अयोध्या के सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने शनिवार को कहा- भाजपा मिल्कीपुर में उपचुनाव में हार रही है। इसलिए बौखला गई है। इसी डर के कारण सपा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है। सरकार के दबाव में अयोध्या के अधिकारियों ने मिल्कीपुर क्षेत्र के तीन थानों में 10 सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यहां एक दर्जन से ज्यादा मंत्री लगे हैं। आज किसान परेशान हैं। कानून व्यवस्था ध्वस्त है। मंत्रियों को इन समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन वे बाहरी प्रत्याशी का क्षेत्र में मतदाताओं से परिचय करा रहे हैं। मिल्कीपुर की जनता भाजपा प्रत्याशी को जानती नहीं है। उनका परिचय अधिकारी करा रहे हैं। अयोध्या में सपा के उम्मीदवार की होगी जीत
अवधेश प्रसाद ने कहा- मिल्कीपुर की जनता हमारे साथ है। भाजपा ने बाहरी को टिकट दिया है। जिसे लोग जानते तक नहीं हैं। सरकार स्कूलों के प्रधानाचार्य को और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के माध्यम से उनका परिचय लोगों को करा रही है। मिल्कीपुर की जनता अजीत प्रसाद को भारी मतों से विजयी बनाने जा रही है। यही कारण है कि भाजपा बौखला गई है। सपा ने चुनाव आयोग को लेटर लिखा
सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा- यह लोकतंत्र के मंदिर का चुनाव है। हमने भी आचार संहिता का पालन किया है। सरकारें बदलती रहती हैं। चुनाव निष्पक्ष होना चाहिए। हमनें कई चुनाव लड़े हैं। लेकिन सामने लड़ रहे प्रत्याशी का कभी नाम नहीं लिया। कभी आलोचना नहीं की। चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मांग की गई है कि मामले को संज्ञान लें। तीन थानाध्यक्षों को जिले से बाहर भेजा जाए समाजवादी पार्टी ने अयोध्या पुलिस पर अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर झूठे मुकदमे दर्ज करने का बड़ा आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग में शिकायत की है। प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने कहा- मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव को प्रभावित करने के लिए पुलिस उनके कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर झूठे मुकदमे दर्ज कर रही है। उन्होंने मांग की है कि थानाध्यक्ष इनायतनगर देवेन्द्र पांडेय, थानाध्यक्ष कुमारगंज अमरजीत सिंह और थानाध्यक्ष खंडासा संदीप सिंह को तत्काल अयोध्या से बाहर भेजा जाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि पार्टी के निर्दोष पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, ग्राम प्रधानों पर दर्ज झूठी एफआईआर निरस्त की जाए, ताकि मिल्कीपुर में भयमुक्त, स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न हो सके। चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह तीनों थानाध्यक्ष पार्टी के दर्जन भर से अधिक पदाधिकारी, सेक्टर प्रभारी, कार्यकर्ता व ग्राम प्रधान के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कर भय का माहौल बना रहे हैं। मिल्कीपुर में 5 फरवरी को होगी वोटिंग
अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर 5 फरवरी को वोटिंग होगी। नतीजे 8 फरवरी को आएंगे। 10 से 17 जनवरी तक नामांकन दाखिल किए गए। 20 फरवरी तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। मिल्कीपुर सीट अवधेश प्रसाद के फैजाबाद से सांसद बनने के बाद खाली हुई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे को पहले ही उम्मीदवार तय कर दिया था। भाजपा ने चंद्रभानु पासवान को टिकट दिया है। अब पढ़िए मिल्कीपुर से BJP प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान के बारे में
टिकट मिलने के बाद चंद्रभानु पासवान ने कहा- सबसे पहले तो मैं पार्टी के शीर्ष नेताओं और मिल्कीपुर की जनता का धन्यवाद करना चाहूंगा। उन्होंने मुझ पर भरोसा जताया। मैं मिल्कीपुर से चुनाव जीत कर अपनी पार्टी की झोली में ये सीट डालने का काम करूंगा। मेरा चुनाव जनता लड़ रही है। मुझे अवधेश प्रसाद से कोई खतरा नहीं है। मेरा एजेंडा विकास का है और मैं पूरी तरह से निश्चिंत हूं। 5 तारीख को वोटिंग है। मुझे आशीर्वाद देने के लिए मिल्कीपुर की जनता तैयार है। अयोध्या भगवान राम की नगरी है। भाजपा ये सीट जरूर जीतेगी। जानिए 9 सीटों के साथ क्यों नहीं हुआ उपचुनाव
