हिमाचल प्रदेश की रामसर साइट पौंग झील में एक दिल दहला देने वाली घटना में मानवता की जीत हुई। नंदपुर और गुलेर के बीच वन्य प्राणी क्षेत्र में झील की दलदल में फंसे एक साल के सांभर को स्थानीय युवाओं ने अपनी जान की परवाह किए बिना बचा लिया। घटना की जानकारी सबसे पहले स्थानीय युवक रिक्की को मिली, जिसने तुरंत अपने साथियों को सूचित किया। चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन किया नंदपुर, जलरियां, गठूतर और गुलेर के युवाओं ने मिलकर चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया। कड़ाके की ठंड में झील के बर्फीले पानी में उतरकर युवाओं ने लगातार 3-4 घंटे तक मेहनत की। दलदल में फंसे सांभर को निकालने का काम आसान नहीं था। हर कदम पर खतरा था, लेकिन युवाओं के हौसले के आगे सारी मुश्किलें छोटी पड़ गईं। टीम ने धैर्य और सूझबूझ से काम लिया और आखिरकार सांभर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। बचाव के बाद वन्य प्राणी को जंगल की ओर भेज दिया गया। सामूहिक प्रयास का बेहतरीन उदाहरण रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व करने वाले रिक्की ने कहा कि वन्य जीवों की रक्षा करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने बताया कि जानवर की जान बचाने के लिए टीम ने ठंड और खतरों की परवाह नहीं की। यह रेस्क्यू ऑपरेशन मानवता और सामूहिक प्रयास का एक बेहतरीन उदाहरण बन गया है। स्थानीय समुदाय ने रिक्की और उनके साथियों की प्रशंसा की। लोगों ने कहा कि युवाओं ने मानवता और साहस का अद्वितीय उदाहरण पेश किया है। पौंग झील क्षेत्र, जो वन्य जीवों का प्राकृतिक आवास है, में ऐसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि मनुष्य और प्रकृति के बीच संतुलन बनाए रखना कितना आवश्यक है। हिमाचल प्रदेश की रामसर साइट पौंग झील में एक दिल दहला देने वाली घटना में मानवता की जीत हुई। नंदपुर और गुलेर के बीच वन्य प्राणी क्षेत्र में झील की दलदल में फंसे एक साल के सांभर को स्थानीय युवाओं ने अपनी जान की परवाह किए बिना बचा लिया। घटना की जानकारी सबसे पहले स्थानीय युवक रिक्की को मिली, जिसने तुरंत अपने साथियों को सूचित किया। चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन किया नंदपुर, जलरियां, गठूतर और गुलेर के युवाओं ने मिलकर चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया। कड़ाके की ठंड में झील के बर्फीले पानी में उतरकर युवाओं ने लगातार 3-4 घंटे तक मेहनत की। दलदल में फंसे सांभर को निकालने का काम आसान नहीं था। हर कदम पर खतरा था, लेकिन युवाओं के हौसले के आगे सारी मुश्किलें छोटी पड़ गईं। टीम ने धैर्य और सूझबूझ से काम लिया और आखिरकार सांभर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। बचाव के बाद वन्य प्राणी को जंगल की ओर भेज दिया गया। सामूहिक प्रयास का बेहतरीन उदाहरण रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व करने वाले रिक्की ने कहा कि वन्य जीवों की रक्षा करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने बताया कि जानवर की जान बचाने के लिए टीम ने ठंड और खतरों की परवाह नहीं की। यह रेस्क्यू ऑपरेशन मानवता और सामूहिक प्रयास का एक बेहतरीन उदाहरण बन गया है। स्थानीय समुदाय ने रिक्की और उनके साथियों की प्रशंसा की। लोगों ने कहा कि युवाओं ने मानवता और साहस का अद्वितीय उदाहरण पेश किया है। पौंग झील क्षेत्र, जो वन्य जीवों का प्राकृतिक आवास है, में ऐसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि मनुष्य और प्रकृति के बीच संतुलन बनाए रखना कितना आवश्यक है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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धर्मशाला 40 लाख मामले में पुलिस के हाथ खाली:5 दिन बाद भी पता नहीं चला रुपए किसके, केंद्रीय एजेंसियां भी जांच कर रही
