संभल दंगा: मुलायम ने CM बनते ही वापस लिए मुकदमे:18 दिन में 9 केस वापस लिए; संभल इंस्पेक्टर गवाही देने नहीं आए

संभल दंगा: मुलायम ने CM बनते ही वापस लिए मुकदमे:18 दिन में 9 केस वापस लिए; संभल इंस्पेक्टर गवाही देने नहीं आए

मुलायम सिंह यादव ने CM बनते ही 18 दिन में संभल नरसंहार मामले के 9 केस वापस ले लिए थे। वह आदेश सामने आया है, जिसमें सरकार ने संभल हिंसा के मुकदमों को वापस लेने के लिए कहा था। मुकदमे के वादी तत्कालीन संभल कोतवाल को कोर्ट में गवाही से रोक दिया था। दंगाइयों पर दर्ज मुकदमों की वापसी को लेकर मुलायम सरकार इस कदर तेजी में थी कि महज 9 दिन के भीतर केस वापसी की सारी फॉर्मेलिटीज निपटा ली गई। 16 दिसंबर, 1993 को मुरादाबाद के तत्कालीन डीएम ने केस वापसी की सिफारिश सरकार को भेजी। 23 दिसंबर, 1993 को दंगाइयों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का आदेश जारी कर दिया गया। दरअसल, MLC के मुद्दा उठाने के बाद सरकार ने संभल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी। अब संभल प्रशासन ने रिपोर्ट भेजी गई। बता दें कि 30 मार्च 1978 को संभल में दंगे भड़के थे। 184 हिंदुओं की हत्या कर दी गई थी। इन दंगों के बाद संभल से बड़े पैमाने पर हिंदुओं का पलायन हुआ था। इन दंगों को लेकर कुल 16 मुकदमे दर्ज हुए थे। मुरादाबाद के डीएम ने की थी केस वापसी की सिफारिश
संभल और अमरोहा उस दौरान मुरादाबाद जिले का ही हिस्सा हुआ करता था। संभल मुरादाबाद जिले की तहसील थी। संभल दंगों की फाइलें बताती हैं- 14 दिसंबर, 1993 को मुरादाबाद को तत्कालीन डीएम ने शासन को लेकर लिखा था। इसमें उन्होंने संभल दंगों के सारे मुकदमों को वापस लेने की सिफारिश की थी। 23 दिसंबर, 1993 को न्याय विभाग में विशेष सचिव रहे आरडी शुक्ला ने केस वापस लेने का आदेश जारी किया। कहा गया कि मुकदमों के तथ्यों और साक्ष्यों पर विचार करने के बाद 16 में से 8 मुकदमे को वापस लिए जाते हैं। बाद में इसी आदेश का हवाला देकर एक अन्य केस को भी वापस लिया गया। 5 मुकदमे क्लब कर दिए
इसके अलावा, 2 मुकदमों में वादी तत्कालीन संभल कोतवाल को कोर्ट में गवाही से रोक दिया गया। बाकी बचे 5 मुकदमे क्लब करा दिए गए और कमजोर पैरवी की वजह से वो भी छूट गए। कैसे फिर चर्चा में आया संभल नरसंहार
24 नवंबर को जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान संभल में हिंसा भड़क गई थी। इसमें गोली लगने से 4 की मौत हो गई। योगी सरकार ने संभल में कड़ी कार्रवाई की तो 1978 में 184 हिंदुओं के नरसंहार का मुद्दा भी उठा। फाइलें पलटी गईं तो पता चला कि 184 हिंदुओं की हत्या में आज तक किसी को भी सजा नहीं हुई। सीएम योगी ने विधानसभा में किया था जिक्र 16 दिसंबर को उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान CM योगी ने 1978 के संभल दंगे का मुद्दा उठाया। योगी ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 1978 के दंगों में 184 हिंदुओं को जिंदा जला दिया था। 1947 से अब तक संभल में हुए दंगों में 209 हिंदुओं की हत्या हुई। सीएम योगी ने कहा था- घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोगों ने निर्दोष हिंदुओं के बारे में दो शब्द नहीं कहे। 1978 में दंगा हुआ। तब एक वैश्य ने सबको पैसा उधार दे रखा था। दंगा होने के बाद हिंदू उनके घर में इकट्‌ठे हुए, तो उन्हें घेर लिया गया। उनसे कहा गया कि इन हाथों से सूद का पैसा मांगोगे। इसलिए पहले हाथ, फिर पैर और फिर गला काट दिया गया। सौहार्द की बात करने पर इन्हें शर्म नहीं आती। MLC ने भी विधान परिषद में उठाया था मुद्दा
