हिमाचल प्रदेश के मनाली के हामटा में ऐतिहासिक पल देखने को मिला, जब पहली बार हिमाचल प्रदेश में स्की माउंटेनियरिंग स्टेट चैंपियनशिप का आयोजन किया गया। स्की माउंटेनियरिंग एसोसिएशन, प्रशासन और स्की फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त देखरेख में आयोजित प्रतियोगिता का शुभारंभ विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने किया। प्रतियोगिता में 16 प्रतिभागियों ने लिया भाग प्रतियोगिता में कुल 16 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें 11 पुरुष और 5 महिला खिलाड़ी शामिल थे। इंडियन स्की माउंटेनियरिंग एसोसिएशन अध्यक्ष पिंटू सूद ने बताया कि हामटा की बर्फीली वादियां इस ओलिंपिक खेल के लिए आदर्श स्थल हैं। ओलंपियन हीरा लाल ने जीता स्वर्ण पदक प्रतियोगिता में पुरुष वर्ग में ओलंपियन हीरा लाल ने स्वर्ण पदक जीता, जबकि तेंजिन बौद्ध और गिरिराज ने क्रमशः रजत और कांस्य पदक प्राप्त किए। महिला वर्ग में साक्षी ठाकुर ने स्वर्ण, तेंजिन डोलमा ने रजत और नताशा ने कांस्य पदक हासिल किया। चैंपियनशिप में सभी इवेंट्स होंगे शामिल विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने कहा कि प्रदेश सरकार शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने के लिए आधारभूत ढांचे को मजबूत कर रही है। उन्होंने बताया कि अगली चैंपियनशिप में सभी इवेंट्स को शामिल किया जाएगा। विजेता हीरा लाल ने नए खिलाड़ियों के लिए नियमित अभ्यास शिविरों की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे भविष्य में नई प्रतिभाएं सामने आ सकें। हिमाचल प्रदेश के मनाली के हामटा में ऐतिहासिक पल देखने को मिला, जब पहली बार हिमाचल प्रदेश में स्की माउंटेनियरिंग स्टेट चैंपियनशिप का आयोजन किया गया। स्की माउंटेनियरिंग एसोसिएशन, प्रशासन और स्की फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त देखरेख में आयोजित प्रतियोगिता का शुभारंभ विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने किया। प्रतियोगिता में 16 प्रतिभागियों ने लिया भाग प्रतियोगिता में कुल 16 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें 11 पुरुष और 5 महिला खिलाड़ी शामिल थे। इंडियन स्की माउंटेनियरिंग एसोसिएशन अध्यक्ष पिंटू सूद ने बताया कि हामटा की बर्फीली वादियां इस ओलिंपिक खेल के लिए आदर्श स्थल हैं। ओलंपियन हीरा लाल ने जीता स्वर्ण पदक प्रतियोगिता में पुरुष वर्ग में ओलंपियन हीरा लाल ने स्वर्ण पदक जीता, जबकि तेंजिन बौद्ध और गिरिराज ने क्रमशः रजत और कांस्य पदक प्राप्त किए। महिला वर्ग में साक्षी ठाकुर ने स्वर्ण, तेंजिन डोलमा ने रजत और नताशा ने कांस्य पदक हासिल किया। चैंपियनशिप में सभी इवेंट्स होंगे शामिल विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने कहा कि प्रदेश सरकार शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने के लिए आधारभूत ढांचे को मजबूत कर रही है। उन्होंने बताया कि अगली चैंपियनशिप में सभी इवेंट्स को शामिल किया जाएगा। विजेता हीरा लाल ने नए खिलाड़ियों के लिए नियमित अभ्यास शिविरों की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे भविष्य में नई प्रतिभाएं सामने आ सकें। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल की डडौर मंडी में कुल्हाड़ी लेकर पहुंचा युवक:आढ़ती-मजदूरों को जान से मारने की धमकी, दहशत में लोग, सुरक्षा की मांग हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की डडौर सब्जी मंडी में कुछ युवक कुल्हाड़ी लेकर आ धमके। उन्होंने आढ़तियों और मजदूरों को धमकाना शुरू किया और मारपीट की। कुल्हाड़ी लेकर मंडी में पहुंचे युवकों की करतूत वहां लगे CCTV में कैद हो गई। जो अब सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। सूचना के अनुसार, बीती शाम को एक युवक कुल्हाड़ी लेकर दुकान में घुसा। इसके पीछे कुछ और लोग भी दुकान में पहुंचते हैं और यहां काम करने वाले लोगों को जान की मारने की धमकी देते हैं। आढ़ती पारस फ्रूट कंपनी के मालिक लेख राज ने बताया कि एक गुंडा कुल्हाड़ी को लहराता हुआ सीधा अंदर आ गया, और पल्लेदार को पकड़कर जान से मारने की धमकी दी। इस घटना से सभी फल और सब्जी आढ़ती डर के साए में हैं। यह कानून व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल है। बताया जा रहा है कि यह विवाद बिल के भुगतान को लेकर हुआ है। गुंडा तत्व के खिलाफ की जाए कार्रवाई: महेंद्र डडौर सब्जी मंडी के प्रधान महेंद्र पाल ने कहा कि घटना की शिकायत बल्ह थाने में दर्ज कराई गई है। इन गुंडा तत्वों ने सब्जी मंडी के आढ़ती जितेंद्र के साथ हाथापाई की, जिसमें जितेंद्र को चोटें आई हैं। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ जल्द कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। गुंडागर्दी सहन नहीं होंगी: डिंपल आढ़ती डिंपल सैनी ने कहा की बिल की गलतफहमी को लेकर हुई यह घटना गलत है। इस तरह की गुंडागर्दी सही नहीं होगी। सभी आढ़ती डरे हुए हैं। इस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। अगर पुलिस द्वारा उचित करवाई अमल में नहीं लाई गई तो सभी आढ़ती मिलकर हड़ताल पर जाएंगे। हमारी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। इससे पहले भी सब्जी मंडी में 6 लाख की चोरी हो चुकी है, जिसका आज तक कोई पता नहीं लग पाया है। बल्ह थाना प्रभारी पुरुषोत्तम धीमान ने बताया की सब्जी मंडी में हुई घटना की शिकायत आढ़तियों द्वारा थाना में दर्ज करवाई है। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
हिमाचल में 16वें वित्त आयोग की टीम:सीएम-मंत्री और अधिकारियों से चल रही मीटिंग; फाइनांस कमीशन की रिपोर्ट पर निर्भर करेगी प्रदेश की आर्थिक सेहत
हिमाचल में 16वें वित्त आयोग की टीम:सीएम-मंत्री और अधिकारियों से चल रही मीटिंग; फाइनांस कमीशन की रिपोर्ट पर निर्भर करेगी प्रदेश की आर्थिक सेहत 16वां वित्त आयोग की टीम तीन दिन के हिमाचल दौरे पर है। चेयरमैन डा. अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में प्रदेश पहुंची वित्त आयोग की टीम आज हिमाचल के मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों, विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ शिमला के पीटरहॉफ में मीटिंग कर रही है। इस कमीशन की रिपोर्ट पर हिमाचल सरकार की आर्थिक सेहत निर्भर करेगी। मुख्यमंत्री सहित उनके कैबिनेट मंत्री वित्तीय स्थिति को लेकर प्रेजेंटेशन दे रहे हैं। इसके जरिए सरकार 2026 से पांच साल के लिए ज्यादा से ज्यादा राजस्व अनुदान घाटा ग्रांट लेने का प्रयास कर रही है। फाइनेंस कमीशन विपक्षी दल के साथ साथ शहरी निकाय और पंचायत जनप्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेगा। इसके बाद यह टीम आगामी पांच सालों के लिए आर्थिक मदद को लेकर एक रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपेगी। पहली अप्रैल 2026 से वित्त आयोग की सिफारिशें लागू होगी। इन्हीं सिफारिशों के तहत राज्य को राजस्व का वितरण होता है। राज्य सरकार के लिए इस समय रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट को बचाना चुनौती है। यदि हिमाचल सरकार अपनी वित्तीय जरूरतें फाइनांस कमीशन के सामने सही तरीके से दिखा गई, तो 2026 के बाद अगले पांच साल आराम से निकल सकते हैं। सरकार की राजस्व प्राप्तियां और राजस्व खर्चों के अंतर को सही तरीके से प्रस्तुत नहीं किया गया, तो अगले पांच साल मुश्किल हो जाएंगे। इसमें सबसे बड़ी वजह अभी ओल्ड पेंशन देने का फैसला दिख रहा है। 26 से बढ़कर 30% हुआ कर्मचारियों की सैलरी पर खर्च इससे पहले 15वें वित्त आयोग ने हिमाचल सरकार को अपनी प्रतिबद्ध देनदारी कम करने को कहा था, लेकिन वेतन की अदायगी और कुछ चुनावी फैसलों के कारण कर्मचारियों की सैलरी पर खर्च होने वाला पैसा 26 फीसदी से बढ़कर 30 फीसदी तक पहुंच गया है। राज्य सरकार ने ओल्ड पेंशन (OPS) देने का भी निर्णय कर लिया। इससे 16वें वित्त आयोग की अवधि में पेंशन देनदारी ओर बढ़ेगी। इसलिए फाइनांस कमीशन के सामने सरकार को इस फैसले की जरूरत को प्रदर्शित करना होगा। 