धर्मशाला 40 लाख मामले में पुलिस के हाथ खाली:5 दिन बाद भी पता नहीं चला रुपए किसके, केंद्रीय एजेंसियां भी जांच कर रही दिल्ली से धर्मशाला ट्रिप तारा वॉल्वो बस से 40 लाख रुपए नकद और ड्रग्स सहित गिरफ्तार आरोपी गमरू निवासी राकेश कुमार मामले में 5 दिन के बाद भी पुलिस को यह पता नहीं लग पाया है कि कैश का असली मालिक कौन है। बड़ी मात्रा में नकद कैश बरामद होने से केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां भी मामले की जांच में जुट गई हैं। तिब्बत निर्वासित सरकार मुख्यालय और 9 वीं कोर सेना मुख्यालय होने के चलते दिल्ली से धर्मशाला पहुंची इतनी बड़ी रकम को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा होने के चलते गहनता से जांच की जा रही है। आरोपी राकेश बार-बार दिल्ली कंपनी का सामान लेने जाता था। इस मामले की जांच विभिन्न एजेंसियां कर रही हैं। 5 दिन बाद भी पुलिस यह पता नहीं लगा पाई है कि राकेश कुमार के पास से जो 40 लाख रुपए नकद कैश पकड़ा गया उसका असली मालिक कौन है। धर्मशाला पुलिस स्टेशन के एसएचओ नारायण सिंह ने बताया कि पुलिस आरोपी राकेश कुमार के कॉल डिटेल्स चेक कर रही है। पुलिस को उम्मीद है कि इससे इस रकम के बारे में पता लग पाएगा। पुलिस ने आरोपी राकेश कुमार के पिटठू से 40 लाख रुपए और धर्मकोट स्थित कंपनी के होटल का साज सजावट का बिना बिल का बिजली सामान भी आया था। 7 नवंबर को रुपए के साथ पकड़ा था
उसे भी कब्जे में लिया गया है। इस सारे सामान को लेने कंपनी के होटल का प्रतिनिधि तेंजिन थाई जो राकेश के साथ ही कंपनी में काम करता था लेने आया था। लेकिन वह पिट्ठू बैग और सामान ले जाता पुलिस ने उससे पहले ही राकेश को पकड़ लिया। डल लेक रोड निवासी तेंजिन थाई को पुलिस ने गवाह बना लिया। राकेश कुमार कंपनी के इस होटल के लिए बर्ड वाचिंग गाइड के रूप में काम करता है और बीच-बीच में कंपनी का सामान लाने दिल्ली जाता था। पुलिस लंबे समय से राकेश पर नजर रखे हुए थी। आरोपी राकेश कुमार 5 नवंबर को दिल्ली गया था और 7 नवंबर को जब दिल्ली से लौटा तो पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। काफी समय से राकेश की गतिविधियों पर नजर थी
बस ड्राइवर सुंदरी जोकि गमरु में राकेश का ही पड़ोसी है ने बताया कि नारकोटिक्स विभाग की विशेष टीम काफी समय से राकेश की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी और जानकारियां एकत्रित कर रही थी। आरोपी राकेश कुमार ने बताया कि पुलिस जिस पाउडर को हेरोइन बता रही है वह हीरोइन नहीं है बल्कि मेरी दवा की गोलियां हैं। जिसे मैंने गले में तकलीफ होने के चलते पीस कर पाउडर बनाकर रखा हुआ था। यह सारा कैश और सामान कम्पनी का है। मैं कंपनी के लिए ही काम करता हूं। ऐसे बरामद किये ड्रग्स और 40 लाख रुपए…
धर्मशाला कैंट वाई पास रोड वॉल्वो बस स्टैंड के संमीप वोल्वो बस ट्रिप तारा की साइड की डिक्की को खोल कर बस का ड्राइवर सुंदरी और तेंजिन थाई सामान उतार रहे थे। उसी समय पास में खड़ा पिठू बैग लटकाये 44 बर्षीय राकेश कुमार ने पुलिस गाड़ी को आते देखकर भागने का प्रयास किया। पिठू बैग में किसी संदिग्ध वस्तु का शक होने पर पुलिस ने लॉक को जोर से खींचा तो लॉक खुल गया। जिप को खोलकर चेक किया तो पिठू की जेब में 500/500 करेंसी के बंडल से भरा पाया। पिठू बैग में बरामद नोट को बाहर निकाल कर चेक किया तो 500 x 500 की 16 बंडल पाए गए। जिनको गिनने पर 40 लाख रुपए बने। बैग पिठू की बाहरी जेब में एक तौलिया रंग नीला सफेद, एक लोअर वरंग ग्रे, एक हैट कैप