2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर से भाजपा प्रत्याशी गोरखनाथ सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद से 13,000 से अधिक वोटों से हार गए थे। इसके बाद भाजपा नेता ने अवधेश प्रसाद पर चुनाव प्रक्रिया में गलत हलफनामा दाखिल करने और नोटरी के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की। 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने अवधेश प्रसाद को अयोध्या से उतारा। अवधेश चुनाव जीतकर सांसद बने। इससे मिल्कीपुर सीट खाली हो गई। 15 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने यूपी में विधानसभा की 9 सीटों पर ही उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया। मिल्कीपुर सीट का नाम नहीं था। मिल्कीपुर उपचुनाव लटका तो बयानबाजी शुरू हो गई। सपा ने भाजपा पर हार के डर से चुनाव लटकाने का आरोप लगाया। जब चुनाव लटकने की वजह खोजी गई। तब पता चला कि बाबा गोरखनाथ की याचिका हाईकोर्ट में लंबित है, इसलिए मिल्कीपुर में उपचुनाव की घोषणा नहीं की गई। 18 अक्टूबर को ही भाजपा नेता और पूर्व विधायक गोरखनाथ ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाई कि वे अब केस नहीं लड़ना चाहते हैं। गोरखनाथ ने कहा कि सपा विधायक अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के बाद याचिका का औचित्य समाप्त हो गया है। याचिका वापस लेने से मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया। 2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर का रिजल्ट
मिल्कीपुर में 2022 के विधानसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद को 1.03 लाख वोट मिले थे। उन्होंने भाजपा के बाबा गोरखनाथ को 13 हजार वोटों से हराया था। बाबा गोरखनाथ को 90 हजार 567 वोट मिले थे। इससे पहले 2017 के चुनाव में बाबा गोरखनाथ मिल्कीपुर से विधायक बने। …………………… ये खबर भी पढ़ें- अयोध्या में हार का बदला मिल्कीपुर जीतकर लेगी भाजपा, अखिलेश के सामने गढ़ बचाने की चुनौती, नतीजों का पूरे देश में जाएगा मैसेज रामनगरी अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा हो गई है। पांच फरवरी को वोटिंग और 8 फरवरी को रिजल्ट आएगा। राजनीतिक दलों और राजनीतिक विश्लेषकों की नजर दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ मिल्कीपुर के उपचुनाव पर भी रहेगी। पढ़ें पूरी खबर अयोध्या के सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने शनिवार को कहा- भाजपा मिल्कीपुर में उपचुनाव में हार रही है। इसलिए बौखला गई है। इसी डर के कारण सपा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है। सरकार के दबाव में अयोध्या के अधिकारियों ने मिल्कीपुर क्षेत्र के तीन थानों में 10 सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यहां एक दर्जन से ज्यादा मंत्री लगे हैं। आज किसान परेशान हैं। कानून व्यवस्था ध्वस्त है। मंत्रियों को इन समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन वे बाहरी प्रत्याशी का क्षेत्र में मतदाताओं से परिचय करा रहे हैं। मिल्कीपुर की जनता भाजपा प्रत्याशी को जानती नहीं है। उनका परिचय अधिकारी करा रहे हैं। अयोध्या में सपा के उम्मीदवार की होगी जीत
अवधेश प्रसाद ने कहा- मिल्कीपुर की जनता हमारे साथ है। भाजपा ने बाहरी को टिकट दिया है। जिसे लोग जानते तक नहीं हैं। सरकार स्कूलों के प्रधानाचार्य को और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के माध्यम से उनका परिचय लोगों को करा रही है। मिल्कीपुर की जनता अजीत प्रसाद को भारी मतों से विजयी बनाने जा रही है। यही कारण है कि भाजपा बौखला गई है। सपा ने चुनाव आयोग को लेटर लिखा
सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा- यह लोकतंत्र के मंदिर का चुनाव है। हमने भी आचार संहिता का पालन किया है। सरकारें बदलती रहती हैं। चुनाव निष्पक्ष होना चाहिए। हमनें कई चुनाव लड़े हैं। लेकिन सामने लड़ रहे प्रत्याशी का कभी नाम नहीं लिया। कभी आलोचना नहीं की। चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मांग की गई है कि मामले को संज्ञान लें। तीन थानाध्यक्षों को जिले से बाहर भेजा जाए समाजवादी पार्टी ने अयोध्या पुलिस पर अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर झूठे मुकदमे दर्ज करने का बड़ा आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग में शिकायत की है। प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने कहा- मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव को प्रभावित करने के लिए पुलिस उनके कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर झूठे मुकदमे दर्ज कर रही है। उन्होंने मांग की है कि थानाध्यक्ष इनायतनगर देवेन्द्र पांडेय, थानाध्यक्ष कुमारगंज अमरजीत सिंह और थानाध्यक्ष खंडासा संदीप सिंह को तत्काल अयोध्या से बाहर भेजा जाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि पार्टी के निर्दोष पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, ग्राम प्रधानों पर दर्ज झूठी एफआईआर निरस्त की जाए, ताकि मिल्कीपुर में भयमुक्त, स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न हो सके। चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह तीनों थानाध्यक्ष पार्टी के दर्जन भर से अधिक पदाधिकारी, सेक्टर प्रभारी, कार्यकर्ता व ग्राम प्रधान के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कर भय का माहौल बना रहे हैं। मिल्कीपुर में 5 फरवरी को होगी वोटिंग
अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर 5 फरवरी को वोटिंग होगी। नतीजे 8 फरवरी को आएंगे। 10 से 17 जनवरी तक नामांकन दाखिल किए गए। 20 फरवरी तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। मिल्कीपुर सीट अवधेश प्रसाद के फैजाबाद से सांसद बनने के बाद खाली हुई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे को पहले ही उम्मीदवार तय कर दिया था। भाजपा ने चंद्रभानु पासवान को टिकट दिया है। अब पढ़िए मिल्कीपुर से BJP प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान के बारे में
टिकट मिलने के बाद चंद्रभानु पासवान ने कहा- सबसे पहले तो मैं पार्टी के शीर्ष नेताओं और मिल्कीपुर की जनता का धन्यवाद करना चाहूंगा। उन्होंने मुझ पर भरोसा जताया। मैं मिल्कीपुर से चुनाव जीत कर अपनी पार्टी की झोली में ये सीट डालने का काम करूंगा। मेरा चुनाव जनता लड़ रही है। मुझे अवधेश प्रसाद से कोई खतरा नहीं है। मेरा एजेंडा विकास का है और मैं पूरी तरह से निश्चिंत हूं। 5 तारीख को वोटिंग है। मुझे आशीर्वाद देने के लिए मिल्कीपुर की जनता तैयार है। अयोध्या भगवान राम की नगरी है। भाजपा ये सीट जरूर जीतेगी। जानिए 9 सीटों के साथ क्यों नहीं हुआ उपचुनाव
2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर से भाजपा प्रत्याशी गोरखनाथ सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद से 13,000 से अधिक वोटों से हार गए थे। इसके बाद भाजपा नेता ने अवधेश प्रसाद पर चुनाव प्रक्रिया में गलत हलफनामा दाखिल करने और नोटरी के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की। 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने अवधेश प्रसाद को अयोध्या से उतारा। अवधेश चुनाव जीतकर सांसद बने। इससे मिल्कीपुर सीट खाली हो गई। 15 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने यूपी में विधानसभा की 9 सीटों पर ही उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया। मिल्कीपुर सीट का नाम नहीं था। मिल्कीपुर उपचुनाव लटका तो बयानबाजी शुरू हो गई। सपा ने भाजपा पर हार के डर से चुनाव लटकाने का आरोप लगाया। जब चुनाव लटकने की वजह खोजी गई। तब पता चला कि बाबा गोरखनाथ की याचिका हाईकोर्ट में लंबित है, इसलिए मिल्कीपुर में उपचुनाव की घोषणा नहीं की गई। 18 अक्टूबर को ही भाजपा नेता और पूर्व विधायक गोरखनाथ ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाई कि वे अब केस नहीं लड़ना चाहते हैं। गोरखनाथ ने कहा कि सपा विधायक अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के बाद याचिका का औचित्य समाप्त हो गया है। याचिका वापस लेने से मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया। 2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर का रिजल्ट
मिल्कीपुर में 2022 के विधानसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद को 1.03 लाख वोट मिले थे। उन्होंने भाजपा के बाबा गोरखनाथ को 13 हजार वोटों से हराया था। बाबा गोरखनाथ को 90 हजार 567 वोट मिले थे। इससे पहले 2017 के चुनाव में बाबा गोरखनाथ मिल्कीपुर से विधायक बने। …………………… ये खबर भी पढ़ें- अयोध्या में हार का बदला मिल्कीपुर जीतकर लेगी भाजपा, अखिलेश के सामने गढ़ बचाने की चुनौती, नतीजों का पूरे देश में जाएगा मैसेज रामनगरी अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा हो गई है। पांच फरवरी को वोटिंग और 8 फरवरी को रिजल्ट आएगा। राजनीतिक दलों और राजनीतिक विश्लेषकों की नजर दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ मिल्कीपुर के उपचुनाव पर भी रहेगी। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर