कांगड़ा जिले में धर्मशाला के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मैक्लोडगंज में स्थित एक तिब्बती बौद्ध संस्थान में बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया है। स्थानीय लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें संस्थान पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जांच में पता चला है कि संस्थान हर महीने चार कोर्स आयोजित करता है, जिनमें प्रति कोर्स 30-40 विदेशी पर्यटक भाग लेते हैं। प्रत्येक कोर्स से संस्थान को 1 से 1.5 लाख रुपए की नकद आय होती है। लेकिन यह राशि $20 हजार डॉलर से $30 हजार डॉलर में बदलकर बैंक में जमा की जाती है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि संस्थान के खातों में वास्तविक संख्या से कहीं अधिक लोगों की एंट्री दिखाई जाती है। जहां वास्तविक प्रतिभागी 30-40 होते हैं, वहां रिकॉर्ड में 120-130 लोगों की एंट्री की जाती है, जिनमें से 80-90 नाम फर्जी होते हैं। इस तरह हर महीने लगभग 30-40 लाख रुपए का काला धन वैध किया जा रहा है। गंभीर चिंता का विषय यह है कि इस अवैध धन का इस्तेमाल विदेशी तिब्बतियों के लिए फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी जैसे दस्तावेज बनवाने में किया जा रहा है। इस पूरे मामले ने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है। संस्थान के पास नियमित रूप से चीनी, अमेरिकी और सिंगापुर डॉलर की उपलब्धता भी जांच का विषय बन गई है। एक महीने पहले ही मैक्लोडगंज में विदेशी करेंसी का अवैध धंधा करने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिससे 65 लाख रुपए से अधिक की विदेशी करेंसी बरामद की गई थी। गिरफ्तार आरोपी की पहचान आरोपी जितेंद्र कुमार, पंजाब के गुरु रामदास नगर, जिला मोगा के निवासी के रूप में हुई। पुलिस ने जितेंद्र कुमार से 59,970 यूएस डॉलर (लगभग 51 लाख 5 हजार 950 रुपए), 1300 कनाडा डॉलर (लगभग 76,804 रुपए), 565 इंग्लिश पाउंड (लगभग 60,025.6 रुपए), 1261 कुवैती दीनार (लगभग 3,47,790.86 रुपए) और 10,800 यूरो (लगभग 9,56,796.43 रुपए) बरामद कर जब्त किए थे। हालांकि, आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी। इसके अलावा 7 नवंबर को, धर्मशाला पुलिस ने गमरू निवासी राकेश कुमार को दिल्ली से धर्मशाला ट्रिप तारा वॉल्वो बस से 40 लाख रुपए नकद और ड्रग्स सहित गिरफ्तार किया था। कांगड़ा जिले में धर्मशाला के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मैक्लोडगंज में स्थित एक तिब्बती बौद्ध संस्थान में बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया है। स्थानीय लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें संस्थान पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जांच में पता चला है कि संस्थान हर महीने चार कोर्स आयोजित करता है, जिनमें प्रति कोर्स 30-40 विदेशी पर्यटक भाग लेते हैं। प्रत्येक कोर्स से संस्थान को 1 से 1.5 लाख रुपए की नकद आय होती है। लेकिन यह राशि $20 हजार डॉलर से $30 हजार डॉलर में बदलकर बैंक में जमा की जाती है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि संस्थान के खातों में वास्तविक संख्या से कहीं अधिक लोगों की एंट्री दिखाई जाती है। जहां वास्तविक प्रतिभागी 30-40 होते हैं, वहां रिकॉर्ड में 120-130 लोगों की एंट्री की जाती है, जिनमें से 80-90 नाम फर्जी होते हैं। इस तरह हर महीने लगभग 30-40 लाख रुपए का काला धन वैध किया जा रहा है। गंभीर चिंता का विषय यह है कि इस अवैध धन का इस्तेमाल विदेशी तिब्बतियों के लिए फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी जैसे दस्तावेज बनवाने