फौजी, एक टी- शर्ट एक कपड़े की पॉकेट किट जिसके अन्दर एक अदद पैन कार्ड राकेश ठाकुर और करेंसी नोट 500 x 1, 200 x 1, 100 x 1 कुल 800 रुपए और बाहरी जिप को खोल कर चेक किया तो जीप के अंदर जेब में खाकी रंग का लिफाफा खुला पाया गया। लिफाफा खाकी के अन्दर सिल्वर फायल पेपर में दो पॉलीथिन लिफाफा के टुकडा व पारदर्शी में लिपटे हुए अलग-2 काले व सफेद भूरे रंग का पदार्थ पाया गया। आरोपी से नौ ग्राम हेरोइन और एक ग्राम अफीम बरामद हुई। तेंजिन थाई डल लेक रोड निवासी तेंजिन थाई और ट्रिप तारा वॉल्वो बस ड्राइवर अश्वनी कुमार सुन्दरी निवासी गमंरू वार्ड नंबर 5 तहसील धर्मशाला को बतौर गवाह बनाया गया।
हिमाचल हाईकोर्ट के स्टोन-क्रशर सील करने के आदेश:नालागढ़ में अवैध माइनिंग पर सख्ती; प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी को कार्रवाई करने को कहा
हिमाचल हाईकोर्ट के स्टोन-क्रशर सील करने के आदेश:नालागढ़ में अवैध माइनिंग पर सख्ती; प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी को कार्रवाई करने को कहा हिमाचल हाईकोर्ट ने नालागढ़ में कायदे कानून को ताक पर रख कर चलाए जा रहे स्टोन क्रशरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। एक्टिंग चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की बैंच ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को स्वयं क्षेत्र में स्थापित स्टोन क्रशरों का निरीक्षण करने और उन क्रशरों की मशीनरी को जब्त व परिसर को सील करने के आदेश दिए, जिन्होंने जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण सोलन की 13 दिसंबर 2023 की रिपोर्ट में बताई खामियों को पूरा नहीं किया है। कोर्ट ने DC सोलन और SP बद्दी को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को उपरोक्त कार्यवाई के दौरान उचित सहायता प्रदान करने के आदेश भी दिए। कोर्ट ने यह आदेश हंदूर पर्यावरण मित्र संस्था द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान दिए। याचिका में प्रार्थी ने राज्य सरकार व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित 13 स्टोन क्रशरों को प्रतिवादी बनाया है। प्रार्थी संस्था ने नालागढ़ क्षेत्र में अवैध तरीके से खनन और नियमों की उलंघन कर रहे क्रेशरों पर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने नालागढ़ एरिया में क्रेशर मालिकों द्वारा माइनिंग लीज की आड़ में अवैध माइनिंग को रोकने और हवा, पानी के प्रदूषण को रोकने के लिए मुख्यमंत्री सहित संबंधित अधिकारियों को शिकायत पत्र सौंपे, लेकिन किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोप है कि जिन टिप्परों में 15 टन माइनिंग माल दर्शाया जाता है उनमें अकसर 30 से 35 टन माल ढुलाई होती है। इससे सरकार को प्रति टिप्पर हजारों रुपए का नुकसान होता है। करोड़ों की कमाई वाले क्रशर पर 50 हजार का जुर्माना दिखावा याचिका में कहा गया, जब अधिकारियों से शिकायत की जाती है तो वे स्टोन-क्रशर मालिकों की पैरवी करने लगते है जिससे प्रतीत होता है कि वे सरकार के लिए नहीं बल्कि स्टोन क्रशर मालिकों के लिए काम कर रहे हों। नियमों को दरकिनार कर नदियों में बड़े बड़े गड्ढे डाले जा रहे हैं। 