मासिक 2.80 लाख रुपए की आय अनुमानित है। 3.70 रुपए प्रति यूनिट की दर से बेची जाएगी बिजली हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के साथ हुए समझौते के अनुसार उत्पादित बिजली 3.70 रुपए प्रति यूनिट की दर से बेची जाएगी। इससे स्मार्ट सिटी लिमिटेड को वार्षिक 28 से 30 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त होगा। धर्मशाला में एक दर्जन से अधिक सरकारी भवनों की छतों पर सौर पैनल लगाए गए हैं, जो कार्यालयों के बिजली खर्च को कम करने में मदद कर रहे हैं। यह पर्यावरण अनुकूल परियोजना सालाना 9 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन करेगी। राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक योजना पर काम कर रही है, जो राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2026 तक देश का पहला ‘हरित ऊर्जा राज्य’ बनाने का प्रयास जारी है। हरित ऊर्जा का दोहन कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सर्वेक्षण और अध्ययन चल रहे कार्य 72 मेगावाट की संयुक्त क्षमता वाली सात सौर ऊर्जा परियोजनाएं जल्द ही आवंटित की जाएंगी, जबकि 325 मेगावाट क्षमता वाली आठ परियोजनाओं के लिए सर्वेक्षण और अध्ययन कार्य चल रहे हैं। 200 किलोवाट के ग्राउंड-माउंटेड सोलर प्लांट लगाकर 200 पंचायतों को ‘ग्रीन पंचायत’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। ऊना जिले में 32 मेगावाट की पेखूबेला सौर ऊर्जा परियोजना 15 अप्रैल 2024 को जनता को समर्पित की गई थी। इस परियोजना से छह महीने में 34.19 मिलियन यूनिट बिजली पैदा की गई। जिससे 10.16 करोड़ रुपए की कमाई हुई। हरित ऊर्जा राज्य बनाने का प्रयास जारी ऊना जिले के भंजाल में 5 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना 30 नवंबर 2024 से शुरू की गई और 10 मेगावाट की अघलौर सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण शीघ्र ही पूर्ण होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2026 तक देश का पहला ‘हरित ऊर्जा राज्य’ बनाने का प्रयास जारी है। हरित ऊर्जा का दोहन कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को धर्मशाला में एक महत्वपूर्ण सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन किया। धर्मशाला स्मार्ट सिटी योजना के तहत स्थापित 750 किलोवाट की यह परियोजना बिजली उपभोक्ताओं को राहत देगी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सौर ऊर्जा के विस्तार से प्रदेश में बिजली दरों में प्रति यूनिट एक रुपए की कमी की जाएगी। वहीं 4.74 करोड़ की लागत से निर्मित परियोजना को 8,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में स्थापित किया गया है। अक्तूबर 2023 में शुरू हुआ यह निर्माण कार्य नवंबर 2024 में पूरा हुआ। यह सोलर प्लांट प्रतिदिन लगभग 2 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन करेगा। जिससे मासिक 2.80 लाख रुपए की आय अनुमानित है। 3.70 रुपए प्रति यूनिट की दर से बेची जाएगी बिजली हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के साथ हुए समझौते के अनुसार उत्पादित बिजली 3.70 रुपए प्रति यूनिट की दर से बेची जाएगी। इससे स्मार्ट सिटी लिमिटेड को वार्षिक 28 से 30 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त होगा। धर्मशाला में एक दर्जन से अधिक सरकारी भवनों की छतों पर सौर पैनल लगाए गए हैं, जो कार्यालयों के बिजली खर्च को कम करने में मदद कर रहे हैं। यह पर्यावरण अनुकूल परियोजना सालाना 9 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन करेगी। राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक योजना पर काम कर रही है, जो राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2026 तक देश का पहला ‘हरित ऊर्जा राज्य’ बनाने का प्रयास जारी है। हरित ऊर्जा का दोहन कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सर्वेक्षण और अध्ययन चल रहे कार्य 72 मेगावाट की संयुक्त क्षमता वाली सात सौर ऊर्जा परियोजनाएं जल्द ही आवंटित की जाएंगी, जबकि 325 मेगावाट क्षमता वाली आठ परियोजनाओं के लिए सर्वेक्षण और अध्ययन कार्य चल रहे हैं। 200 किलोवाट के ग्राउंड-माउंटेड सोलर प्लांट लगाकर 200 पंचायतों को ‘ग्रीन पंचायत’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। ऊना जिले में 32 मेगावाट की पेखूबेला सौर ऊर्जा परियोजना 15 अप्रैल 2024 को जनता को समर्पित की गई थी। इस परियोजना से छह महीने में 34.19 मिलियन यूनिट बिजली पैदा की गई। जिससे 10.16 करोड़ रुपए की कमाई हुई। हरित ऊर्जा राज्य बनाने का प्रयास जारी ऊना जिले के भंजाल में 5 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना 30 नवंबर 2024 से शुरू की गई और 10 मेगावाट की अघलौर सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण शीघ्र ही पूर्ण होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2026 तक देश का पहला ‘हरित ऊर्जा राज्य’ बनाने का प्रयास जारी है। हरित ऊर्जा का दोहन कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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खैर के पेड़ों की अवैध कटाई कांगड़ा जिले में लगातार चिंता का विषय बनी हुई है। खैर की लकड़ी का बाजार में बड़ा मूल्य है, और माफिया इसकी तस्करी में सक्रिय रहते हैं। यह घटना न केवल जंगलों के लिए खतरा है, बल्कि पर्यावरण संतुलन के लिए भी बड़ा नुकसान है। वन विभाग और पुलिस ने स्थानीय निवासियों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और वन संपदा को बचाने में सहयोग करें। यह कार्रवाई जंगलों को बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन वन माफिया के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
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