हरियाणा सरकार के ग्रुप सी और डी पदों पर भर्ती के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) का इंतजार प्रदेश के लाखों युवा कर रहे हैं, लेकिन अभी तक हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) इसकी तिथि तय नहीं कर पाया है। हालांकि, राज्य सरकार ने सीईटी में जरूरी संशोधन कर दिए हैं और उसके बाद सीईटी कराने की प्रक्रिया शुरू होनी थी। तिथि फाइनल न होने के कारण अभी तक परीक्षा केंद्र को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है। हालांकि आयोग के अधिकारियों का कहना है कि सीईटी को लेकर बैठकों का दौर जारी है। इस सप्ताह तक सीईटी को लेकर कोई बड़ा आउटपुट मिल सकता है। ये 4 वजह बन रही हैं देरी का कारण 1. वन टाइम रजिस्ट्रेशन हाल ही में आयोग के चेयरमैन हिम्मत सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह ऐलान किया था कि CET के लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था होगी। यदि किसी युवा ने 10वीं की परीक्षा पास की है, तो वह CET के लिए रजिस्ट्रेशन करेगा। इसके बाद जब वह 12वीं पास करेगा, तो सिर्फ उसे अपनी मार्कशीट अपडेट करनी होगी। रजिस्ट्रेशन की कोई जरूरत नहीं होगी। इस पूरी प्रक्रिया में करीब डेढ़ महीना लग सकता है, आयोग इस अवधि को कम भी कर सकता है। हालांकि अभी जनवरी आधी गुजर चुकी है, ऐसे में संभावना है कि सीईटी एग्जाम में देरी हो सकती है। 2. फरवरी-मार्च में बोर्ड एग्जाम हरियाणा में फरवरी-मार्च में सालाना परीक्षाएं होनी हैं। इस समय एग्जाम सेंटर सामान्य तौर पर उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। इसलिए अगर सीईटी का आयोजन जल्द से जल्द भी कराने का फैसला आयोग के द्वारा यदि लिया जाता है तो भी मार्च के अंत या अप्रैल के शुरू में ही परीक्षा केंद्रों की उपलब्धता होने की संभावना है। बिना एग्जाम सेंटर के एग्जाम में देरी होना भी बड़ी वजह है। 3. निकाय चुनाव भी होने हैं हरियाणा में इस साल निकाय चुनाव भी होने हैं। बार्ड बंदी और दिल्ली चुनाव के कारण निकाय चुनाव में भी देरी हो रही है। संभावना है कि फरवरी के दूसरे सप्ताह में चुनाव का शेड्यूल जारी किया जाएगा। ऐसे में फरवरी लास्ट या मार्च के फर्स्ट वीक में चुनाव होंगे। चुनाव के कारण सीईटी एग्जाम में देरी बड़ा कारण बन सकते हैं। 4. एजेंसी भी अभी तय नहीं पिछली बार सीईटी का आयोजन में प्रदेश सरकार और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने मिलकर काम किया था। तब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने सीईटी का आयोजन कराया था। इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रधान सचिव ने एनटीए का चयन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसलिए इस बार भी प्रदेश सरकार और आयोग ने सीईटी आयोजन के लिए एजेंसी का फैसला करना है। 31 दिसंबर से पहले कराने की थी योजना पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सरकार ने कहा था कि 31 दिसंबर तक सीईटी का आयोजन करा लिया जाएगा। तब आयोग ने सरकार से अनुमति मांगने पर प्रदेश सरकार ने 31 दिसंबर, 2024 तक सीईटी का आयोजन कराने की अनुमति दी थी। मगर सीईटी पॉलिसी में संशोधन नहीं होने के कारण सीईटी का आयोजन नहीं हो सका। जब आयोग ने अनुमति मांगी थी तब आयोग ने फोल्ड से परीक्षा केंद्रों को जानकारी भी जुटाई थी। चूंकि तब सीईटी नहीं हो पाया था इसलिए उस समय परीक्षा केंद्रों की उपलब्धता का इस्तेमाल नाहीं किया जा सका था। अभी तक सीईटी की तारीख तय नहीं हुई है इसलिए किला उपायुक्तों के जरिए फील्ड से परीक्षा केंद्रों की जानकारी भी नहीं मांगी है। हरियाणा सरकार के ग्रुप सी और डी पदों पर भर्ती के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) का इंतजार प्रदेश के लाखों युवा कर रहे हैं, लेकिन अभी तक हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) इसकी तिथि तय नहीं कर पाया है। हालांकि, राज्य सरकार ने सीईटी में जरूरी संशोधन कर दिए हैं और उसके बाद सीईटी कराने की प्रक्रिया शुरू होनी थी। तिथि फाइनल न होने के कारण अभी तक परीक्षा केंद्र को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है। हालांकि आयोग के अधिकारियों का कहना है कि सीईटी को लेकर बैठकों का दौर जारी है। इस सप्ताह तक सीईटी को लेकर कोई बड़ा आउटपुट मिल सकता है। ये 4 वजह बन रही हैं देरी का कारण 1. वन टाइम रजिस्ट्रेशन हाल ही में आयोग के चेयरमैन हिम्मत सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह ऐलान किया था कि CET के लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था होगी। यदि किसी युवा ने 10वीं की परीक्षा पास की है, तो वह CET के लिए रजिस्ट्रेशन करेगा। इसके बाद जब वह 12वीं पास करेगा, तो सिर्फ उसे अपनी मार्कशीट अपडेट करनी होगी। रजिस्ट्रेशन की कोई जरूरत नहीं होगी। इस पूरी प्रक्रिया में करीब डेढ़ महीना लग सकता है, आयोग इस अवधि को कम भी कर सकता है। हालांकि अभी जनवरी आधी गुजर चुकी है, ऐसे में संभावना है कि सीईटी एग्जाम में देरी हो सकती है। 2. फरवरी-मार्च में बोर्ड एग्जाम हरियाणा में फरवरी-मार्च में सालाना परीक्षाएं होनी हैं। इस समय एग्जाम सेंटर सामान्य तौर पर उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। इसलिए अगर सीईटी का आयोजन जल्द से जल्द भी कराने का फैसला आयोग के द्वारा यदि लिया जाता है तो भी मार्च के अंत या अप्रैल के शुरू में ही परीक्षा केंद्रों की उपलब्धता होने की संभावना है। बिना एग्जाम सेंटर के एग्जाम में देरी होना भी बड़ी वजह है। 3. निकाय चुनाव भी होने हैं हरियाणा में इस साल निकाय चुनाव भी होने हैं। बार्ड बंदी और दिल्ली चुनाव के कारण निकाय चुनाव में भी देरी हो रही है। संभावना है कि फरवरी के दूसरे सप्ताह में चुनाव का शेड्यूल जारी किया जाएगा। ऐसे में फरवरी लास्ट या मार्च के फर्स्ट वीक में चुनाव होंगे। चुनाव के कारण सीईटी एग्जाम में देरी बड़ा कारण बन सकते हैं। 4. एजेंसी भी अभी तय नहीं पिछली बार सीईटी का आयोजन में प्रदेश सरकार और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने मिलकर काम किया था। तब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने सीईटी का आयोजन कराया था। इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रधान सचिव ने एनटीए का चयन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसलिए इस बार भी प्रदेश सरकार और आयोग ने सीईटी आयोजन के लिए एजेंसी का फैसला करना है। 31 दिसंबर से पहले कराने की थी योजना पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सरकार ने कहा था कि 31 दिसंबर तक सीईटी का आयोजन करा लिया जाएगा। तब आयोग ने सरकार से अनुमति मांगने पर प्रदेश सरकार ने 31 दिसंबर, 2024 तक सीईटी का आयोजन कराने की अनुमति दी थी। मगर सीईटी पॉलिसी में संशोधन नहीं होने के कारण सीईटी का आयोजन नहीं हो सका। जब आयोग ने अनुमति मांगी थी तब आयोग ने फोल्ड से परीक्षा केंद्रों को जानकारी भी जुटाई थी। चूंकि तब सीईटी नहीं हो पाया था इसलिए उस समय परीक्षा केंद्रों की उपलब्धता का इस्तेमाल नाहीं किया जा सका था। अभी तक सीईटी की तारीख तय नहीं हुई है इसलिए किला उपायुक्तों के जरिए फील्ड से परीक्षा केंद्रों की जानकारी भी नहीं मांगी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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घरौंडा पहुंचे इजरायली एंबेसी एग्रीकल्चर अतासे ओरी रूबिंस्टेन:बोले- फ्यूचर में हाईटेक तकनीक लाने की कोशिश; सीईवी को अपग्रेड करने पर हुई चर्चा घरौंडा में स्थापित सब्जी उत्कृष्टता केंद्र (सीईवी) को अपग्रेड करने की दिशा में कवायद शुरू हो चुकी है। सोमवार को इजरायली एबेंसी से एग्रीकल्चर अतासे मिस्टर ओरी रूबिंस्टेन और एग्रीकल्चर एक्सपर्ट डेनियल हदाद सीईवी पहुंचे। मिस्टर ओरी रूबिंस्टेन ने बताया कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” के विजिन को साकार करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस सोच को आगे बढ़ाते हुए, हम फ्यूचर की हाईटेक एग्रीकल्चर तकनीकों को वर्तमान में लाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए, हमने घरौंडा स्थित इंडो-इजरायल सेंटर में इन तकनीकों को लागू करने पर मंथन शुरू कर दिया है। नई टेक्नोलॉजी को लेकर किया मंथन उन्होंने सेंटर पर इस्तेमाल होने वाले पोली हाउस स्ट्रक्चर, इरिगेशन सिस्टम, मिट्टी के बैड तैयार करने के तरीकों, डेमोस्ट्रेशन के लिए लगाई जाने वाली फसलों, वॉक इन टनल, नेट हाउस, एनवीपीएच, हाईटेक नर्सरी व अन्य विषयों पर विस्तृत जानकारी हासिल की। उन्होंने सेंटर का विजिट किया और नई टेक्नोलॉजी को लेकर बागवानी विभाग के अधिकारियों के साथ मंथन किया। सीईवी को अपग्रेड करने की जरूरत- डिप्टी डायरेक्टर सीईवी में बागवानी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बिल्लु यादव ने बताया कि सब्जी उत्कृष्टता केंद्र को स्थापित हुए लगभग 14 साल का समय हो चुका है। इसलिए सीईवी को अपग्रेड करने की जरूरत है। समय के साथ कुछ तकनीकों में भी बदलाव हुआ है, जैसे प्रोटेक्टिव स्ट्रक्चर, हाईटेक नर्सरी, इरिगेशन ऑटोमेशन व अन्य तकनीकों में चेंज आया है। इन्हीं टेक्नोलोजी से सीईवी को अपग्रेड करना है, जाे समय की जरूरत भी है। सेंटर पर होती है पुरानी टेक्नोलोजी यूज उन्होंने बताया कि सीइवी 2011 में बनाया गया था। इसमें जो टेक्नोलोजी इस्तेमाल हो रही है, वह भी पुरानी है। सेंटर को नई टेक्नोलोजी के साथ कैसे अपग्रेड किया जाए, उसी को लेकर आज इजरायली और हरियाणा बागवानी विभाग के अधिकारियों के साथ साथ मंथन किया गया है। इसके साथ ही फसलों में किसी तरह की कोई बीमारी आ रही है, तो उसको लेकर एक्सपर्ट कैसे निपटेंगे, उस पर भी चर्चा की गई है। देखा गया है कि फसल में किसी तरह की कोई बीमारी तो नहीं।
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