6 महीने तक अवैध तरीके से एक स्टोन क्रशर ने बिना अनुमति करोड़ों कमाए और खनन विभाग ने इस पर मात्र 50 हजार रुपए का जुर्माना किया। आरोप लगाया गया कि स्टोन क्रेशर मालिकों के खिलाफ केवल दिखावे की कार्रवाई होती है। पंजेहरा गांव में अवैध रूप से स्टोन क्रशन चलाने का आरोप शिकायत में कहा गया है कि पंजेहरा के साथ लगते गांव नवग्राम में बहुत से स्टोन क्रशर अवैध रूप से चल रहे हैं। ये स्टोन क्रशर अपना वेस्ट मैटीरियल साथ लगती नदी में फैंकते हैं और कुछ सड़क पर ही फैंक देते हैं। डस्ट कंप्रेशर का प्रयोग भी नहीं किया जाता। गांव जोगों जगतपुर, नंगल, कुंडलु, मलैहनी और बनियाला निवासियों ने भी कई बार काला कुंड नदी की माइनिंग लीज रद्द करने की गुहार लगाई क्योंकि लीज धारक नदी का अवैध दोहन कर रहे हैं। आरोप है कि ग्राम पंचायत जगतपुर, जोघों रिया व व गाव ढला-थां के लोगों की जमीनें नदी के दोनों किनारे पर है और खेती करने के लिए नदी से होकर आना-जाना पड़ता है लेकिन नदी में 20/20 फुट गहरे सैकड़ों गढढे खनन करके खोद दिए गए है जिससे किसानों व दोनों तरफ रहने लोगों, स्कूली बच्चों को आने जाने के लिए बहुत समस्या हो गई है। स्कूली बच्चे स्कूल छोड़ने को मजबूर हो गए स्कूली बच्चे स्कूल जाने से डरते है व स्कूल छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। नदी की लीज खनन के लिए जिन नियमों-शर्तों पर दी गई है उन नियमों-शर्तों के विपरीत खनन हो रहा है। नदी में 8 सरकारी ट्युवैल, दो सिंचाई कुहले, 4 पुराने कुएं है 4 निजी ट्यूवबैल है। करीब 50,000 आबादी को पीने व सिंचाई का पानी मिलता है। मगर अंधाधुंध व अवैज्ञानिक तरीके से हो रहे खनन के कारण भूमिगत पानी का स्तर नीचे जाने से 2 कूहले, 3 कुएं व एक बोरवेल सूख चुके है। इससे लोगों को अब पानी की समस्या आनी शुरू हो गई है।
हिमाचल में सूखे जैसे हालात, बारिश की उम्मीद नहीं:हमीरपुर में तापमान 35 डिग्री के पार, अगले एक सप्ताह तक नहीं गिरेगा पारा
हिमाचल में सूखे जैसे हालात, बारिश की उम्मीद नहीं:हमीरपुर में तापमान 35 डिग्री के पार, अगले एक सप्ताह तक नहीं गिरेगा पारा हिमाचल प्रदेश में अक्टूबर माह में राज्य में 4 साल बाद बेहद कम बारिश हुई है, और नवंबर के पहले सप्ताह में भी बारिश की कोई संभावना नहीं है। आईएमडी ने पूर्वानुमान लगाया है कि अगले एक सप्ताह तक मौसम साफ रहेगा। अगर यही स्थिति रही तो राज्य में लंबे समय से जारी बारिश ना होने के कारण इस बार सूखे जैसे हालात बनने की संभावना है। 1 से 31 अक्टूबर तक राज्य में सामान्य बारिश 25.1 मिमी होती है, लेकिन इस बार सिर्फ 0.7 मिमी बारिश हुई है। 12 में से 6 जिलों में एक बूंद भी बारिश नहीं हुई आईएमडी के अनुसार, राज्य के 6 जिलों चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू में एक बूंद भी बारिश नहीं हुई। ऊना में सबसे ज्यादा 8.6 मिमी बारिश हुई है, लेकिन यह भी सामान्य से 54 फीसदी कम है। कांगड़ा में पूरे महीने में सिर्फ 1.5 मिमी, लाहौल स्पीति में 0.1 मिमी और मंडी में 3.4 मिमी बारिश हुई। मानसून के दौरान सामान्य से कम बारिश इस बार मानसून सीजन में राज्य में सामान्य से 19 फीसदी कम बारिश हुई है। पोस्ट मानसून सीजन में भी पहाड़ों पर बादल नहीं बरस रहे हैं। अगले एक सप्ताह तक भी बारिश की संभावना नहीं है। यह राज्य की कृषि और बागवानी के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। इसके चलते जल स्रोतों में पानी का स्तर भी कम होने लगा है। सूखे के चलते किसान गेहूं की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। 7 नवंबर तक मौसम साफ मौसम विभाग के अनुसार 7 नवंबर तक मौसम साफ रहेगा। बारिश या बर्फबारी न होने से तापमान सामान्य से अधिक है। इस कारण नवंबर का महीना शुरू होने के बावजूद ठंड का अहसास नहीं हो रहा है। हालात ये हैं कि कई जगहों पर तापमान सामान्य से 4 से 5 डिग्री अधिक है। पारा 35 के पार मौसम विज्ञान के अनुसार, राज्य में न्यूनतम और अधिकतम तापमान भी सामान्य से अधिक है। इसके चलते दिन के साथ रातें भी गर्म हैं। दिन में लोगों को पसीना आ रहा है। खासकर मैदानी इलाकों में दिन में तापमान काफी अधिक बना हुआ है। ऊना में अभी भी तापमान 35.3 डिग्री सेल्सियस है।