हरियाणा के पानीपत जिले के राणा माजरा गांव में भाभी के अवैध संबंधों का विरोध करना महंगा पड़ गया। भाभी अपने प्रेमी के साथ घर में घुस गई। इन दोनों के साथ कुछ और साथी भी थे। सभी ने परिवार पर हमला कर दिया। इतना ही नहीं विरोध करने पर देवर के सीने में चाकू घोंप दिया। कई लोगों को घायल करने के बाद आरोपी धमकी देते हुए फरार हो गए। घायल अवस्था में सभी को सिविल अस्पताल लाया गया। यहां देवर की हालत ज्यादा गंभीर होने के कारण उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया। लेकिन परिजन उसे निजी अस्पताल ले गए। जहां उसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है। बार-बार परिवार वाले करते थे विरोध सनौली थाना पुलिस को दी शिकायत में प्रवेज ने बताया कि वह गांव राणा माजरा का रहने वाला है। उसके चाचा तासीम की मौत 2018 में हो गई थी। जिनकी पत्नी आसमा(35) है, जोकि चार बच्चों की मां है। आसमा व दूसरे चाचा चाचा बिलाल और परिवार के अन्य सदस्य घर की एक ही चार दीवारी में रहते हैं। चाचा की मौत के बाद चाची आसमा के अवैध संबंध इस्तीकार के साथ हैं। परिवार वालों ने आसमा को इस्तीकार से दूर रहने के बारे में बार-बार समझाया था। इसी बात को लेकर चाची, बिलाल समेत सभी से रंजिश रखती थी। इसी के चलते 18 जनवरी की रात करीब 8 बजे चाची आसमा घर में आई और चाचा बिलाल व अन्य परिवार वालों के साथ कहासुनी करने लगी थी। आसमा ने षडयंत्र के तहत इस्तीकार, इतजार, शाकिर, शाबिर, मसिउला व समयदीन को घर में लेकर घुसी थी। इसके बाद समयदीन ने ललकार कर कहा आज बिलाल व उसके परिवार को जान से मार दो। छाती में दिल के पास मारा चाकू इतना कहते ही समयदीन ने चाचा बिलाल को अपनी बाहों में जकड़ लिया और इस्तकार ने मेरे चाचा बिलाल की छाती में दिल के पास अपने दाहिने हाथ में लिए हुए चाकू से मार कर दिया। इसके बाद इंतजार ने अपने हाथ में लिए हुए भाला से उसके चाचा के बाए हाथ पर वार किया और तुरंत बाद शाकिर ने बिलाल के बाए हाथ पर भाले से वार किया। हथियारों से हमला करने के अलावा आरोपियों ने लाठी-डंडों से भी हमला किया। इसके बाद आरोपी जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से फरार हो गए। हरियाणा के पानीपत जिले के राणा माजरा गांव में भाभी के अवैध संबंधों का विरोध करना महंगा पड़ गया। भाभी अपने प्रेमी के साथ घर में घुस गई। इन दोनों के साथ कुछ और साथी भी थे। सभी ने परिवार पर हमला कर दिया। इतना ही नहीं विरोध करने पर देवर के सीने में चाकू घोंप दिया। कई लोगों को घायल करने के बाद आरोपी धमकी देते हुए फरार हो गए। घायल अवस्था में सभी को सिविल अस्पताल लाया गया। यहां देवर की हालत ज्यादा गंभीर होने के कारण उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया। लेकिन परिजन उसे निजी अस्पताल ले गए। जहां उसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है। बार-बार परिवार वाले करते थे विरोध सनौली थाना पुलिस को दी शिकायत में प्रवेज ने बताया कि वह गांव राणा माजरा का रहने वाला है। उसके चाचा तासीम की मौत 2018 में हो गई थी। जिनकी पत्नी आसमा(35) है, जोकि चार बच्चों की मां है। आसमा व दूसरे चाचा चाचा बिलाल और परिवार के अन्य सदस्य घर की एक ही चार दीवारी में रहते हैं। चाचा की मौत के बाद चाची आसमा के अवैध संबंध इस्तीकार के साथ हैं। परिवार वालों ने आसमा को इस्तीकार से दूर रहने के बारे में बार-बार समझाया था। इसी बात को लेकर चाची, बिलाल समेत सभी से रंजिश रखती थी। इसी के चलते 18 जनवरी की रात करीब 8 बजे चाची आसमा घर में आई और चाचा बिलाल व अन्य परिवार वालों के साथ कहासुनी करने लगी थी। आसमा ने षडयंत्र के तहत इस्तीकार, इतजार, शाकिर, शाबिर, मसिउला व समयदीन को घर में लेकर घुसी थी। इसके बाद समयदीन ने ललकार कर कहा आज बिलाल व उसके परिवार को जान से मार दो। छाती में दिल के पास मारा चाकू इतना कहते ही समयदीन ने चाचा बिलाल को अपनी बाहों में जकड़ लिया और इस्तकार ने मेरे चाचा बिलाल की छाती में दिल के पास अपने दाहिने हाथ में लिए हुए चाकू से मार कर दिया। इसके बाद इंतजार ने अपने हाथ में लिए हुए भाला से उसके चाचा के बाए हाथ पर वार किया और तुरंत बाद शाकिर ने बिलाल के बाए हाथ पर भाले से वार किया। हथियारों से हमला करने के अलावा आरोपियों ने लाठी-डंडों से भी हमला किया। इसके बाद आरोपी जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से फरार हो गए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा में एडमिशन घोटाले में 4 नई FIR:सीबीआई ने की कार्रवाई, हिसार समेत 6 जिलों में मिली भारी अनियमितताएं
हरियाणा में एडमिशन घोटाले में 4 नई FIR:सीबीआई ने की कार्रवाई, हिसार समेत 6 जिलों में मिली भारी अनियमितताएं हरियाणा में एडमिशन में घोटाले में CBI ने शिकंजा और कस दिया है। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में दाखिले के नाम पर हुए फर्जीवाड़ा हुआ था। हरियाणा में फर्जी एडमिशन दिखाकर सरकारी धन का गबन किया गया। यह फर्जीवाड़ा साल 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में शुरू हुआ था जो सत्ता परिवर्तन के बाद भी वर्ष 2016 तक भाजपा सरकार में जारी रहा। इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर CBI जांच शुरू हुई और 3 FIR रजिस्टर्ड की गई थी। अब एक बार फिर CBI ने इस मामले में 4 नई एफआईआर दर्ज की गई है। सीबीआई ने धारा 120-B, 167, 218, 409, 418, 420, 477-A के तहत केस दर्ज किया गया है। यह मामला हिसार, सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल, झज्जर, रोहतक से जुड़ा हुआ है। 4 लाख बच्चों के दाखिले फर्जी
अक्टूबर 2014 में भाजपा की सरकार आने के बाद जून 2015 में शिक्षा विभाग ने 719 गेस्ट टीचरों को हटाने का नोटिस जारी किया था। इसके विरोध में गेस्ट टीचर हाई कोर्ट पहुंच गए। हाईकोर्ट ने 6 जुलाई 2015 को याचिका खारिज कर दी तो सितंबर 2015 में मामला डबल बेंच में पहुंच गया, फिर सरकार को नोटिस जारी हुआ। वहां जवाब में सरकार ने बताया कि सरकारी स्कूलों में छात्र घट गए हैं। कोर्ट ने रिकॉर्ड मांगा तो सामने आया कि 22 लाख बच्चों में 4 लाख बच्चों के दाखिले फर्जी हैं। कोर्ट ने पाया कि 2014-15 में सरकारी स्कूलों में 22 लाख छात्र थे। जबकि 2015-16 में इनकी संख्या घटकर मात्र 18 लाख रह गई। 2018 में दर्ज हुई थी 7 एफआइआर
कोर्ट ने सरकारी धन की हेराफेरी की आशंका जताते हुए जांच कराने को कहा, जो उस वक्त नहीं कराई गई। कोर्ट ने शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को बुलाया। ब्लाक व जिला स्तर पर जांच हुई, कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ तो मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी गई। गुरुग्राम विजिलेंस के एसपी हामिद अख्तर, विजिलेंस ब्यूरो पंचकूला मुख्यालय की IG चारू बाली ने जांच की। फिर इस मामले में एक SIT का गठन किया गया। जांच के बाद मार्च-अप्रैल 2018 में 7 FIR भी दर्ज की गई। मार्च 2019 में नए सिरे से SIT बनाने की अनुमति मांगी गई, फिर 200 विजिलेंस कर्मियों ने 12 हजार 924 स्कूलों में प्रोफार्मा के जरिये डेटा मिलान किया। करनाल, पानीपत व जींद में 50 हजार 687 बच्चे नहीं मिले। करनाल में हुए 50 हजार फर्जी दाखिले
हरियाणा के प्राइमरी स्कूलों में 4 लाख फर्जी दाखिलों के मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर CBI ने तीन FIR दर्ज की हैं। हरियाणा के विभिन्न जिलों के स्कूलों में फर्जी दाखिले दिखाकर सरकारी योजनाओं में करोड़ों का गबन किया जा रहा था। ये पूरा खेल “ड्रॉप आउट” या लंबे समय से गैर हाजिर छात्रों के नाम पर चल रहा था। विभिन्न जिलों में लाखों छात्र लंबे समय से स्कूल नहीं आ रहे थे। उनके नाम काट दिए गए और रिकार्ड गायब कर दिया गया। उनके नाम पर सरकारी लाभ लिए जा रहे थे। CBI से पहले हरियाणा राज्य विजिलेंस ब्यूरो ने मामले की जांच की थी। अकेले करनाल में ही 50 हजार से ज्यादा फर्जी एडमिशन पाए गए थे। गुरुग्राम, फरीदाबाद और हिसार में 9500 फर्जी दाखिले
वहीं गुरुग्राम, फरीदाबाद और हिसार जैसे जिलों में एक ही सत्र में 9500 के करीब फर्जी दाखिले हुए। जब विभाग के खिलाफ जांच हुई तो अफसरों ने इन छात्रों को ड्राप आउट (पढ़ाई छोड़ चुके छात्र) दिखाने की कोशिश की। इन जिलों में इस तरह मिली गड़बड़ी
गुरुग्राम: SIT ने गुरुग्राम, रेवाड़ी, मेवात व नारनौल के सरकारी मिडिल स्कूलों की जांच की। सत्र 2014-15 में 5298 छात्रों ने दाखिला लिया, लेकिन फाइनल परीक्षा देने 4232 ही पहुंचे। यहां 1066 को ड्रॉप आउट दिखाया गया। सत्र 2015-16 में इन्हीं 10 स्कूलों में 4812 छात्रों का दाखिला हुआ, जबकि फाइनल परीक्षा देने 3941 ही पहुंचे। 871 ड्रॉप आउट रहे। फरीदाबाद: 2014-15 में 2777 और 2015-16 में 2063 छात्र ड्रॉप आउट पाए गए। इनमें से विभाग के पास केवल 701 छात्रों का ही रिकार्ड सही मिला। करनाल: करनाल के साथ-साथ पानीपत और जींद के भी स्कूलों की जांच हुई। यहां वर्ष 2014 से 2016 के बीच 50687 ड्रॉप आउट छात्र पाए गए। अंबाला: यहां 16 स्कूलों की जांच हुई। छह स्कूलों में कोई छात्र ड्रॉप आउट नहीं मिला, लेकिन 10 स्कूलों में 48 छात्रों को ड्रॉप आउट दिखाया गया। मगर इसका रिकार्ड फर्जी पाया गया। कुरूक्षेत्र: यहां 52 स्कूलों की जांच हुई। इनमें 17 स्कूलों में कोई बच्चा ड्रॉप आउट नहीं था। 35 स्कूलों में 302 बच्चे लंबे समय से गैर हाजिर पाए गए। हिसार: हिसार के साथ-साथ सिरसा, फतेहाबाद और भिवानी के विभिन्न स्कूलों में 5735 छात्र ड्रॉप आउट पाए गए।
करनाल में 2 बच्चों की मां ने आत्महत्या की:पति नाइट ड्यूटी पर था, दुपट्टे से फांसी लगाई, कारण जानने में जुटी पुलिस
करनाल में 2 बच्चों की मां ने आत्महत्या की:पति नाइट ड्यूटी पर था, दुपट्टे से फांसी लगाई, कारण जानने में जुटी पुलिस हरियाणा के करनाल के शेखपुरा खालसा गांव में एक विवाहिता ने संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि महिला का पति सुबह करीब 5 बजे अपनी नाइट ड्यूटी से घर लौटा और सोने चला गया। महिला ने ऊपर वाले कमरे में आत्महत्या कर ली। जब परिजनों ने ऊपर जाकर देखा तो महिला फंदे से लटकी हुई थी। आत्महत्या की खबर मिलते ही आसपास के लोग मौके पर जमा हो गए और पुलिस को घटना की सूचना दी गई। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। दो बेटियों की मां थी अनु मृतका की पहचान शेखपुरा खालसा निवासी सत्येंद्र की पत्नी 35 वर्षीय अनु के रूप में हुई है। मृतका का पति करनाल में निजी सुरक्षा गार्ड के तौर पर काम करता है। वह रात को ड्यूटी पर गया था। सुबह करीब पांच बजे वह घर आया और लेट गया। इसी बीच विवाहिता ने कमरे में जाकर अपने दुपट्टे से फांसी लगा ली। अभी आत्महत्या के कारणों के बारे में कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है। मृतका दो बेटियों की मां थी। दोनों ने ही अपनी मां को खो दिया है। दोनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस एफएसएल टीम का इंतजार कर रही घरौंडा थाने से जांच अधिकारी राम अवतार मौके पर पहुंचे। पुलिस ने फोरेंसिक टीम को सूचना दी। अब फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंचेगी और मौके से साक्ष्य जुटाए जाएंगे। जिसके बाद पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए करनाल कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज भेजेगी। जांच अधिकारी राम अवतार ने बताया कि महिला के आत्महत्या करने की सूचना मिली है। अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। विवाहिता के मायके वाले अभी मौके पर नहीं पहुंचे हैं। परिजनों की शिकायत के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
हरियाणा की HCS भर्ती पर विवाद:सिलेक्ट हुए ‘लाईन वार’ अभ्यर्थियों पर सवाल; सुरजेवाला बोले- अधिकारियों की संख्या, सूची, एड्रेस नहीं बता रही सरकार
हरियाणा की HCS भर्ती पर विवाद:सिलेक्ट हुए ‘लाईन वार’ अभ्यर्थियों पर सवाल; सुरजेवाला बोले- अधिकारियों की संख्या, सूची, एड्रेस नहीं बता रही सरकार हरियाणा की HCS भर्ती को लेकर राज्यसभा सांसद व कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने HCS भर्ती में ‘लाईन वार’ अभ्यर्थियों की भर्ती ने खड़े किए सवालिया निशान लगाए हैं। बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि इस भर्ती में SC-BC युवाओं को जानबूझकर वंचित किया गया है। इसके साथ ही हरियाणा से बाहर के लोगों की भर्ती छिपाने के लिए भाजपा सरकार षडयंत्रकारी तरीके से चयनित HCS अधिकारियों की ‘संख्या’, ‘सूची’ व ‘पता’ नहीं बता रही है। उन्होंने कहा है कि हरियाणा सरकार ने 2023 HCS भर्ती में 121 पदों पर नियुक्ति का विज्ञापन दिया। 87,000 अभ्यर्थियों ने अप्लाई किया। 1,706 अभ्यर्थियों ने HCS मेन एग्ज़ाम पास किया। 275 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। 14 जून 2024 को 275 अभ्यर्थियों के अंक जारी कर दिए गए, परंतु आज तक 3 सवालों के जवाब नहीं मिल पाए। उन्होंने इन सवालों के जवाब मांगे हैं। यहां पढ़िए क्या हैं सुरजेवाला के सवाल… सीरीज वाइज नंबर पर उठाए सवाल HCS मेन एग्ज़ाम में एक सीरीज़ में बैठे, यानी एक कमरे में आगे-पीछे बैठे व साथ-साथ इंटरव्यू हुए अनेकों अभ्यर्थियों की सलेक्शन हो गई। 275 इंटरव्यू में बैठे अभ्यर्थियों में से 345 अंक (जनरल कैटेगरी) पाने वाले अभ्यर्थी की HCS में सलेक्शन हुई है। सुरजेवाला ने 2311, 2313, 2314, 2317, 2318, 2322, 2325, 2329, 2330, 2332, 2333, 2335, 2338, 2342 इसके अलावा 2301, 2302, 2304 चयनित रोल नंबरों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसके पीछे NEET एग्जाम का हवाला दिया है। इस एग्जाम में 8 टॉपर एक दूसरे के आगे-पीछे बैठे पाए गए हैं। SC आरक्षित 31 पदों में से 9 पद खाली क्यों छोड़ दिए? सुरजेवाला ने 15 जून, 2024 को SC-BC के अभ्यर्थियों को लेकर हमने निम्नलिखित गंभीर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा है कि SC आरक्षित 31 पदों में से 9 पद खाली क्यों छोड़ दिए।2022 HCS भर्ती में भी SC आरक्षित 20 पदों में से 14 पद खाली क्यों छोड़ दिए गए थे? BC (A) के 19 आरक्षित पदों में 19 ही लोग बुलाकर 19 ही सलेक्ट कैसे कर लिए? 3 गुना BC (A) के बच्चों को क्यों नहीं बुलाया गया। 2022 HCS भर्ती में भी इसी प्रकार 10 BC (A) के पदों में से 7 खाली क्यों रह गए थे। BC (B) श्रेणी में 7 आरक्षित पदों पर 8 बच्चों को इंटरव्यू के लिए बुलाकर उन्हीं में से 7 को भर्ती क्यों किया गया? पदों के अनुपात में 3 गुना बच्चों को इंटरव्यू के लिए क्यों नहीं बुलाया गया? 2022 HCS भर्ती में BC (B) के 5 पदों में से 4 पद खाली क्यों छोड़ दिए गए? हरियाणा के बाहर के युवाओं को दे रही सरकार भर्ती जहां SC, BC (A), BC (B) के पद ही नहीं भरे जा रहे, या तीन गुना कैंडिडेट इंटरव्यू के लिए बुलाए ही नहीं जा रहे, वहां जनरल कैटेगरी में हरियाणा से बाहर के चहेतों की भर्ती अब आम बात बन गई है। इसी वजह से भाजपा सरकार न तो सलेक्टेड HCS कैंडिडेट्स की संख्या बता रही, न ही उनकी सूची दे रही और न ही सलेक्टेड कैंडिडेट्स का पता बता रही क्योंकि लीपा-पोती से हर बाहर के कैंडिडेट की भर्ती हुई होगी, इसलिए सलेक्टेड HCS अधिकारियों की ‘संख्या’, ‘सूची’ और ‘पता’ नहीं बताया जा रहा।