हिमाचल के मशहूर पर्यटन स्थल मनाली में आज से विंटर कार्निवल शुरू होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू इसका शुभारंभ करेंगे। इससे पहले सीएम सुक्खू माता हिडिंबा मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे। इसी के साथ पांच दिन चलने वाला विंटर कार्निवल शुरू होगा। इस अवसर पर डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री भी मौजूद रहेंगे। मॉल रोड पर आज सांस्कृतिक झांकियां निकाली जाएंगी। इनमें देशभर के सांस्कृतिक दल और मनाली विधानसभा के महिला मंडल अपना हुनर दिखाएंगे। कार्निवल के लिए मनाली के माल रोड को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। कार्निवल में विंटर क्वीन और वायस ऑफ कार्निवल प्रतियोगिता आकर्षण का केंद्र रहेंगी। सांस्कृतिक संध्या में लोक कलाकारों के साथ साथ कई स्टार कलाकार धमाल मचाएंगे। कई साल शीतकालीन खेलें विंटर कार्निवल में इस साल शीतकालीन खेलों का भी आयोजन किया जा रहा है। सोलंगनाला की स्की ढलान पर 22 से 24 जनवरी तक विभिन्न वर्ग की स्कीइंग और स्नो बोर्ड प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। इससे देशभर से मनाली पहुंच रहे टूरिस्ट का भरपूर मनोरंजन होगा। पूर्व संध्या में डीजे की धुन पर नाचे पर्यटक विंटर कार्निवल की पूर्व संध्या पर भी डीजी के धुनों पर पर्यटकों ने डांस किया। स्टार नाइट में दीपक जंदेवा ने पर्यटकों को खूब नचाया। स्थानीय विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने कहा कि प्रदेश सरकार आधुनिक हिमाचल के निर्माण की दिशा में नई सोच के साथ कार्य कर रही है। कार्निवल कमेटी ने पर्यटकों का स्वागत करते हुए उन्हें इस राष्ट्रीय स्तर के उत्सव में सक्रिय भागीदारी के लिए आमंत्रित किया है। टूरिज्म के लिए ऐसे आयोजन जरूरी: अनूप मनाली के होटेलियर अनूप ठाकुर ने बताया कि इस तरह के आयोजन टूरिज्म के लिए जरूरी है। पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ साथ इससे टूरिस्ट का भी मनोरंजन होता है। हिमाचल के मशहूर पर्यटन स्थल मनाली में आज से विंटर कार्निवल शुरू होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू इसका शुभारंभ करेंगे। इससे पहले सीएम सुक्खू माता हिडिंबा मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे। इसी के साथ पांच दिन चलने वाला विंटर कार्निवल शुरू होगा। इस अवसर पर डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री भी मौजूद रहेंगे। मॉल रोड पर आज सांस्कृतिक झांकियां निकाली जाएंगी। इनमें देशभर के सांस्कृतिक दल और मनाली विधानसभा के महिला मंडल अपना हुनर दिखाएंगे। कार्निवल के लिए मनाली के माल रोड को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। कार्निवल में विंटर क्वीन और वायस ऑफ कार्निवल प्रतियोगिता आकर्षण का केंद्र रहेंगी। सांस्कृतिक संध्या में लोक कलाकारों के साथ साथ कई स्टार कलाकार धमाल मचाएंगे। कई साल शीतकालीन खेलें विंटर कार्निवल में इस साल शीतकालीन खेलों का भी आयोजन किया जा रहा है। सोलंगनाला की स्की ढलान पर 22 से 24 जनवरी तक विभिन्न वर्ग की स्कीइंग और स्नो बोर्ड प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। इससे देशभर से मनाली पहुंच रहे टूरिस्ट का भरपूर मनोरंजन होगा। पूर्व संध्या में डीजे की धुन पर नाचे पर्यटक विंटर कार्निवल की पूर्व संध्या पर भी डीजी के धुनों पर पर्यटकों ने डांस किया। स्टार नाइट में दीपक जंदेवा ने पर्यटकों को खूब नचाया। स्थानीय विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने कहा कि प्रदेश सरकार आधुनिक हिमाचल के निर्माण की दिशा में नई सोच के साथ कार्य कर रही है। कार्निवल कमेटी ने पर्यटकों का स्वागत करते हुए उन्हें इस राष्ट्रीय स्तर के उत्सव में सक्रिय भागीदारी के लिए आमंत्रित किया है। टूरिज्म के लिए ऐसे आयोजन जरूरी: अनूप मनाली के होटेलियर अनूप ठाकुर ने बताया कि इस तरह के आयोजन टूरिज्म के लिए जरूरी है। पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ साथ इससे टूरिस्ट का भी मनोरंजन होता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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धर्मशाला में बच्चा गोद देने के नाम पर ठगी:आरोपी ने दंपती से 50 हजार लिए एडवांस; न बच्चा दिलाया न पैसे किए वापस
धर्मशाला में बच्चा गोद देने के नाम पर ठगी:आरोपी ने दंपती से 50 हजार लिए एडवांस; न बच्चा दिलाया न पैसे किए वापस कांगड़ा जिले के धर्मशाला में दंपती के साथ बच्चा गोद दिलाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। पुराना कांगड़ा निवासी निरंजन ने उनसे हजारों रुपए ले लिए, लेकिन इन दंपती को न तो बच्चा गोद दिलाया और न ही पैसे वापस किए। जिसके बाद पीड़ितों ने मामले की शिकायत एएसपी को दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। धर्मशाला के दंपती ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उन्हें बच्चा गोद देने के नाम पर 50 हज़ार रुपए एडवांस में दिए थे। अब तक आरोपी न तो उन्हें बच्चा गोद दिलवा पाया और न ही पैसे वापस लौटा रहा है। जब पीड़ित दंपती ने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगे तो उसने साफ मना कर दिया। इस धोखाधड़ी से इन पीड़ितों को गहरा सदमा लगा है। उनका कहना है कि हमें लगा था कि बच्चा गोद लेकर हम अपने जीवन में उजाला लाएंगे, लेकिन इसके बजाय इन आरोपियों ने हमारे जीवन में और अंधेरा ला दिया। एडिशनल एसपी बीर बहादुर ने बताया कि पीड़ितों की शिकायत पर एसडीपीओ को मामला दर्ज कर लिया जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
मंडी में निर्धारित किए गए 2 बस स्टॉप:लोगों को जाम से मिलेगी राहत, पुराने बस स्टैंड को हटाने से नाराज थी जनता
मंडी में निर्धारित किए गए 2 बस स्टॉप:लोगों को जाम से मिलेगी राहत, पुराने बस स्टैंड को हटाने से नाराज थी जनता हिमाचल में मंडी शहर के स्कोड़ी चौक से बस स्टॉप को हटाने के बाद प्रशासन ने सवारियों को बस में बैठाने व उतारने के लिए 2 नए बस स्टॉप निर्धारित कर दिए हैं। पहले रिवालसर व कोटली की ओर आने-जाने वाली बसों के लिए स्कोड़ी चौक ही बस स्टॉप था, लेकिन अब जेल रोड स्थित सिनेमा चौक पर सवारियों को उतारा व स्कूल बाजार में सवारियों को बस में बैठाया जाएगा। प्रशासन द्वारा पिछले एक हफ्ते से इन बस स्टॉप को ट्रायल बेस पर चलाया जा रहा था। वहीं अब नियमित तौर पर बसों के लिए यही दो बस स्टॉप रहेंगे। नए बस स्टॉप से अस्पताल की दूरी कम
एएसपी मंडी सागर चंद्र ने भी स्वयं मौके पर पहुंचकर इन बस स्टॉप की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि बस स्टॉप के लिए शहर के महामृत्युंजय चौक व सेरी मंच पर किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। स्कोड़ी चौक के आसपास ही दोनों तरफ 100-100 मीटर के दायरे पर इन बस स्टॉप को बदला गया है। जिससे अस्पताल जाने वाली जनता को भी अब ज्यादा दूरी तय नहीं करनी होगी। जल्द ही इन दोनों नए बस स्टॉप पर मार्किंग कर व बस स्टॉप के बोर्ड भी लगा दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि शहर में वाहनों की संख्या अधिक होने के और स्कोड़ी चौक पर बस स्टॉप होने के चलते अक्सर जाम की स्थिति रहती थी, जाम से भी अब शहर वासियों को निजात मिलने वाली है। लोगों को ऑटो में करना पड़ रहा था सफर
बता दें कि पिछले 4 महीने पहले जुलाई में प्रशासन द्वारा स्कोड़ी चौक से वर्षों पुराने बस स्टॉप को हटा दिया गया था। प्रशासन के इस निर्णय से जनता खासी नाराज हो गई थी और इन बस स्टॉप को हटाए जाने का विरोध आज भी लगातार जारी है। जनता का यही कहना है कि बस स्टॉप हटाए जाने के बाद जेब ढीली कर उन्हें ऑटो में सफर करना पड रहा है। वहीं अब इस विरोध के बीच प्रशासन ने सवारियों के लिए दो नए बस स्टॉप निर्धारित कर दिए हैं, जिससे अब जनता को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
हिमाचल के किसानों पर सूखे की मार:90% जमीन पर नहीं कर पाए गेंहू की बुवाई; पोस्ट-मानसून सीजन में 98% कम बारिश
हिमाचल के किसानों पर सूखे की मार:90% जमीन पर नहीं कर पाए गेंहू की बुवाई; पोस्ट-मानसून सीजन में 98% कम बारिश हिमाचल प्रदेश में भयंकर सूखे वाली स्थिति बनती जा रही है। पोस्ट-मानसून सीजन में सामान्य से 98% कम बारिश हुई है। इसकी सबसे ज्यादा मार गेंहू उत्पादक किसानों पर पड़ रही है। प्रदेश के अधिक ऊंचे व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में गेंहू की बुवाई का उपयुक्त समय निकल चुका है। अब मैदानी इलाकों में ही बुवाई के लिए एक सप्ताह शेष बचा है। मगर अभी तक 10 प्रतिशत क्षेत्र में ही किसान गेंहू की बुवाई कर पाए हैं। 90 प्रतिशत जमीन पर किसान गेंहू की बुवाई के लिए बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं। 3.26 लाख हैक्टेयर में होती है गेंहू की फसल कृषि विभाग के अनुसार, प्रदेश में गेंहू की फसल 3 लाख 26 हजार हैक्टेयर में होती है। बीते साल 6.20 लाख मीट्रिक टन गेंहू की पैदावार हुई थी, लेकिन इस बार गेंहू की बुवाई मुश्किल से 30 हजार हैक्टेयर में हो पाई है। इससे हिमाचल का किसान चिंता में है। गेंहू के साथ साथ दूसरी नगदी फसलों फूलगोभी, मटर, शिमला मिर्च इत्यादि पर भी सूखे की मार पड़नी शुरू हो गई है। मानसून में 19% कम, पोस्ट मानसून सीजन में 98% कम बारिश हिमाचल में इस बार मानसून सीजन में भी सामान्य से 19 प्रतिशत कम बादल बरसे है। मानसून बीतने यानी पोस्ट-मानसून सीजन में भी सामान्य से (1 अक्टूबर से 8 नवंबर तक) 98 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, 123 सालों में ऐसा तीसरी बार हुआ है, जब पोस्ट-मानसून सीजन में इतनी कम बारिश हुई है। 6 जिलों में 38 दिन से एक बूंद भी नहीं बरसी प्रदेश में छह जिले चंबा, बिलासपुर, हमीरपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू में तो बीते 38 दिनों से पानी की बूंद तक नहीं गिरी। अन्य जिलों में भी नाममात्र बारिश व बूंदाबांदी हुई है। इससे हिमाचल में सूखे के कारण गंभीर हालात बन रहे है। गेंहू की बात करें तो कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, सिरमौर, ऊना और चंबा जिला में ज्यादा पैदावार ज्यादा होती है। इन जिलों के किसान ज्यादा परेशान है। 11-12 को बारिश-बर्फबारी मौसम विभाग की माने तो अगले 72 घंटे तक बारिश के आसार नहीं है। मगर 11 और 12 नवंबर को अधिक ऊंचाई वाले व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बारिश-बर्फबारी हो सकती है। मैदानी इलाकों में बारिश-बर्फबारी की संभावना नहीं है, जबकि प्रदेश में गेंहू की ज्यादा फसल मैदानी इलाकों में ही होती है। गेंहू की बुवाई का उपयुक्त समय कृषि विभाग के अनुसार, ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक गेंहू की बुवाई की जा सकती है, जबकि मैदानी व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में 25 अक्टूबर से 15 नवंबर तक गेंहू की फसल की बुवाई का सकती है।