में किया जा रहा है। इस पूरे मामले ने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है। संस्थान के पास नियमित रूप से चीनी, अमेरिकी और सिंगापुर डॉलर की उपलब्धता भी जांच का विषय बन गई है। एक महीने पहले ही मैक्लोडगंज में विदेशी करेंसी का अवैध धंधा करने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिससे 65 लाख रुपए से अधिक की विदेशी करेंसी बरामद की गई थी। गिरफ्तार आरोपी की पहचान आरोपी जितेंद्र कुमार, पंजाब के गुरु रामदास नगर, जिला मोगा के निवासी के रूप में हुई। पुलिस ने जितेंद्र कुमार से 59,970 यूएस डॉलर (लगभग 51 लाख 5 हजार 950 रुपए), 1300 कनाडा डॉलर (लगभग 76,804 रुपए), 565 इंग्लिश पाउंड (लगभग 60,025.6 रुपए), 1261 कुवैती दीनार (लगभग 3,47,790.86 रुपए) और 10,800 यूरो (लगभग 9,56,796.43 रुपए) बरामद कर जब्त किए थे। हालांकि, आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी। इसके अलावा 7 नवंबर को, धर्मशाला पुलिस ने गमरू निवासी राकेश कुमार को दिल्ली से धर्मशाला ट्रिप तारा वॉल्वो बस से 40 लाख रुपए नकद और ड्रग्स सहित गिरफ्तार किया था। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में जान जोखिम में डालकर घूम रहे पर्यटक:कानून का उल्लंघन, कार में लटककर किया स्टंट, सोशल मीडिया पर हुई ट्रोलिंग हिमाचल प्रदेश घूमने आए पर्यटक अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे हैं। वे कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। ऐसा ही एक नया मामला शिमला के उपनगर ढली के पास ग्रीन वैली से सामने आया है। शिमला के एक निवासी ने एक्स पर इसका वीडियो पोस्ट किया है। इस पोस्ट के अनुसार, दो युवक CH-01AF0700 नंबर की I-20 कार में बाहर की तरफ यात्रा कर रहे हैं। जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे युवकों को सोशल मीडिया पर ट्रोल भी किया जा रहा है। इस वीडियो को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे उन्हें न तो अपनी जान की परवाह है और न ही कानून-व्यवस्था का डर। तीखे मोड़ वाली सड़क पर इस तरह से शरीर का ऊपरी हिस्सा बाहर निकालने से सामने से बस या ट्रक जैसे बड़े वाहन के आने पर दुर्घटना हो सकती है। इतना ही नहीं, वाहन से बाहर गिरने या दरवाजा खुलने का भी डर रहता है। फिर भी युवा बेखौफ होकर वाहन की खिड़की से बाहर लटक रहे हैं। 25 जून को थार का कटा था 2500 रुपए का चालान 25 जून को चंडीगढ़ का एक युवक थार गाड़ी से लटककर स्टंट कर रहा था। हालांकि बाद में शिमला पुलिस ने उसके खिलाफ 2500 रुपए का चालान काटा। कंडाघाट पुलिस ने दो वाहनों के चालान काटे मई महीने में दो वाहनों में आए पंजाब और हरियाणा के 9 युवकों को सोलन जिले के कंडाघाट थाने में ले जाया गया। एक घंटे तक थाने में बैठाने के बाद उनका चालान काटकर वापस भेज दिया गया। लेकिन कुछ पर्यटक अभी भी कानून तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं।
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शिमला पहुंचे योगी सरकार के दो मंत्री:राज्यपाल और सीएम को दिया महाकुंभ का न्योता; प्रयागराज में 15 जनवरी से लगेगा मेला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 15 जनवरी से महाकुंभ शुरू हो रहा है। इसके लिए योगी सरकार का देश के सभी राज्यों सहित पूरे विश्व में न्योता दे रही है। इसी कड़ी में सोमवार को योगी मंत्री मंडल के दो मंत्री हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला पहुंचे। उन्होंने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला व सीएम सुखविंदर सुक्खू को कुम्भ में आने का न्योता दिया। उत्तर प्रदेश के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चन्द्र यादव ने कहा कि यह योगी सरकार महाकुंभ में अंतरराष्ट्रीय सहभागिता और इसे अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ इसे ऐतिहासिक बनाने की दिशा में अहम कदम उठा रही है। योगी सरकार के मंत्रियों ने कहा कि महाकुंभ ,भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक चेतना का संपादन है। एक भारत श्रेष्ठ भारत समावेशी भारत की दिव्य और जीवंत झांकी झांकी है। इसके लिए वह सभी हिमाचल प्रदेश वासियों को आमंत्रित करते है। कुंभ में आने वाले हर व्यक्ति की होगी हेड काउंटिंग पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कुंभ 2025 में करीब 45 लाख श्रृद्धालुओं के आने की संभावना है। इस आयोजन को देखते हुए कुंभ में आने वाले हर व्यक्ति की हेड काउंटिंग करने की व्यवस्था की जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने कुंभ क्षेत्र को लेकर एक अलग जिला बनाकर अधिकारियों की तैनाती है। डिजिटल महाकुंभ का भी अनुभव करेंगे श्रद्धालु पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार दिव्य, भव्य एवं डिजिटल महाकुंभ के लिए प्रतिबद्ध है। महाकुंभ की वेबसाइट, ऐप, 11 भाषाओं में एआई चैट बॉट, लोगों एवं वाहनों के लिए क्यूआर आधारित पास, बहुभाषीय डिजिटल खोया-पाया केंद्र, स्वच्छता एवं टेंटों की आईसीटी निगरानी, भूमि और सुविधा आवंटन के लिए सॉफ्टवेयर, बहुभाषीय डिजिटल साइनेज वीएमडी, स्वचालित राशन आपूर्ति प्रणाली, ड्रोन आधारित निगरानी एवं आपदा प्रबंधन, 530 परियोजनाओं की निगरानी का लाइव सॉफ्टवेयर, इन्वेंटरी ट्रैकिंग सिस्टम और सभी स्थलों का गूगल मैप पर डेटा तैयार किया गया है। रिवर फ्रंट सहित 44 घाटों पर पुष्प वर्षा की व्यवस्था पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि महाकुंभ नगरी में 35 पुराने और 9 नए पक्के घाट बनाए गए हैं, जो श्रद्धालुओं को स्नान करने में सहायक होंगे। 12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले सभी 44 घाटों पर हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जा सकेगी।
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एडवेंचर स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ हिमाचल प्रदेश के जनरल सेक्रेटरी चेतन कंवर ने बताया कि इस आयोजन में अजय शर्मा मीट डायरेक्टर हैं जबकि कजाकिस्तान के रुस्तम अबाबाकिरोव पैराग्लाइडर पायलट चीफ जज नियुक्त किये गए हैं। भारत की पहली महिला पैराग्लाइडर पायलट अलीशा कटोच पैराग्लाइडिंग साइट नरवाणा में शनिवार से शुरू हुए धौलाधार पैराग्लाइडिंग प्री-एक्यूरेसी विश्व कप में उड़ान भरने भारत पहुंची। मंडी के बीड़ से संबंध रखने वाली 21 वर्षीय अलीशा ने बताया कि पैराग्लाइडिंग के क्षेत्र में उन्होंने 2019 से शुरुआत की थी। जबकि 2021 में पूर्ण रूप से वे पैराग्लाइडिंग गतिविधियों में शामिल हो गईं। बीते साल उन्होंने बीड़ में होने वाले पैराग्लाइडिंग विश्व कप में भी बतौर प्रतिभागी हिस्सा लिया है। जबकि इस बार सप्ताह भर पहले विश्व कप का हिस्सा न बन पाने के बाद नरवाणा में शुरू हुए आयोजन में वे बतौर प्रतिभागी पहुंची हैं। अलीशा ने बताया कि वे इसी साल कजाकिस्तान में हुई पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। इस दौरान उन्होंने भारत के लिए 3 मेडल जीते हैं। जबकि मौजूदा समय में वे महाराष्ट्र में कमिश्नर ऑफ इंडिया पैराग्लाइडिंग विजय सोनी के सान्निध्य में पैराग्लाइडिंग एक्यूरेसी की प्रतिभा सीख रही हैं। जबकि विजय सोनी ने बताया कि देश की पहली पैराग्लाइडिंग पायलट अलीशा डेढ़ साल से महाराष्ट्र के पैराग्लाइडिंग स्कूल में एक्यूरेसी की प्रतिभा का प्रशिक्षण ले रहीं हैं।