15वें वित्त आयोग ने दिए थे 81977 करोड़ 15वें वित्त आयोग ने हिमाचल को कुल 81977 करोड़ रुपए पांच साल के लिए दिए थे। इसमें से 37200 करोड़ रिवेन्यू डिफिसिट ग्रांट के तौर पर थे। फाइनांस कमीशन ने इस पांच साल की अवधि के लिए राजस्व घाटा अनुदान (RDG) को साल दर साल कम कर दिया था। यदि औसत राशि देखें तो हर महीने 620 करोड़ ही RDG के तौर पर मिल रहे हैं। राज्य सरकार कर्मचारियों को जो सैलरी देती है, उसमें एक बड़ा हिस्सा इसी ग्रांट का है। प्रदेश को 7000 करोड़ सालाना RGD की जरूरत यदि इस साल के राज्य सरकार के बजट की बात करें, तो राजस्व घाटा अनुदान 4514 करोड़ रुपए है, जबकि वित्तीय घाटा 10784 करोड़ हो गया है। अगले वित्त वर्ष में राजस्व घाटा 7127 करोड़ का होगा, लेकिन इससे अगले साल यानी 2026-27 के वर्ष में राज्य सरकार को राजस्व घाटा अनुदान के तौर पर ही 7000 करोड़ से ज्यादा वार्षिक तौर पर चाहिए। इस जरूरत को सिर्फ फाइनांस कमीशन ही पूरा कर सकता है। राज्य सरकार की ओर से अब तक राजस्व बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों का ज्यादा अच्छा रिजल्ट नहीं मिला है। फाइनेंस कमीशन की टीम में ये सदस्य डॉ. अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता में वित्त आयोग की 13 सदसीय टीम हिमाचल आई है। इनमें से सदस्य डा. मनोज पांडा, अजय नारायण झा, एन जॉर्ज मैथ्यू, डा. सौम्या क्रांति घोष, सचिव रित्विक पांडे, संयुक्त सचिव राहुल जैन, संयुक्त निदेशक अमरूथा, मानस बाजपेयी, सहायक निदेशक कुलदीप सिंह मीणा, सहायक निदेशक आनंद कुमार और निजी सचिव कुमार विवेक शामिल है।
हिमाचल के 4 जिलों में परसो भारी बारिश का ऑरेंज-अलर्ट:अभी कमजोर पड़ा है मानसून; नॉर्मल से 41% कम बारिश, कई जगह सूखे जैसे हालात
हिमाचल के 4 जिलों में परसो भारी बारिश का ऑरेंज-अलर्ट:अभी कमजोर पड़ा है मानसून; नॉर्मल से 41% कम बारिश, कई जगह सूखे जैसे हालात हिमाचल प्रदेश में मानसून बिल्कुल धीमा पड़ा हुआ है। इस बीच मौसम विभाग ने 21 जुलाई के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। बीते डेढ़ सप्ताह के दौरान पहली बार ऑरेंज अलर्ट दिया गया है। इस दौरान कुछेक क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है। इसे देखते हुए प्रदेशवासियों को सावधानी बरतने की एडवाइजारी जारी की गई है। मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में 19 से 24 जुलाई तक बारिश का पूर्वानुमान है। मगर रविवार के लिए चार जिले चंबा, बिलासपुर, कांगड़ा और मंडी जिला को ऑरेंज अलर्ट दिया गया है। लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य सभी जिलों में येलो अलर्ट की चेतावनी दी गई है। फिलहाल प्रदेश के कई क्षेत्रों में सूखे जैसे हालात पनपने लगे हैं। मानसून सीजन के दौरान नॉर्मल से 41 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इससे सेब पर सूखे की मार पड़ रही है और बड़े पैमाने पर ड्रापिंग हो रही है। मक्की के अलावा टमाटर, शिमला मिर्च, फूल गोभी व बंदगोभी जैसी नगदी फसलों पर भी सूखे की मार पड़ रही है। 2023 में 9 जुलाई को 228MM बारिश, इस साल 18 दिन में 141.8MM बरसात हिमाचल में पिछले साल 9 जुलाई को एक ही दिन में 228.5 मिलीमीटर बारिश हुई थी। मगर इस बार जुलाई के पहले 18 दिन में भी 228 मिलीमीटर बारिश नहीं हो पाई। प्रदेश में एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां नॉर्मल से ज्यादा बारिश हुई हो। पूरे मानसून सीजन में यानी 1 जून से 18 जुलाई तक प्रदेश में औसत 238.4 मिलीमीटर बारिश होती है। मगर इस बार 141.8 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो कि नॉर्मल से 41 प्रतिशत कम है। सिरमौर, लाहौल स्पीति और चंबा जिला में सबसे कम बारिश हुई है। कई शहरों का तापमान नॉर्मल से 6 डिग्री तक अधिक हुआ प्रदेश में बारिश नहीं होने से तापमान में निरंतर उछाल हो रहा है। प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान नॉर्मल से 2.9 डिग्री ज्यादा हो गया है। प्रदेश के कई शहरों का तापमान नॉर्मल से 6 डिग्री तक अधिक हो गया है। बिलासपुर के तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 5.5 डिग्री का उछाला आया है। यहां का पारा 37.9 डिग्री सेल्सियस हो गया है। भुंतर का तापमान नॉर्मल की तुलना में 4.8 डिग्री के उछाल के साथ 36.2 डिग्री, हमीरपुर का 4.8 डिग्री अधिक के साथ 36.2, मनाली का पारा 3 डिग्री के उछाल के बाद 28.5 डिग्री, शिमला का 3.2 डिग्री ज्यादा के साथ 26.2 डिग्री और सुंदरनगर का तापमान नॉर्मल से 3.6 डिग्री अधिक के साथ 34.4 डिग्री सेल्सियस हो गया है।