अगले दिन यानी 17 दिसंबर को MLC श्रीचंद शर्मा ने विधान परिषद ने संभल दंगे का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था- 1978 में संभल दंगों के कारण दर्जनों हिंदुओं को जिंदा जला दिया था। सैकड़ों की हत्या करके उनके मकान और दुकानों पर कब्जा किया गया था। उन्हें आज तक न्याय नहीं मिला। उन्होंने विधान परिषद के सभापति से संभल दंगे की दोबारा जांच कराए जाने और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी। इस पर 6 जनवरी को उप गृह सचिव सत्येंद्र प्रताप सिंह ने संभल SP केके बिश्नोई को लेटर लिखकर अंदर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। प्रशासन ने सरकारी को भेजी रिपोर्ट
अब पुलिस-प्रशासनिक अफसरों ने रिपोर्ट के साथ ये फाइलें शासन को भेजी हैं। सूत्रों का कहना है कि शासन से इन सभी केसों काे दोबारा खोलने की औपचारिक सिफारिश की। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में शासन की सख्ती को देखते हुए संभल दंगे की पुरानी फाइलों को खोजा गया है। पुरानी फाइल्स मिलने के बाद अब इन केसों को रिओपन करने की सिफारिश शासन से की गई है। कानून के जानकार कहते हैं- सरकार कैबिनेट ऑर्डर के जरिए इन मुकदमों को जब चाहे दोबारा खोल सकती है। अब पढ़िए संभल हिंसा में अब तक क्या हुआ… स्लाइड में देखिए… ………………………. संभल हिंसा से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… संभल में वॉट्सऐप मैसेज भेजकर मस्जिद के पास बुलाई भीड़:कश्मीर पैटर्न में हिंसा; जान गंवाने वाले 3 लड़के 3-6 km दूर के संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान रविवार को हुई हिंसा में पथराव करने वाले शहर के अलग-अलग हिस्सों से आए। अभी तक जिन 25 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, उसमें 13 हिंसा प्रभावित इलाकों के रहने वाले नहीं हैं। उनके घर 3 से 6 किलोमीटर दूर हैं। पढ़िए पूरी खबर मुलायम सिंह यादव ने CM बनते ही 18 दिन में संभल नरसंहार मामले के 9 केस वापस ले लिए थे। वह आदेश सामने आया है, जिसमें सरकार ने संभल हिंसा के मुकदमों को वापस लेने के लिए कहा था। मुकदमे के वादी तत्कालीन संभल कोतवाल को कोर्ट में गवाही से रोक दिया था। दंगाइयों पर दर्ज मुकदमों की वापसी को लेकर मुलायम सरकार इस कदर तेजी में थी कि महज 9 दिन के भीतर केस वापसी की सारी फॉर्मेलिटीज निपटा ली गई। 16 दिसंबर, 1993 को मुरादाबाद के तत्कालीन डीएम ने केस वापसी की सिफारिश सरकार को भेजी। 23 दिसंबर, 1993 को दंगाइयों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का आदेश जारी कर दिया गया। दरअसल, MLC के मुद्दा उठाने के बाद सरकार ने संभल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी। अब संभल प्रशासन ने रिपोर्ट भेजी गई। बता दें कि 30 मार्च 1978 को संभल में दंगे भड़के थे। 184 हिंदुओं की हत्या कर दी गई थी। इन दंगों के बाद संभल से बड़े पैमाने पर हिंदुओं का पलायन हुआ था। इन दंगों को लेकर कुल 16 मुकदमे दर्ज हुए थे। मुरादाबाद के डीएम ने की थी केस वापसी की सिफारिश
संभल और अमरोहा उस दौरान मुरादाबाद जिले का ही हिस्सा हुआ करता था। संभल मुरादाबाद जिले की तहसील थी। संभल दंगों की फाइलें बताती हैं- 14 दिसंबर, 1993 को मुरादाबाद को तत्कालीन डीएम ने शासन को लेकर लिखा था। इसमें उन्होंने संभल दंगों के सारे मुकदमों को वापस लेने की सिफारिश की थी। 23 दिसंबर, 1993 को न्याय विभाग में विशेष सचिव रहे आरडी शुक्ला ने केस वापस लेने का आदेश जारी किया। कहा गया कि मुकदमों के तथ्यों और साक्ष्यों पर विचार करने के बाद 16 में से 8 मुकदमे को वापस लिए जाते हैं। बाद में इसी आदेश का हवाला देकर एक अन्य केस को भी वापस लिया गया। 5 मुकदमे क्लब कर दिए
इसके अलावा, 2 मुकदमों में वादी तत्कालीन संभल कोतवाल को कोर्ट में गवाही से रोक दिया गया। बाकी बचे 5 मुकदमे क्लब करा दिए गए और कमजोर पैरवी की वजह से वो भी छूट गए। कैसे फिर चर्चा में आया संभल नरसंहार
24 नवंबर को जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान संभल में हिंसा भड़क गई थी। इसमें गोली लगने से 4 की मौत हो गई। योगी सरकार ने संभल में कड़ी कार्रवाई की तो 1978 में 184 हिंदुओं के नरसंहार का मुद्दा भी उठा। फाइलें पलटी गईं तो पता चला कि 184 हिंदुओं की हत्या में आज तक किसी को भी सजा नहीं हुई। सीएम योगी ने विधानसभा में किया था जिक्र 16 दिसंबर को उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान CM योगी ने 1978 के संभल दंगे का मुद्दा उठाया। योगी ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 1978 के दंगों में 184 हिंदुओं को जिंदा जला दिया था। 1947 से अब तक संभल में हुए दंगों में 209 हिंदुओं की हत्या हुई। सीएम योगी ने कहा था- घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोगों ने निर्दोष हिंदुओं के बारे में दो शब्द नहीं कहे। 1978 में दंगा हुआ। तब एक वैश्य ने सबको पैसा उधार दे रखा था। दंगा होने के बाद हिंदू उनके घर में इकट्‌ठे हुए, तो उन्हें घेर लिया गया। उनसे कहा गया कि इन हाथों से सूद का पैसा मांगोगे। इसलिए पहले हाथ, फिर पैर और फिर गला काट दिया गया। सौहार्द की बात करने पर इन्हें शर्म नहीं आती। MLC ने भी विधान परिषद में उठाया था मुद्दा
अगले दिन यानी 17 दिसंबर को MLC श्रीचंद शर्मा ने विधान परिषद ने संभल दंगे का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था- 1978 में संभल दंगों के कारण दर्जनों हिंदुओं को जिंदा जला दिया था। सैकड़ों की हत्या करके उनके मकान और दुकानों पर कब्जा किया गया था। उन्हें आज तक न्याय नहीं मिला। उन्होंने विधान परिषद के सभापति से संभल दंगे की दोबारा जांच कराए जाने और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी। इस पर 6 जनवरी को उप गृह सचिव सत्येंद्र प्रताप सिंह ने संभल SP केके बिश्नोई को लेटर लिखकर अंदर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। प्रशासन ने सरकारी को भेजी रिपोर्ट
अब पुलिस-प्रशासनिक अफसरों ने रिपोर्ट के साथ ये फाइलें शासन को भेजी हैं। सूत्रों का कहना है कि शासन से इन सभी केसों काे दोबारा खोलने की औपचारिक सिफारिश की। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में शासन की सख्ती को देखते हुए संभल दंगे की पुरानी फाइलों को खोजा गया है। पुरानी फाइल्स मिलने के बाद अब इन केसों को रिओपन करने की सिफारिश शासन से की गई है। कानून के जानकार कहते हैं- सरकार कैबिनेट ऑर्डर के जरिए इन मुकदमों को जब चाहे दोबारा खोल सकती है। अब पढ़िए संभल हिंसा में अब तक क्या हुआ… स्लाइड में देखिए… ………………………. संभल हिंसा से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… संभल में वॉट्सऐप मैसेज भेजकर मस्जिद के पास बुलाई भीड़:कश्मीर पैटर्न में हिंसा; जान गंवाने वाले 3 लड़के 3-6 km दूर के संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान रविवार को हुई हिंसा में पथराव करने वाले शहर के अलग-अलग हिस्सों से आए। अभी तक जिन 25 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, उसमें 13 हिंसा प्रभावित इलाकों के रहने वाले नहीं हैं। उनके घर 3 से 6 किलोमीटर दूर हैं। पढ़िए पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर